बिहार में बड़ा फेरबदल: 3 महीने में ही हटा दिए गए बिहार के DGP आलोक राज, IPS विनय कुमार को मिली कमान

राज्य सरकार ने शुक्रवार की देर शाम एक और अप्रत्याशित फैसला लिया और केवल तीन महीने पहले ही बिहार के डीजीपी बने आलोक राज को उनके पद से हटा दिया. अब आलोक राज की जगह बिहार पुलिस की कमान सीनियर आईपीएस अफसर विनय कुमार को सौंप दी गई है. राज्य सरकार के द्वारा किए गए इस अचानक और अहम बदलाव को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आलोक राज को बिहार के डीजीपी के पद से हटाने के बाद उनको महानिदेशक सह अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम बनाया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने एक और अहम बदलाव करते हुए सीनियर आईपीएस जितेंद्र सिंह गंगवार को भी जिम्मेदारी सौंपी है. जितेंद्र सिंह गंगवार अब तक महानिदेशक सह आयुक्त नागरिक सुरक्षा थे. अब आईपीएस जितेंद्र सिंह गंगवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का महानिदेशक भी बनाया गया है. इनके पास महानिदेशक सह आयुक्त, नागरिक सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार भी रहेगा.

केवल तीन् महीने में ही डीजीपी के पद से हटाए जाने वाले आलोक राज बिहार के संभवत पहले ऐसे पुलिस महानिदेशक बने हैं. जिनका कार्यकाल इतना छोटा रहा. बता दें कि राज्य सरकार ने केवल तीन माह पहले ही 1989 बैच के सीनियर आईपीएस आलोक राज को बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया था.

बिहार के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नामित विनय कुमार 1991 बैच के आईपीएस हैं. विनय कुमार अब तक बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी के पद पर तैनात थे. विनय कुमार की सेवा अवधि के अनुसार विनय कुमार अगले दो साल तक बिहार के डीजीपी बने रहेंगे. विनय कुमार की छवि एक ईमानदार और सशक्त आईपीएस की भी है

सावधान! प्रेग्नेंट महिलाएं न खाएं पैक्ड फूड, हो रहीं डायबिटीज का शिकार; रिसर्च में बड़ा खुलासा

अक्सर लोगों को रेस्टोरेंट या होटल का पैकेट बंद खाना बहुत लजीज लगता है और लोग उसे घर पर मंगवाकर भी बड़े चाव से खाते हैं, गरमा-गर्म भोजन प्लास्टिक के डिब्बे में बंद होकर आसानी से घर पहुंच जाता है, लेकिन सेहत के लिहाज से देखा जाए तो यह किसी जहर से कम नहीं है. यदि आप रेस्टोरेंट से प्लास्टिक के डिब्बे में खाना मंगवाकर गर्भवती महिलाओं को खिला रहे हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि इससे उनका शुगर लेवल बहुत बढ़ सकता है. गर्भवती महिलाओं पर डॉक्टर्स की टीम ने अध्ययन कर इस बात का खुलासा किया है.

दरअसल एक रिसर्च में ये खुलासा हुआ है कि महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान शुगर लेवल बढ़ रहा है. ज्यादातर महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हो रही हैं. यह रिसर्च भागलपुर में पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया की गई. जहां 463 गर्भवती महिलाओं पर रिसर्च किया गया. साथ ही डॉक्टरों के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि 463 में से 279 महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हैं. इसका सबसे बड़ा कारण पैकेट में बंद खाना बताया गया.

महिलाएं डायबिटीज की हो रहीं शिकार

आम तौर पर महिलाएं हो या बच्चे अब पैकेट फूड का ज्यादा सेवन करते हैं, लेकिन यह खाना गर्भवती महिलाओं के लिए खतरे से कम नहीं है. लोकल पैकेट होते हैं उसमें बिस्फेनॉल-ए केमिकल होता है, जो पैकेट के जरिए खाने के सम्पर्क में आ जाता है. जिससे गर्भधारण के दौरान प्लास्टिक बंद भोजन के सेवन से ज्यादातर महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हो जाती हैं. गर्भधारण से पहले से भी महिलाएं या युवतियां अगर बोतल बन्द पानी और पैक्ड फूड का सेवन करती हैं तो आने वाले समय में गर्भावस्था के दौरान उन्हें डायबिटीज हो सकता है

