एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की बड़ी कार्रवाई: 144 किलो गांजा बरामद, 22 लाख आंकी गई कीमत, 2 तस्कर गिरफ्तार

महासमुंद-    एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) और थाना सिंघोडा पुलिस ने अवैध मादक पदार्थ गांजा की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने 144 किलो गांजा और एक सफेद रंग की स्वीफ्ट डीजायर कार में तस्करी करते हुए दो अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया. यह गांजा ओडिशा से उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा था.

आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि वे ओडिशा से गांजा लाकर उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में बेचने के लिए ले जा रहे थे. एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स द्वारा गठित एक 11 सदस्यीय टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें सूचनाओं के आधार पर गांजा तस्करी की जानकारी मिली और महासमुंद जिले में घेराबंदी की गई.

10 दिसंबर, 2024 को मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने महासमुंद में प्रवेश करने वाले सभी प्वाइंट्स पर बल तैनात किया और संदिग्ध वाहनों की जांच शुरू की. इसी दौरान एक सफेद रंग की स्वीफ्ट डीजायर कार को संदिग्ध पाया गया. जब पुलिस ने कार को रोकने की कोशिश की, तो आरोपी वाहन को छोड़कर जंगल की ओर भाग गए, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया.

पुलिस ने जब वाहन की तलाशी ली, तो उसमें प्लास्टिक बोरियों में भरकर 144 किलो गांजा बरामद किया, जिसकी कीमत करीब 21,60,000 रुपये बताई जा रही है. इस कार्रवाई में कार सहित कुल 27,60,000 रुपये का सामान जब्त किया गया.

गांजा तस्करी की इस घटना में गिरफ्तार किए गए आरोपी रामसरे राजभर (30 वर्ष, वाराणसी, उत्तर प्रदेश) और दीपक सिंह (25 वर्ष, रीवा, मध्य प्रदेश) के खिलाफ थाना सिंघोडा में एनडीपीएस एक्ट की धारा 20(ख) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है.

बस्तर अंचल में अब बह रही है विकास की बयार, मुख्यमंत्री श्री साय ने पखांजूर में 254 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का किया लोकार्पण और भूमिपूजन

रायपुर-     प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कांकेर जिले के पखांजूर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्गों की भलाई और उन्नति के लिए कार्य कर रही है। बस्तर अंचल के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्ला नार जैसी योजनाओं से बस्तर में रहने वाले लोगों को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के साथ-साथ सड़क, स्कूल, पेयजल, आवास, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं आसानी मिल रही है। अब बस्तर में विकास की बयार बह रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में पखांजूर से मायापुर सड़क सुदृढ़ीकरण के लिए 8.78 करोड़ रुपए, खेल परिसर निर्माण के लिए 02 करोड़, सिविल अस्पताल के मरम्मत कार्य के लिए 30 लाख रूपए और नालंदा परिसर लाइब्रेरी निर्माण की घोषणा की। उन्होंने नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष असीम रॉय की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में कुल 254.15 करोड़ रुपए के 68 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें 215.41 करोड़ रूपए के 43 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 38.74 करोड़ रूपए के 25 कार्यों का लोकार्पण सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को प्रदेश की सरकार का एक साल पूरा होने जा रहा है और इतने कम समय में जनता से किए गए वायदों को पूरा करने सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार गठन के तुरंत बाद 25 दिसंबर को सुशासन दिवस पर किसानों को अंतर की राशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए आवासों की स्वीकृति दी गई। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक प्रति मानक बोरा 4000 रूपए से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। नियद नेल्लानार योजना के तहत माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। वहीं विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास से जोड़ने पीएम जनमन योजना चलाई जा रही है। प्रदेश में नई उद्योग नीति लागू कर व्यवसाय और उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी तरह राज्य पीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सीबीआई लगातार कार्रवाई कर रही है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि पिछले एक साल में साय सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए अनेक कार्य किए। राज्य की 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना में हर महीने एक-एक हजार रूपए की राशि दी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगातार आवास बन रहे है। किसानों से लेकर हर वर्ग का कल्याण हो रहा है। कार्यक्रम को अंतागढ़ विधायक विक्रम देव उसेंडी ने भी सम्बोधित किया।

