भारत विरोधी भावनाएं भड़का रहा बीएनपी, बांग्लादेश के लिए “Boycott India” कितना मुश्किल
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* शेख हसीना के तख्तापलट और नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद बांग्लादेश ने एक अलग ही राह पकड़ ली है। वो राह जो भारत से दूर करता है। बीते कुछ दिनों से लगातार भारत के खिलाफ मुखर बांग्लादेश अब हदों को पार करता हुआ नजर आ रहा है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ बढ़े अत्याचार के बीच अब राजनीतिक दलों ने बॉयकाट इंडिया का नारा बुलंद करना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव ने अपनी पत्नी का भारतीय साड़ी जलाने के साथ ऐलान किया कि मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स का बायकाट किया जाएगा। बांग्लादेश, भारत से आने वाली किसी भी सामान का बहिष्कार करेगा। हालांकि, ये तकनीकि रूप से असंभव सा है। बांग्लादेश की जैसी भौगोलिक स्थिति है, उसमें भारत के साथ उसके संबंध काफ़ी अहम हो जाते हैं। बांग्लादेश को 'इंडिया लॉक्ड' मुल्क कहा जाता है। दरसअल, बांग्लादेश की 94 प्रतिशत सीमा भारत से लगती है। भारत और बांग्लादेश के बीच 4,367 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है और यह उसकी अंतरराष्ट्रीय सीमा का 94 फ़ीसदी है। यानी बांग्लादेश लगभग चारों तरफ़ से भारत से घिरा हुआ है। ऐसे में बांग्लादेश सुरक्षा और व्यापार के मामले में भारत पर निर्भर है। हाल ही में बीएनपी के महासचिव ने रूहुल कबीर रिजवी ने अपनी पत्नी की भारत से ली हुई साड़ी जलाते हुए भारत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। रिज़वी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि भारतीय प्रोडक्ट्स का समर्थन करने के बजाय हमें अपनी अर्थव्यवस्था में निवेश करना चाहिए। वहीं उनका ये भी मानना है कि भारतीय प्रोडक्ट्स का बॉयकॉट शांतिपूर्वक लेकिन सबसे ताकतवर जवाब है। रिजवी के मुताबिक चाहे हम (बांग्लादेशी आवाम)दिन में एक ही बार खाना खा पाएं लेकिन उसके बाद भी हम गर्व से खड़े होंगे और आत्मनिर्भर रहेंगे। *किस हद तक निर्भरता?* बीएनपी का ये “बायकाट इंडिया” का आह्वान बड़ा ही हास्यास्पद है।बांग्लादेश चावल, गेहूं, प्याज, लहसुन, चीनी, कॉटन, अनाज, रिफाइंड पेट्रोलियम, इलेक्ट्रिक उपकरण, प्लास्टिक और इस्पात के लिए भारत पर निर्भर है। बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग भारत से जाने वाले कच्चे माल पर निर्भर है। अगर भारत से बांग्लादेश का संबंध और बिगड़ता है तो उसका निर्यात प्रभावित होगा। इसका असर जीडीपी पर पड़ेगा और फिर महंगाई के साथ बेरोज़गारी बढ़ेगी। बांग्लादेश के लिए भारत से संबंध खराब होने की कीमत चुकाना आसान नहीं होगा। *एशिया में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार* बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और भारत एशिया में बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। बांग्लादेश एशिया में सबसे ज़्यादा निर्यात भारत में करता है। बांग्लादेश ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत में दो अरब डॉलर का निर्यात किया था। वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 15.9 अरब डॉलर का था। 2021 में बांग्लादेश में भारत का निर्यात 14 अरब डॉलर का था जो कि 2022 में 13.8 अरब डॉलर था। 2023 में यह घटकर 11.3 अरब डॉलर हो गया। बांग्लादेश में भारत के निर्यात कम होने के पीछे की मुख्य वजह मांगों में आई कमी थी। जानकार बताते हैं कि मांग में ये कमी रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से सप्लाई चेन में आई बाधा के कारण हुई। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था कोविड महामारी के पहले वाले दौर में अब भी नहीं आ पाई है। इसी बीच शेख़ हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा। भारत के साथ ख़राब होते संबंधों के कारण बांग्लादेश को आर्थिक मोर्चे पर एक और चोट लग सकती है। *पाक-चीन के करीब आ रहा बांग्लादेश* पिछले महीने ही पाकिस्तान का एक मालवाहक पोत कराची से बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित चटगांव बंदरगाह पर पहुँचा था। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच यह पहला समुद्री संपर्क हुआ था। इससे पहले दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार सिंगापुर या कोलंबो के जरिए होता था। यह पाकिस्तान के साथ करीबी बढ़ने की ठोस शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। बांग्लादेश में निवेश का चीन सबसे बड़ा स्रोत है। बांग्लादेश चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है। चीन ने बांग्लादेश में सात अरब डॉलर का निवेश किया है और 2023 में चीन ने बांग्लादेश में 22 अरब डॉलर का निर्यात किया था। *क्या भारत की जगह कोई और ले सकता है?* हालांकि, पिछले डेढ़ दशक में बांग्लादेश ने आर्थिक प्रगति की जो राह पकड़ी थी, वो राह भारत से ख़राब होते संबंधों के कारण अड़चनों से भरती दिख रही है। भारत एक बड़ा मुल्क है। किसी छोटे देश से संबंध बिगड़ता है तो बड़े पर असर कम पड़ता है। पाकिस्तान से पिछले सात सालों से भारत के राजनयिक संबंध नहीं हैं लेकिन इसका असर भारत पर नहीं पड़ा। पाकिस्तान पर ज़रूर पड़ा है। भारत से जो सामान जिस क़ीमत में बांग्लादेश पहुँचता है, उस क़ीमत में कोई भी देश नहीं दे सकता है। भारत से बांग्लादेश सामान जाने में परिवहन का खर्च कम होता है लेकिन वही सामान चीन से आएगा या दूसरे देशों से तो ज़्यादा महंगा हो जाएगा। अगर बांग्लादेश को ये बर्दाश्त है तो ठीक है। बांग्लादेश के लिए भारत जो मायने रखता है, उसकी भरपाई चीन नहीं कर सकता है
बांग्‍लादेश की 271 किलोमीटर सीमा पर इस विद्रोही सेना का कब्जा, जानें पूरा मामला