गर्भ में पल रहा बच्चा भी हो सकता है शिकार

ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे जन्म के बाद असमय डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं. जेएलएनएमसीएच के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर राजकमल चौधरी ने बताया कि प्लास्टिक में पैक्ड फ़ूड भोजन बीटा सेल्स को इफेक्ट करता है. इससे इन्सुलिन रुकता है और इसके कारण ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, जिसके कारण प्रेग्नेंट महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज बढ़ता है. इसलिए पैकेट बंद भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.

60 दिनों में फरक्का रेप केस के दरिंदे को मौत की सजा, मृत्युदंड पर क्या बोलीं ममता

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की युवा डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला अभी तक सीबीआई नहीं सुलझा पाई है, वहीं दूसरी ओर, 60 दिनों के अंदर जंगीपुर की नाबालिग लड़की के परिजनों को न्याय मिल गया. जंगीपुर के फरक्का में बलात्कार और हत्या के दोषी दीनबंधु हलदर को फांसी की सजा सुनाई गई. न्यायाधीश ने दूसरे दोषी शुबो हलदर को आजीवन कारावास की सजा देने का आदेश दिया. इससे पहले एक दूसरे मामले में दक्षिण 24 परगना के जयनगर में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म-हत्या के मामले में बारुईपुर कोर्ट ने 62 दिनों के अंदर सुनवाई पूरी कर आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोर्ट की राय पर संतोष जताया है.

कोर्ट की राय के बाद ममता बनर्जी ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर कहा कि बमुश्किल एक सप्ताह पहले पश्चिम बंगाल पुलिसऔर हमारी न्याय प्रणाली ने जॉयनगर में एक नाबालिग के साथ क्रूर बलात्कार-हत्या के अपराधी को केवल 62 दिनों के भीतर मौत की सजा दिला दी. आज 13.10.24 को फरक्का में एक और नाबालिग के साथ जघन्य बलात्कार-हत्या के दो आरोपियों में से एक को मौत की सजा दी गई है, जबकि उसके सह-आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी गई है.

कोर्ट के फैसले पर ममता ने कही ये बात

उन्होंने कहा कि मैंने यह पहले भी कहा है, और मैं इसे फिर से कहूंगी: प्रत्येक बलात्कारी कठोरतम सजा-मृत्युदंड से कम का हकदार नहीं है. एक समाज के तौर पर हमें इस घृणित सामाजिक द्वेष को मिटाने के लिए एकजुट होना होगा. मेरा मानना ​​है कि त्वरित, समयबद्ध परीक्षण और दंड एक शक्तिशाली निवारक के रूप में काम करेंगे, जिससे यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि मैं इस उपलब्धि के लिए राज्य पुलिस और अभियोजन प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को बधाई देती हूं, जबकि मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित के परिवार के साथ हैं.

दुर्गा पूजा के दौरान नाबालिक की हुई थी हत्या

पिछले 13 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के दौरान नाबालिग लड़की अपने दादा के घर घूमने आई थी. वह घर के सामने खेल रही थी. उसी दौरान नाबालिग गायब हो गयी. करीब तीन घंटे बाद नाबालिग का शव पड़ोसी दिनबंधु हलदर के घर से बरामद किया गया. नाबालिग का शव बरामद होने के बाद उत्तेजित भीड़ ने दीन बंधु की पिटाई कर दी.

कुछ दिनों तक अस्पताल में इलाज के बाद फरक्का थाने की पुलिस ने दीनबंधु हलदर को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें हत्या, सबूतों से छेड़छाड़ और POCSO अधिनियम की धारा 6 के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दीनबंधु हलदर को पुलिस हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई.

तभी पुलिस को पता चला कि इस हत्या में शुबो हलदर नाम का एक और युवक शामिल है. 19 अक्टूबर को पुलिस ने उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इसी लाइन के तहत शुबो के खिलाफ मामला दर्ज किया.

