भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने का बढ़ता रुझान: भारत की बढ़ती चिंताएं
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हाल के वर्षों में, भारत के एक बढ़ते हुए स्नातक वर्ग ने नौकरी के अवसरों की तलाश में देश छोड़ दिया है। यह प्रवृत्ति विभिन्न कारणों के कारण उत्पन्न हो रही है, और इन कारणों को समझना आवश्यक है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि युवा पेशेवरों के लिए यह निर्णय क्यों लिया जा रहा है। जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा है, इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय नौकरी बाजार, शैक्षिक प्रणाली, और यहां तक कि सामाजिक-राजनीतिक वातावरण में कुछ गहरे और महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। BITS Pilani में डॉ एस सोमनाथ (चेयरमैन,इसरो ) ने ग्रेजुएट हो रहे विद्यार्थियों को उनके दीक्षांत सम्हारोह में सम्बोधित करते हुए कहा की देश को युवा की ज़रूरत है और वे चाहेंगे कि देश का कौशल देश की प्रग्रति के लिए काम आए , विदेश में जाना और वह अपने योगदान देने से भारत उन नई उचाईयों से वंचित रह जाएगा। बच्चों के बाहर जाकर नौकरी करने के प्रमुख कारणों का विश्लेषण किया गया है।
1.बेहतर नौकरी के अवसर और उच्च वेतन
एक प्रमुख कारण है कि स्नातक विदेशों में नौकरी करने के लिए क्यों जाते हैं, वह है बेहतर वेतन और नौकरी के अवसर। भारत में कई क्षेत्रों में वेतन अपेक्षाकृत कम है, खासकर उन पेशेवरों के लिए जिनकी शिक्षा और कौशल स्तर उच्च हैं। जैसे-जैसे भारत में वेतन संरचना उतनी प्रतिस्पर्धी नहीं है, विदेशों में विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व के देशों में उच्च वेतन और बेहतर नौकरी के अवसर मिलते हैं। तकनीकी, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में, विदेशों में मिलने वाले वेतन पैकेज भारतीय नौकरी बाजार से कहीं अधिक आकर्षक होते हैं। यह वेतन अंतर स्नातकों को आर्थिक सुरक्षा और जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है।
2. सीमित करियर विकास और अवसर
भारत में नौकरी के अवसरों में कमी और करियर में सीमित वृद्धि भी एक प्रमुख कारण है। विशेष रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए भारत में कई बार करियर का विकास धीमा होता है, वरिष्ठ पदों के लिए अवसर कम होते हैं और विशिष्ट प्रशिक्षण या कौशल विकास की कमी होती है। इसके विपरीत, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देशों में करियर में तेज़ी से वृद्धि, वैश्विक नेटवर्किंग के अवसर और निरंतर सीखने की संभावना होती है, जिससे ये देश स्नातकों के लिए अत्यधिक आकर्षक बनते हैं।
3.जीवन की गुणवत्ता
वह बेहतर जीवन स्तर जो विदेशों में मिलता है, यह एक और बड़ा कारण है कि स्नातक भारत से बाहर जा रहे हैं। इसमें कार्य-जीवन संतुलन, उन्नत स्वास्थ्य देखभाल, बेहतर सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, स्वच्छ वातावरण और पारदर्शी शासन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर, यूरोप के देशों में कार्य-जीवन संतुलन को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं भारत में कई युवा पेशेवर लंबे कार्य घंटों, उच्च प्रतिस्पर्धा और तनावपूर्ण कार्य वातावरण से परेशान रहते हैं। इस कारण से वे अधिक आरामदायक जीवन जीने के लिए विदेशों में नौकरी करने का विकल्प चुनते हैं।
4. भारत में बेरोजगारी और अपर्याप्त रोजगार
भारत में नौकरी के अवसर बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी हैं और अत्यधिक शैक्षिक योग्यता होने के बावजूद, लाखों युवा बेरोजगार या अपर्याप्त रोजगार में फंसे हुए हैं। CMIE (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी) के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर 2023 में 8-9 प्रतिशत के आसपास रही है, जबकि कई स्नातक ऐसे कामों में लगे हुए हैं जो उनकी शैक्षिक योग्यता से मेल नहीं खाते। उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों की मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है, जिससे युवा पेशेवरों को बेहतर अवसरों की तलाश में विदेशों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
5. उभरते हुए तकनीकी और स्टार्ट-अप क्षेत्र
वैश्विक स्तर पर तकनीकी क्षेत्र का विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी में इन क्षेत्रों में अत्यधिक आकर्षक रोजगार उपलब्ध हैं। विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में स्नातक विदेशों में उच्च मांग में हैं और अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए इन देशों में जाने का विकल्प चुनते हैं। इसके अतिरिक्त, सिलिकॉन वैली जैसे तकनीकी केंद्र और लंदन जैसे स्टार्ट-अप हब नवाचार के लिए समर्थन प्रदान करते हैं और वहां कार्य करने का एक अनुकूल वातावरण मिलता है। ये विशेषताएं भारतीय स्नातकों को आकर्षित करती हैं, जो वैश्विक स्तर पर समाधान तैयार करने में रुचि रखते हैं।
6. शैक्षिक प्रणाली और अनुसंधान अवसर
भारत के उच्च शिक्षा संस्थान अक्सर आवश्यक अनुसंधान अवसर, व्यावहारिक शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अनुभव प्रदान नहीं कर पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई भारतीय स्नातक विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते हैं, जो बाद में उन देशों में नौकरी करने के अवसर प्राप्त करते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, और कनाडा जैसे देश उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और व्यावासिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और यह स्नातकों को स्थायी निवास प्राप्त करने का अवसर भी देते हैं।
7. उद्यमिता के अवसर
भारत में उद्यमिता के लिए कई बाधाएं हैं, जैसे सरकारी नौकरशाही, अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, और सीमित निवेश के अवसर। इसके विपरीत, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में उद्यमिता के लिए अधिक अनुकूल वातावरण है, जिसमें पूंजी तक आसान पहुंच, सरकारी समर्थन, और नवाचार के लिए प्रेरणा मिलती है। यही कारण है कि कई भारतीय स्नातक, जो उद्यमिता में रुचि रखते हैं, विदेशों में अपनी कंपनियों की शुरुआत करते हैं।
भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने जाने का बढ़ता हुआ रुझान कई आर्थिक, सामाजिक और पेशेवर कारणों से उत्पन्न हो रहा है। भारत में नौकरी के अवसरों की कमी, वेतन की असमानताएं, और करियर विकास की सीमाएं इन युवा पेशेवरों को विदेशों में बेहतर अवसरों की तलाश में भेज रही हैं। हालांकि, यह प्रवृत्ति "ब्रेन ड्रेन" के रूप में देखी जा सकती है, लेकिन यह भारत के लिए एक अवसर भी प्रदान करती है, क्योंकि वे जब वापस लौटते हैं तो वे विदेशी अनुभव और विशेषज्ञता लेकर आते हैं। भारत को इस प्रवृत्ति को रोकने और अपने पेशेवरों के लिए बेहतर अवसरों और कार्य वातावरण बनाने के लिए उपायों की आवश्यकता है, ताकि वे अपने कौशल का अधिकतम लाभ भारत में ही उठा सकें।
Dec 20 2024, 18:42