कार्यक्रम में कांकेर विधायक आशाराम नेताम, नगर पंचायत पखांजूर की अध्यक्ष मोनिका साहा, पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा, मंतूराम पवार, राज्य मत्स्य विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भरत मटियारा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र, धान खरीदी के लिए खरीदे गए बारदाने को लेकर कही ये बात

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आज राज्यपाल को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए क्रय किये गये बारदाने को अमानक बताया है. इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने राज्यपाल को त्वरित रूप से भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किए जाने के लिए खाद्य मंत्री और सहकारिता मंत्री को निर्देशित करने का आग्रह किया है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने धान उपार्जन के लिये श्री गौरी शंकर जुट मिल पश्चिम बंगाल से क्रय किए गए बरदाने को अमानक बताते हुए कहा कि, धान खरीदी का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। मैंने जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के धान खरीदी केंद्र तरेंगा का निरीक्षण किया था। इस धान खरीदी केंद्र पर जो जूट का नया बारदाना उपयोग में लाया जा रहा था, उनमे से कई का वजन करवाने पर पाया गया कि सभी बारदाने का अधिकतम वजन 480 ग्राम था. भारत सरकार के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नए जुट बरदानों का औसत न्यूनतम वजन 580 ग्राम होना चाहिए. इस वजन में विचलन 8 और 6 प्रतिशत मान्य है, यानी 626 ग्राम से अधिक वजन वाले और 545 ग्राम से कम वजन वाले बारदाने अमानक माने जाएगें। साथ ही अमानक बारदानों का उपयोग धान और चावल के लिए नहीं किया जा सकता।

कम वजनी बारदानों के कारण किसानों से लिया जा रहा अधिक धान

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि धान खरीदी केंद्र तरेंगा में जिन बारदानों का वजन कम पाया गया है, वे सभी श्री गौरी शंकर जुट मिल पश्चिम बंगाल द्वारा निर्मित किये गये थे. इस मिल के क्रय किए गए बारदाने और कई धान खरीदी केंद्रों पर भी भेजे गए होंगे.

गुणवत्ता की जांच के तीन स्तर :-

(1) जुट मिल स्तर पर

(2) जुट कमिश्नर जांच

(3) भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में रैक पॉइंट पर विपणन संघ और धान खरीदी केंद्र पर केंद्र प्रभारी द्वारा।

इन स्तरों पर जांच के बाद भी यह आश्चर्यजनक है की सभी स्तरों पर बारदानों के अमानक होने के तथ्य की उपेक्षा की जाती रही। यह एक गंभीर मामला है। बारदानों के कम वजन के कारण किसानो का धान भी अधिक लिया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष महंत ने राज्यपाल को खाद्य मंत्री और सहकारिता मंत्री को निर्देशित कर भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किये जानें का आग्रह किया है.

मुख्यमंत्री की पहल पर सुगमता से हो रही है धान की खरीदी, अब तक 42.83 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। वहीं धान खरीदी व्यवस्था पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। राज्य में धान 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। अब तक 42.83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में 9.14 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 9159 करोड़ 61 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। धान खरीदी के साथ-साथ मिलर्स द्वारा धान का उठाव भी शुरू कर दिया गया है। धान उठाव के लिए 2.31 लाख मीट्रिक टन धान के लिए डीओ जारी किया गया था, जिसके विरूद्ध 31 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज 11 दिसम्बर को 84341 किसानों से 3.34 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 94279 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 92036 टोकन जारी किए गए हैं।

राज्य सरकार धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर जारी किए है, जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले कोई भी किसान इस हेल्पलाईन नम्बर पर फोन कर अपनी समस्यओं का समाधान कर सकते है।

