बेंगलुरु में दो नए शहरों की घोषणा: KWIN V/S SWIFT City, जानें क्या हैं समानताएं और अंतर
बेंगलुरु : हाल ही में कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में एक और नए शहर को बसाने की घोषणा कर दी है। बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के तर्ज पर ही अब SWIFT City को बसाया जाएगा। बेंगलुरु को देश की सिलीकॉन सिटी कहा जाता है। कर्नाटक को सिलीकॉन स्टेट बनाने के उद्देश्य से ही बेंगलुरु में इन नए शहरों को बसाया जा रहा है, ताकि नए-नए औद्योगिक घरानों, स्टार्टअप आदि को बेंगलुरु के लिए आकर्षित किया जा सकें।
इससे पहले इसी साल सितंबर में कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में एक और शहर KWIN City को बसाने की घोषणा की थी। ऐसे में आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि KWIN और SWIFT City में क्या अंतर होगा? या बेंगलुरु में बसाए जाने वाले दोनों नए शहरों KWIN और SWIFT City में समानताएं क्या होने वाली हैं?
KWIN City bangalore PC : AI
तो चलिए पता लगाते हैं, बेंगलुरु में बसाए जाने वाले KWIN और SWIFT City की क्या विशेषताएं हैं और दोनों में क्या-क्या अंतर होगा?
क्या है KWIN और SWIFT City?
KWIN City - नॉलेज (Knowledge), वेलबिइंग (Wellbeing), इनोवेशन (Innovation)
SWIFT City - स्टार्टअप (Startup), वर्कस्पेसेस (Workspaces), इनोवेशन (Innovation), फाइनेंस (Finance), टेक्नोलॉजी (Technology)
क्या होगी लोकेशन?.
KWIN City बेंगलुरु से करीब 60 किमी की दूरी पर बसाया जाएगा। जानकारी के अनुसार इसे कर्नाटक सरकार डोड्डास्पेटे और डोड्डाबल्लपुर के बीच बसाना चाहती है, जो सैटेलाइट टाउन रिंग रोड पर मौजूद है। बेंगलुरु का केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) से मात्र 1 घंटे की दूरी पर मौजूद होने की वजह से उम्मीद की जा रही है कि यहां निवेशक आसानी से मिल जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर SWIFT City सारजापुर के पास बसाने की योजना है। इसे NH44 और NH48 के पास बसाया जाएगा, जहां से आईटी हब पास में होंगे। बेहतर यातायात के लिए यहां पर 150 मीटर चौड़ी सड़क बनायी जाएगी जो नए-नए स्टार्टअप्स को यहां आने के लिए आकर्षित करेगी।.
दो अलग-अलग नए शहरों को बसाने की वजह और अंतर?
कर्नाटक सरकार ने कुछ महीनों के अंतराल में ही बेंगलुरु में दो अलग-अलग शहरों को बसाने की घोषणा की है। इन दोनों शहरों को बसाने की वजहें ही इन दोनों शहरों में सबसे बड़ा अंतर साबित होने वाला है। इसके साथ ही दोनों शहरों के आकार में भी बहुत बड़ा, लगभग दोगुना का फर्क है। दोनों शहरों में कौन से मुख्य अंतर है, आइए जान लें
KWIN City को मुख्य रूप से शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों, शोध केंद्र, वैश्विक स्वास्थ्य केंद्रों आदि को आकर्षित करने और उनका हब बनाने के लिए बसाने की योजना है।
वहीं SWIFT City को कर्नाटक का औद्योगिक विकास करने के लिए बसाया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक को बतौर सिलीकॉन स्टेट एक नयी पहचान दिलाएगा।
KWIN City को 2000 एकड़ के क्षेत्र में जबकि इससे ठीक आधे यानी 1000 एकड़ के क्षेत्र में बसाया जाएगा SWIFT City।
SWIFT City में स्टार्टअप, औद्योगिक वर्कप्लेस, लोगों के रहने के लिए घर और बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल आदि बनाए जाएंगे।
वहीं KWIN City शैक्षणिक केंद्रों का हब होगा। उम्मीद की जा रही है कि KWIN City राज्य के GDP को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।
क्या होगी KWIN और SWIFT City की विशेषताएं?
KWIN City की विशेषताओं की बात करें तो इसे 2000 एकड़ के विशाल क्षेत्र में बसाने की योजना बनायी गयी है।
यह मुख्य रूप से शिक्षा, शोध और स्वास्थ्य के हब के तौर पर बसाया जाएगा। कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल ने संभावना जाहिर की थी कि KWIN City को बसाने से लगभग ₹40,000 करोड़ के निवेश की संभावना है और लगभग 80,000 रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इसे बेंगलुरु के इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए मुख्य शहर से महज 60 किमी की दूरी पर बसाया जाएगा।
वहीं SWIFT City को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ 1000 एकड़ के क्षेत्र में बसाया जाएगा। इसे IT हब को ध्यान में रखते हुए बसाया जा रहा है। यह स्टार्टअप, कंपनियां छोटे-मध्यम आकार के वर्कप्लेस लीज पर, खरीद सकती हैं या फिर शेयरिंग मॉडल पर ले सकती हैं।
नेशनल हाईवे के पास होने की वजह से सड़क मार्ग से यातायात को सुगम बनाने के लिए SWIFT City में लगभग 150 मीटर चौड़ी सड़क बनाने की योजना है।
Dec 22 2024, 09:55