जेएसएससी CGL परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर होने वाले धरना प्रदर्शन को लेकर रांची स्थित JSSC ऑफिस के बाहर पुलिस तैनात


झारखण्ड डेस्क 

जेएसएससी CGL परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर हजारों की संख्या में छात्र और अभ्यर्थी रांची में जेएसएससी कार्यालय नामकुम के बाहर धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। इधर प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने भी तगड़े इंतजाम किये हैं।

कई स्थानों पर छात्रों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग भी की गई है। झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग ने इसे लेकर सभी जिलों के एसपी को अलर्ट करते हुए पत्र भी भेजा है। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए जेएसएससी आफिस के सामने और उसके आस की सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है। सभी जगहों पर लोहे से दो लेयर की बैरिकेडिंग की गई है।

ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि कार्यालय के 100 दूरी पर बने घेरे पर ही सभी को रोका जाएगा। प्रदर्शनकारी छात्र कार्यालय तक ना पहुंचकर हंगामा न करें इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उपद्रव करने वालों को कैंप जेल में रखा जाएगा।

 कैंप जेल के लिए बरगावां स्थित आर के आनंद लॉन बॉल स्टेडियम, सरकारी स्कूल सहित अन्य जगहों को चिन्हित किया गया है।

छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए आयोग कार्यालय के सामने एवं आयोग कार्यालय की ओर आने वाले सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है। सभी जगहों पर लोहे से दो लेयर बैरिकेडिंग की गई है। ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि कार्यालय के 100 दूरी पर बनें घेरे से ही सभी को रोका जाएगा।

आयोग द्वारा चयनित 2231 अभ्यर्थियों का आगामी 16 दिसंबर से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होना है, लेकिन जिस तरह से एक बार फिर विवाद बढ़ा है उससे साफ लग रहा है कि यह फिलहाल शांत होनेवाला नहीं है। जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों जेएसएससी कार्यालय का घेराव की घोषणा करके आयोग और जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है।

इन सबके बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार 14 दिसंबर को सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे अफवाह पर नाराजगी जताई। आयोग का कहना है कि प्रमाण पत्रों की जांच हेतु चयनित 2231 उम्मीदवार में से 2145 अभ्यर्थी झारखंड के निवासी हैं यानी 96 फीसदी अभ्यर्थी झारखंड के चयनित हुए हैं।

झारखण्ड सरकार के लिए राजस्व जुटाना चुनौतीपूर्ण, सरकार इस समस्या के हल के लिए पहल शुरू कर दी है, जल्द होगा समाधान

झारखण्ड डेस्क 

झारखण्ड सरकार को योजनाओं के लिए राशि जुटाना चुनौतीपूर्ण हैं। सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी इस बात को स्वीकार किया है। पलामू में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने माना कि राशि जुटाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं है।

उन्होंने कहा मंईयां सम्मान योजना के तहत राशि जारी नहीं होने को लेकर उठ रहे सवाल पर कहा कि प्रशासनिक प्रक्रिया में देरी होने के कारण मंईयां सम्मान योजना की राशि अब तक महिलाओं के खाते में नहीं आ पाई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और लाभुकों के खाते में उतनी ही राशि जाएगी। राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार जो भी घोषणा करती है, उसे पूरा भी करती है। 50 लाख लाभुकों के खाते में हर महीने 2500-2500 रुपये दिए जाने हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना की राशि पूरी करने के लिए सरकार कई बिंदुओं पर काम कर रही है। झारखंड को 70 फीसदी राजस्व कमर्शियल डिपार्टमेंट से मिलता है। राजस्व में बढ़ोतरी होने से मंईयां सम्मान योजना की राशि पूरी हो जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों विभागीय समीक्षा की थी।

उन्होंने कहा कि अभी भी झारखंड में बहुत कुछ करना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि झारखंड में माइंस से सिर्फ 11 हजार करोड़ रुपये ही आता है, जबकि उड़ीसा में इससे कम माइंस में 40 से 50 हजार करोड़ रुपये राजस्व आता है। वित्त मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को राजस्व को बेहतर करने के निर्देश दिये हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया है कि झारखंड सरकार के राजस्व में कई लीकेज हैं।