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भारत पर आंखे तरेर रहे बांग्लादेश की मुसीबत बढ़ने वाली है। म्यांमार में विद्रोही गुट अराकान आर्मी ने बांग्लादेश से सटे शहर माउंगदाव पर कब्जा करने का दावा किया है। माउंगदाव अराकान राज्य का उत्तरी इलाका है। यह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके से सटा हुआ है और 271 किमी लंबी सीमा साझा करता है।म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध में विद्रोही लड़ाकों को बड़ी कामयाबी मिली है और जुंटा शासन की सेना की जबरदस्त हार हुई है। अराकान आर्मी (एए) ने सेना के बेहद मजबूत ठिकाने, बीजीपी5 बैरक पर कब्जा कर लिया है। यह बैरक रखाइन राज्य में बांग्लादेश की सीमा के पास है।

न्यूज एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार की सेना से लड़ने वाले सबसे शक्तिशाली जातीय अल्पसंख्यक सशस्त्र समूहों में से एक ने रणनीतिक पश्चिमी शहर मौंगडॉ में अंतिम सेना चौकी पर कब्ज़ा करने का दावा किया है,जिससे बांग्लादेश के साथ 271 किलोमीटर (168 मील) लंबी सीमा पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त हो गया है। अराकान सेना द्वारा कब्ज़ा करने से समूह का रखाइन राज्य के उत्तरी भाग पर नियंत्रण पूरा हो गया है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार में 2021 में सेना के सत्ता हथियाने के बाद से ही अराकान आर्मी लड़ रही है और कई इलाकों पर कब्जा कर चुकी है। इस कड़ी में बीजीपी5बेस पर कब्जा अराकान आर्मी की सबसे बड़ी जीत है। इससे सेना की स्थिति काफी कमजोर हो गई है और विद्रोही गुट का प्रभाव बढ़ गया है। बीजीपी5बेस म्यांमार सेना के लिए रखाइन राज्य में आखिरी गढ़ था। एए ने इस बेस पर कई महीनों से घेराबंदी कर रखी थी और भीषण हमले के बाद आखिरकार कब्जा कर लिया। रोहिंग्या बहुल इलाके में बना यह बेस लगभग 20 हेक्टेयर में फैला है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार में मिलिट्री सरकार के खिलाफ कई गुट लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने मिलकर एक एलायंस बनाया है जिसमें म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी (एमएनडीएए), तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी (टीएनएलए) और अराकान आर्मी शामिल हैं।

