भगवान दत्तात्रेय जयंती की मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भगवान दत्तात्रेय की 14 दिसम्बर को जयंती के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने भगवान दत्तात्रेय से प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि भगवान दत्तात्रेय ने हमें अहंकार को त्यागकर ज्ञान के माध्यम से जीवन को सफल बनाने का संदेश दिया है। भगवान दत्तात्रेय को ब्रम्हा, विष्णु और शिव तीनों देवताओं का अंश माना जाता है। माना गया है कि भगवान दत्तात्रेय की पूजा से तीनों देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
छत्तीसगढ़ राज्य तैयार कर रहा है ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी, केरल के बाद देश का दूसरा राज्य होगा छत्तीसगढ़

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शदन में छत्तीसगढ़ राज्य में ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी तैयार की जा रही है। केरल के बाद, यह छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है जो यह पॉलिसी तैयार कर रहा है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

भारत की ग्लोबल रेस्टोरेशन इनिशिएटिव, बॉन चैलेंज और संयुक्त राष्ट्र ईको-रेस्टोरेशन दशक में भागीदारी यह स्पष्ट करती है कि एक केंद्रित ईको-रेस्टोरेशन नीति अनिवार्य है। पारंपरिक वनीकरण, जो प्रायः अत्यधिक लागत वाला होता है और गैर-स्थानीय प्रजातियों पर आधारित होता है, सीमित पारिस्थितिक लाभ प्रदान करता है। इसे ध्यान में रखते हुए, सर्वाेच्च न्यायालय ने 2021 में अपने निर्देश के तहत एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसने ईको-रेस्टोरेशन को प्राथमिकता देने की सिफारिश की। जैव विविधता के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए ईको-रेस्टोरेशन अत्यंत आवश्यक है। यह पहल एक अधिक समावेशी और सुदृढ़ पर्यावरणीय भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के खोए हुए वन क्षेत्रों, आर्द्रभूमियों और अन्य पारिस्थितिक तंत्रों को पुनर्स्थापित करना है। नीति को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, हितधारकों एवं समाज के सभी वर्गों से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस पॉलिसी का अंतिम मसौदा जनवरी माह में राज्य सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज के तत्वाधान में दो राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है। इन कार्यशालाओं में भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के ईको-रिहैबिलिटेशन सेंटर के वैज्ञानिक, वानिकी विशेषज्ञ, भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर के संकाय सदस्य और छात्र, कृषि, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, शोधकर्ता, शैक्षणिक क्षेत्र से जुड़े लोग, एनजीओ और समुदायों के प्रतिनिधि, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और अन्य विशेषज्ञों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। इसके लिए आर्द्रभूमि प्रबंधन, शहरी पारिस्थितिकी संरक्षण, और खनन प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास जैसे विशिष्ट मुद्दों पर विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्त किए गए।

कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ को पारिस्थितिक पुनर्स्थापना के क्षेत्र में एक व्यापक और प्रभावशाली नीति बनाने में सक्षम बनाना है, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री नड्डा ने पूर्व राज्यसभा सदस्य स्व. गोपाल व्यास के परिजनों से की मुलाकात

रायपुर-    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अपने एक दिवसीय रायपुर प्रवास के दौरान पूर्व राज्यसभा सदस्य स्वर्गीय गोपाल व्यास के निवास पर परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं प्रकट की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उनके साथ थे।

केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा ने श्री व्यास के योगदान को स्मरण किया और उनके सामाजिक एवं राजनीतिक योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका जीवन समाज और देश सेवा के लिए समर्पित था। उनकी स्मृति हमेशा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी। ज्ञात हो कि हाल ही में स्वर्गीय गोपाल व्यास का निधन हो गया था।

नेशनल लोक अदालत का आयोजन कल

रायपुर-   आपसी सुलह (राजीनामा) के जरिए मामलों का निपटारा करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के तत्वावधान में शनिवार 14 दिसंबर 2024 को देशव्यापी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) बिलासपुर द्वारा प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों एवं व्यवहार न्यायालयों में भी लोक अदालत आयोजित किए जाएंगे। यह वर्ष 2024 की चतुर्थ लोक अदालत होगी।