उन्होंन अधिकारियों को इस लीकेज को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। वित्त मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि 2018-19 में एक्साइज से एक हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। 2019-20 में यह राजस्व बढ़कर दो हजार करोड़ हो गया। 2019-20 के बाद राजस्व में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।पूरे मामले में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और संभव हुआ तो नीति में बदलाव भी हो सकता है।

वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में माइनिंग और सेल टैक्स से 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. मंत्री ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राजस्व को जुटानाव चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन अगर इच्छाशक्ति रहे तो इसे पूरा किया जा सकत है। इस दिशा में सरकार आगे काम कर रही है।

झारखण्ड में जल्द होगी बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली, प्रदेश के नये शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दी जानकारी

झारखण्ड डेस्क 

झारखण्ड में जल्द ही बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती होगी। इन शिक्षकों की भर्तियां अलग-अलग स्तर पर होगी। प्रदेश के नये शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जानकारी दी है कि झारखंड में जल्द ही 52 हजार शिक्षकों की बहाली होगी। साथ ही, राज्य में 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खुलेगा।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में जो शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, उसमें कुछ कानूनी अड़चनें हैं, जिसे जल्द ही दूर किया जायेगा। 26 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। जैसे ही इस पर फैसला आएगा, राज्य सरकार पहले चरण में इन 26 हजार पदों पर नियुक्ति करेगी, जबकि दूसरे चरण में बाकी के 26 हजार शिक्षकों की बहाली होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने में मजबूती आयेगी। इससे राज्य के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा। राज्य स्तर पर शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए काम किया जा रहा है, क्योंकि केवल मजबूत नींव से ही शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर हो सकती है। प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए सरकार ये कदम उठायेगी।

जमशेदपुर स्थित परिसदन में शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री ने अफसरों को दो टूक निर्देश दिये हैं कि वो शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी को लेकर कड़ी चेतावनी दी और कहा कि कोई बहाना नहीं चलेगा, शिक्षकों को समय पर स्कूल आना होगा।

बैठक में कई खामियां सामने आयीं, जिसमें सुधार के लिए 15 दिनों में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक होगी, जिसमें अधिकारियों से जवाब-तलब होगा। मंत्री ने कहा कि जल्द ही स्कूलों में क्षेत्रीय भाषाओं में पठन-पाठन की शुरुआत होगी. इसके लिए क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति जल्द ही होगी. इस दिशा में पहल शुरू कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी स्कूलों के बीच की दूरियों को कम किया जाएगा, ताकि शिक्षा में समानता सुनिश्चित हो. सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा पद्धति को अपनाया जाएगा।

बोकारो में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हुई नोंक-झोक

बोकारो :लकड़ीगोला स्थित मोहन टिंबर सहित आसपास के अवैध निर्माण को हटाने के लिए बीएसएल प्रबंधन ने कई बार टिंबर संचालक को नोटिस भेजा, लेकिन टिंबर संचालक की ओर से अवैध निर्माण नहीं हटाया गया.

अंतत: गुरुवार को अतिक्रमण हटाने बीएसएल की टीम लकड़ीगोला पहुंची. साथ में, मजिस्ट्रेट, सिटी थाना पुलिस, बीएसएल के सुरक्षा कर्मी व नगर सेवा विभाग के दर्जनों वरीय अधिकारी व कर्मी थे.यहां लगभग एक घंटे तक हाई वाेल्टेज ड्रामा चला.

कई बार दोनों ओर से नोक-झोक व बहसबाजी भी हुई. अंतत: प्रशासन व पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए अभियान का तत्काल टाल दिया. इसके बाद बीएसएल की टीम मोहन टिंबर सहित आस-पास के अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी देकर वापस लौट गयी.
इस दौरान काफी भीड़ जमा हो गयी थी. कुछ देर के लिए जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी.