ये गुट कई सालों से म्यांमार की सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। पहले इनका मकसद अपने इलाके और समुदाय के हितों की मांग करना था लेकिन अब एलांयस का मकसद म्यांमार की सैन्य सरकार को उखाड़ फेंकना है। साल 2021 में सेना ने म्यांमार में चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसके बाद स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।

सू की फिलहाल राजधानी नेपीता में 27 साल की सजा काट रही हैं। इसके बाद मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। सेना ने देश में 2 साल के आपातकाल की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में इसे बढ़ा दिया ग

अराकान सेना द्वारा रखाइन राज्य पर कब्ज़ा करने और बांग्लादेश के साथ 270 किलोमीटर लंबी म्यांमार सीमा पर पूर्ण नियंत्रण की खबरों के बीच कॉक्स बाजार में स्थानीय लोग और रोहिंग्या डरे हुए हैं। सुरक्षा चिंताओं के कारण, टेकनाफ उपजिला प्रशासन ने कल नाफ पर यातायात पर प्रतिबंध लगा दिया, जो टेकनाफ और म्यांमार क्षेत्र के बीच बहती है।

लोकसभा में प्रियंका गांधी का पहला भाषण, सत्ता पक्ष पर भड़कीं, जानें क्या कहा

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लोकसभा में संविधान पर चर्चा जारी है। संविधान पर बहस के दौरान लोकसभा में प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहला भाषण दिया। लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान पहली बार बोलते हुए प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान प्रियंका गांधी 32 मिनट तक बोलीं। इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना, अदाणी मुद्दे, देश की एकता जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का जिक्र करके भी सत्ता पक्ष को घेरा। संसद में दिए अपने पहले ही भाषण में वाड्रा महफिल लूट ली गईं। विपक्षी सदस्यों ने भाषण के दौरान बार-बार मेजें थपथपाई।

संविधान केवल दस्तावेज नहीं...-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में कहा कि भारत हजारों साल पुरानी संवाद और चर्चा की परंपरा वाला देश है। हमारी संस्कृति में वाद-विवाद और संवाद की गहरी जड़ें हैं, जो अलग-अलग धर्मों और समाजों में भी दिखाई देती हैं। इसी परंपरा से प्रेरित होकर हमारा स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ, जो अहिंसा और सत्य पर आधारित था। यह आंदोलन लोकतांत्रिक था, जिसमें हर वर्ग ने हिस्सा लिया। इसी संघर्ष से उभरी एक सामूहिक आवाज, जिसने हमारे संविधान का रूप लिया। यह संविधान केवल दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह न्याय, अभिव्यक्ति और आकांक्षाओं का दीपक है।

उन्नाव, हाथरस की घटनाओं का किया उल्लेख

प्रियंका गांधी ने कहा कि इस संविधान ने हर नागरिक को अधिकार दिया कि वो सरकार बना भी सकता है और सरकार बदल भी सकता है। संविधान की जोत ने हर नागरिक को यह विश्वास दिया कि देश बनाने में उसकी भी भागीदारी है। उन्नाव में मैं एक रेप पीड़िता के घर गई, उसे जलाकर मार डाला गया। हम सब के बच्चे हैं, हम सोच सकते हैं कि उस पर क्या बीती होगी। पीड़िता ने अकेले अपनी लड़ाई लड़ी। ये लड़ने की क्षमता और ये हिम्मत उस पीड़िता को और करोड़ों महिलाओं को ये ताकत हमारे संविधान दी। मैं हाथरस गई, वहां अरुण बाल्मिकी एक पुलिस स्टेशन में साफ-सफाई का काम करता था, उसे चोरी के आरोप में पीटा गया, उसकी मौत हुई। उसके परिवार ने कहा हमें न्याय चाहिए और ये ताकत उन्हें हमारे संविधान ने दी।

संविधान रूपी सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया गया-प्रियंका गांधी

लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान हमारे देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण करता है। लेकिन सत्ताधारी दल ने पिछले 10 वर्षों में इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। अगर चुनाव के नतीजे कुछ अलग होते, तो शायद संविधान बदलने का काम भी शुरू हो जाता। लेकिन जनता ने इसे रोक दिया।

