जानकार बताते हैं कि पूर्व में नियम ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए थे, जो शारीरिक रूप से बीमार हों या फिर दूर का सफर तय नहीं कर सकते थे. उनसे सिर्फ 11 सौ रुपए की फीस लेकर जिले के किसी भी पंजीयन कार्यालय में रजिस्ट्री कर दी जाती थी. यह सहुलियत थी, लेकिन इसका फायदा उठाकर जमीन दलाल और रसूखदार शासन को नुकसान पहुंचाने लगे.
इस संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 10 दिसंबर से यह नियम लागू हो गया है. जारी अधिसूचना में अनुच्छेद सात के कंडिका क में उल्लेख किया गया है कि रजिस्ट्रार द्वारा किसी भी दस्तावेज के रजिस्ट्रीकरण के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. लेकिन जमीन कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि यह आदेश पर्याप्त और स्पष्ट नहीं है. कंडिका में निर्धारित निर्देश ही बार नियम का आधार है.
जमीन कारोबारियों का शातिराना खेल
इस नए नियम को लागू करने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि जमीन के कारोबारी अब तक मुख्य सड़क से लगी जमीन की टुकड़ों में रजिस्ट्री कराकर स्टाम्प शुल्क में सेंध लगा रहे थे. इसमें मुख्य मार्ग से लगी जमीन को टुकड़ों में बांट दिया जाता है, जिसमें जमीन का छोटा हिस्सा सड़क से लगे भले ही रहे, लेकिन बड़ा हिस्सा सड़क से अंदर हो जाता है.
रजिस्ट्री के लिए देनी होगी निर्धारित फीस
इस कयावद की वजह से मुख्य मार्ग से लगी कम जमीन की रजिस्ट्री के लिए भले ही अधिक स्टांप शुल्क अदा कर देते थे, लेकिन अंदर के बड़े भू-भाग के लिए बहुत कम स्टाम्प शुल्क लगता था. इसी शुल्क से बचने के लिए लोग शासन के खजाने में सेंध लगा रहे थे. इस गड़बड़ी को रोकने शासन ने नया नियम लागू किया है. इस नई पहल के बाद चाहे कही भी रजिस्ट्री कराए शासन नुकसान की राशि को निर्धारित फीस के जरिए वसूल कर लेगी.
गड़बड़ी पर लगेगी रोक
पंजीयक शासन की नई अधिसूचना से भली-भांति परिचित हो चुके हैं. पंजीयक ने पुष्टि की कि तहसील क्षेत्र बदलकर जमीन की रजिस्ट्री कराने की सुविधा शुल्क में वृद्धि की गई है. नए नियम के तहत अब दूसरे तहसील क्षेत्र में जाकर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर 25 हजार रुपए शुल्क लगेगा. इससे पहले यह राशि 11 सौ रुपए थी. इस नए नियम से गड़बड़ी पर भी रोक लगेगी.

रायपुर- नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले के दक्षिण अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में 7 नक्सलियों के मारे गए हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म में जानकारी साझा करते हुए इसे सुलक्षाबलों की बड़ी सफलता करार देते हुए जवानों को बधाई दी है. 
रायपुर- प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पर राज्य सरकार के नए नियम ने भू-माफिया और संपत्ति की खरीदी-बिक्री करने वालों की नींद उड़ा दी है. दरअसल, अब एक तहसील क्षेत्र की प्रॉपर्टी को अब दूसरे तहसील या ब्लॉक क्षेत्र के पंजीयन दफ्तर में जाकर रजिस्ट्री कराने पर 23,900 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना होगा, जबकि पहले यह काम महज 11 सौ रुपए में हो जाता था.
धमतरी- छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में मदिरा प्रेमियाें ने जमकर जाम छलकाया है. यहां इस साल 300 करोड़ से ज्यादा की शराब बिक्री हुई है. आबकारी विभाग से मिलह जानकारी के मुताबिक, धमतरी में रोजाना एक करोड़ से ज्यादा के शराब की बिक्री होती है. आबकारी विभाग धमतरी जिले को कमाऊ पुत के रूप में देख रहा है. बता दें कि शराब बिक्री से सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होती है. इस राजस्व की कमाई में धमतरी का अहम योगदान सामने आया है.
कवर्धा- कबीरधाम जिले के बहुचर्चित लोहारीडीह कांड में बड़ा अपटेड आया है. मृतक शिव प्रसाद साहू की बेटी ने दोबारा पीएम कराने याचिका लगाई थी. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोबारा पीएम करने का आदेश दिया था. अब कब्र खोदकर शिव प्रसाद साहू की लाश को बाहर निकाली जा रही है. वहीं 23 लोगों को कोर्ट ने जमानत दे दी है.
रायपुर- प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘विष्णु की पाती’ नाम से जनता के लिए संदेश जारी किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2028 तक छत्तीसगढ़ की जीडीपी 10 लाख करोड़ करने का है. हमारी सरकार इस दिशा में काम कर रही है।
बिलासपुर- हाईकोर्ट ने रायगढ़ जिले में घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में तीन हाथियों की मौत के मामले में स्वयं संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है. बुधवार को मामले में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और ऊर्जा सचिव ने कोर्ट में शपथ पत्र पेश किया. मामले में अगली सुनवाई जनवरी में होगी.
रायपुर- राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में कल भाजपा की अहम बैठक संपन्न हुई. बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
बिलासपुर- दुर्ग जिले के रिसाली नगर निगम के आयुक्त ने जिस जमीन को पहले निजी बताते हुए भूमि स्वामी महिला को क्लीन चिट दी थी, भाजपा पार्षद के इशारे पर उसी जमीन काे विवादित बताते हुए बेदखली का नोटिस जारी कर दिया है. याचिकाकर्ता नीलिमा नैयर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भाजपा पार्षद पर सत्ता का दुरुपयोग करते हुए उसकी जमीन को विवादित बातकर हड़पने का आरोप लगाते हुए याचिका लगाई है. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई तक नोटिस की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. रिसाली निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई जस्टिस एन के चंद्रवंशी की सिंगल बेंच में हुई.
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ राज्य सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक द्वारा एक पत्नी के रहते दूसरा विवाह करने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट ने इस संदर्भ में दायर अवमानना याचिका पर विभाग के पांच आईएएस अफसरों के विरुद्ध अवमानना नोटिस जारी किया है.
Dec 12 2024, 15:43
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