मामला कोर्ट में है, बीएसएल की कार्रवाई उचित नहीं :

बीएसएल अधिकारियों का कहना था कि संपदा न्यायालय-बोकारो की ओर बेदखली आदेश पारित किया जा चुका है. इसलिए हर हाल में अवैध निर्माण को हटाया जायेगा. उधर, मोहन टिंबर के संचालक का कहना था कि मामला कोर्ट में चल रहा है. इसलिए बीएसएल की कार्रवाई उचित नहीं है. इस पर, बीएसएल अधिकारियों का कहना था कि मामला कोर्ट में है. कोर्ट ने निर्माण हटाने पर रोक नहीं लगायी है.

संपदा न्यायालय-बोकारो की ओर से पारित किया जा चुका है बेदखली आदेश:

प्रबंधन की मानें तो अवैध निर्माण नहीं हटा तो बीएसएल अवैध निर्माण को हटा देगा. अवैध निर्माण हटाने के दौरान मजिस्ट्रेट, स्थानीय पुलिस व बीएसएल सिक्यूरिटी के जवान काफी संख्या में उपस्थित थे. साथ ही, स्थानीय लोगों की भी भीड़ यहां उमड़ पड़ी. उल्लेखनीय है कि लकड़ीगोला सहित आस-पास के सभी क्षेत्रों में संपदा न्यायालय-बोकारो की ओर बेदखली आदेश पारित किया जा चुका है.

*बेदखली आदेश पारित अवैध निर्माण को शीघ्र हटायेगा बीएसएल प्रबंधन :*


बेदखली आदेश पारित वाले अवैध निर्माण को बीएसएल प्रबंधन की ओर से शीघ्र हटाया जायेगा. इसलिए बीएसएल प्रबंधन ने ऐसे गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को आगाह किया है कि बीएसएल की अधिग्रहीत भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त न करें, अन्यथा अवैध निर्माण हटाने के अलावा उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी. इसके लिए बीएसएल-नगर सेवा के एलआरए विभाग ने कमर कस ली है.
तोपचांची में रेल परियोजना का ग्रामीणों ने किया विरोध

झारखण्ड डेस्क
धनबाद के तोपचांची प्रखंड की रामाकुंडा पंचायत में रेल परियोजना से प्रभावित रैयतों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है. इसके विरोध में ग्रामीणों ने शुक्रवार को वहां चल रहे निर्माण कार्यों का विरोध करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया.

ग्रामीणों ने बताया कि रेल परियोजना के तहत रामाकुंडा पंचायत के आईबीएच हॉल्ट के समीप निर्माण कार्य चल रहा है. यहां काम वैसी जमीन पर काम चल रहा है, जिसका मुआवजा रैयतों को नहीं मिला है. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक मनमाने तरीके से काम करा रहा है. रैयतों को बिना सूचना के ही उनकी जमीन पर तालाब निर्माण के नाम पर मिट्टी की कटाई की जा रही है.

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक काम नहीं होने देंगे और विरोध प्रदर्शन भी जारी रहेगा. ग्रामीणों ने वहां बेरिकेडिंग कर काम रोक दिया है.
वन नेशन, वन इलेक्शन संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ, सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही ये बात

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ) ने कहा कि  केंद्र सरकार की अवधारणा संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है।

यह भारत के संघीय ढांचे और संविधान की बुनियादी संरचना पर सीधा हमला है। इस योजना से भारत गणराज्य की लोकतांत्रिक परिकल्पना खतरे में पड़ जाएगी।

JMM प्रवक्ता ने इसे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा की हत्या करार दिया।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 368 के अनुसार, कोई भी संशोधन संविधान की मूलभूत संरचना को प्रभावित नहीं कर सकता।

इस योजना के लागू होने से संविधान के अनुच्छेद 333, जो न्यूनतम विधानसभा और कैबिनेट की संरचना तय करता है का उल्लंघन होगा।


