छुट्टा जानवर बचाने के चक्कर में कार ट्रक से टकराई, दो बच्चों समेत पांच की मौत
लखनऊ । सड़क पर घूमने वाले छुट्टा जानवर से आये दिन सड़क हादसे हो रहे है लेकिन इसकी तरफ पुलिस व प्रशासन द्वारा तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी का परिणाम रहा है कि तीन परिवारों की खुशियां पल भर में मातम में बदल गई। हुआ यूं कि बरेली-फर्रुखाबाद स्टेट हाईवे पर मदनापुर क्षेत्र में छुट्टा जानवर को बचाने के प्रयास में कार सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। हादसे में कार सवार दो बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। पांच घायलों को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे दिल्ली

शाहजहांपुर के कांट थाना क्षेत्र के नवादा नगला बनवारी गांव के रियासत अली (40 वर्ष) कपड़ों का कारोबार करते थे। बुधवार रात करीब नौ बजे वह पत्नी आमना बेगम (38 वर्ष), बेटी गुड़िया (6 वर्ष), खुशी (10 वर्ष), बेटा सुबहान (सात वर्ष) के साथ कार से दिल्ली जाने के लिए निकले थे। वहां उन्हें शादी समारोह में शामिल होना था। कार में रियासत के परिवार के अलावा रामपुर के बब्बरपुरी, बाजपुर निवासी दानिश की छह साल की बेटी नूर, उनकी पत्नी गुलफ्शा, एटा के डुडवारागंज निवासी शालू, उनकी पत्नी अन्नू, बेटा अंश भी सवार थे। कार रियासत चला रहे थे।

जैपाल गांव के पास अचानक कार के सामने आ गया छुट्टा जानवर

रात करीब दस बजे बरेली-फर्रुखाबाद मार्ग पर मदनापुर क्षेत्र के बरखेड़ा जैपाल गांव के पास अचानक छुट्टा जानवर सामने आ गया, जिसको बचाने के प्रयास में कार बरेली की ओर से आ रहे ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। राहगीरों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को मदनापुर सीएचसी भिजवाया। गंभीर हालत में सभी को राजकीय मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां पर डॉक्टर ने रियासत, आमना बेगम, गुड़िया, अन्नू और नूर को मृत घोषित कर दिया। घायलों का इलाज किया जा रहा है। सभी घायलों की हालत नाजुक बनी हुई। सीओ सदर प्रयांक जैन ने बताया कि हादसे के बाद ट्रक चालक को पकड़ लिया गया है। उधर, हादसे के बाद मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है।

पल भर में उजड़ गया रियासत का पूरा परिवार

दोस्त की बेटी की शादी में शामिल होने आए रियासत का पूरा परिवार हादसे में उजड़ गया। हादसे का शिकार हुए सभी लोग दिल्ली में ही रहते थे इसी वजह से एक साथ निकले थे। रियासत अली परिवार के साथ दिल्ली में रहकर कपड़ों का कारोबार करते थे। राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे रियासत के चाचा शमशेर अली ने बताया कि वह परिवार के साथ दो दिन पहले गांव नवादा नगला बनवारी आए थे। उन्हें 17 दिसंबर को कांट के जमुनिया दौलतपुर गांव में अपने दोस्त शकील की बेटी की शादी में शामिल होना था।
यूपी विधानसभा घेराव कार्यक्रम में आये कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत, पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर शुरू की जांच

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विधानसभा के घेराव के लिए गोरखपुर से चलकर लखनऊ पहुंचें कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पाण्डेय की मौत हो गयी। कार्यकर्ता के मौत की सूचना पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल पहुंचे। कुछ ही देर में वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट आयी। इस बीच उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल पहुंचकर जायजा लिया। प्रदर्शन के दौरान अजय राय भी कुछ देर के लिए बेहोश हो गये थे।