विद्यार्थियों को मिलेगा अब बेहतर शैक्षणिक माहौल, 118 लेक्चरर, 96शिक्षक और263 सहायक शिक्षकों,40 पीवीटीजी सहित 500से अधिक शिक्षकों की हुई नियुक्ति

रायपुर-    कुछ समय पहले तक अपने विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर विद्यार्थी परेशान थे। स्कूलों में विषय से संबधित शिक्षक नहीं होन या फिर एकमात्र शिक्षक होने और कभी-कभी उनके अवकाश में रहने से अध्यापन ठप होने जाने की शिकायत पालकों की भी रहती थी। कई बार शिक्षकों की कमी को लेकर प्रदर्शन तक भी होते रहते थे। शिक्षकों की कमी का सबसे ज्यादा खामियाजा विद्यार्थियों को ही भुगतना पड़ता था। समय पर पाठयक्रम पूरे नहीं होते थे तो उन्हें विषय का ज्ञान भी नहीं मिल पाता था। कई बार तो शिक्षकों की कमी को देखते हुए कुछ विद्यार्थी अपने आसपास के विद्यालयों से दूर जाकर अन्य विद्यालय तक में पढ़ाई करते थे। वहीं शिक्षक नहीं होने पर सीमित संख्या में उपलब्ध शिक्षकों के कंधे पर भी अन्य विषयों का अध्यापन कराने की मजबूरी आ जाती थी। कुछ इन्हीं समस्याओं को ध्यान रखकर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए नवाचारी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशन में कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा कोरबा जिले में बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जा रहा है। जिले में सैकड़ों ऐसे विद्यालय थे, जहां शिक्षकों की कमी थीं, उन विद्यालयों में विषय से संबंधित लेक्चचर, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। अब शिक्षक नियुक्त हो जाने से विद्यालयों में अध्यापन व्यवस्था पहले से बेहतर हो गई है।

कोरबा जिले में शिक्षा व्यवस्था को पहले से और बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। कोरबा जिले में दो हजार से अधिक विद्यालय है। हायर सेकेण्डरी, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला विद्यालय में शिक्षकों की कमी की शिकायत लगातार कलेक्टर के पास आती रहती थी। उन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से सभी विद्यालयों की जानकारी जुटाकर शिक्षकों की कमी को दूर करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विषय शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मंगाए गए और निर्धारित अर्हता पूरी करने वाले उम्मदवारों का चयन किया गया। प्राथमिक शाला कोरई में मानदेय के आधार पर नियुक्त हुई शिक्षिका चंद्रिका पैंकरा और प्राथमिक शाला कदमझेरिया की शिक्षिका शकुंतला कंवर ने बताया कि स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में जिम्मेदारी मिलने के बाद वे भी जिम्मेदारी के साथ बच्चों का अध्यापन करा रहे हैं। यह खुशी की बात है कि शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता बरतते हुए गांव के बेरोजगार योग्य युवाओं को भी अवसर दिया गया है। जिले के हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कुल 118 लेक्चरर की नियुक्ति की गई। इसी तरह माध्यमिक शाला में 96 शिक्षकों और प्राथमिक शाला में 263 सहायक शिक्षकों सहित 40 पीवीटीजी शिक्षकों की नियुक्ति की गई। कुल 517 शिक्षकों की नियुक्ति जिले में की गई है। सभी शिक्षकों को मानदेय के आधार पर रखा गया है और डीएमएफ से उन्हें प्रतिमाह वेतन दिया जाता है। जिसमें रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षकों की नियुक्ति हो जाने से विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिलने लगा है। उनका समय पर पाठयक्रम पूरा हो रहा है वहीं विषय ज्ञान का स्तर भी सुधरने लगा है। एकल शिक्षकीय विद्यालयों में भी शिक्षकों को राहत मिली है। अभिभावक भी इस व्यवस्था से संतुष्ट है। खास बात यह भी है कि शिक्षकों की नियुक्ति में जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार पहाड़ी कोरवा, बिरहोर समाज को भी वरीयता दी गई है। उन्हें भी उनकी योग्यता के आधार पर जिले के अनेक विद्यालयों में शिक्षक सहित भृत्य एवं अन्य पदों पर रखा गया है, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर समाज की मुख्यधारा में आ सकें।