पंडित नेहरू का नाम लेकर सत्ता पक्ष को घेरा

प्रियंका गांधी ने कहा कि 'आज जनता की मांग है कि जाति जनगणना हो। सत्ता पक्ष ने भी इसका जिक्र इसलिए किया ताकि आम चुनाव के ऐसे नतीजे आए। जब चुनाव में पूरे विपक्ष ने जातीय जनगणना की आवाज उठाई तो सत्ता पक्ष ने गंभीरता नहीं दिखाई। संविधान ने आर्थिक न्याय की नींव डाली। भूमि सुधार किया, जिनका नाम लेने से आप झिझकते हैं, उन्होंने (पंडित नेहरू) ही एचएएल, ओएनजीसी, आईआईटी तमाम पीएसयू बनाए। उनका नाम पुस्तकों , भाषणों से मिटाया जा सकता है, लेकिन देश निर्माण में उनकी जो भूमिका रही, उसे कभी नहीं मिटाया जा सकता।

अडानी के नाम पर सरकार को घेरा

वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रिंका गांधी ने कहा कि पहले संसद चलती थी कि लोगों की उम्मीद होती थी कि संसद मुद्दों पर चर्चा करेगी, कोई आर्थिक नीति बनेगी तो उनकी भलाई होगी। आज संसद में बैठे सत्ता पक्ष के लोग अतीत की बात करते हैं, वर्तमान की बात करिए। देश को बताइए आपकी क्या जिम्मेदारी है, आप क्या कर रहे हैं। देश का किसान आज परेशान है। छोटे किसान रो रहे हैं, क्योंकि एक व्यक्ति के लिए सबकुछ बदला जा रहा है। अडानी को सारे कोल्ड स्टोरेज इस सरकार में दिए गए। देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए 142 करोड़ जनता को नकारा जा रहा है। सारे बिजनेस, सारे संसाधन और सारे मौके एक ही व्यक्ति को सौंपे जा रहे हैं। सारे बंदरगाह, खदाने, एयरपोर्ट्स एक व्यक्ति को दिए जा रहे हैं। जनता के मन में एक विश्वास होता था कि अगर कुछ नहीं है तो संविधान उनकी रक्षा करेगा, लेकिन आज देश में गैर बराबरी बढ़ रही है। अमीर और अमीर हो रहे हैं और गरीब, ज्यादा गरीब हो रहा है।

ईडी-सीबीआई और आईटी की जिक्र

सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए देश की एकता को भी ताक पर रखा जा रहा। इनका कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्से हैं, लेकिन संविधान कहता है कि देश एक है और एक ही रहेगा। जहां खुला संवाद और अभिव्यक्ति का कवच होता था, वहां इन्होंने भय का माहौल पैदा किया। इस देश की जनता ने निडर होकर देश की सत्ता को ललकारा, उन्हें चेतावनी दी, उनसे जवाब मांगा। इस देश के घर-घर, गली-मोहल्ले और न्यायपालिका में चर्चाएं कभी बंद नहीं हुईं, लेकिन आज जनता को सच बोलने से डराया-धमकाया जाता है। सभी का मुंह बंद कराया जाता है, किसी पर ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग पर फर्जी मुकदमे लगाए जाते हैं।

देश भय से नहीं चल सकता-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि यह देश भय से नहीं, साहस और संघर्ष से बना है। इसे बनाने वाले किसान, मजदूर और करोड़ों जनता है। ये देश भय से नहीं चल सकता। भय की भी एक सीमा है, जब उसे इतना दबाया जाता है और उसके पास उठ खड़े होने के सिवाय कोई चारा नहीं होता। ये देश कायरों के हाथों में ज्यादा दिनों तक नहीं रह सकता। ये देश लड़ेगा, सत्य मांगेगा।

एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं, अपने पूर्वजों से यही सीखा', राजनाथ सिंह का राहुल गांधी पर तंज
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* लोकसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा की शुरुआत हुई सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा शुरू की। संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमले बोला। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस हमेशा भारत के संविधान निर्माण के काम को हाईजैक करने की कोशिश करती रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है, लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष द्वारा ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा की गई है। *कांग्रेस शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन हुआ-राजनाथ सिंह* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया।कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किया है बल्कि दुर्भावना के साथ-साथ धीरे-धीरे संविधान को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब देश के पीएम थे,तो उस समय लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के समय लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय लगभग 10 बार और मनमोहन सिंह के वक्त 7 बार संविधान में बदलाव किया गया। *कांग्रेस ने विरोधियों को चुप करने के लिए किए संशोधन-राजनाथ सिंह* राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए अधिकांश संविधानिक संशोधन या तो विरोधियों और आलोचकों को चुप कराने के लिए किए गए या तो गलत नीतियों को लागू करने के लिए किए गए। उन्होंने कहा कि आप पहले संविधान संशोधन को ही ले लीजिए, साल 1950 में प्रेस में कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों की आलोचना हो रही थी। ऐसे में तब की कांग्रेस की सरकार ने आरएसएस के साप्ताहिक प्रकाशन ऑर्गेनाइजर और मद्रास से निकलने वाली पत्रिका क्रॉस रोड को प्रतिबंधित कर दिया था। *राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कसा तंज* यही नहीं, लोकसभा के उप नेता ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर जोरदार तंज कसा। सिंह ने कहा, एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को 'हाईजैक' करने की कोशिश हमेशा से की गई है। भारत में संविधान निर्माण के इतिहास से जुड़ी ये सब बातें लोगों से छिपायी गई हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, आज विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं। असल में उन्होंने बचपन से ही यही सीखा है। उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है।लेकिन भाजपा संविधान को सिर माथे पर लगाती है। हमारी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति पूरी तरह साफ है।
अल्लू अर्जुन गिरफ्तार, संध्या थिएटर भगदड़ मामले में पुलिस का एक्शन, एक महिला की हुई थी मौत

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दक्षिण भारतीय फ़िल्मों के स्टार अल्लू अर्जुन को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ़्तार किया है। एक सिनेमा हॉल में उनकी फ़िल्म पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ में एक महिला की मौत के बाद उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था।दरअसल, पुष्पा 2 का 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या सिनेमा में प्रीमियर रखा गया था। जहां पर एक्टर के अचानक से पहुंचने से फैंस बेकाबू हो गए थे और इस दौरान भगदड़ मच गई थी। जिससे एक महिला की मौत हो गई थी और उसका बच्चा बुरी तरह से जख्मी हो गया था।

फिल्म ‘पुष्पा-2’ और खुद अल्लू अर्जुन की पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा है कि लोग उनकी एक झलक देखने को आतुर रहते हैं। इस कड़ी में वो अपने फिल्म का प्रमोशन करने अलग-अलग जा रहे थे और इसी क्रम में वो संध्या थिएटर भी पहुंचे थे। फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान हुए हादसे के बाद अल्लू अर्जुन और थिएटर प्रबंधन पर मामला दर्ज किया था।

इस घटना पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले को खारिज करने की मांग करते हुए अल्लू अर्जुन ने 11 दिसंबर को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि इस घटना में महिला की मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि किसी फिल्म की रिलीज के मौके पर थिएटर में आना उनके लिए स्वाभाविक है, लेकिन उन्होंने कहा कि वह पहले भी कई बार थिएटर में आ चुके हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुईं। एक्टर ने कहा कि उन्होंने थिएटर प्रबंधन और एसीपी को सूचित किया कि वह थिएटर के पास आ रहे हैं। उनके मुताबिक, कोई लापरवाही नहीं हुई और आरोप झूठे हैं।

वहीं, हादसे के बाद से ही वो (अल्लू अर्जुन) पीड़ित परिवार को सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने इस हादसे पर दुख भी जताया और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद और इलाज का वादा भी किया था। अल्लू अर्जुन ने परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया था।

राज्यसभा में भारी हंगामा, सभापति धनखड़ और खरगे के बीच तीखी बहस

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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ।राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। राज्यसभा सभापति और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस हुई।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने और पक्षपातपूर्ण रवैये पर आज सदन में कहा, “मैं आपसे सोचने के लिए कहता हूं। अपने हाव-भाव देखें और आप क्या कह रहे हैं, इस पर भी गौर करें। मैंने इसे बहुत सहन कर लिया। आज का किसान सिर्फ खेती तक ही सीमित नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “पहले आप लोग नियमों को पढ़ें, अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो यह 14 दिनों में आएगा।” उन्होंने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप समय निकालें और मुझसे मिलें। अगर नहीं तो मैं आकर आपसे मिलूंगा।”

सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के व्यवहार पर कहा, “मैं किसान का बेटा हूं और मैं कमजोर नहीं पड़ूंगा। मैं इस देश के लिए मर जाऊंगा। आप सोचेंगे नहीं और सिर्फ आश्चर्य करेंगे कि एक किसान का बेटा इस पद पर क्यों बैठा है।

बहस के दौरान खरगे ने कहा कि हम यहां देश के लिए हैं आपकी तारीफ सुनने के लिए नहीं हैं। इस पर धनखड़ ने कहा कि देश जानता है कि आपको किसकी तारीफ पसंद है। खरगे ने कहा कि आप सदन को परंपरा से चलाइए। इस दौरान धनखड़ ने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं, झुकुंगा नहीं। जिसके बाद खरगे ने कहा कि आप किसान के बेटे हैं तो मैं भी मजदूर का बेटा हूं।

अब आरबीआई को बम से उड़ाने की धमकी, रूसी भाषा में आया मेल, जांच में जुटी पुलिस
#governor_of_reserve_bank_of_india_gets_threat_mail
* देश की राजधानी दिल्ली में आए दिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिल रही ही। इसी क्रम में गुरूवार रात को भी कई स्कूलों को धमकी भरा ई-मेल आया। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक को शुक्रवार को एक धमकी भरा ईमेल मिला। इसमें आरबीआई के मुंबई कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। धमकी भरा मेल आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की आधिकारिक ईमेल आईडी पर आया। धमकी रूसी भाषा में दी गई। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई पुलिस के ज़ोन 1 के डीसीपी ने बताया कि आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर रूसी भाषा में धमकी भरा ईमेल मिला। ईमेल में बैंक को उड़ाने की धमकी दी गई है। मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। यह मेल रूसी भाषा में होने की वजह से एजेंसियां और भी सतर्क हो गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि किसी ने जानबूझकर परेशान करने की मंशा से तो मेल नहीं भेजा है। किसी ने वीपीएन के जरीए तो मेल नहीं किया है, इसे लेकर आईपी एड्रेस का पता लगाया जा रहा है। इस मामले में क्राइम ब्रांच जुटी हई है और एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है। यह धमकी भरा मेल आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद आया है। उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह ली है, जिन्होंने छह साल तक इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी। राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने चुना था। पिछले महीने भी मिली थी धमकी पिछल महीने भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब भारतीय रिजर्व बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल आया और उसने खुद को लश्कर-ए-तैयबा का सीईओ बताया था। उसने सेंट्रल बैंक को बम से उड़ाने की धमकी भी दी थी। धमकी देने वाला यह कहते हुए फोन रख देता है कि पीछे का रास्ता बंद कर दो, इलेक्ट्रिक कार खराब हो गई है। स्कूलों को हाल ही में धमकी मिली यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब दिल्ली के छह स्कूलों को हाल ही में ईमेल के जरिए बम धमकी मिली थी। इन धमकियों के बाद स्कूल परिसरों में कई एजेंसियों ने सर्च अभियान चलाया। इससे पहले 9 दिसंबर को दिल्ली के 44 स्कूलों को भी इसी तरह के ईमेल मिले थे, जिन्हें पुलिस ने बाद में फर्जी करार दिया था।
अब आरबीआई को बम से उड़ाने की धमकी, रूसी भाषा में आया मेल, जांच में जुटी पुलिस

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देश की राजधानी दिल्ली में आए दिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिल रही ही। इसी क्रम में गुरूवार रात को भी कई स्कूलों को धमकी भरा ई-मेल आया। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक को शुक्रवार को एक धमकी भरा ईमेल मिला। इसमें आरबीआई के मुंबई कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। धमकी भरा मेल आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की आधिकारिक ईमेल आईडी पर आया। धमकी रूसी भाषा में दी गई। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई पुलिस के ज़ोन 1 के डीसीपी ने बताया कि आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर रूसी भाषा में धमकी भरा ईमेल मिला। ईमेल में बैंक को उड़ाने की धमकी दी गई है। मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।

यह मेल रूसी भाषा में होने की वजह से एजेंसियां और भी सतर्क हो गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि किसी ने जानबूझकर परेशान करने की मंशा से तो मेल नहीं भेजा है। किसी ने वीपीएन के जरीए तो मेल नहीं किया है, इसे लेकर आईपी एड्रेस का पता लगाया जा रहा है। इस मामले में क्राइम ब्रांच जुटी हई है और एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है।