मृतक गोरखपुर का रहने वाला था

अस्पताल पर जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि मृतक गोरखकापुर  रहने वाला है। अपने चाचा के साथ वह आया था। अचानक बेहोश होकर गिरने के बाद कार्यकर्ताओं ने ही उसे अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। वहीं माैके पर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने समुचे घटनाक्रम की जांच की मांग किया हैं।

जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचे डिप्टी सीएम

घटना की सूचना मिलते ही सिविल अस्पताल पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी पहुंचें। इससे पहले सिविल अस्पताल के बाहर एकत्रित हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री को रोकने का प्रयास किया लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें पीछे ढ़केल दिया। ब्रजेश पाठक ने मृतक के बारे में अस्पताल के चिकित्सकों से मिलकर पूरी जानकारी की।

पीएम रिपोर्ट आने के बाद भी कुछ कहा जा सकता है : डिप्टी सीएम

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मृतक की बॉडी कांग्रेस कार्यालय में गिरी हुई मिली थी। मृतक के चाचा ने मुझे फोन कर बताया। इसके बाद मैनें उन्हें अस्पताल ले जाने को कहा, सिविल अस्पताल लाने पर चिकित्सकों ने मृतक के चाचा को बताया कि वह मृत हो चुका है। घटना के संबंध में पाेस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद कुछ कहा जायेगा। यह तकनीकी मामला है ताे पुलिस प्रशासन एवं पाेस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों काे कार्यवाही के लिए कहा गया है।कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शन के दौरान लगाये गये बैैरिकेडिंग के कारण गिरने से कार्यकर्ता की मौत हुई है। वह प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आया था।

कांग्रेस कार्यालय पर कार्यकर्ता की मौत मामले में एफआईआर दर्ज

लखनऊ में थाना हुसैनगंज के अंतर्गत माल एवेन्यू क्षेत्र में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में कार्यकर्ता प्रभात पांडे की मौत के बाद उसके चाचा मनीष पांडे की तहरीर पर बीएनएस की धारा 103 के तहत एफआईआर दर्ज हुई।मृतक प्रभात पांडे के चाचा मनीष पांडे ने तहरीर में बताया कि प्रभात एमिटी कॉलेज के सामने पीजी में रहता था। बुधवार की शाम 4:15 पर कांग्रेस दफ्तर से उन्हें एक फोन आता है, जिसमें बताया जाता है कि आप का भतीजा दो घंटे से बेहोशी में पड़ा हुआ है। उसके बाद मनीष द्वारा संदीप को कार्यालय पर भेजा जाता है। जहां से एक वाहन से सिविल अस्पताल में प्रभात की बॉडी को लेकर पहुंचते हैं। जहां चिकित्सकों ने प्रभात को मृत घोषित कर दिया गया।

हुसैनगंज थाने में दर्ज की गई रिपोर्ट, हत्या की आशंका

उन्होंने हुसैनगंज थाने पर दी तहरीर में बताया कि प्रभात कांग्रेस कार्यालय कैसे पहुंचा, उन्हें नहीं पता है। उनके भतीजे को कोई बीमारी भी नहीं थी। संभवत: उसकी हत्या की गई है। इस तहरीर के बाद लिखी गई एफआईआर की विवेचना निरीक्षक शमशेर बहादुर सिंह को दी गई है।पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी ने लोगों से किसी प्रकार की अफवाह नहीं फैलाने की अपील की। उपायुक्त मध्य कार्यालय से एक अपील पत्र भी जारी कराया। अपील पत्र में बताया गया कि कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे (28 वर्ष), निवासी सहजनवा, गोरखपुर, को कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय से सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उन्हें मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था।

मृतक के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले

प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मृतक को आखिरी बार कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय में देखा गया था, जहां वह बेहोशी की हालत में पाए गए। डॉक्टरों के अनुसार, प्रथम दृष्टया उनके शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं।मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए मृतक के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के साथ कराया जाएगा। पुलिस विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए त्वरित और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करेगी।

