IVF से बच्चा के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी, दो निजी अस्पतालों पर एक्शन लेगा आयोग, पतियों का दूसरी महिला से संबंध पर भी महिला आयोग में हुई सुनवाई…
रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने आज रायपुर कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. इस मामले में महिला ने बताया कि आईवीएफ से बच्चा के नाम पर रायपुर के दो निजी अस्पतालों ने लाखों रुपए की धोखाधड़ी की है. इस पर महिला आयोग ने महिला को निर्देश दिया कि वह अस्पतालों को कितनी राशि कब-कब दी, उसकी सूची लेकर आयोग में उपस्थित हो, ताकि प्रकरण का अंतिम निराकरण किया जा सके. दो महिलाओं के पति का दूसरी महिला से अवैध संबंध है, इस पर भी महिला आयोग में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान आयोग में एक अत्यंत गंभीर मामला महिला ने दर्ज कराया, जिसमें आवेदिका ने अपने भ्रूण अनावेदकणों के पास संरक्षित करा कर रखे हैं. इसमें से 4 भ्रूण प्रत्यारोपित करने के बाद नष्ट हो चुका है, लेकिन 7 भ्रूण अभी भी अनावेदकों के पास है. इसके लिए आवेदिका और बच्चा चाहने की चाह में लगभग 15 लाख अनावेदकों को दे चुकी है और शेष 7 भ्रूण में से आवेदिका पुनः मातृत्व अधिकार के लिए प्रयासरत हैं, किंतु अनावेदक लगातार महिला को इंकार कर प्रताड़ित कर रहे हैं.
आयोग की टीम ने उभय पक्षों को विस्तार से सुना गया, जिसमें अनावेदक केवल अपने उद्देश्य से दो तरह की बाते करती नजर आई. एक अन्य अनावेदिका का कहना है कि पहली अनावेदिका डॉक्टर ने बिना सहमति के सारी मशीन और भ्रूण को असुरक्षित तरीके से निकालकर ले गई, जिसके कारण भ्रूणों के सुरक्षित और प्रत्यारोपण के बाद जीवित और नॉर्मल बच्चा होने की संभावना संदिग्ध है. उनका यह भी कहना है कि वह दावे के साथ कह सकती है कि आवेदिका के सारे भ्रूण समाप्त हो गए हैं. भ्रूणों को संरक्षित करने के नाम पर अनावेदक उससे फीस लेती आ रही है, लेकिन भ्रूण प्रत्यारोपण करने के लिए पति की सहमति के आड़ पर भ्रूण प्रत्यारोपित नहीं कर रही है, जो उपभोक्ता कानून के तहत क्षतिपूर्ति का मामला प्रतीत होता है, क्योंकि दोनाें अनावेदिकाओं ने आवेदिका को डोनर एक्ट के माध्यम से भ्रूण निर्माण व संरक्षण के सपने दिखाकर इसके आड़ में लाखों रुपए खर्च कराए. आयोग ने आवेदिका को निर्देश दिया कि वह अनावेदिकाओं को कितनी राशि कब-कब दी, इसकी सूची लेकर आयोग में उपस्थित हो, ताकि प्रकरण का अंतिम निराकरण किया जा सके.
पति का दूसरी महिला से अवैध संबंध, आयोग ने सुनाया ये फैसला
एक अन्य मामले में महिला ने बताया कि अनावेदिका उसके पति के साथ दूसरी पत्नी के रूप में रहती है और उन्हें पति से तलाक लेने के लिए धमकाती है. अनावेदिका के इस व्यवहार से आवेदिका भयभीत है. अनावेदिका (दूसरी महिला) ने आयोग के समक्ष सुनवाई में यह कबूल किया कि वह आवेदिका के पति के साथ अवैध संबंध में दूसरी पत्नी के रूप में रह रही है. अनावेदिका (दूसरी महिला) अपनी गलती को स्वीकारने के बाद भी आक्रोशित है. अनावेदिका द्वारा आवेदिका को नुकसान पहुंचाने की संभावना को देखते हुए व सुरक्षा की दृष्टि से अनावेदिका को आगामी सुनवाई तक नारी निकेतन भेजे जाने का आदेश आयोग ने दिया.
दूसरी महिला के साथ भागने पत्नी पर बना रहा तलाक का दबाव
एक मामले में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ मामला प्रस्तुत किया कि वह दूसरी महिला के साथ भागने व आवेदिका को तलाक के लिए दबाव बना रहा है. अनावेदक ने बताया कि उसका एकतरफा तलाक कुंटुंब न्यायालय से हो चुका है. अनावेदक ने बताया कि वह बिजली विभाग में लाइनमैन की पोस्ट पर संविदा में कार्यरत है और उसे 14 हजार रुपए वेतन मिलता है, परंतु उसकी पे स्लिप में वेतन 22 हजार रुपए दिखा रहा है. आवेदिका लगभग 3 वर्षों से अनावेदक से अलग रह रही है और उसे किसी भी प्रकार का कोई भरण पोषण प्राप्त नहीं हो रहा है. अनावेदक आयोग के सामने लगातार झूठा तथ्य बता रहा है. आवेदिका ने बताया कि अनावेदक का अन्य महिला से अवैध संबंध है. अनावेदक का मोबाइल चेक किए जाने पर आवेदिका के कथन की पुष्टि हुई कि अन्य महिला के कारण आवेदिका का वैवाहिक जीवन बर्बाद हो रहा है. आगामी सुनवाई में दूसरी महिला को पुलिस के माध्यम से एक महिला सिपाही के साथ आयोग में उपस्थित किए जाने का आदेश दिया गया. अनावेदक को अपने विस्तृत प्रस्ताव के साथ ईमानदारी से उपस्थित होने कहा गया, अन्यथा आयोग द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुशंसा की जाएगी.
नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी, लिपिक की जाएगी नौकरी
एक अन्य मामले में महिला ने बताया कि अनावेदक शासकीय स्कूल में लिपिक के पद पर कार्यरत है और आवेदिका को नौकरी दिलाने का झूठा आश्वासन देकर 2 लाख 10 हजार रुपए हड़प लिया है. इसकी स्वीकृति महिला आयोग के समक्ष अनावेदक ने की. अनावेदक ने बताया कि उसे केवल 1 लाख रुपए आवेदिका को वापस करने है. शेष राशि वह वापस कर चुका है. आज आयोग के समक्ष आवेदिका को 1 लाख रुपए वापस करना था, लेकिन अनावेदक जान बुझ कर अनुपस्थित रहा. इस स्थिति से स्पष्ट है कि अनावेदक आवेदिका को पैसा वापस करने की मंशा नहीं रखता है. अनावेदक शासकीय लिपिक होकर आवेदिका को नौकरी देने का झांसा देकर उससे 2 लाख 10 हजार रुपए ऐंठ चुका है, इसलिए डीईओ बिलासपुर, जिला कलेक्टर बिलासपुर व प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग छग शासन को आयोग के द्वारा पत्र भेजकर सिविल सर्विस एक्ट प्रावधान के तहत अनावेदक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की अनुशंसा की जाएगी.
सुनवाई के दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यों में सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओजस्वी मंडावी एवं दीपिका शोरी मौजूद रही. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर आज 296वीं सुनवाई हुई.
Dec 14 2024, 15:17