आरोपी की गिरफ्तारी के बाद 21 दिन में दाखिल हुई चार्जशीट

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, दीनबंधु और हत्याकांड के आरोपी शुब्रो के बीच उम्र का अंतर भले ही काफी है, लेकिन वे ज्यादातर दिन साथ ही रहते थे. वे भांग और शराब के आदी थे. यह भी आरोप है कि शुभ ने दीनबंधु को हत्या और नाबालिगों का यौन शोषण करने में मदद की. नाबालिग की मौत के बाद जांच में पता चला कि शुबो ने उसके शव को बैग से उठाने में भी दीनबंधु की मदद की थी.

इस हत्या के बाद जंगीपुर पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक आनंद रॉय के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था. टीम में अपर पुलिस अधीक्षक, फरक्का थाना आईसी नीलोत्पल मिश्रा समेत कई वरीय अधिकारी शामिल थे. 21 दिन बाद पुलिस ने 622 पेज की चार्जशीट दाखिल की. 52 दिन बाद 31 लोगों की गवाही खत्म हो गई. 59 दिन बाद कोर्ट ने दीनबंधु और शुबो को दोषी पाया. शुक्रवार को जज ने दीनबंधु को फांसी और शुबो को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया.

AAP विधायक नरेश बाल्यान को मकोका मामले में कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दिल्ली पुलिस ने नरेश बाल्यान को मकोका मामले में गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने 7 दिन की हिरासत पूरी होने के बाद बाल्यान को कोर्ट में पेश किया था और 10 दिन की रिमांड मांगी थी. दिल्ली में हाल ही में हुई फायरिंग की घटनाओं का हवाला देते हुए पुलिस ने नरेश बाल्यान की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी.

इससे पहले कोर्ट ने नरेश बाल्यान की रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. दिल्ली पुलिस ने मकोका मामले में बाल्यान की 10 दिन की रिमांड मांगी थी. दिल्ली पुलिस ने नरेश बाल्यान की रिमांड बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि दिल्ली में आए दिन फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं. हमें उसके सिंडिकेट का पता लगाना है. कई मामलों में लोग डर के कारण रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करा रहे हैं.

ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद हुई थी गिरफ्तारी

नरेश बाल्यान के स्वास्थ्य के बारे में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि एमआरआई कराई गई है. नरेश बाल्यान की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने बाल्यान से पूछा कि आपको कुछ कहना है? इस पर नरेश बाल्यान ने कहा कि बताए गए टेस्ट करवा लीजिए. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर को AAP विधायक नरेश बालियान को रंगदारी के एक मामले में गिरफ्तार किया था.

जांच के दौरान बालियान और कुख्यात गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ ​​नंदू के बीच एक ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद यह गिरफ्तारी की गई. इस बातचीत में कथित तौर पर व्यापारियों से रंगदारी वसूलने की योजना पर चर्चा की गई थी. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया द्वारा यह ऑडियो क्लिप जारी किए जाने के बाद यह गिरफ्तारी की गई.

नरेश बालियान की गिरफ्तारी अवैध- AAP

ऑडियो क्लिप में बालियान एक गैंगस्टर से रंगदारी वसूलने की योजना बनाते सुने गए. भाटिया ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया और आम आदमी पार्टी पर दिल्ली में रंगदारी वसूलने का नेटवर्क चलाने का आरोप लगाया. वहीं, आम आदमी पार्टी ने नरेश बालियान की गिरफ्तारी को अवैध बताया है. साथ ही ऑडियो क्लिप को फर्जी बताया है.

पुलिस इस मामले में आगे की जांच और पूछताछ कर रही है. अधिकारियों के मुताबिक, इस रंगदारी वसूली नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है, इसका पता लगाने की जांच की जा रही है. फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की जांच और पूछताछ कर रही है. गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ ​​नंदू दिल्ली के नजफगढ़ का रहने वाला है. वह फिलहाल लंदन में छिपा हुआ है.