पुलिस का कहना है घटना के बारे में फैलाई जा रही गलत जानकारी

घटना के संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों पर लखनऊ पुलिस का पक्ष है कि प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर किसी भी प्रकार का बल प्रयोग किया ही नहीं गया था। इस घटना से जोड़कर गलत जानकारी व अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी ताकि कानून व्यवस्था और शांति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

पुलिस की मार से हमारे साथी प्रभात पांडेय की हुई मौत : अजय राय

बुधवार को देशभर में कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन कर रही थी उसी क्रम में आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा भाजपा के कुशासन के खिलाफ हजारों की संख्या में कांग्रेसजनों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके विधानसभा का घेराव करने की मंशा से कूच किया गया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस की मार से हमारे साथी युवा कांग्रेस के पूर्व सचिव प्रभात पाण्डेय की दुखद मौत हो गई। ये बातें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बुधवार देर रात प्रेसवार्ता में कही।

दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता का किया ऐलान

उन्होंने कहा कि परिवार को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया तथा पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा जिस मां अपना बेटा आज खोया है मैं उसकी कमी तो पूरी नहीं कर सकता लेकिन जब उन्हें आवश्यकता होगी मैं उनके बेटे की तरह उपस्थित रहूंगा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मृत कार्यकर्ता के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की मांग की।

कई कार्यकर्ताओं के प्राइवेट पार्ट पर लातों से प्रहार किया गया

श्री राय ने बताया कि पुलिस द्वारा कानपुर देहात निवासी एनएसयूआई के कार्यकर्ता आफताब ज़ाफ़री सहित कई कार्यकर्ताओं के प्राइवेट पार्ट पर लातों से प्रहार भी किया गया जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई और वह अपना इलाज करा रहे हैं। श्री राय बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा मुझ पर भी बल प्रयोग किया गया जिसके कारण मैं भी तकरीबन 15 मिनट से अधिक समय तक बेहोश रहा जो योगी सरकार की पुलिस की बर्बरता को उजागर करता है।

कार्यकर्ता की मौत की जिम्मेदार पुलिस और योगी सरकार

श्री राय ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने की मंशा से प्रशासन द्वारा एक दिन पूर्व ही प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट किया जा रहा था तथा लखनऊ ना आने का दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि मैंने कल शाम को ही मीडिया के माध्यम से यह चेताया था कि प्रशासन द्वारा कांग्रेसजनों को रोकने के लिए बड़ी-बड़ी भालेदार बैरीकेडिंग लगाना यह दर्शाता है कि योगी जी की पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मारना चाहती है। नतीजन आज संघर्ष के दौरान पुलिस की बर्बरता से एक युवा कार्याकर्ता की मौत हो गई इसकी जिम्मेदारी प्रदेश की योगी सरकार और पुलिस की है।
महाकुंभ में पुलिसकर्मियों की तैयारियों को परखने के लिए लिखित परीक्षा

