जवानों को मिली बड़ी सफलता, 11 लाख रुपए के ईनामी 5 नक्सलियों ने किया सरेंडर

बीजापुर-    छत्तीसगढ़ के बीजापुर में जवानों को बड़ी सफलता मिली है। यहां 11 लाख रुपए के ईनामी 5 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 8 लाख रूपये के ईनामी (PGLA) कंपनी नम्बर के 2 सदस्य, 2 लाख रुपए के ईनामी गंगालूर एरिया कमेटी पार्टी सदस्य। साथ ही 1 लाख का ईनामी जनताना सरकार अध्यक्ष शामिल है। नक्सलियों के भेदभाव पूर्ण नीति और विचारधारा से परेशान होकर मुख्य धारा में जुड़ने और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर आज 5 हार्डकोर नक्लियों ने आत्मसमर्पण किया है।

बता दें कि वर्ष 2024 में अबतक कुल 189 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। वहीं विभिन्न माओवादी घटनाओं में शामिल 473 माओवादियों को गिरफ्तार किया गयाl है। बीजापुर एसपी डॉ.जितेन्द्र यादव, सीआरपीएफ 202 कमांडेंट अमित कुमार, उप पुलिस अधीक्षक सुदीप सरकार व अन्य सीआरपीएफ व पुलिस के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है। समर्पण किये सभी नक्सली पुलिस पार्टी पर फायरिंग, लूट, हत्या, आगजनी जैसे बड़ी घटनाओं में शामिल रहें है।

मंत्रालय के 27 अफसरों का तबादला, देखें लिस्ट…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने मंत्रालय के 27 उप सचिव से लेकर अनुभाग अधिकारियों का तबादला किया है. 6 साल से अधिक समय से अधीक्षण शाखा में एसओ, अवर सचिव रहे एनएस मरावी अब लोक निर्माण विभाग में उप सचिव होंगे. इसका आदशे आज सामान्य प्रशासन विभाग छग शासन ने जारी किया है.

देखें लिस्ट –

कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करने वाले व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों पर स्टेट जीएसटी की दबिश

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य कर निरीक्षकों को शासकीय कार्य के दौरान व्यवसायियों द्वारा धमकाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए इस पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए है।

उल्लेखनीय है कि राज्य कर जीएसटी विभाग द्वारा बोगस फर्मों, संदिग्ध फर्मों की पहचान के लिए रिस्क पैरामीटर के आधार पर ऐसे फर्मों की पहचान कर भौतिक सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है। विभाग के निर्देश पर निरीक्षकों द्वारा रायपुर स्थित मेसर्स योगेश कमर्शियल, महेश कालोनी, गुढियारी के मुनीश कुमार शाह एव मेसर्स श्री जगन्नाथ कन्स्ट्रक्शन, दलदल सिवनी के राहुल शर्मा के विरूद्ध अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर व्यवसाय के भौतिक सत्यापन हेतु राज्य कर निरीक्षक रितु सोनकर और होमेश वर्मा को निर्देशित किया गया था। आदेश के परिपालन में कर निरीक्षक भौतिक सत्यापन करने गये थे, लेकिन उक्त दोनों व्यवसायियों के द्वारा निरीक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए धमकी दिया गया जिससे व्यवसाय के भौतिक सत्यापन के शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री श्री साय के द्वारा व्यवसायियों के इस कृत्य को गंभीरता से लिया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देशन में विभाग ने व्यवसायियों के संव्यवहारों की पड़ताल की तथा कर अपवंचन और जीएसटी अधिनियम के प्रावधानो का पालन नहीं करने पर आज विभाग ने दोनों फर्मों के प्रतिष्ठानों पर जांच जब्ती की कार्यवाही की। विभाग द्वारा शासकीय कार्यों में बाधा पहुंचाने एवं अधिकारियों को धमकाने के लिए उक्त व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की गई।