यह धमकी भरा मेल आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद आया है। उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह ली है, जिन्होंने छह साल तक इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी। राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने चुना था।

पिछले महीने भी मिली थी धमकी

पिछल महीने भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब भारतीय रिजर्व बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल आया और उसने खुद को लश्कर-ए-तैयबा का सीईओ बताया था। उसने सेंट्रल बैंक को बम से उड़ाने की धमकी भी दी थी। धमकी देने वाला यह कहते हुए फोन रख देता है कि पीछे का रास्ता बंद कर दो, इलेक्ट्रिक कार खराब हो गई है।

स्कूलों को हाल ही में धमकी मिली

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब दिल्ली के छह स्कूलों को हाल ही में ईमेल के जरिए बम धमकी मिली थी। इन धमकियों के बाद स्कूल परिसरों में कई एजेंसियों ने सर्च अभियान चलाया। इससे पहले 9 दिसंबर को दिल्ली के 44 स्कूलों को भी इसी तरह के ईमेल मिले थे, जिन्हें पुलिस ने बाद में फर्जी करार दिया था।

डिंग लिरेन पर गुकेश से 'जानबूझकर' हारने का आरोप, रूसी शतरंज प्रमुख ने की जांच की मांग

रूसी शतरंज महासंघ के अध्यक्ष आंद्रेई फिलाटोव ने चीन के डिंग लिरेन पर विश्व शतरंज चैंपियनशिप का फाइनल भारत के डी गुकेश से जानबूझकर हारने का आरोप लगाया। यूक्रेनी शतरंज कोच पीटर हेन नीलसन ने रूसी समाचार एजेंसी TASS में प्रकाशित एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें फिलाटोव को सिंगापुर में डिंग और गुकेश के बीच खेले गए फाइनल पर FIDE से एक अलग जांच शुरू करने के लिए कहा गया था। फिलाटोव ने कहा कि डिंग की गलती, जिसने आखिरी गेम को गुकेश के पक्ष में कर दिया, ने "पेशेवर और शतरंज प्रशंसकों के बीच घबराहट पैदा कर दी।"

"आखिरी गेम के परिणाम ने पेशेवरों और शतरंज प्रशंसकों के बीच घबराहट पैदा कर दी। निर्णायक सेगमेंट में चीनी शतरंज खिलाड़ी की हरकतें बेहद संदिग्ध हैं और FIDE द्वारा एक अलग जांच की आवश्यकता है। डिंग लिरेन जिस स्थिति में थे, उसे खोना एक प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी के लिए भी मुश्किल है। एजेंसी के अनुसार, फिलाटोव ने कहा, "आज के खेल में चीनी शतरंज खिलाड़ी की हार कई सवाल खड़े करती है और ऐसा लगता है कि यह जानबूझकर किया गया है।"

यह चाल अंतिम गेम (14वें) के अंतिम चरण में आई, जो ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था। तनावपूर्ण एंडगेम के दौरान समय के दबाव में, डिंग ने एक महत्वपूर्ण गलत अनुमान लगाया। ड्रॉ के लिए अपने राजा और किश्ती को जुटाने के प्रयास में, उसने अनजाने में एक गलती कर दी। इस चाल ने गुकेश की स्थिति को और अधिक लाभप्रद सेटअप में सरल बनाने की अनुमति दी, जहाँ उसके सक्रिय मोहरे और बेहतर मोहरे की संरचना ने अंततः जीत हासिल की।

क्रैमनिक फाइनल की गुणवत्ता से खुश नहीं

फिलाटोव अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं थे जिन्होंने डिंग की गलती पर अपनी निराशा व्यक्त की, जिसने गुकेश को 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बना दिया। पूर्व विश्व चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक फाइनल में प्रदर्शित शतरंज की गुणवत्ता से प्रभावित नहीं थे। मैच के बाद, क्रैमनिक ने खेल की गुणवत्ता पर अपनी निराशा व्यक्त की, और डिंग द्वारा की गई एक गंभीर गलती को "बचकाना" बताया। अपनी प्रतिक्रिया में, क्रैमनिक ने 'X' पर लिखा, "कोई टिप्पणी नहीं। दुखद। शतरंज का अंत जैसा कि हम जानते हैं।" दूसरे ट्वीट में, उन्होंने कहा, "अभी तक किसी भी विश्व कप खिताब का फैसला इतनी बचकानी एक चाल की गलती से नहीं हुआ है।" क्रैमनिक ने चैंपियनशिप के छठे गेम के बाद खेल के स्तर की भी आलोचना की थी, इसे "कमज़ोर" कहा था। "सच कहूँ तो, मैं आज के खेल (गेम 6) से बहुत निराश हूँ। यहाँ तक कि गेम 5 भी बहुत उच्च स्तर का नहीं था, लेकिन आज यह वास्तव में - एक पेशेवर के लिए - दोनों खिलाड़ियों का खेल वास्तव में कमज़ोर था। यह बहुत निराशाजनक स्तर है," उन्होंने कहा था।