लखनऊ । महाकुंभ 2025 की सुरक्षा और सफलता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार के निर्देशानुसार कुम्भ मेला पुलिस, ड्यूटी में आये पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण और परीक्षा के जरिए दक्ष बनाने के लिए नवीन प्रयोग कर रही है। पुलिस कर्मियों की तैयारियों को परखने और उन्हें हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से विशेष प्रशिक्षण सत्र और परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण सत्रों में आपदा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था, श्रद्धालुओं से व्यवहार और कुंभ के धार्मिक एवं आध्यात्मिक पहलुओं पर गहन जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण के बाद आयोजित लिखित परीक्षा में पुलिस कर्मियों की तत्परता का मूल्यांकन किया जाता है, ताकि महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और सेवा का सर्वोत्तम मानक सुनिश्चित किया जा सके। लिखित परीक्षा में प्रशिक्षण के दौरान बताए गए विभिन्न आयामों  से संबंधित सवालों को पूछा जा रहा है जिसमें आपदा से बचने, श्रद्धालुओं से व्यवहार और कुंभ के धार्मिक और आध्यात्मिक पहलुओं से संबंधित प्रश्न पूछे जा रहे है। कुम्भ मेला मे आये पुलिस कर्मियों को ड्यूटी के लिए पूरी तरह तैयार करने के लिए उनकी क्लास चलाई जा रही है और उनकी तैयारियों को परखने के लिए उनकी परीक्षा भी कराई जा रही है। एसएसपी कुम्भ मेला राजेश कुमार द्विवेदी के अनुसार कुम्भ मेला ड्यूटी में आने वाले सभी पुलिस कर्मियों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण क्लास चलाई जा रही है। जो सुरक्षा ,आपदा और व्यावहारिक पहलुओं जैसे विभिन्न आयामों पर आधारित है। इसके बाद क्लास में बताई गई जानकारी के अनुसार उनकी परीक्षा करायी जा रही है जिसमे कुम्भ मेला में आपदा को पहचानना, आपदा की स्थिति में त्वरित समाधान , रास्तो की जानकारी ,कुम्भ की आध्यात्मिक एवं धार्मिक जानकारी, और भौगोलिक स्थितियों से  संबंधित सवाल पूछे जा रहे है।  पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षण संदीप वर्मा ने बताया कि प्रश्नपत्र का प्रारूप बहुविकल्पीय  है। 100 नंबर के प्रश्न पत्र में 20 सवाल पूछे जा रहे है। परीक्षा का समय एक घंटे निर्धारित है। परीक्षा में फेल होने पर उनको दोबारा तीन दिनों का प्रशिक्षण क्लास करने और परीक्षा  देने का प्रावधान है। जिससे पुलिस कर्मी कुंभ में ड्यूटी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाए। कुशीनगर से आए इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद परीक्षा देने से हम लोगों को कुंभ की भली-भांति जानकारी हो गई है। अब पुलिस मेले की ड्यूटी के लिए पूर्णतया तैयार है। ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर संजय कुमार चौबे ने बताया कि यहाँ आने पर महाकुंभ के बारे में नई जानकारियां मिली है,जो ड्यूटी में सहायक होंगी। महिला कांस्टेबल स्वेतलाना मौर्य ने बताया कि पूरे पुलिस फोर्स को इस तरह से ट्रेंड किया जा रहा है,जिससे असली परीक्षा महाकुंभ के शुरू होने पर वे डिस्टेंसन नंबरो से पास हो जाए।पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ के दौरान पुलिसकर्मियों के लिये सभी तरह की ड्यूटी चुनौती पूर्ण होगी। इसके लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण और परीक्षा के माध्यम से हर तरह से तैयार किया जा रहा है, जिससे वो अपनी ड्यूटी से भिज्ञ रहते हुए  किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें ।
बेरोजगारी देश, दुनिया व यूपी के सामने चुनौती : योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शिक्षा क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रखा। उन्होंने सपा विधायक मनोज कुमार पारस, पूजा, पंकज पटेल के मुद्दे को महत्वपूर्ण व संवेदनशील बताया लेकिन नसीहत दी कि सदस्यों को सदन की गरिमा व मयार्दा को ध्यान में रखकर तथ्यपरक बातें रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 1.60 लाख से अधिक भर्तियां शिक्षा विभाग में की हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र शिक्षा (बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी, व्यावसायिक, चिकित्सा शिक्षा) को लेकर नया चयन बोर्ड (उप्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग) बनकर तैयार है। वह विभिन्न विभागों से अधियाचन मांगकर नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। हमारी सरकार ने अकेले शिक्षा विभाग में ही 1.60 लाख से अधिक भर्तियां की हैं। यह वे भर्तियां हैं, जो पिछली सरकार की बदनीयती के कारण भरी नहीं जा सकी थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी देश, दुनिया व उत्तर प्रदेश के सामने चुनौती है। उत्तर प्रदेश दुनिया के अंदर सबसे युवा राज्य है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 56 से 60 फीसदी आबादी वर्किंग फोर्स-युवा है।