राज्यों की स्वायत्तता और संघीय ढांचे पर “वन नेशन, वन इलेक्शन” से आघात पहुंचेगा। यह योजना क्षेत्रीय दलों को खत्म करने और केंद्र सरकार की सत्ता को मजबूत करने की साजिश है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम RSS की विचारधारा को थोपने का प्रयास है, जो 2025 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने की तैयारी कर रहा है।
JSSC-CGL एग्जाम में गड़बड़ियों की जांच करेगी CID, सीएम हेमंत सोरेन ने…

झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह आदेश दिया है कि JSSC-CGL परीक्षा में कथित गड़बड़ियों की शिकायतों की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (CID) की टीम करेगी।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग ने इसकी पुष्टि करते हुए जांच के लिए आदेश जारी किया है।

*डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया*

बता दें कि झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (JSSC) ने इस परीक्षा का आयोजन 21-22 सितंबर 2024 को किया था।

राज्य के 823 केंद्रों पर लगभग लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे। इसका रिजलट भी 4 दिसंबर को जारी कर दिया गया था।

JSSC ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए चयनित अभ्यर्थियों को 16-20 दिसंबर तक बुलाया है। जो अभ्यर्थी इन तारीखों में दस्तावेज़ सत्यापन नहीं करा पाएंगे, उनके लिए 26-27 दिसंबर का समय निर्धारित किया गया है।

*15 दिसंबर को आयोग का कार्यालय घेरेंगे अभ्यर्थी*

दूसरी ओर अभ्यर्थियों ने 15 दिसंबर को परीक्षा में की गई गड़बड़ियों को लेकर Ranchi में कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय को गर्ने का कार्यक्रम बनाया है।

परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। 15 दिसंबर को संभावित घेराव को देखते हुए सरकार और प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं।
बोकारो-रामगढ़ हाईवे पर सड़क हादसा: 5 की मौत, 3 गंभीर रूप से घायल |SB|
बोकारो-रामगढ़ हाईवे पर सड़क हादसा: 5 की मौत, 3 गंभीर रूप से घायल

सीएम हेमंत सोरेन ने पत्नी कल्पना संग की बैद्यनाथधाम मंदिर मे पूजा अर्चना

* *झारखंड वासियों की सुख-समृद्धि, उन्नति और खुशहाली की, की कामना* रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। तीर्थ पुरोहितों द्वारा पूरे विधि-विधान से बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग की पूजा-अर्चना संपन्न कराई गई। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन ने बाबा भोलेनाथ से झारखंड वासियों की सुख-समृद्धि, उन्नति और खुशहाली की प्रार्थना की इससे पूर्व देवघर एयरपोर्ट आगमन पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन का विधायक सारठ उदय शंकर सिंह, संथाल परगना कमिश्नर लालचंद दादेल, संथाल परगना आई.जी, क्रांति कुमार, डी.आई.जी. संजीव कुमार, उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी विशाल सागर, पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग द्वारा स्वागत एवं अभिवादन किया गया। मौके पर जिला प्रशासन देवघर द्वारा एयरपोर्ट परिसर में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा के मुद्दे को सांसद ढुलू महतो ने सदन में उठाया

धनबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद ढुलू महतो ने संसद में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के समक्ष आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक अहम मुद्दे को उठाया।

सांसद श्री महतो ने पूछा कि क्या आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को शामिल करना झारखंड सहित धनबाद के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार करेगा।

महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री, सावित्री ठाकुर ने जवाब में बताया कि 2024-25 के अंतरिम बजट में सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को 5 लाख रुपये वार्षिक स्वास्थ्य कवर प्रदान करने की घोषणा की गई थी। यह योजना पात्रता के आधार पर लागू की जा रही है और अब तक झारखंड में 31,755 आंगनवाड़ी कर्मियों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किए जा चुके हैं।

मंत्री ने यह भी बताया कि मिशन पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं और उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है। इन केंद्रों में टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, और पोषण शिक्षा जैसी सेवाएं प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

सांसद ढुलू महतो ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा, "आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को इस योजना में शामिल करना ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और लाभार्थियों तक सेवाएं पहुँचाने में क्रांतिकारी साबित होगा।"