भृत्यों की नियुक्ति सहित अन्य सुविधाओं पर भी दिया गया है ध्यान -

जिले के हायर सेकेण्डरी, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला विद्यालय में लेक्चचर, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति तो की ही गई है। इसके साथ ही विद्यालयों में 270 भृत्य भी नियुक्त किए गए हैं। कलेक्टर अजीत वसंत ने जर्जर विद्यालयों की भी सुध ली है। उन्होंने जर्जर भवनों की जानकारी मंगाकर नए भवन स्वीकृत किए हैं। जिले में संचालित शासकीय संस्थाओं के भवन, किचन शेड, शौचालय इत्यादि की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर आवश्यकता अनुसार स्वीकृति दी गई है। जिले के परीक्षा परिणाम में सुधार हेतु केंद्रीय परीक्षा पद्धति अपनाते हुए जिले के समस्त विद्यालय हेतु पाठ्यक्रम निर्धारित कर नियत समय पर त्रैमासिक एवं अर्धवार्षिक परीक्षा संचालित करने हेतु निर्देशित किया गया है। कक्षा 10वीं एवं 12वीं के कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा के पूर्व शैक्षणिक स्तर में सुधार हेतु नवीन कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के 2100 से अधिक प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने नाश्ते वितरण कराए जा रहे हैं। खाना पकाने गैस कनेक्शन दी गई है। विद्यालयों में आवश्यक संसाधान मुहैया कराया जा रहा है और शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई सिकल सेल संस्थान के संचालक मंडल की 10वीं बैठक

रायपुर-   स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय, नवा रायपुर में सिकल सेल संस्थान के संचालक मंडल की 10वीं बैठक आयोजित की गयी । बैठक में राज्य में सिकल सेल संस्थान छत्तीसगढ़ को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में उन्नयन किए जाने पर विस्तार से चर्चा की गयी। स्वास्थ्य मंत्री ने संचालक मंडल के सदस्यों से उच्च स्तरीय लैब निर्माण कार्य की वस्तुस्थिति को जाना। श्री जायसवाल ने सिकल सेल मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं और सुलभ इलाज के लिए योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

गौरतलब है कि सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के अंतर्गत शून्य से 40 वर्ष आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों की सिकल सेल स्क्रीनिंग कर पोर्टल में इंट्री की जा रही है। बीते एक वर्ष के दौरान राज्य में योजना के अंतर्गच 1 करोड़ 32 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें सिकल सेल मरीजों की संख्या 15 हजार 385 है जबकि सिकल सेल वाहकों की संख्या 1 लाख 88 हजार है। राज्य शासन की तरफ से स्क्रीनिंग किए गए लोगों को सिकल सेल जेनेटिक कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं और चिन्हांकित मरीजों का निरन्तर फालोअप भी लिया जा रहा है। योजना के अंतर्गत मरीजों को निःशुल्क दवाइयां एवं जरूरतमंदों को रक्त की भी आपूर्ति की जा रही है।

टीएस बाबा के इस बयान से बढ़ा सियासी पारा, मुख्यमंत्री पद को लेकर कही दी ये बात

सरगुजा-  छत्तीसगढ़ में आगामी नगर निगम और पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस में मंथन शुरु हो चुका है. जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी कार्यकारिणी की एक विशेष बैठक हुई. जिसमें राष्ट्रीय सचिव व छत्तीसगढ़ प्रदेश सह-प्रभारी जरिता लैतफलांग, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव, पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत सहित जिलेभर के कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. इस बीच टीएस सिंह देव का बयान सामने आया है. इस बयान ने राजनीतिक गलियारोंं में हलचल बढ़ा दी है.