लोक अदालत के दिन जिला न्यायालय एवं तालुका न्यायालय (व्यवहार न्यायालय) में लंबित शमनीय अपराध के प्रकरण मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण, 138 एनआई एक्ट, के अंतर्गत चेक बाउंस का प्रकरण धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा मेट्रोमोनियल डिस्प्युट के अलावा जल कर, संपत्ति कर, राजस्व संबंधी प्रकरण ट्रैफिक चालान, भाड़ा नियंत्रण आबकारी से संबंधित प्रकरण एवं बैंक विद्युत संबंधी प्री-लिटिगेशन प्रकरण, राजस्व न्यायालय खंडपीठ में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे, वारिसों के मध्य बटवारे का निराकरण किया जाएगा। न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से तथा प्रभावित पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में नेशनल लोक अदालत एक प्रभावशाली कदम है।

नेशनल लोक अदालत के लिए खण्डपीठों का गठन कर विभिन्न प्रकरणों तथा प्री.लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा। लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों धारा. 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण, निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी मामलों तथा पारिवारिक विवाद के मामलों का निराकरण किया जाता हैं। इसके अतिरिक्त राजस्व, बैंक, विद्युत विभाग दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री.लिटिगेशन प्रकरण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत किए जाएंगे। जो विधिवत पंजीयन उपरांत संबंधित पक्षकारों के प्रकरण लोक अदालत खण्ड पीठ में निराकृत किए जाएंगे। इस तरह पक्षकार अपने न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करा सकते हैं। इसके अलावा लोक अदालत में दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद् में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री-लिटिगेशन प्रकरण, याददाश्त के आधार पर बंटवारा, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, कब्जे के आधार पर बंटवारा, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) के अंतर्गत कार्यवाही के मामले, रेन्ट कंट्रोल एक्ट, सूखाधिकार से संबंधित मामलों के साथ-साथ विक्रय पत्र, दानपत्र और वसीयतनामा के आधार पर नामांतरण के मामले तथा अन्य प्रकृति के सभी मामले सम्मिलित और चिन्हांकित कर आपसी राजीनामा के आधार पर नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया जावेगा।

समाज व देश हित में कार्य कर रहे सफाई कर्मचारियों और उनके परिवार की सुरक्षा शासन का दायित्व - उपमुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-     उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज नमस्ते (National Action for Mechanized Sanitation Ecosystem) योजना के तहत सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई करने वाले 38 कर्मचारियों को पीपीई किट प्रदान किया। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित पीपीई किट वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। मन लगाकर गंभीरता से किया गया काम व्यक्ति को बड़ा बनाता है। उन्होंने कहा कि एक गरीब मां का बेटा नरेन्द्र मोदी जब देश का प्रधानमंत्री बना, तो ऐसी योजनाएं फलीभूत हुईं जिनकी 70 वर्षो में किसी ने कल्पना नहीं की थी। मोदी सरकार देश में और विष्णु देव सरकार छत्तीसगढ़ में गरीबों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। श्री साव ने कहा कि समाज व देश के हित में कार्य कर रहे सीवर एवं सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा एवं उनके परिजनों का कल्याण सरकार का दायित्व है। सफाई कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा, परिवार की सुरक्षा और स्वास्थ्य का दायित्व छत्तीसगढ़ सरकार पूर्ण कर रही है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने सभी सीवर एवं सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों से कहा कि वे अपनी आत्मसुरक्षा के लिये जागरूक रहें, इसमें कदापि लापरवाही न करें। सरकार द्वारा दिए गए पीपीई किट का पूर्ण सदुपयोग काम के दौरान अपनी सुरक्षा के लिए अवश्य करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि पीपीई किट के उपयोग से सीवर एवं सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों में सुरक्षित कार्य का वातावरण निर्मित होगा। सुडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी दुष्यंत कुमार और रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता सहित नगरीय प्रशासन विभाग एवं रायपुर नगर निगम के कई अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