पश्चिम बंगाल में गाय के साथ अश्लील हरकत करने वाले युवक की गिरफ्तारी, स्थानीय लोगों में फूटा गुस्सा

पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर से एक बेहद अश्लील कृत्य सामने आया है. एक स्थानीय निवासी गाय के साथ अश्लील हरकत करते पाया गया. कुछ लोगों ने उसे ऐसा करते देखा और रंगे हाथ पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे थाने लेकर गई.

इस घटना से स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है. यह घटना पश्चिम मिदनापुर जिले के सबांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत मोहद इलाके में हुई. पुलिस ने मोती घाटा नाम के 30 वर्षीय युवक को इस मामले में गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि स्थानीय निवासियों ने युवक की शिकायत पुलिस से की है. उसे गुरुवार को मिदनापुर की एक अदालत में पेश किया गया.

लोगों का फूटा गुस्सा

घटना के बाद से ही स्थानीय निवासी गुस्से में हैं. हर कोई इसकी कड़ी निंदा कर रहा है. उन्होंने इलाके में प्रशासनिक गतिविधियां बढ़ाने की भी मांग की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. पशु प्रेमी भी संघर्ष कर रहे हैं. साथ ही आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है.

जागरूकता अभियान की मांग

आए दिन देश के विभिन्न इलाकों से ऐसी ही घटना देखने को मिल रही है जिसमें जानवरों के साथ अश्लील कृत्य की बात सामने आ रही है. उन्होंने मांग की कि प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत जागरूकता अभियान शुरू करना चाहिए. अगर आरोपी दोषी पाए जाते हैं तो कठोर सजा मिलनी चाहिए.

ये एक गंभीर अपराध

भारत में पशुओं के साथ इस तरह के गलत व्यवहार के मामले में पुलिस आईपीसी की धारा 377 के तहत केस दर्ज करती है. धारा 377 में आरोप सिद्ध होने पर आजीवन कारावास या 10 वर्ष तक की जेल हो सकती है.

जानवरों के साथ क्यों करते हैं लोग?

मनोचिकित्सकों के अनुसार ऐसे कृत्य एक असामान्य मानसिक विकार, जिसे पैरीफीलिया और बेस्टीएलिटी कहा जाता है. हो सकते हैं. इस विकार में व्यक्ति जानवरों के साथ संबंध बनाने की प्रवृत्ति रखता है, और यह आमतौर पर मानसिक आघात या शोषण का परिणाम हो सकता है.

महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में आरोपी संदीप घोष और अभिजीत मंडल को मिली जमानत,90 दिनों के बाद भी चार्जशीट दायर नहीं कर पाई CBI

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में 90 दिनों के बाद भी सीबीआई चार्जशीट दायर नहीं कर पाई. उसके मद्देनजर इस मामले में गिरफ्तार आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व आईसी अभिजीत मंडल को जमानत मिल गयी. कोर्ट ने दोनों को 2000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी

जमानत मिलने के बाद भी कई शर्तें दी गई हैं. मालूम हो कि शर्त पूरी होने पर ही अभिजीत मंडल को जेल से रिहा किया जायेगा. लेकिन, मालूम हो कि संदीप घोष की जेल से रिहाई अब संभव नहीं है. क्योंकि उनके खिलाफ आरजी कर भ्रष्टाचार का मामला भी चल रहा है. उस मामले में संदीप घोष को जेल में रहना होगा.

बता दें कि सीबीआई ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल पर लेडी डॉक्टर हत्या-बलात्कार मामले में सबूतों को गलत साबित करने का आरोप लगाया था. इसके अलावा मामले में प्रभाव डालने के आरोप भी कई बार सामने आए हैं.

90 दिनों के बाद चार्जशीट नहीं दायर कर पाई सीबीआई

लेकिन, आज की सुनवाई में देखा गया कि सीबीआई दोनों आरोपियों को हिरासत में नहीं लेना चाहती थी. तभी जमानत की संभावना प्रबल हो गई थी. इस बीच, आरोपपत्र दाखिल करने की 90 दिन की समयसीमा भी बीत चुकी है. आखिरकार संदीप घोष और अभिजीत मंडल को इस मामले में जमानत मिल गई.

शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट आरजी हत्या और रेप के मामले की सुनवाई कर रही थी. सीबीआई ने कहा कि इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किए गए संदीप और अभिजीत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की समय सीमा खत्म हो गई है. वे आरोप पत्र नहीं दे रहे हैं. इसलिए कोर्ट से कानून के मुताबिक फैसला लेने को कहा.

मृत डॉक्टर के पिता ने जताई निराशा

दूसरी ओर, संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत मिलने की खबर पर मृत डॉक्टर के पिता ने निराशा जताई. उन्होंने कहा कि इस बात के सबूत मिले हैं कि वे जांच सही तरीके से नहीं कर रहे हैं. हमें अब उच्च न्यायालय जाना होगा.

बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या कर दी गई थी. रेप और हत्या का मामला गरमा गया था. रेप और हत्या के मामले की जांच के बाद कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर्स संजय रॉय को अरेस्ट किया था. बाद में सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की तो बार-बार संदीप घोष और अभिजीत मंडल से पूछताछ की गई. पहले आरजी कर भ्रष्टाचार मामले में और फिर बाद में रेप मामले में दोनों को सीबीआई ने अरेस्ट किया था.

जयपुर के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ब्लड कैंसर से पीड़ित 10 साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत, चूहे ने काटा था पैर का अंगूठा

जयपुर के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ब्लड कैंसर से जूझ रहे 10 साल के बच्चे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बीते दिनों अस्पताल में बच्चे के पैर के अंगूठे को चूहे ने कुतर दिया था. बच्चे के रोने के बाद जब परिजनों ने देखा तो पैर से खून बहता मिला और वहां उन्हें चूहा दिखाई दिया. परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ को जानकारी दी तो स्टाफ ने मामले को सीरियसली नहीं लिया और बच्चे के पैर पर पट्टी बांध दी. वहीं, इस बारे में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा का कहना है कि बच्चे की हालत काफी गंभीर थी, लाख प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका.

अस्पताल में भर्ती 10 साल के अंश ने शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान तोड़ा दम दिया. परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे थे. बुधवार को पीड़ित बच्चे को ओंकोलॉजी विभाग में दिखाने के बाद पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कराया गया था. परिजनों ने बताया कि इलाज के दौरान जब बच्चा अस्पताल के बेड पर था तो वह बहुत तेज रोया. जब उन्होंने बच्चे के ऊपर पड़ा कंबल हटाया तो उसमें से एक चूहा निकलते देखा. जब उन्होंने बच्चे के पैर को देखा तो उसमें से खून बह रहा था.

परिजनों ने चूहे से बचने के लिए छत पर लगाए टेप

मृतक बच्चे अंश के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वार्ड में चूहे घूमते रहते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने खुद चूहों की रोकथाम के लिए वार्ड की छत पर टेप लगाया था. उनका कहना है कि चूहे ने उनके बेटे के पैर के अंगूठे की कुतर दिया था. जब उन्होंने देखा तो अंगूठे से खून बह रहा था. उन्होंने इसकी जानकारी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को दी. उन्होंने सिर्फ बेटे के पैर में पट्टी बांधी थी. इस पूरे घटनाक्रम के बाद शुक्रवार सुबह बच्चे ने दम तोड़ दिया.

शरीर पर हो गए थे अल्सर

मामले को लेकर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर संदीप जसूजा का कहना है कि बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उसके पूरे शरीर पर अल्सर हो गए थे. चूहे काटने की बात पर भी उन्होंने कहा कि बच्चे की मां ने चूहा देखा था, लेकिन जब प्रशासन पहुंचा तो चूहा दिखाई नहीं दिया. डॉक्टर संदीप ने बताया कि बच्चा काफी सीरियस हालत में था. अल्सर की वजह से उकसे पट्टी बंधी हुई थी. बच्चे को चूहे ने काटा यह उनकी मां को भी कन्फर्म नहीं है. उनका कहना है कि अस्पताल में सफाई का ठेका बदला गया है. ठेकेदार नया है उसे समझने में अभी वक्त लगेगा.

हैदराबाद के संध्या भगदड़ केस में अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी:घटना के लिए वो कैसे जिम्मेदार? क्या है इस घटना के पीछे की सच्चाई?

