रावण की 7 अधूरी इच्छाएं, जो मरते दम तक पूरी नहीं कर पाया जाने पीछे की दिलचस्प कहानियां जानकर आप रह जाएंगे हैरान
रावण राक्षस होने के साथ-साथ सबसे बड़ा शिव भक्त था. रावण बहुत शक्तिशाली और परम ज्ञानी था. रावण के लिए जग में कुछ भी पाना न तो मुश्किल था और न ही नामुमकिन, लेकिन रावण के महाबली होने के बाद भी क्या आप यकीन करेंगे कि उसकी भी कुछ इच्छाएं ऐसी थीं, जिन्हें वो पूरी तो करना चाहता था, लेकिन मरते दम तक पूरी नहीं कर पाया. रावण की कुछ इच्छाएं अधूरी रह गईं. आज हम आपको रावण की उन्हीं अधूरी इच्छाओं के बारे में बताएंगे, जिन्हें पूरी करने के लालसा मन में लिए ही वो मर गया.
रावण अमर न हो पाया
रावण त्रेता युग का असुर था. उस युग में अमर होने का वरदान पाने के लिए कठिन तप किया जाता था. रावण भी अमर होना चाहता था. उसने भी इसके लिए तप किया और ब्रह्मा जी से ये मांगा कि उसकी मौत देवताओं, राक्षसों और अन्य प्राणियों के हाथों न हो. ब्रह्मा जी ने उसे वरदान दे भी दिया, लेकिन वरदान मांगते वक्त रावण ने एक भूल कर दी. उसने सबको गिना, लेकिन मनुष्य को भूल गया. बाद में भगवान राम ने मनुष्य रूप ही उसका वध किया था.
स्वर्ग की सीढ़ी बनाना चाहता था दशानन
रावण की इच्छा थी कि वो स्वर्ग की एक सीढ़ी बनाए. रावण ने स्वर्ग की सीढ़ी बनाने की कोशिश भी की और सीढी बनानी शुरू कर दी, लेकिन बनाते वक्त उसे नींद आ गई और वो सो गया. इस तरह से रावण का स्वर्ग की सीढ़ी बनाने का सपना पूरा न हो सका.
रावण चाहता था खून सफेद हो
रावण ने कई योद्धाओं पर विजय पाई. इसके लिए उसने असंख्य योद्धाओं का खून बहाया. इसलिए रावण की ये आरजू थी कि खून सफेद रंग का हो, ताकी जो कोई उसे देखे वो विचलित न हो जाए.
दुनिया का राजा नहीं बन पाया
रावण ने कई युद्ध लड़े. युद्ध में रावण ने कई राजाओं को धूल भी चटाई, लेकिन वो कभी दुनिया पर जीत हासिल नहीं कर पाया. रावण ने दुनिया का राजा बनने का सपना देखा तो जरूर, लेकिन कभी पूरा नहीं कर पाया.
समुद्र के पानी में हो मिठास
रावण की एक अधूरी इच्छा ये भी थी की समुद्र के पानी में मिठास आ जाए, क्योंकि वो जिस लंका का महाराज था वो समु्द्र के तट पर बसी हुई थी. इसलिए उसकी इच्छा थी की समुद्र के पानी में मिठास आ जाए, जिससे की लोगों की प्यास बुझ सके.
बच्चों की चिंता
रावण के सात बच्चे थे. वो चाहता था कि उसके बच्चों की जिदंगी सुरक्षित रहे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और ये इच्छा भी अधूरी रह गई थी. भगवान राम के साथ युद्ध के दौरान उसके सभी बच्चों की मौत हो गई.
कैलाश पर्वत को लंका नहीं ले जा सका
रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था. उसने अपने शीश काटकर भगवान शिव को चढ़ाए थे. उसकी इच्छा ये थी की वो भगवान शिव के कैलाश पर्वत को अपनी लंका नगरी ले जाए. इसके लिए उसने कोशिश भी की, लेकिन वो कैलाश पर्वत को लंका नहीं ले जा पाया और उसकी ये इच्छा भी अधूरी रह गई.
Dec 09 2024, 14:36