केन्द्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से देश के नगरीय निकायों में नमस्ते योजना का संचालन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में सुडा (राज्य शहरी विकास अभिकरण) द्वारा सुरक्षित व सम्मानजनक कार्य परिस्थितियां प्रदान करने सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मचारियों को पीपीई किट प्रदान किया जा रहा है। इसके अंतर्गत राज्य के 169 नगरीय निकायों में 711 कर्मचारियों को पीपीई किट दिए जाएंगे। दो जोड़ी पीपीई किट ड्रेस के साथ ही उन्हें गम बूट, हेलमेट, ग्लब्स, मास्क और आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा प्रदान किया जाएगा। नमस्ते योजना का मुख्य उद्देश्य हाथ से मैला ढोने की प्रथा को पूर्णता समाप्त करना, स्वच्छता कार्यो का यंत्रीकरण करना तथा सीवर व सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों को स्थाई आजीविका का साधन उपलब्ध कराना है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त विकास निगम द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है।

नई औद्योगिक नीति से भारत का इंडस्ट्रीयल हब बनेगा छत्तीसगढ़ – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-    नई औद्योगिक नीति के माध्यम से छत्तीसगढ़ को भारत का इंडस्ट्रीयल हब बनाने की दिशा में हमारी सरकार प्रयास कर रही है। इस नीति के तहत क्षेत्रीय आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण एवं औद्योगिक निवेश बढ़ाने पर जोर दिया गया है। आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इंडिया इकॉनोमिक कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ऑनलाइन जुड़ कर यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के जनजातीय और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में पांच लाख नौकरियां सृजित की जाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन सहित कई अन्य सहायता दी जा रही है, जिसके तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार उपलब्ध कराने पर उद्योगों को उनके वेतन का 40 प्रतिशत तक सब्सिडी के रूप में प्रतिपूर्ति की जायेगी। इस नीति के तहत बस्तर में उद्योग लगाने पर स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के तहत उद्योगों को 45% तक की सहायता दी जाएगी। वहीं, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के तहत अगले 10 सालों तक पूंजी निवेश का 150 प्रतिशत तक एसजीएसटी वापस भी किया जाएगा। नई नीति के तहत उद्योगों को स्टांप ड्यूटी और बिजली शुल्क में छूट, साथ ही 10 और तरह के निवेश प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट की सहायक इकाइयों के लिए 118 एकड़ का नया औद्योगिक क्षेत्र भी स्थापित किया जा रहा है। इससे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा।

श्री साय ने कहा नई उद्योग नीति में निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 को शामिल किया गया है। इससे वे एक ही जगह पर कई विभागों का क्लीयरेंस प्राप्त कर सकते हैं। यह नीति प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने वाली नीति है। हम इस नीति में ग्रीन इंडस्ट्रीज और टेक्नोलॉजी आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

कार्यक्रम में उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार एवं संचालक प्रभात मलिक ने नया रायपुर और नई उद्योग नीति पर प्रजेंटेशन भी दिया।

नया रायपुर बनेगा आईटी और एजुकेशन हब

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि नया रायपुर को आईटी हब, हेल्थ हब, एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। आईटी और संबंधित फर्मों को रियायती दरों पर प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा रहे हैं। आईटी सेक्टर में साढ़े तीन हजार से अधिक नौकरियों के सृजन के लिए स्थान आबंटित किए गए हैं।

नया रायपुर अटल नगर की रेलवे लाइन का ट्रायल रन पूरा हो गया है। उन्होंने बताया हम सीबीडी रेलवे स्टेशन के निर्माण, सड़कों और सार्वजनिक पार्किंग जैसी अधोसंरचनाओं पर 150 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं। तीन अन्य रेलवे स्टेशनों का भी निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया इस साल के अंत तक नया रायपुर से जुड़ी कई परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। इनमें आईटी एवं संबंधित क्षेत्र, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, घरेलू उपकरण, रक्षा, फार्मास्युटिकल, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।

नक्सलवाद के खिलाफ विकास और सुरक्षा की नीति

नक्सलवाद से निपटने में सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस साल अनेक नक्सली मारे गए हैं और करीब 1500 ने आत्मसमर्पण किया है या उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अगले दो वर्षों के भीतर छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा हमने नक्सलवाद के खिलाफ विकास और सुरक्षा की नीति पर काम किया है। बीते एक साल में बस्तर में 34 सुरक्षा कैम्प स्थापित करने के साथ-साथ नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से अंदरूनी गांवों तक अधोसंरचनाओं का विकास किया जा रहा है।

डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शिता पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस को लागू किया है। प्रशासन में जवाबदेही बढ़ाने के लिए आईटी उपकरणों में 266 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। अटल मॉनिटरिंग ऐप से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी की जा सकती है। स्वागत पोर्टल के माध्यम से पोर्टल में आवेदन देकर बिना इंतजार किए सुगमता से मंत्रालय में अधिकारियों से मिला जा सकता है। सीएमओ पोर्टल के माध्यम से शासन-प्रशासन से जुड़ी सूचनाओं की जानकारी त्वरित रूप से नागरिकों को मिल जाती है। वहीँ, सुगम एप के माध्यम से अब लोग घर बैठे रजिस्ट्री कर सकते हैं।

बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया विकसित भारत के लिए विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसके तहत राज्य में अधोसंरचनाओं के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। केंद्र सरकार से 31 हजार करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। बस्तर और सरगुजा के अंदरुनी गांवों तक सड़कों का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने बताया रायपुर-विशाखापटनम इकॉनोमी कॉरिडोर, अनेक रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर हवाई अड्डों का विस्तार हो रहा है। रायपुर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। वहीं, नियद नेल्ला नार योजना के तहत बस्तर के दुर्गम क्षेत्रों तक मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।

जल आपूर्ति और ग्रामीण विकास पर जोर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के हर घर में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना जल जीवन मिशन की प्रगति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मिशन का 79% से अधिक काम पूरा हो चुका है और अब तक 40 लाख घरों में नल के पानी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मल्टी-विलेज योजना के तहत उन क्षेत्रों में जल आपूर्ति की समस्या का समाधान किया जा रहा है, जहां भूजल की कमी है। पचराही जैसे दूरस्थ गांवों में नल जल योजना के माध्यम से अब स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

NACIN ने GST निरीक्षकों को दिया प्रशिक्षण, आयुक्त ने ईमानदारी से काम करने की दिलाई शपथ
रायपुर- राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी (NACIN), रायपुर क्षेत्र ने आज जीएसटी निरीक्षकों के प्रेरण प्रशिक्षण का समावर्तन समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मोहम्मद अबू सामा, आयुक्त, केंद्रीय जीएसटी एवं कस्टम रायपुर रहे. मोहम्मद अबू सामा ने सभी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने पर बधाई देते हुए अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठां एवं ईमानदारी के साथ निभाने की शपथ भी दिलाई.

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विनोद कुमार अग्रवाल, अपर महानिदेशक, DGGI रायपुर, डा. अशोक कुमार पाण्डेय, आयुक्त, अपील रायपुर, महावीर प्रसाद मीणा, आयुक्त, लेखापरीक्षा रायपुर एवं राजेश कुमार सिंह, आयुक्त (सेवा निवृत्त) भी शामिल हुए. इसके अतिरिक्त विभाग के वरिष्ठ एवं आला अधिकारी भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए.

संचालक NACIN, रायपुर शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि कुल 38 अधिकारियों ने 14 सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ पुलिस प्रशिक्षण एवं खेल सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया. इसी तारतम्य में NACIN, रायपुर ने Blood Donation कैंप का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रशिक्षु निरीक्षको ने भाग लिया. समावर्तन समारोह में विभिन्न क्षेत्रो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्मानित किया गया. अमित मीणा को सर्वश्रेष्ठ अभ्यर्थी के रूप में सम्मानित किया गया.

डबल इंजन की सरकार में मिल रहा डबल फायदा: केन्द्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा

रायपुर-     देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय की नेतृत्व वाली सरकार जनता की सेवा के लिए तत्पर होकर काम कर रही है। इसी का परिणाम है कि पूरे देश और प्रदेश में उत्तरोत्तर विकास हो रहा हैै। डबल इंजन की सरकार होने की वजह से लोगों को डबल लाभ हो रहा है। आज भारत विश्व की पांचवी बड़ी आर्थिक शक्ति है। अगले पांच सालों में हम दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेंगे। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश के 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने आज रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित जनादेश परब कार्यक्रम में लोगों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा ने कार्यक्रम में 1124 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्याें का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा ने जनादेश परब में छत्तीसगढ़ सरकार के एक साल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार स्वप्रेरणा से लोकहित में पूरी जवाबदेही के साथ काम कर रही है। सरकार बनने के दूसरे ही दिन कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के 18 लाख से अधिक जरूरतमंदों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति दी गई। मोदी की गारंटी के अनुरूप यहां किसानों से 3100 प्रति क्विंटल में धान खरीदी की जा रही है। किसानों को उनके हक का 3716 करोड़ रूपए धान के बकाया दो साल के बोनस का भुगतान भी किया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जनादेश परब में घोषणा की कि अब से हर साल 3 दिसंबर से 13 दिसंबर तक ’जनादेश परब’ के रूप में मनाया जाएगा। आने वाले वर्ष में छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। राज्य निर्माता भारत रत्न अटलजी का यह शताब्दी वर्ष भी है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष को ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की। श्री साय ने कहा कि अटलजी ने प्रधानमंत्री के रूप में देश में सड़कों का जाल बिछाया। उसी से प्रेरणा लेकर हम अपने रजत जयंती वर्ष में अधोसंरचना विकास को प्राथमिकता में रखेंगे। उसके बाद के तीन वर्षों में भी हम अलग-अलग थीम पर काम करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जनादेश परब को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले साल किसान भाइयों के खाते में आपकी डबल इंजिन की सरकार ने 49 हजार करोड़ रुपए डाले हैं। हमने अपने शुरूआती तीन महीनों में ही प्राथमिकता के साथ महतारी वंदन योजना का लाभ प्रदेश की माताओं-बहनों को देना आरंभ किया। 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में महतारी वंदन योजना की अब तक 10 किश्तों में 6,530 करोड़ रुपए की राशि भेजी जा चुकी है। पहली तारीख को हम यह राशि भेज देते हैं और जैसे ही माताओं-बहनों के खाते में राशि आती है उनका चेहरा गर्व से खिल जाता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जो रामराज्य के मूल्य हैं, वहीं हमारे लिए सुशासन के मूल्य हैं। हमने प्रशासन के हर स्तर पर सुशासन को सुनिश्चित किया है। हमने सुशासन के मूल्यों को सिस्टम में शामिल करने सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया। सुशासन के लिए पारदर्शिता सबसे आवश्यक है और इसके लिए डिजिटल गवर्नेंस शुरू कराया है। लालफीताशाही को दूर करने हमने ई-आफिस प्रणाली आरंभ की है। इसमें डिजिटल माध्यम में नोटशीट आगे बढ़ती है। इससे समय-सीमा भी तय होती है और जवाबदेही भी तय हो जाती है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर और सरगुजा के विकास के बगैर छत्तीसगढ़ के विकास के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। हमने वनोपज संग्राहकों की आय बढ़ाने के लिए काम किया है। तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि हमने 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर साढ़े 5 हजार रुपए कर दी। जनजातीय गौरव दिवस के दिन हमने राज्य के बैगा, गुनिया, सिरहा आदि को पांच-पांच हजार रुपए सम्मान निधि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बस्तर में पर्यटन कॉरिडोर का निर्माण हम कर रहे हैं। कांगेर घाटी के गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन ने दुनिया के 20 चुनिंदा गांवों में शामिल किया है। बस्तर और छत्तीसगढ़ विश्व पर्यटन के मानचित्र में आ गए हैं। सरगुज़ा संभाग भी विश्व के पर्यटन नक्शे में स्थान बना रहा है। अभी-अभी जशपुर के मधेश्वर पहाड़ शिवलिंग को विश्व में सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है।

उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास तमोर पिंगला को हमने देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाया है। इससे इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। सरगुजा और बस्तर में एयर कनेक्टिविटी आरंभ होने से इन क्षेत्रों में तेजी से विकास के साथ ही यहां अब देश-विदेश से पर्यटकों के पहुंचने की राह खुल गई है। नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सभी स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आगामी दो सालों में प्रदेश का सड़क नेटवर्क विकसित देशों की तरह हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सबसे बड़ी सफलता माओवादी मोर्चे पर मिली है। एक साल पहले किसी के लिए यह सोचना भी कठिन था कि माओवाद के नासूर को नष्ट किया जा सकता है। एक साल में 2 सौ से अधिक माओवादियों को मार गिराया। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से माओवाद की जड़ से मुक्त हुए गांवों में पुनः विकास की रोशनी पहुंची है। हमने नई उद्योग नीति तैयार की है, जिसमें अगले पांच सालों में ढाई लाख करोड़ रुपए के निवेश के माध्यम से पांच लाख रोजगार सृजित करेंगे। हमने शासकीय सेवाओं में हजारों पदों में भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा को बस्तर के कलाकारों द्वारा बेल मेटल से निर्मित अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक द्वारा राज्य शासन की योजनाओं पर रेत से तैयार की गई कृति का प्रदर्शन किया गया।

