नौकरी देने के नाम पर ठगी मामले में महिला समेत पांच धराये
हाजीपुर
साइबर थाना की पुलिस ने नौकरी देने के नाम पर एक महिला सहित 05 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। अपराधियों के पास से पुलिस ने 09 मोबाइल, 13 सिम कार्ड, 02 बैंक पासबुक, दो पैन कार्ड, 08 एटीएम कार्ड, 02 आधार कार्ड एवं 01 वोटर आई कार्ड बरामद किया गया है।
यह जानकारी डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष चांदनी सुमन ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रतिबिम्व पोर्टल साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए बनाया गया है। प्रतिबिम्व पोर्टल पर शिकायत मिली कि पटना एवं बेतिया में नौकरी देने के नाम पर साइबर ठग वैशाली जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र से फोनकर आम लोगों को नौकरी के नाम पर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं।
प्राप्त सूचना एवं तकनीकि साक्ष्यों के आधार पर पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस उपाधीक्षक सह साइबर थानाध्यक्ष चांदनी सुमन के नेतृत्व में एक टीम की गठन किया। टीम में पुलिस निरीक्षक ओम प्रकाश, पुलिस निरीक्षक गौरीशंकर बैठा, पुलिस निरीक्षक राजेश रंजन, पुलिस अवर निरीक्षक मनीष कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक पंकज कुमार, कुसुम कुमारी, अंशु कुमार एवं पिंटू कुमार को शामिल किया गया।
टीम ने तकनीकि अनुसंधान एवं टॉवर लोकेशन के आधार पर औद्यौगिक थाना क्षेत्र के छोटी यूसुफपुर गांव में छापेमारी करने पहुंची।
इसी दौरान चालक को देखकर चार युवक एवं एक महिला छिपने का प्रयास करने लगी। पुलिस ने किराए के मकान से पुलिस ने आठ मोबाइल एवं 13 सिम कार्ड बरामद किया। पुलिस ने सभी साइबर ठग को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार साइबर ठग पश्चिम बंगाल गांधी पार्क, राणा घाट निवासी नरेश सरकार के पुत्री रूपा सरकार, कटहरा थाना बक्सामा गांव निवासी कामेश्वर प्रसाद सिंह के पुत्र रवि राज उर्फ जैकी, गोरौल क्षेत्र थाना के इस्लामपुर गांव निवासी अरुण कुमार सिंह के पुत्र रोहित राज, चपैठ गांव निवासी उपेंद्र राय के पुत्र विपिन कुमार सुमन एवं छीतत्रौल गांव निवासी संजय कुमार के पुत्र आदर्श कुमार है।
कड़ाई से पूछताछ के क्रम में सभी साइबर ठग ने पुलिस को बताया कि बेरोजगार लोगों से नौकरी देने के नाम पर व्हाट्सएप के माध्यम से सर्टिफिकेट एवं अन्य दस्तावेज मांग लेते थे। उसके बाद बेरोजगार लोगों से ओएलएक्स पान पर फर्जी नौकरी, रजिस्ट्रेशन चार्ज, प्रोसेसिंग फी, कुरियर चार्ज आदि के नाम पर फर्जी नंबर डालकर साइबर ठगी का शिकार बनाते थे।
Dec 23 2024, 18:00