भदोही में एक साल तक नहीं मिले मरीज, 288 गांव टीबी मुक्त घोषित
नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले की 546 ग्राम पंचायतों में 288 गांव अब टीबी मुक्त हो चुके हैं। एक साल से जिन गांवों में एक भी टीबी मरीज नहीं मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से उसकी निगरानी के बाद अब गांव को टीबी मुक्त घोषित कर दिया गया है। जिले के 51 गांवों को पहले ही टीबी मुक्त घोषित किया गया था। जिले में अभी 1370 टीबी मरीज उपचाराधीन है।क्षय रोग को लेकर चल रहे अभियान के बेहतर क्रियान्वयन से जनपद तेजी से टीबी मुक्ति की ओर से बढ़ रहा है।
टीबी मरीजों को नवंबर 2024 से प्रति महीने एक हजार रुपये पौष्टिक आहार के लिए दिया जा रहा है। इससे पहले उन्हें 500 रुपये मिलता था। इसके अलावा जिला क्षय रोग विभाग की ओर से निरंतर टीबी मरीजों की निगरानी की जाती है। इसके लिए आशा गांव-गांव जाकर लोगों को चिन्हित करती है। 15 दिनों तक लगातार खांसी की शिकायत के बाद वे उनका बलगम जांच के लिए टीबी अस्पताल भेजती हैं। इसके अलावा जो भी मरीज उपचाराधीन हैं। उनकी विभागीय स्तर निगरानी होती है और समय-समय पर उनसे बातचीत कर उनकी स्थिति के बारे में पता लगाया जाता है। इस समय जिले में 1370 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है
। विभाग की ओर इन मरीजों की पहचान गोपनीय रखी जाती है और इनका उपचार भी निशुल्क होता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि दिसंबर 2024 तक जनपद के 546 ग्राम पंचायतों में 288 गांव टीबी मुक्त हो चुके हैं। साल 2023 में जिले की 51 ग्राम पंचायतें पहले ही टीबी मुक्त हो गईं थी। पंचायतों को टीबी मुक्त की घोषणा से पहले कई मानकों की जांच की जाती है। एक साल तक जिन गांव में टीबी के एक भी मरीज नहीं मिलते हैं, उसे टीबी मुक्त घोषित कर दिया जाता है।
इनसेट
ये गांव पहले हो चुके हैं टीबी मुक्त :
ज्ञानपुर। बिछिया, बनकट खास, आनापुर, धारा विशंबर पट्टी, खेमापुर, राजमाला, दरवासी, तुलसी पट्टी, भावापुर, ऊंज मुंगरहा, सारीपुर उमरपुर, रमईपुर, रायपुर, पुरेभान, हरीपुर, डुहिया, क्षत्रियपुर, कंचनुपर, ताल सुपौला, खरगपुर, अमवा माफी, दिवानपुर, ईटवा, झौवा, केयरमऊ, नटवां, चिंतामणिपुर, नवलपुर, रामचंदरपुर, भिखमपुर, कीर्तिपुर, सनाथपुर, सेरवा, टीकापुर, दारिबपुर, मांगापुट्टी, मदनपुर आदि गांव टीबी मुक्ति घोषित हो चुके हैं।
कैलेंडर वर्ष दिसंबर 2024 तक जिले के 288 गांव टीबी मुक्त की राह पर है, इसमें से 51 गांव पहले ही टीबी मुक्त हो चुके हैं। यह एक बड़ी उपलब्धी है। -डॉ. विवेक श्रीवास्तव डीटीओ, भदोही।
Dec 13 2024, 18:33