हमारी सरकार ने राज्य के युवाओं को ध्यान में रखकर अनेक कार्य किए हैं। पिछले सत्र में हमारी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सार्वजनिक परीक्षा व अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम -2024 को पारित किया। प्रदेश के युवाओं को ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरियां प्राप्त हो रही हैं। इसमें आरक्षण के नियमों का अक्षरश: पालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं हैं। यदि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की भर्तियों की प्रक्रिया को पूर्ण करने की बात है तो 69000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं, वे सभी चार वर्षों से स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं। उससे पहले 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को संपन्न किया गया, क्योंकि उस समय बीएड को एनसीटीई ने उस परीक्षा के योग्य नहीं माना था और उस समय बीटीसी के इतने अभ्यर्थी हमारे पास नहीं थे। इसमें केवल 42 हजार शिक्षकों की भर्ती हो पाई थी, जो आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं।

इन सभी को नियुक्ति पत्र जारी हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया था। शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती किया था। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें खारिज करके सेवाओं को समाप्त करने का आदेश किया था, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें निश्चित मानदेय पर रखा है। वे सभी शिक्षामित्र भी यथावत कार्य कर रहे हैं। उन्हें वेटेज देकर भर्ती प्रक्रिया से जोड़ा गया था। उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप कदम उठाए गए थे। 44,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग बोर्ड व उच्चतर शिक्षा चयन आयोग बोर्ड के द्वारा संपन्न की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ी विनम्रता से कहूंगा कि पिछड़ी जाति के 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर 18 हजार पद आरक्षित होते हैं और पिछड़ी जाति के उसमें 32,200 से अधिक नौजवान भर्ती हुए हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की सीमा 21 फीसदी है, जिसमें 12 हजार पद उनके लिए आरक्षित होते हैं, लेकिन भर्ती हुई है 14 हजार से अधिक की। ये चीजें दिखाती हैं कि अपनी योग्यता और मेरिट से जो लोग आगे बढ़े हैं, उन्हें जनरल कैटेगरी का भी लाभ दिया गया है। जनरल के जो 34,500 पद थे, उसमें भर्ती हुई है मात्र 20 हजार। यह उन सबके लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए, जो इनके नाम पर राजनीति करके समाज में बंटवारे की खाई को चौड़ा करना चाहते हैं।
आगरा: मार्ग दुर्घटना में चार लोगों की मौत
लखनऊ । ठंड के शुरू होते ही सड़क हादसों का दौर शुरू हो गया है। आगरा जिले में खंदौली थाना क्षेत्र स्थित यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस मृतकों की पहचान करने में जुटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना का संज्ञान लिया।थाना खंदौली क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे पर सोमवार की देर रात भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों में कार चालक समेत तीन लोग है। वहीं, कैंटर चालक की भी पहचान की जा रही।

पुलिस के मुताबिक, दुर्घटना वाली कार दिल्ली के नंबर की है। इस आधार पर कार के मालिक गाजियाबाद के लोनी निवासी अनिल कुमार सिंह थे। परिजनों से संपर्क करने पर पता चला कि अनिल गोरखपुर से नोएडा आ रहे थे। मृतकों में कार चालक अनिल कुमार सिंह हैं। कार में बैठी सवारी और कैंटर चालक की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लिया। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में लगे हैं।
विधानसभा सत्र : 2017 से सांप्रदायिक दंगों में 97 से 99 फीसदी तक आई कमीः मुख्यमंत्री


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अपनी बातें रखते हुए विपक्ष को आईना दिखाया। मुख्यमंत्री ने एनसीआरबी डेटा के आंकड़ों के मुताबिक बताया कि 2017 से लेकर अब तक प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में 97 से 99 फीसदी तक की कमी आई है। 2017 से अब तक यूपी में दंगे नहीं हुए हैं, जबकि 2012 से 2017 (सपा कार्यकाल) तक प्रदेश में 815 सांप्रदायिक दंगे और 192 लोगों की मौत हुई। 2007 से 2011 के बीच 616 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, इसमें 121 लोगों की मौत हुई।

