सिविल डिफेंस के 62वें स्थापना दिवस पर एमएसआई इंटर कॉलेज से निकाली जागरूकता रैली

एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने सिविल डिफेंस के 62वें स्थापना दिवस पर रूट मार्च/ जागरूकता रैली को एमएसआई इंटर कॉलेज से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जिसके सम्बध में सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि आज सिविल डिफेंस के स्थापना दिवस के साप्ताहिक समारोह के अंतिम दिन एक जागरूकता रैली निकाली गई। जिसमें एनसीसी, नागरिक सुरक्षा कोर के वालंटियर द्वारा लोगों को आपातकालीन स्थिति में किस प्रकार से कार्रवाई करें इस संबंध में जागरूक किया गया। रैली में हवाई हमले से लेकर आग लगने, भूकंप आने में बचाव की कौन सी कार्रवाई होती है इसका डेमो भी दिखाया गया।

जटिलताओं का प्रबन्धन कर मां और शिशु को जीवनदान दे रही है पिपराईच सीएचसी

गोरखपुर।समय रहते सही हस्तक्षेप से जटिलताओं का प्रबन्धन कर मां और नवजात शिशु की जान बचाई जा सकती है। पिपराईच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) इस मामले में मिसाल बनने लगा है। बीते तीन माह के दौरान यहां कई जटिल प्रसव के कुशल प्रबन्धन किये गये, जिससे मां और बच्चे दोनों खुशहाल जीवन जी रहे हैं । यह सीएचसी एक प्रथम संदर्भन इकाई भी है । सरकार की पहल पर कुशल चिकित्सकों की तैनाती और स्टॉफ के निरंतर प्रशिक्षण के कारण यहां सुरक्षित प्रसव संभव हो रहा है। सीएचसी पर जटिल प्रसव के मामलों में प्राथमिक हस्तक्षेप और प्रबंधन कर आवश्यकतानुसार जच्चा बच्चा मेडिकल कॉलेज रेफर किये जा रहे हैं।

पिपराईच ब्लॉक के महमूदाबाद उर्फ मोगलापुर से आई चंदा (22) के पहले बच्चे का जन्म सीएचसी पर पांच अक्टूबर को हुआ। यह एक पोस्ट डेटेड डिलेवरी थी, जिसकी वजह से बच्चे के पेट में गंदगी चली गई थी। बच्चे ने जब जन्म लिया तो उसके शरीर में कोई हरकत नहीं थी। चंदा बताती हैं कि अस्पताल के स्टॉफ ने तुरंत बच्चे का इलाज शुरू कर दिया । थोड़ी देर में शरीर में हरकत आ गई लेकिन बच्चा रो नहीं रहा था। एम्बुलेंस की मदद से उन्हें और उनके बच्चे को मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया जहां दो दिन के इलाज से बच्चा ठीक हो गया। उनका बेटा आदित्य (दो माह) अब पूरी तरह से स्वस्थ है।

अस्पताल की स्टॉफ नर्स संध्या मधई का कहना है कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मणि शेखर की देखरेख में अस्पताल के सभी स्टॉफ का निरंतर क्षमता संवर्धन किया जाता है। हमे प्रशिक्षित किया गया है कि रेफरल करने से पहले वह सभी हस्तक्षेप करने हैं जो जीवन बचाने के लिए जरूरी हैं। चंदा के बच्चे ने जब जन्म लिया तो उन्होंने एनबीएसयू की स्टॉफ नर्स रविना के साथ मिल कर रिसेसिटेशन की प्रक्रिया पूरी की। मुंह और नाक के जरिये बच्चे के भीतर की गंदगी को साफ किया गया । यह हस्तक्षेप जन्म के तीस मिनट के अंदर होना चाहिए।

