वर्ल्ड चैंपियन बनकर भी क्यों रो पड़े डी गुकेश? जानें उनकी भावुक कहानी
वादा तो हर कोई करता है, सपना तो हर कोई देखता है लेकिन हर कोई उन सपनों को और खुद से किए वादों को पूरा नहीं कर पाता. वो भी ऐसा वादा, जो सिर्फ 11 साल की उम्र में किया हो और फिर 18 साल की उम्र में उसे पूरा भी कर दिखाया. भारत के युवा चेस ग्रैंड मास्टर डी गुकेश गर्व से कह सकते हैं कि वो ऐसा कर पाए. छोटी सी उम्र में ही अपने कमाल के प्रदर्शन से दुनियाभर में पहचान बना चुके गुकेश ने अब अपना नाम चेस इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज करवा दिया है. गुकेश ने सिर्फ 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया और अपने सपने को पूरा कर लिया. मगर वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद भी उन्होंने खुद को ‘बेस्ट’ मानने से इनकार कर दिया.
सच किया 7 साल पुराना सपना
गुकेश ने गुरुवार 12 दिसंबर को चीन के डिंग लिरेन को हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत ली. सिंगापुर में 17 दिनों तक चली चैंपियनशिप में 14 राउंड की कड़ी टक्कर के बाद भारतीय स्टार ने डिफेंडिंग चैंपियन को हरा दिया. दोनों ही खिलाड़ी 13 राउंड के बाद 6.5 – 6.5 पॉइंट्स के साथ बराबरी पर थे. ऐसे में आखिरी राउंड 14 में फैसला होना था और गुकेश ने यहां अपने से ज्यादा अनुभवी खिलाड़ी को हराते हुए चैंपियनशिप अपने नाम कर ली. इस तरह वो सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन भी बन गए.
गुकेश ने सिर्फ 18 साल 8 महीने और 14 दिन की उम्र में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर ये रिकॉर्ड बनाया. ये रिकॉर्ड तो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है, मगर इसे खास बनाया गुकेश के खुद से किए वादे ने. गुकेश जब सिर्फ 11 साल 6 महीने के थे, तब चेस बेस इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने सपने का खुलासा किया था. छोटे से गुकेश ने तब कहा था कि वो बड़े होकर सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहेंगे. ठीक 7 साल 2 महीने बाद गुकेश ने वर्ल्ड चैंपियन बनकर बता दिया कि वो सिर्फ सपने देखते ही नहीं हैं, बल्कि उन्हें हूबहू सच भी करते हैं.
फूट-फूटकर रोने लगे गुकेश
आम तौर पर चेस खिलाड़ी हमेशा अपने जज्बातों पर काबू रखते हैं और उनरे चेहरे के हाव-भाव से हार या जीत का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल होता है. गुकेश भी उनसे अलग नहीं हैं. बेहद कम बोलने वाले और अपनी भावनाओं पर संयम रखने वाले गुकेश के लिए भी इस बार ऐसा करना मुश्किल था. जैसे ही डिंग ने रिजाइन करते हुए गुकेश से हाथ मिलाया और मैच शीट पर साइन किया, वो अपनी सीट पर बैठ गए और उनकी आंखें आंसुओं से भर आईं. पहली बार किसी ने इस भारतीय सितारे को इस तरह अपने इमोशन को खुलकर सामने पेश करते हुए देखा.
सिर्फ गुकेश ही नहीं, उनके पिता भी इस जीत से भावुक थे, जो कि स्वाभाविक ही था. तभी तो गुकेश जैसे ही मैच हॉल से बाहर निकले, उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को जोर से गले लगा दिया और काफी देर तक दोनों एक-दूसरे से लिपटे रहे. पिता के चेहरे पर खुशी तो थी ही, साथ ही अपने बेटे पर गर्व भी था और उसी गर्व के साथ वो गुकेश की पीठ थपथपाते रहे.
डिंग की तारीफ, बताया कौन है बेस्ट
इतनी सी उम्र में दुनिया जीत लेना हर किसी के बस की नहीं है. अगर जीत भी जाएं तो उसके बाद भी अपने स्वभाव और अपनी बातों में स्थायित्व बनाए रखना आसान नहीं होता. अभिमान में कई चैंपियन बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं, मगर गुकेश ने यहां भी परिपक्वता दिखाई. भारतीय स्टार ने जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले अपने प्रतिद्वंद्वी डिंग लिरेन की बात की और उनकी हार पर खेद जताया. गुकेश ने साथ ही उन्हें सही मायनों में वर्ल्ड चैंपियन बताते हुए कड़ी टक्कर के लिए उनकी जमकर तारीफ की.
इसके बाद गुकेश ने जो कहा, वो आम लोगों को हैरान कर सकता है. नए-नए वर्ल्ड चैंपियन बने गुकेश ने साफ किया कि ये खिताब जीतने के बाद भी वो दुनिया के बेस्ट प्लेयर नहीं हैं क्योंकि वो तमगा अभी भी नॉर्वे के दिग्गज और महानतम ग्रैंड मास्टर में से एक मैग्नस कार्लसन के नाम है, जिन्होंने 5 बार इस चैंपियनशिप पर कब्जा किया और पिछले साल खुद को इससे अलग भी कर लिया.
Dec 14 2024, 09:51