तथ्यों को छिपाकर कब तक जनता को गुमराह करेंगे, जयश्रीराम सांप्रदायिक संबोधन नहीं

विधानसभा में सम्भल एवं बहराइच के मुद्दे पर विपक्ष की चर्चा कराने की मांग पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आखिर तथ्यों को छिपाकर कब तक जनता को गुमराह करेंगे। संभल में न्यायालय के आदेश पर सर्वे हो रहा था। जय श्रीराम सांप्रदायिक संबोधन नहीं है। राम के बिना हमारा कोई काम ही नहीं है। यदि जय श्रीराम बोलने पर उत्तेजना हाे ताे इससे नीयत सभी लोग समझ सकते हैं।

कुंदरकी की जीत को वोट की लूट कहना सदस्य का अपमान

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंदरकी की जीत वोट की लूट कहना सदस्य का अपमान है। वहां सपा के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। आज डिजिटल मीडिया का समय है। वहां का पठान और शेख कह रहा है कि हमारे पूर्वज हिंदू थे। आपके पूर्वज भी हिंदू थे। यह देशी-विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत है, जो वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चल रही है। सपा पर हमलावर योगी ने कहा कि सच पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सूर्य, चांद और सत्य को बहुत देर तक कोई छिपा नहीं सकता, सत्य जल्द सामने आएगा।

पुराण भी कहता है कि श्री हरिविष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा

योगी ने नेता प्रतिपश्र के बयान पर कहा कि बाबर नामा भी कहता है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया। पुराण भी कहता है कि श्रीहरि विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा। न्यायालय के निर्देश पर डीएम व एसपी शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे को संपन्न कराते हैं। 19 नवंबर, 21 नवंबर व 24 नवंबर को सर्वे कार्य चल रहा था। सर्वे के दौरान पहले दो दिन शांतिभंग नहीं हुई। 23 नवंबर को जुमे की नमाज के पहले और जुमे के दौरान जिस प्रकार की तकरीरें दी गईं, उसके बाद माहौल खराब हुआ, उसके बाद की स्थितियां सबके सामने हैं। हमारी सरकार ने पहले ही कहा है कि हम ज्यूडिशियल एक्ट बनाएंगे, जो एक्ट के अंदर बना है। सदन में उसकी रिपोर्ट आएगी, तब दूध का दूध, पानी का पानी होगा।

संभल में 1947 से लगातार माहौल खराब किया गया

नेता सदन ने कहा कि संभल में माहौल खराब किया गया। 1947 से अनवरत दंगे प्रारंभ हुए। 1947 में एक मौत और 1948 में छह लोग मारे जाते हैं। 1958-1962 में दंगा, 1976 में पांच लोगों की मौत हुई थी। 1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जला दिया गया था। अनवरत कई महीनों तक कर्फ्यू लगा। 1980-1982 में दंगा और एक-एक की मौत हुई। 1986 में चार लोग मारे गए।1990-1992 में पांच, 1996 में दो मौत हुई। लगातार यह सिलसिला चलता रहा।

निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द तक इनके मुंह से नहीं निकले

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई और एक भी बार निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे। घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोग निर्दोष हिंदुओं के बारे में दो शब्द नहीं कहे। 1978 में जो दंगा हुआ, एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दे रखा था। दंगा होने के बाद हिंदू उनके घर में एकत्र होते हैं, उन्हें घेर लिया जाता है और उनसे कहा जाता है कि इन हाथों से पैसा मांगोगे, इसलिए पहले हाथ, फिर पैर, फिर गला काट दिया जाता है। सौहार्द की बात करने पर इन्हें शर्म नहीं आती है।

पत्थरबाजी व माहौल खराब करने वालों में से एक भी बचने वाला नहीं

उन्होंने कहा कि बजरंग बली का जो मंदिर आज निकल रहा है। 1978 से उस मंदिर को इन लोगों ने खुलने नहीं दिया। 22 कुएं किसने बंद किए थे। इन लोगों ने तनावपूर्ण माहौल बनाया। जिनने पत्थरबाजी की होगी, माहौल खराब किया होगा, उसमें से एक भी बचने वाला नहीं है।
विधानसभा सत्र : सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सपा के विधायक धरने पर बैठे