इसी ब्लॉक की गढ़वा से आईं सीमा देवी का प्रसव तीन अक्टूबर को हुआ। प्रसव के बाद ब्लीडिंग शुरू हो गई और झटके आने लगे। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार अधीक्षक डॉ मणि शेखर को सूचना दी गई। पूरी टीम ने पीपीएच किट के जरिये इस जटिलता का प्रबंधन किया और महिला की स्थिति सामान्य होने पर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। अधीक्षक डॉ मणि शेखर बताते हैं कि मां को इस खतरे से बचाने के लिए ही प्रसव के बाद 48 घंटे तक अस्पताल में रहने की ही सलाह दी जाती है। अस्पताल पर प्रसव पूर्व, प्रसवकालीन और प्रसव के बाद की जटिलताओं से निपटने के मुकम्मल इंतजाम हैं।

एनीमिया प्रबंधन कर कराया सुरक्षित प्रसव

पिपराईच ब्लॉक के भगवानपुर भैंसहा गांव की ज्योति इसी वर्ष जनवरी के दूसरे पखवाड़े में गर्भवती हुईं। आशा कार्यकर्ता द्रोपदी की मदद से जब वह प्रसव पूर्व जांच के लिए आईं तो उनका हीमोग्लोबिन 2.16 ग्राम था। उन्हें प्राथमिक इलाज कर तुरंत मेडिकल कॉलेज भेजा गया जहां ब्लड चढ़वाने के बाद वह वापस लौंटी। आशा कार्यकर्ता और सीएचसी ने उनका लगातार फॉलो अप किया। उन्हें अस्पताल से पोषण पोटली दी गयी और आयरन कैल्शियम भी मुहैय्या कराया गया । बीच बीच में हीमोग्लोबिन के स्तर की जांच की गई और आवश्यकतानुसार आयरन सुक्रोज भी चढ़ाया गया। अक्टूबर तक उनमें खून की मात्रा 9.7 ग्राम हो गई। इसके बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी में सीएचसी पर ही उनकी सुरक्षित प्रसव कराया गया।

हर माह होता है प्रबंधन

सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर बताते हैं कि उनके यहां औसतन 150-200 संस्थागत प्रसव प्रति माह होते हैं। इनमें से तीस से पैंतिस प्रसव ऑपरेशन से किये जाते हैं। प्रत्येक माह एक से दो प्रसूताओं और दो से तीन शिशुओं में जटिलताओं का प्रबंधन किया जा रहा है। इस कार्य में जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता डॉ सूर्य प्रकाश का भी निरंतर सहयोग मिल रहा है।

दस फीसदी प्रसव जटिल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिले में करीब 4500 प्रसव हर माह सिर्फ सरकारी अस्पतालों में हो रहे हैं। इनमें से दस फीसदी प्रसव जटिल होते हैं, लेकिन अगर 102 नंबर एम्बुलेंस की मदद से समय से प्रसूता को अस्पताल लाया जाए तो शीघ्र हस्तक्षेप से इनका प्रबन्धन हो सकता है। मां और बच्चे को खतरे से बचाने के लिए प्रसव पूर्व जांचें अवश्य कराएं और निरंतर आशा कार्यकर्ता के सम्पर्क में रहें। जिले की पिपराईच, सहजनवां, बांसगांव, कैम्पियरगंज, बड़हलगंज और चौरीचौरा प्रथम संदर्भन इकाई में विशेषज्ञ चिकित्सकों और बाल रोग विशेषज्ञों की मदद से मां और नवजात शिशु को नया जीवन दिया जा रहा है।

*बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंक कर नारे लगाए*

खजनी गोरखपुर।बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए आज रुद्रपुर खजनी कस्बे में युवाओं ने उग्र विरोध प्रदर्शन किया। मुख्य चौराहे पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंकते हुए हिन्दुओं पर हो रहे भीषण अत्याचार और नरसंहार की घटनाओं के विरोध में कस्बे को 2 घण्टे के लिए बंद रखते हुए सभी व्यापारियों ने प्रदर्शन में शामिल हो कर नारे लगाए। बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर धार्मिक आधार पर हो रहे अन्याय को तत्काल रोकने की मांग कर रहे युवाओं ने वहां के पीड़ित हिन्दुओं के समर्थन में आवाज़ बुलंद की। युवाओं ने कहा कि भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र संघ को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