लोकसभा में आज संविधान पर चर्चा, प्रियंका गांधी विपक्षी खेमे से करेंगी बहस की शुरुआत, संसद में होगा पहला भाषण

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देश में संविधान को अपनाए जाने के 75वें वर्ष की शुरुआत के उपलक्ष्य में शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय बहस शुरू होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बहस की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बहस का जवाब देंगे। गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में 16 दिसंबर को बहस की शुरुआत करेंगे। 17 को पीएम मोदी राज्यसभा में बहस का जवाब देंगे। लोकसभा के एजेंडे के अनुसार, संविधान पर विशेष चर्चा प्रश्नकाल के बाद शुरू होगी। विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी चर्चा की शुरुआत कर सकती हैं। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष की ओर से मल्लिकार्जुन खरगे बहस शुरू करेंगे।

प्रियंका गांधी का लोकसभा में पहला भाषण

वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा आज यानी 13 दिसंबर को पहली बार संसद में बोलेंगी और विपक्षी खेमे से बहस की शुरुआत करेंगी। प्रियंका गांधी का यह लोकसभा में पहला भाषण होगा। इस दौरान संभावना है कि वो संविधान को लेकर हो रही चर्चा में कई अहम मुद्दे उठाएंगी। प्रियंका गांधी से पहले संभावना थी कि विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी विपक्ष के नेता के रूप में लोकसभा में संविधान पर चर्चा शुरू करेंगे, लेकिन कुछ नेताओं ने रणनीति में बदलाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा विपक्षी खेमे के लिए बहस की शुरुआत कर सकती हैं। प्रियंका गांधी ने भी वायनाड के उपचुनाव में कई बार संविधान का मुद्दा उठाया है, इसी के बाद आज पहली बार होगा जब वो लोकसभा में संविधान को लेकर बात करेंगी।

प्रधानमंत्री ने की रणनीतिक बैठक

दो दिवसीय बहस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रणनीतिक बैठक की। इसमें अमित शाह, राजनाथ सिंह के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए। शाह ने इससे पूर्व संसद स्थित अपने कार्यालय में नड्डा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल व संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की।

भाजपा व कांग्रेस ने जारी किया तीन लाइन का व्हिप

वहीं, भाजपा और कांग्रेस ने अपने सभी लोकसभा सांसदों के लिए ‘तीन लाइन व्हिप’ नोटिस जारी किया है। इसमें उनसे 13 व 14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा के दौरान लोकसभा में मौजूद रहने को कहा है। भाजपा ने सभी सदस्यों से सदन में उपस्थित रहकर सरकार के रुख का समर्थन करने को कहा है।

एनडीए के ये सांसद चर्चा में लेंगे हिस्‍सा

भारतीय जनता पार्टी की ओर से 12 सांसदों के संविधान पर चर्चा में भाग लेने की खबर सामने आ रही है। वहीं, एनडीए के सहयोगी दलों में जेडीएस से एचडी कुमारस्वामी, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, एलजेपी से शांभवी चौधरी, आरएलडी से राजकुमार सांगवान, एचएएम से जीतन राम मांझी, अपना दल से अनुप्रिया पटेल और जेडीयू से राजीव रंजन सिंह चर्चा में हिस्‍सा ले सकते हैं।

विपक्षी पार्टियों से 7 से 9 सांसद

कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों से 7 से 9 सांसद बहस में शामिल हो सकते हैं। इनमें कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा मनीष तिवारी और शशि थरूर हो सकते हैं। डीएमके की ओर से टीआर बालू और ए राजा, टीएमसी से कल्याण बनर्जी और मोहुआ मोइत्रा बहस में भाग ले सकती हैं।