लखनऊ। यूपी विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष समाजवादी पार्टी के विधायक धरने पर बैठे। वह सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं।

किसानों को एमएसपी का वादा अधूरा, योगी सरकार का कार्यकाल पूरा, न रोजगार न स्वरोजगार ..जैसे नारे लिखे तख्तियां उनके हाथों में हैं।उल्लेखनीय है उत्तर प्रदेश विधान सभा का सत्र आज से शुरू हो रहा है। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होगी। उत्तर प्रदेश सरकार इस सत्र में अनुपूरक बजट भी पेश करेगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस की लाठियां खाने पर मजबूर है नौजवान : नेता प्रतिपक्ष
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश में तेजी बढ़ रही बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों के लिए बेहाल नौजवानों को पेपर लीक का दंश झेलना पड़ रहा है। सड़क पर प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की लाठियां नौजवान खाने पर मजबूर है। गांव गांव में सड़क एवं नल से जल होने का केवल दावा किया जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश सरकार केवल किसानों के हितों की केवल बात करने और फसलों की एमएसपी के वायदे करती है। किसानों पर प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र से पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों एवं विधान परिषद सदस्यों ने जमकर हंगामा किया।

विधानसभा में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए समाजवादी पार्टी के विधायकों एवं विधान परिषद सदस्यों ने हाथों में आरोपों की तख्तियां लेकर नारेबाजी की। उन्होंने बाद में प्रदेश सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। इस दौरान विधायक नरेश उत्तम और विधायक अमिताभ बाजपेयी ने प्रदेश सरकार को हंटर वाली सरकार तक कह दिया।
जाकिर हुसैन को किसने दिया ‘उस्ताद’ नाम, किसने सिखाई तबले की जादुगरी, कैसे हुई शादी? जानें ‘उस्ताद’ की अनसुनी कहानियां

डेस्क:–तबले पर उंगलियां थिरकाकर लोगों को बैठे-बैठे उनकी सीट पर झुमा देने वाला उस्ताद जाकिर हुसैन अब इस दुनिया में नहीं रहे। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में सोमवार सुबह (भारतीय समय के अनुसार) 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। परिवार ने सोमवार अल सुबह उनके मौत की पुष्टि की है।

जाकिर हुसैन को किसने ‘उस्ताद’ नाम दिया?, किसने उन्हें तबले की जादुगरी सिखाई?, कैसे उनकी शादी हुई? ‘उस्ताद’ की अनसुनी कहानियों को हम यहां छुने की कोशिश करते हैं।

सदी के सबसे महान सितारवादकों में से एक पंडित रविशंकर के साथ उस्ताद जाकिर हुसैन की जुगलबंदी की पूरी दुनिया मुरीद है। जब भी दोनों की जुगलबंदी शुरू होती थी तो वहां मौजूद सभी लोग झूमने लगते थे। सभी लोगों को एक अलग ही दुनिया में होने का एहसास होता था। तबले पर उंगलियां थिरकाकर लोगों को बैठे-बैठे उनकी सीट पर झुमा देने वाले हुनर को देखते हुए महान सितारवादक पंडित रविशंकर ने ही जाकिर हुसैन को सबसे पहले उस्ताद नाम दिया था। इसके बाद से ही जाकिर हुसैन ‘उस्ताद जाकिर हुसैन’ के नाम से पूरी दुनिया में पहचाने गए।

20वीं सदी के सबसे विख्यात तबलावादक उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी ने जब अपने बेटे को गोद में लिया था तो कान में आयत नहीं पढ़ी, बल्कि तबले के बोल कहे। जब परिवार ने वजह पूछी तो कहा, तबले की ये तालें ही मेरी आयत है। वो बच्चा था जाकिर हुसैन, जिसने दुनियाभर को तबले की थाप पर झूमने का मौका दिया।

