वटपा बौद्ध मठ में तीन दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ विनय का आयोजन, कई देशों के बौद्ध भिक्षु हुए शामिल
गया/बोधगया। बौद्धों के शीर्ष धर्मगुरु 14वें दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस के अवसर पर बोधगया के वटपा बौद्ध मठ में तीन दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ विनय का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ कई देशों के भिक्षुओं द्वारा सूत्र पाठ से किया गया।
जिसमें थाई, तिब्बतियन, सिंहली जापान, म्यांमार और वियतनामी भाषा में सूट पाठ कर विश्व शांति और कल्याण की कामना की गई। इसका आयोजन सेरा जय मोनिस्टिक इंस्टीट्यूट आफ साउथ इंडिया द्वारा बुद्धिस्ट थाई भारत सोसायटी के तत्वावधान में किया जा रहा है। इस मौके पर संबोधित करते हुए बीटीएमसी के सदस्य सचिव डॉ महाश्वेता महारथी ने कहीं कि विनय का अभ्यास बौद्ध मठों के अनुयायियों के अनुशासन का पाठ है। जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व है चाहे वह गृहस्थ जीवन हो या भिक्षु का जीवन। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि डॉ दादुल दोरजी ने कहा कि विनय को समझना आसान है लेकिन इसके मार्ग पर चलना आसान नहीं है। इसलिए भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश में अनुयायियों से कहा है कि इसका निरंतर अभ्यास करते रहें।
कार्यक्रम के आरम्भ में वटपा बौद्ध मठ के महासचिव डॉ रत्नेश्वर चकमा ने कई देशों से आए बौद्ध विद्वानों और भिक्षुओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भगवान की बुद्ध के उपदेश को हम तभी समझ सकते हैं जब हमारे मन में विनय और करुणा का भाव होगा।
उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में भारत, श्रीलंका, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, जापान, म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप आदि देशों के बौद्ध विद्वान, भिक्षु एवं भिक्षुणी भाग ले रहे हैं। हम उन सभी अतिथियों का हृदय से स्वागत करते हैं। वटपा बौद्ध मठ के प्रमुख भिक्षु डॉ फ्रा बोधिनंदामुनि, सेरा जय मॉनेस्ट्री के मुख्य प्रशासक गेसे ग्वांग जंगचूक, मुख्य भिक्षु गेसे ताशी सेथर आदि ने प्रथम सत्र को संबोधित किया। इस मौके पर बोधगया के विभिन्न देसी विदेशी बौद्ध मठ के भिक्षु, महाबोधि मंदिर के भिक्षु डॉ मनोज सहित अन्य लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
Dec 16 2024, 18:15