हैदराबाद के संध्या भगदड़ केस में साउथ सुपर स्टार अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ के लिए उन्हें चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन ले जाया गया है. मगर सवाल यही उठ रहा है कि संध्या थिएटर में घटी उस घटना के लिए अल्लू अर्जुन कैसे जिम्मेदार हैं? दरअसल, चार दिसंबर को पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग के दौरान थिएटर में भगदड़ मची थी.

इस भगदड़ में एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई जबकि उसका बेटा घायल हो गया. दोनों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया जबकि बेटे की हालत को गंभीर बताते हुए उसका इलाज जारी रखा. इस घटना के बाद अल्लू अर्जुन, उनके बाउंसर और संध्या थिएटर के खिलाफ हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया.

घटना के लिए वो कैसे जिम्मेदार?

मगर सवाल वही है कि इस घटना के लिए अल्लू अर्जुन जिम्मेदार कैसे? यह इसलिए क्योंकि संध्या थिएटर की तरह ही बाकी थिएटरों में पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग हुई लेकिन वहां हादसा नहीं हुआ लेकिन संध्या थिएटर में अल्लू अर्जुन को देखने काफी संख्या में उनके फैंस आ गए, जिसका अंदाजा न अल्लू अर्जुन को था और नहीं थिएटर के मालिक को.

माफी भी मांगी, 25 लाख रुपये भी दिए

इसका नतीजा ये हुआ कि अल्लू अर्जुन के पहुंचते ही वहां भगदड़ मच गई और इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई. इसके बाद इसको लेकर जमकर बवाल काटा गया. अल्लू अर्जुन ने इस घटना पर दुख जताया और पीड़ित परिवार से माफी भी मांगी. साथ ही मुआवजा और इलाज का भी वादा किया. अल्लू अर्जुन ने पीड़ित परिवार को मदद के तौर पर 25 लाख रुपये भी दिए. इसके बावजूद उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ और आज पुलिस ने अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया. चिक्कड़पल्ली थाने में उनसे पूछताछ की जा रही है.

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस ने भगदड़ की वजह से संध्या थिएटर प्रबंधन को बताया. पुलिस ने बताया कि थिएटर प्रबंधन ने अल्लू अर्जुन के आने की जानकारी नहीं दी. घटना उस समय हुई जब अल्लू अर्जुन अपने बाउंसर के साथ अंदर जा रहे थे. जब इस घटना के लिए थिएटर प्रबंधन जिम्मेदार है तो फिर अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी कैसे हुई, यह सवाल बना हुआ है.

फिल्म की 1000 करोड़ से ज्यादा की कमाई

अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा 2’ देश विदेश में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर चुकी है. उम्मीद है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद इस फिल्म की कमाई में और बढ़ोतरी होगी.

इस्तांबुल एयरपोर्ट पर फंसे इंडिगो के 400 यात्री: 24 घंटे से नहीं मिला खाना और रहने की सुविधा

इस्तांबुल एयरपोर्ट पर पिछले 24 घंटे से इंडिगो के 400 यात्री फंसे हुए हैं. फ्लाइट (6E0018) में देरी की वजह से ऐसा हुआ है. एयरलाइन का कहना है कि ऑपरेशनल रीजन के कारण फ्लाइट में देरी हो रही है. जो यात्री फंसे हुए हैं, वो नई दिल्ली, मुंबई और तुर्किए के हैं. इन्हे न खाने के लिए खाना मिल रहा है और रहने के लिए कोई खास सुविधा. पिछले 24 घंटे ये सभी यात्री एयरपोर्ट पर ही फंसे पड़े हैं.

फ्लाइट में देरी को लेकर यात्रियों में खासा नाराजगी है. यात्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और लिंक्डइन पर दावा किया कि उड़ान में पहले देरी हुई और फिर बिना किसी सूचना के रद्द कर दिया गया. इन यात्रियों में से एक अनुश्री भंसाली ने कहा कि उड़ान में दो बार एक घंटे की देरी हुई, फिर रद्द कर दिया गया और अंत में 12 घंटे बाद रीशेड्यूड किया गया. यही कारण है कि यात्री पिछले 24 घंटे से यहां फंसे हैं.

