अडाणी-अंबेडकर मुद्दे की भेंट चढ़ा संसद का शीतकालीन सत्र, जानें 20 दिनों में कितना काम-कितना नुकसान
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18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार (20 दिसंबर) को समाप्त हो गया। यह सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था जो 20 दिसंबर तक चला। इस दौरान अलग-अलग मुद्दों को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। धक्का-मुक्की तक हो गई। बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए। राहुल गांधी पर केस भी दर्ज हुआ। संसद के शीतकालीन सत्र में 20 दिन का कामकाज हुआ। इस दौरान पूरे सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं। दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में लगभग 105 घंटे कार्यवाही चली।
सत्र के दौरान लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 57.87%, राज्यसभा में 41% रही। सदन में कुल चार बिल पेश किए गए। हालांकि, कोई पारित नहीं हो सका। सबसे चर्चित एक देश, एक चुनाव के लिए पेश हुआ 129 वें संविधान (संशोधन) बिल रहा। बिल को 39 सदस्यीय जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) को भेज दिया गया है।
20 में से 12 दिन लोकसभा में प्रश्न काल 10 मिनट से ज्यादा नहीं चला
संविधान पर चर्चा के दौरान लोकसभा में 16 घंटे जबकि राज्यसभा में 17 घंटे बहस हुई। चर्चा के लिए लोकसभा ने शनिवार की छुट्टी के दिन भी काम हुआ। वहीं, लेजिस्लेटिव थिंक टैंक पीआरएस इंडिया के अनुसार 20 दिनों की कार्यवाही में से लोकसभा में 12 दिन प्रश्न काल 10 मिनट से ज्यादा नहीं चल सका।
राज्यसभा में 43 प्रतिशत ही कामकाज हो सका
सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले बताया कि राज्यसभा के 266वें सत्र में 43 प्रतिशत ही कामकाज हो सका। उन्होंने कहा कि सदन में कुल 43.27 घंटे ही प्रभावी कार्यवाही हुई, जिसमें दो विधेयक पारित किए गए और भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान हुआ।
शीतकालीन सत्र में 84 करोड़ का नुकसान
20 दिन संसद के शीतकालीन सत्र में कामकाज ना होने का अनुमानित नुकसान 84 करोड़ है। ये पैसे आपकी और हमारे टैक्स से जुटाए जाते हैं। संसद की कार्यवाही पर प्रति मिनट करीब 2.50 लाख रुपये खर्च होते हैं। लोकसभा और राज्यसभा में कामकाज के घंटे गिने जाए तो लोकसभा में 61 घंटे 55 मिनट काम हुआ तो राज्यसभा में 43 घंटे 39 मिनट कामकाज हुआ। लोकसभा में 20 बैठकें और राज्यसभा में 19 बैठकें हुई। यह तो हुई नुकसान के आंकड़ों की बात, लेकिन इस बार सत्र में एक और रिकॉर्ड बना है। हालांकि इस रिकॉर्ड का परिणाम सुखद नहीं है। 1999 से 2004 के बीच 13वीं लोकसभा में दो सत्रों के दौरान 38 बिल पेश किए गए, जिनमें से 21 पास हुए 2004 से 2009 के दौरान 14वीं लोकसभा में 30 बिल पेश हुए 10 पास हो गए।
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