इस दौरान भाजपा खजनी मंडल मंत्री आदर्श राम त्रिपाठी, भाजपा नेता निवरू सांसद प्रतिनिधि विनोद पांडेय एडवोकेट, शुभम मिश्रा, अतुल त्रिपाठी, ग्रामप्रधान राहुल त्रिपाठी, खजनी व्यापार मंडल अध्यक्ष रामवृक्ष वर्मा, महामंत्री अनिल वर्मा, त्रिलोकी गुप्ता, श्याम जी जायसवाल, प्रदीप सिंह, ग्रामप्रधान अर्जुन जायसवाल, अमर मिश्रा, सुधांश दूबे, शिव पटवा, सोनू यादव, अमित त्रिपाठी, अमित राय, अमन मद्धेशिया,बद्री गुप्ता, अजय, सत्यम, मनीष, सोनल, दुर्गेश, मद्धेशिया, दीनू सिंह, राकेश जायसवाल, विष्णु मद्धेशिया सहित दर्जनों की संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन में शामिल हो कर कस्बे में घूम कर नारे लगाए।

विराट वृक्ष की फलदार शाखाएं हैं भारतीय भाषाएं : प्रोफेसर पूनम टंडन

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आयोजित 'भारतीय भाषा उत्सव' की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि भारतीय भाषाएं भारत की शक्ति हैं. भारतीय भाषाएं परंपरा, संस्कृति, अनुभव, ज्ञान व स्मृति की जीवंत धाराएं हैं जिनके मिलने से महान भारत का परिदृश्य उभरता है. वैश्विक मंच पर भारत को एक सशक्त हस्ताक्षर के रूप में स्वीकार किया जाता है, तो इसमें भारत की भाषाई शक्ति व समृद्धि को एक बड़ी वजह के रूप में देखा जा सकता है. भारत रूपी विराट वृक्ष की फलदार शाखाएं हैं भारतीय भाषाएं. 

उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में भारत की स्थिति यूरोप से अलग है. यूरोप में एक भाषा सिद्धांत उनके राष्ट्र को जोड़ता है तो भारत की भाषाई विविधता उसे बेजोड़ बनाती है.

उन्होंने कहा कि किसी देश की प्रगति वहां की भाषाई प्रगति से भी मापी जा सकती है. इस मामले में भारत अनोखा देश है. भाषाओं के उत्सव की दृष्टि से भारत से बेहतर दुनिया का कोई अन्य देश नहीं हो सकता. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय भाषाओं के साथ-साथ हमारे विद्यार्थियों को कुछ विदेशी भाषाओं का भी ज्ञान होना चाहिए.

महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती पर आयोजित इस 'भारतीय भाषा उत्सव' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर सुनीता मुर्मू ने कहा कि भारत की भाषाई विविधता उसके 'बैंक ऑफ़ नॉलेज' का सूचक है. प्रत्येक भाषा के प्रति संवेदनशीलता व सम्मान का भाव हमें बेहतर मनुष्य बनाता है. जहां विविधता होती है वही खूबसूरत संवाद भी होते हैं. इस दृष्टि से हमें भारत पर गर्व होना चाहिए.

उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रजीउर रहमान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी और उर्दू एक ही माँ की बेटी हैं. फर्क है तो बस लिपि और तलफ्फुस का. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में एक भाषा संकाय की जरूरत है जहां विविध भाषाओं के विद्यार्थी आपस में संवाद कायम कर सकें.

संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ. देवेंद्र पाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वेदों के संदर्भ को उद्घाटित किया. हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल राय ने 'भारतीय भाषा उत्सव' के तहत 'राष्ट्र निर्माण में भारतीय भाषाओं की भूमिका' विषय पर अपना विशद व्याख्यान दिया. हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त ने स्वागत वक्तव्य दिया. डॉ. सुनील कुमार ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया तथा डॉ. रितु सागर ने सबके प्रति आभार प्रकट किया. इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के शोधार्थी एवं शिक्षक गण शामिल हुए.

