अस्पतालों को रेफरल सेंटर बनाने वाले कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के अस्पतालों को रेफरल सेंटर बनाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर अब लगाम लगेगा। स्वास्थ्य विभाग ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। गंभीर मरीजों को बिना उपचार किए ही रेफर करने देने वाली शैली अब भारी पड़ेगी। स्वास्थ्य कर्मी अब बिना किसी विशेषज्ञ चिकित्सक के सलाह से मरीजों को रेफर नहीं कर सकेंगे। विभागीय कर्मियों द्वारा ऐसा दिया जाता है तो मरीज के परिजन इसकी शिकायत सीधे अस्पताल के अधीक्षक या सीएमओ से कर सकते हैं। जिले में अक्सर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए बड़े सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में पहुंचने वाले गंभीर मरीजों को वाराणसी या प्रयागराज रेफर कर दिया जाता है।
ऐसे में कई बार मरीजों की जान पर भी बन आती है। जिले में जिला चिकित्सालय, भदोही एमबीएस सहित गोपीगंज, सुरियावां, भदोही,औराई,डीघ, भानीपुर सीएचसी है। सभी अस्पतालों को मिलाकर हर दिन 100 से 150 इमरजेंसी केस पहुंचाते हैं। लेकिन विभागीय कर्मियों की लापरवाही से यह अस्पताल रेफरल सेंटर बन गए है। मरीज पहुंचे नहीं कि उन्हें गंभीर बताकर प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है। हालंकि क?ई बार संसाधनों के अभाव के कारण भी ऐसा होता है। इमरजेंसी केसों में अधिकतर या तो दुघर्टना के होते हैं या फिर प्रसव संबंधी केस होते हैं। यहीं कारण है कि क?ई प्रसूता निजी अस्पतालों की ओर रुख कर लेती है। जिला अस्पताल में रोजाना 35 से 40 एमबीए में 15 से 20 और छह सीएचसी पर कुल 40 से 45 इमरजेंसी होती है। सीएचसी पर तैनात अधीक्षकों के अनुसार सेंटर से केवल दो से तीन केस ही रेफर होता है। दूसरी तरफ जिला चिकित्सालय में सबसे अधिक रेफर केस आते हैं। इस पर लगाम लगाने को सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक ने अधिकारियों के नंबर जारी किए हैं। जिसमें अगर रेफर से असंतुष्ट होने पर आप इन्हें फोन पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर वहां सुनवाई नहीं होती है तो सीएमओ से भी शिकायत की जा सकती है।
Dec 20 2024, 16:16