विधायक किरण सिंह देव ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस और बिहार के कैबिनेट मंत्री नितिन नवीन सहित मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य, विधायकगण और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा की संध्या पर कल महादेव घाट रायपुर में आयोजित होगी खारुन गंगा महाआरती

रायपुर-    राजधानी रायपुर के महादेव घाट कल 14 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के पावन अवसर पर माँ खारुन गंगा महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन जनसेवा समिति एवं करणी सेना छत्तीसगढ़ द्वारा पिछले 2 वर्षों से निरंतर आयोजित किया जा रहा है और इस माह यह महाआरती अपनी 26वीं बार संपन्न होगी।

करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष, तथा माँ खारुन गंगा महाआरती जनसेवा समिति के प्रमुख वीरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में यह आयोजन रायपुर के ऐतिहासिक महादेव घाट पर किया जाएगा। इस महाआरती का उद्देश्य नदियों के संरक्षण, स्वच्छता एवं पर्यावरण के प्रति जन जागरूकता फैलाना है, साथ ही सनातन संस्कृति को मजबूत करना है। खारुन गंगा महाआरती का यह आयोजन, जो बनारस की तर्ज पर किया जाता है, अब रायपुर की एक महत्वपूर्ण लोक संस्कृति और मासिक उत्सव बन चुका है। दो वर्षों में इस आयोजन ने चार विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम किए हैं।
इस माह भी महाआरती का आयोजन भव्य भजनों एवं धार्मिक संगीत के साथ होगा, जिसमें प्रशिक्षित ब्राह्मणों द्वारा संपूर्ण विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाएगी। सभी श्रद्धालुओं को इस पावन अवसर पर सादर आमंत्रित किया जाता है।

हाथी और बाघ संरक्षण पर आधारित एक दिवसीय अंतर्राज्यीय सम्मेलन, वन अधिकारियों ने साझा किये बेहतर कार्यप्रणाली

रायपुर-    छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों ने हाथियों और बाघों के संरक्षण के लिए ‘लैंडस्केप एप्रोच’ अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया. जो इन प्रजातियों के आवास को संरक्षित करने और उनके प्राकृतिक आवासों के बढ़ते खतरों को कम करने के लिए अत्यधिक प्रभावी माना गया.

वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार वन विभाग द्वारा विगत दिनों राजधानी रायपुर में एक दिवसीय अंतर्राज्यीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के वरिष्ठ वन अधिकारियों ने भाग लिया. यह सम्मेलन हाथियों और बाघों के संरक्षण हेतु दोनों राज्यों के बीच सर्वाेत्तम उपायों और समन्वय पर चर्चा करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी.

इस अवसर पर हाथियों और बाघों के संरक्षण के लिए संयुक्त प्रयास किए जाने के लिए दोनों राज्यों के अधिकारियों ने सहमति दी. सम्मेलन में वन्यजीवों के आवासों को सुरक्षित रखने के लिए परस्पर सर्वाेत्तम उपायों का आदान-प्रदान किया जाएगा और छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के वन विभाग दोनों राज्यों के बीच निरंतर समन्वय स्थापित कर हाथी और बाघ के संरक्षण की दिशा में सतत कार्य करने पर जोर दिया गया.

सम्मेलन में मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव)) शुभ्रंजन सेन, छत्तीसगढ़ के मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) सुधीर कुमार अग्रवाल और छत्तीसगढ़ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रेम कुमार, मध्यप्रदेश से बांधवगढ़, कान्हा और संजय गांधी टाइगर रिजर्व के वन अधिकारी सहित छत्तीसगढ़ से टाइगर रिजर्व और बिलासपुर और सरगुजा वन मंडलाधिकारी भी उपस्थित थे.