पांच सितारा व सात सितारा होटल में चोरी करने वाले को पुलिस ने किया गिरफ्तार

गोरखपुर। यूपी पुलिस पूरे एक्शन मोड में है अपराधी चाहे कितना ही शातिर क्यों ना हो वह पुलिस की पकड़ से नहीं बच सकता । रामगढ़ताल क्षेत्र में 16 नवंबर को होटल मैरियट कोर्टयार्ड में तिलक समारोह में हीरे और सोने के जेवरात चोरी होने के संबंध में पीड़ित ने रामगढ़ताल थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था। एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चोरी की घटना के खुलासे के लिए टीम को गठित किया । टीम ने एक ऐसे अंतर राज्य चोर को गिरफ्तार किया है जो अब तक पूरे भारत वर्ष में विभिन्न शहरों और राज्यों में लगभग 20 से 25 चोरी की घटना को अंजाम दे चुका है ।

आरोपी होटल मैरियट कोर्टयार्ड में पैदल पहुंचा और वादी को 1 घंटे तक फॉलो करता रहा इसके बाद उसने रूम नंबर की जानकारी ली होटल कर्मचारी बनकर होटल के इंटरकाम से वादी की कमरे में फोन कर नाम की जानकारी ली। जब वादी का परिवार शादी समारोह में शामिल होने के लिए रूम लाकर चले गए तो अभियुक्त ने पुन: इंटरकाम कनेक्शन से होटल के रिसेप्शन पर फोन किया और बोला कि मेरे रूम में कुछ जरूरी सामान छूट गए हैं और चाबी कहीं गुम हो गई है प्लीज मास्टर चाबी से रूम खोल दे । इस तरीके से आरोपी रूम में जाकर लाकर का पासवर्ड तोड़कर ज्वेलरी और रुपए की चोरी की घटना को अंजाम देकर फरार हो गया लेकिन आरोपी की करतूत होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।

आरोपी ने मुंबई चेन्नई आगरा जयपुर कोयंबटूर जोधपुर हैदराबाद विशाखपट्नम जालंधर चंडीगढ़ केरल रायपुर कोलकाता उदयपुर लखनऊ गुवाहाटी करनाल (हरियाणा )और गोरखपुर में घटना को अंजाम दे चुका था। पकड़ा गया शातिर चोर जयेश रावजी गुजरात का रहने वाला है यह पांच सितारा और सात सितारा होटल में चोरी की घटना को अंजाम देता था आखिरकार गोरखपुर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल किया है । घटना का खुलासा पुलिस लाइन के व्हाइट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर एसपी सिटी अभिनव त्यागी एसपी नार्थ जितेंद्र श्रीवास्तव ने घटना का खुलासा किया ।

एसएसपी ने गिरफ्तार करने वाली टीम को 25000 का नगद पुरस्कार देने की भी घोषणा की है। एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया कि पकड़े गए आरोपों के पास से पुलिस ने पीली धातु की अंगूठी चैन घड़ी कान की बाली एंड्राइड मोबाइल फोन आधार कार्ड पैन कार्ड और 12270 नगद बरामद किया गया है। गिरफ्तार करने वाली टीम में वरिष्ठ उप निरीक्षक अनित राय उप निरीक्षक राम सिंह हेड कांस्टेबल कय्यूम अली कांस्टेबल नकीब खान अनुराग सिंह प्रिंस राय शामिल रहे।

पुलिस ने होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल किया है। एसएसपी ने बताया कि आरोपी ने गोरखपुर में चोरी की घटना से पूर्व करनाल (हरियाणा) की एक पांच सितारा होटल में अप्रैल 2023 में चोरी की थी जिसमें वह गिरफ्तार होकर जेल गया और फिर 8 नवंबर को जेल से रिहा होने के बाद 16 नवंबर को गोरखपुर के कोर्टयार्ड मैरियट होटल में चोरी की घटना को अंजाम दिया था फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके आज सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है।