दरअसल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने विशेष बैठक के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले चार सालों में मेरा लक्ष्य कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में पुनः स्थापित करना होगा.

उन्होंने ने आगे कहा कि इस लक्ष्य में वे कहीं भी मुख्यमंत्री के दावेदार नहीं है. उनका केवल एक ही लक्ष्य है, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पुन: स्थापित करना. टीएस सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में कांग्रेस संगठन जो भी दिशा-निर्देश देगी, वो उसका पालन करेंगे. कांग्रेस इन चार सालों में छत्तीसगढ़ की जनता की हर तरह से सेवा करेगी, जनता से जुड़े हर मुद्दे को उठाएगी.

टीएस सिंह देव के सीएम पद को लेकर दिए बयान से राजनीतिक गलियारों मे हलचल बढ़ गई है. हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि अगर सत्ता में कांग्रेस की वापसी होती है तो क्या वह सीएम बनेंगे या नहीं?…

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हरदीभाटा ग्राम पंचायत को मिला राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार - 2024

नई दिल्ली-   छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के हरदीभाटा ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि मिली है। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार - 2024 समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों हरदीभाटा के सरपंच मुनेन कुमार ने पुरस्कार ग्रहण किया। पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विभिन्न श्रेणियों में हर साल पुरस्कार दिए जाते हैं। इस साल ये पुरस्कार कुल 15 राज्यों की 45 पंचायतों व संस्थाओं को दिए गए।

इसी के तहत दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार 27 पंचायतों को प्राप्त हुआ है। ये पुरस्कार कुल 9 विषयों के तहत दिया जाता है, जिनमें गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका युक्त पंचायत, स्वस्थ पंचायत, बाल हितैषी पंचायत, जल पर्याप्त पंचायत, स्वच्छ एवं हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा युक्त पंचायत, सामाजिक रूप से न्यायसंगत एवं सामाजिक रूप से संरक्षित पंचायत, सुशासन युक्त पंचायत और महिला हितैषी पंचायत शामिल हैं। ग्राम पंचायत हरदीभाटा को सामाजिक रूप से न्यायसंगत एवं सामाजिक रूप से संरक्षित पंचायत की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। ग्राम पंचायत को 50 लाख रुपए पुरस्कार की राशि भी प्रदान की गई।

'लार्जेस्ट नेचुरल शिवलिंग' के रूप में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है। रिकॉर्ड बुक में ’लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए इसे प्रदेश के पर्यटन की उपलब्धियों में एक नया आयाम बताया।

गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री श्री साय से आज मंत्रालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट सौंपा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े उपस्थित थीं।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पर्यटन वेबसाईट https://www.easemytrip.com में जशपुर जिले को शामिल किया गया है। इसके बाद जिले के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है। इस वेबसाइट में शामिल होने वाला जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है, इससे पर्यटन प्रेमियों को जशपुर के नैसर्गिक स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी तथा पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

मधेश्वर पहाड़ : प्रकृति और आस्था का संगम

जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से 35 किलोमीटर दूर स्थित मधेश्वर पहाड़, शिवलिंग के आकार की अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं।

पर्यटन और रोमांच का केंद्र

मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी लोकप्रिय होता जा रहा है। यहाँ हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और प्रकृति के साथ जुड़ने का अनुभव करते हैं। जशपुर जिले में पर्यटन और रोमांचक खेलों के विकास की असीम संभावनाएँ मौजूद हैं।

राजस्व निरीक्षकों का तबादला, जानिए किसे मिली कहां की जिम्मेदारी…

रायपुर-    कलेक्टर ने रायपुर जिले में 5 राजस्व निरीक्षकों का तबादला किया है. नीलकंठ वर्मा, सत्यनारायण रायकर, हरीश कुमार साहू, काशीराम ध्रुव और शेख समीर का तबादला आदेश जारी किया गया है.

देखें लिस्ट –