उनके पिता का भी मौसिकी की दुनिया में बड़ नाम था। वो भी तबला वादक थे। तबले पर जुगलबंदी करने का शौक उस्ताद को पिता को देखकर लगा। पिता ने भी बेटे को शिद्दत से तबले की बारीकियां सिखाई. उस्ताद ने भी उन्हें नाराज नहीं किया, अपने समर्पण से उस्ताद ने बहुत जल्द तबले की हर बारीकी को न सिर्फ समझा, बल्कि उसे अपनी सांसों में समाते हुए जिंदगी में उतार लिया और पूरी दुनिया उनकी मुरीद है।

जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को महाराष्ट्र में उस्ताद अल्लाह रक्खा और बावी बेगम के घर हुआ था। बचपन पिता की तबले की थाप सुनते ही बीता और 3 साल की उम्र में जाकिर को भी तबला थमा दिया गया, जो फिर उनसे कभी नहीं छूटा। जाकिर हुसैन ने अपने पिता से तीन साल की उम्र में ही मृदंग (एक शास्त्रीय वाद्य) बजाना सीख लिया था। 12 साल की उम्र से ही वह म्यूजिक शो में परफॉर्मेंस देने लगे थे। उस दौरान आयोजकों में से किसी एक ने छोटे से जाकिर को अल्ला रक्खा खान के सुपुत्र होने की वजह से स्टेज पर पुकारा. उम्दा प्रदर्शन की वजह से उस दिन उन्हें इनाम में 5 रुपए मिले थे। उस दौर में वो बड़ी रकम थी। उससे बड़ी बात ये कि उन्हें ये कमाई संगीत की कई महान विभूतियों के बीच मिली। ये किस्सा बताते हुए जाकिर हुसैन साहब ने कहा था कि वो उनके लिए सबसे कीमती तोहफों में से था।

जाकिर हुसैन ने 1978 में एक कथक परफार्मर एंटोनिया मिनेकोला से शादी की. एंटोनिया इटैलियन अमेरिकी थीं। फैमिली की बात करें तो उनकी दोनों बेटियां अनीसा और इसाबेला कुरैशी हैं।

इसी साल, 2024 में इस बैंड को 3 ग्रैमी अवॉर्ड से नवाजा गया है। वे एकसाथ 3 ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय हैं।  छह दशकों के शानदार करियर के दौरान, उन्होंने पांच ग्रैमी अवॉर्ड सहित कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान हासिल किए हैं। एकसाथ तीन ग्रैमी अवॉर्ड समेत 5 बार यह अवार्ड जीतने वाले इकलौते भारतीय हैं।

उस्ताद जाकिर हुसैन को उनकी पीढ़ी का सबसे महान तबला वादक माना जाता है। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।
तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन, सीएम योगी ने बताया संगीत जगत की अपूरणीय क्षति,राहुल गांधी,अखिलेश यादव समेत दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि

डेस्क:–विश्व विख्यात तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। हुसैन अमेरिका के सैन फ़्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे। वहीं उन्होनें अंतिम सांस ली। उनके निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इसे संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।

सीएम ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि- विश्व विख्यात तबला वादक, ‘पद्म विभूषण’ उस्ताद जाकिर हुसैन जी का निधन अत्यंत दुःखद एवं संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल परिजनों और शोक संतप्त प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जाकिर हुसैन के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा है कि जाकिर हुसैन का जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। उस्ताद जाकिर हुसैन जी अपनी कला की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो हमेशा यादों में जीवित रहेगी।

वहीं सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

बता दें कि उस्ताद पिछले कुछ सालों से हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे. करीब 2 साल पहले उन्हें हृदय में ब्लॉकेज के चलते स्टेंट भी लगाया गया था. तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का सैन फ़्रांसिस्को के अस्पताल में इलाज चल रहा था.

उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। जाकिर हुसैन को तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिल चुके थे। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी और मां का नाम बीवी बेगम था।