संस्थापक सप्ताह समारोह में विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स को मिला प्रथम स्थान

गोरखपुर: महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद, गोरखपुर के संस्थापक-सप्ताह समारोह में आयोजित सर्वोच्च एनसीसी कैडेट चयन प्रतियोगिता में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

वर्ग 'B' में कैडेट मंदिरा शर्मा और वर्ग 'C' में सीनियर अंडर ऑफिसर शिवम गुप्ता ने प्रथम स्थान प्राप्त कर संस्था का नाम गौरवान्वित किया।

प्रतिभागियों को यह सम्मान माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और इंडियन सोशल एक्टिविस्ट एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी के करकमलों द्वारा प्रदान किया गया।

इस अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन भी उपस्थित रहीं। उन्होंने दोनों कैडेट्स को उनकी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

यह सफलता इन छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, जो एनसीसी में युवाओं की सक्रिय भागीदारी और देशभक्ति की भावना को और अधिक प्रेरित करती है।

अजगर देख भयभीत हुए राहगीर

गोरखपुर I राष्ट्रीय राजमार्ग गोरखपुर -वाराणसी मार्ग से जुड़ा गोबरहिया -रकहट लिंक मार्ग पर कौतूहल का केन्द्र बना अजगर।गोबरहिया लिंक मार्ग पर झाड़ झंखाड से बाहर निकलता अजगर देख राहगीरों की भीड़ लग गई। राहगीरों की भीड़ से अजगर झाड़ झंखाड में धीरे- धीरे जा छुप गया। राहगीर माधो पाण्डेय , बांका पाण्डेय, ज्वाला तिवारी आदि का कहना है कि वन विभाग द्वारा इसे पकड़ कर कहीं अन्यत्र जंगलों में छोड़ दिया जाए अन्यथा कोई बड़ी घटना घट सकती है।

उरुवा के मरचा और नारायणपुर गांव को मिलेगा विवाह घर का तोहफा

गोरखपुरI विकासखंड उरुवा के मरचा गांव और नारायणपुर को नए साल में भव्य बारात घर का निर्माण कराएगा। लोकार्पण भी साल के भीतर ही किया जाएगी इसकी तैयारी भी की जा रही है। इससे ग्राम वासियों को इसका लाभ मिल सकेगा। ग्राम वासियों की ओर से इसके लिए न सिर्फ जमीन का चयन कर लिया गया है, बल्कि निर्माण के लिए प्राक्कलन भी तैयार करा लिया गया है। इसे इसी माह शासन में भेजकर स्वीकृति लेने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना के तहत नवंबर में शासन की ओर से विवाह घर का प्रस्ताव मांगा गया। लगभग 1 महीने से इसके लिए ग्राम वासियों की ओर से विभिन्न स्थान तय किया जा रहा था, जिस विभाग ने जगह चिन्हित कर दी है.

मरचा गांव में 50 डेसिमल भूमि चिह्नित कर ली गई है। तो वही नारायणपुर ग्राम सभा में भी 50 - 80 डिसमिल जमीन चयनित किया गया।जमीन का चयन कर विभाग ने आधा काम कर लिया है। अब सिर्फ धनराशि स्वीकृत कराकर निर्माण शुरू कराना ही शेष है। इसके निर्माण का प्राक्कलन बनाने के कार्य में विभागीय अभियंता को लगा दिया गया है, जो मानचित्र निर्माण कर इसका आकार भी तय कर चुके हैं।

कम होगा शादी विवाह का खर्च

- विकासखंड उरुवा के मरचा और नारायणपुर में बरात घर न होने के चलते लोगों को मैरिज हाल और होटलों की बुकिंग आयोजनों के लिए करनी पड़ती है।इस अवसर पर डीपीआरओ गोरखपुर निलेश प्रताप सिंह , एडीओ पंचायत विनोद कुमार ,ग्राम पंचायत अधिकारी सदानंद ,ग्राम प्रधान मरचा हरीश त्रिपाठी उर्फ डब्लू बाबा, ग्राम प्रधान नारायणपुर संजय चंद, पुनीत चंद, मनीष यादव,भी मौके पर उपस्थित थे