यात्रियों ने इंडिगो एयरलाइन पर बोला हमला

यात्रियों ने थकावट और बुखार की शिकायत की है. यात्रियों ने कहा कि उन्हें न यहां खाने को कुछ मिल रहा है और न ही रहने का कोई इंतजाम किया गया है. यहां तक ​​कि एयरपोर्ट पर इंडिगो के प्रतिनिधि ने भी उनसे संपर्क नहीं किया. मुंबई जाने वाले पार्श्व मेहता ने ट्वीट कर कहा, रात 8.15 बजे विमान के उड़ान भरने का समय था, जिसे रात 11 बजे तक टाल दिया गया और फिर अगले दिन सुबह 10 बजे तक टाल दिया गया. इंडिगो की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई. तुर्की एयरलाइंस के चालक दल से जानकारी प्राप्त की गई.

अल्टरनेटिव फ्लाइट की नहीं की गई पेशकश

पार्श्व मेहता ने एक के बाद एक ट्वीट कर एयरलाइन पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कोई अल्टरनेटिव फ्लाइट की पेशकश नहीं की गई. इससे संबंधित कई जानकारी साझा नहीं की गई. इस तरह के बेकार अनुभव के बाद आप यात्रियों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे आपकी एयरलाइन पर भरोसा करे. हमें बताया गया कि हमें मुआवजे के तौर पर इस्तांबुल हवाई अड्डे पर लाउंज की सुविधा मिलेगी लेकिन लाउंज इतनी बड़ी संख्या में फंसे यात्रियों के लिए बहुत छोटा था. हममें से कई लोग घंटों खड़े रहे.

इंदौर में भिखारी मुक्त अभियान: 14 भिखारियों को पकड़ा, एक महिला ने 10 दिन में इकट्ठा किए 75 हजार रुपये

इंदौर को भिखारी मुक्त की दिशा में महिला बाल विकास विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने शहर में कार्रवाई करते हुए 14 भिखारियों को पकड़ा है. इन सभी भिखारियों में से एक महिला भिक्षावृत्ति करते हुए 10 से 12 दिन में 75 हजार रुपये इकट्ठा कर लिए. महिला बाल विकास विभाग ने महिला को उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा है.

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त करने के अभियान के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही रही है. महिला बाल विकास अधिकारी दिनेश मिश्रा के नेतृत्व में इसी कड़ी में करीब 14 अलग-अलग टीम शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास भीख मांगने वाले लोगों को पड़कर सेवा धाम आश्रम उज्जैन भेज रही है.

75 हजार से ज्यादा की रकम की बरामद

कलेक्टर आशीष के आदेश के बाद महिला बाल विकास की टीम ने सुबह आठ बजे से कार्रवाई शुरू की. इस दौरान टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में भीख मांग रही महिलाओं के अलावा कुछ बुजुर्ग व्यक्तियों को भी पकड़ा और सभी को कलेक्टर के आदेश पर उज्जैन के सेवा धाम आश्रम भेजा गया. महिला बाल विकास विभाग की टीम को इसी दौरान राजवाड़ा के शनि मंदिर पर भीख मांगती हुई एक महिला मिली, जिसकी जांच करने पर टीम ने उसकी साड़ी के भीतर छुपा कर रखे गए 75 हजार से ज्यादा की रकम बरामद की.

पकड़े लोगों को भेजा जा रहा है आश्रम

परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि महिला ने 10 से 12 दिन में भीख मांग कर यह राशि इकट्ठा की थी. महिला इंदौर के पालदा इलाके की रहने वाली है. इसके अलावा शहर में कुछ ऐसे परिवार भी है जो 7 से 8 बार भीख मांगने की वजह से पकड़े जा चुके हैं और वह लगातार भीख मांगने के पैशे से ही जुड़े हुए हैं. फिलहाल सभी भिखारियों को उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में भेजा गया है, जहां उनकी काउंसलिंग करा कर उन्हें भिक्षा वृत्ति छोड़कर समाज की मुख्य धारा में वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है.