3.34 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान

-डीपीआरओ निलेश प्रताप सिंह , ने बताया कि निर्माण के लिए स्थान चयन कर लिया गया है। निर्माण का जो माडल तैयार कराया गया है आज ग्राम सभा मरचा और नारायणपुर में जमीन चयनित किया गया है । उसके हिसाब से 3.34 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। अभी एक बार और लगने वाले धनराशि पर विचार के बाद स्वीकृत के लिए शासन को भेजा जाएगा।

*सीएम योगी को पुस्तकों का सेट भेंट किया नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने*

गोरखपुर। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पुस्तकों का सेट (चारों वेदों का हिंदी भाष्य) और हमिंग बर्ड का स्मृति चिन्ह भेंट किया। जबकि शिक्षा परिषद की तरफ से डीवीएपीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओमप्रकाश सिंह ने कैलाश सत्यार्थी को उत्तरीय, स्मृति चिन्ह के रूप में टेराकोटा शिल्प की गणेश प्रतिमा और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ स्मृति ग्रंथ भेंट कर उनका अभिनंदन किया।

विद्युत कर्मियों ने काली पट्टी बांध कर किया विरोध, कहा.. कल पानी का भी हो सकता है निजीकरण...!

गोरखपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर प्रदेश के समस्त ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारी और अभियंता 10 दिसंबर को पूरे दिन काला फीता बांधकर काम किया। संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि ग्रेटर नोएडा और आगरा में किए गए निजीकरण के विफल प्रयोगों की समीक्षा किए बिना प्रदेश में निजीकरण का कोई और प्रयोग न किया जाए। विद्युत कर्मियों ने कहा कि 01 अप्रैल 2010 को आगरा शहर की बिजली व्यवस्था टोरेन्ट पॉवर को सौंपी गई थी। निजीकरण के करार के अनुसार पावर कारपोरेशन टोरेन्ट पॉवर को बिजली देता है। वर्ष 2023-24 में पावर कारपोरेशन ने 4.36 रूपये प्रति यूनिट की दर से टोरेन्ट पॉवर को 2300 मिलियन यूनिट बिजली दी। पॉवर कारपोरेशन ने यह बिजली रूपये 5.55 रूपये प्रति यूनिट की दर से खरीदी थी। इस प्रकार पॉवर कारपोरेशन को वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 275 करोड़ रूपये की क्षति हुई। 14 वर्षों में निजीकरण के इस प्रयोग से पॉवर कारपोरेशन को 2434 करोड़ रूपये की क्षति हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि आगरा लेदर कैपिटल है, एशिया का सबसे बड़ा चमड़ा उद्योग है और पर्यटन का केन्द्र होने के नाते सबसे अधिक पांच सितारा होटल आगरा में ही है। यदि आगरा शहर की बिजली व्यवस्था पावर कारपोरेशन के पास बनी रहती तो पॉवर कार्पोरेशन को आज आगरा से 8 रूपये प्रति यूनिट से अधिक का राजस्व मिलता।

ग्रेटर नोएडा में करार के अनुसार निजी कम्पनी को अपना विद्युत उत्पादन गृह स्थापित करना था जिसे उसने आज तक नहीं बनाया है। ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल लोड 85 प्रतिशत है। इस प्रकार भारी कमाई का क्षेत्र निजी हाथों में चला गया है जिससे पॉवर कारपोरेशन को बड़ी आर्थिक क्षति हो रही है। ग्रेटर नोएडा में निजी कम्पनी किसानों को मुफ्त बिजली नहीं दे रही है। इसके अतिरिक्त घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली देने में भी निजी कम्पनी की रूचि नहीं है। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री से अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप करें जिससे पावर कारपोरेशन प्रबन्धन के निजीकरण के एकतरफा फैसले को कर्मचारियों के व्यापक हित में निरस्त किया जाए।