खुड़िया मल्टी-विलेज योजना से 206 गांवों को मिलेगा पेयजल, 290 करोड़ रुपए से अधिक की योजना से 60 हजार परिवार होंगे लाभान्वित

रायपुर-    जल जीवन मिशन के तहत खुड़िया मल्टी-विलेज योजना से जिले के तीनों विकासखंडों के 206 गांवों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। मुंगेली जिले के करीब 60 हजार परिवारों को योजना का फायदा मिलेगा।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव 7 दिसम्बर को मुंगेली जिले के खुड़िया में 290 करोड़ रुपए से अधिक की लागत के मल्टी-विलेज जल प्रदाय योजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भूमिपूजन करेंगे। खुड़िया जलाशय के सामने ही 23 एमएलडी (Million Liter per Day) क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। योजना का काम एक वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

खुड़िया मल्टी-विलेज जल प्रदाय योजना में खुड़िया जलाशय के पानी को शुद्ध कर गांव-गांव में बनी पानी टंकियों के माध्यम से घरों तक पहुंचाया जाएगा। जल गुणवत्ता से प्रभावित और ग्रीष्म ऋतु में जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने से संकटग्रस्त गांवों को इससे पूरे साल भर स्वच्छ पेयजल मिलेगा। मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के 84 गांवों के 27 हजार 627 परिवार, मुंगेली विकासखंड के 86 गांवों के 19 हजार 737 परिवार और पथरिया विकासखंड के 36 गांवों के 12 हजार 248 परिवार योजना से लाभान्वित होंगे।

शासन द्वारा योजना के लिए 290 करोड़ 12 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। योजना के अंतर्गत मुंगेली जिले के 206 गांवों में पेयजल की आपूर्ति के लिए 430 किलोलीटर क्षमता के एमबीआर (Master Balance Reservoir) के साथ ही अलग-अलग क्षमता के छह जेडबीआर (Zonal Balance Reservoir) भी बनाए जाएंगे। 45 बीएचपी क्षमता की रॉ वाटर पंपिग मशीनरी और 95 बीएचबी क्षमता की क्लीयर वाटर मशीनरी स्थापित की जाएगी।

गरीब परिवार के आवास का सपना चूर-चूर : प्रशासन ने अधूरे मकान पर चलाया बुलडोजर, पीड़ित परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

कोंडागांव-   छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में प्रशासन ने बिना कोई नोटिस दिए गरीब परिवार के निर्माणधाीन प्रधानमंत्री आवास पर बुलडोजर चला दिया. अब बच्चों के साथ सपन का परिवार सड़क पर आ गया है. रो-रो कर बच्चियाें ने कहा कि जब तोड़ना ही था तो प्रधानमंत्री आवास क्यों दिया गया. अब स्कूल नहीं जाएंगे. पापा यही छोटी सी दुकान से हमें पढ़ाते थे, पापा लोन पटाएगा या हमें पढ़ाएगा. बता दें कि कुछ समय पहले ही सपन हाल्दार का प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था. आवास के लिए पैसे कम न पड़े, इसके लिए एक लाख का लोन भी लिया था, उन्होंने सोचा था कि शासन के पैसे के साथ इस पैसे से अच्छा मकान बना लूंगा, पर गरीब परिवार का अपना पूरा होता उससे पहले प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया.

जानिए पूरा मामला

कोंडागांव जिले के सिंगारपुरी पंचायत के सपन हाल्दार अपने परिवार के साथ सड़क पर पकौड़े बनाकर 7 सदस्यों का परिवार चला रहा है. 30 वर्षों से कच्चा मकान था, जिसमे एक पक्का मकान बनाने का सपना देख रहा था. कुछ समय पहले ही यह सपना पूरा हुआ और प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुई. आवास के लिए पैसे कम न पड़े, इसके लिए एक लाख का लोन भी ले लिया, उन्होंने सोचा कि शासन के पैसे के साथ इस पैसे से अच्छा मकान बना लूंगा, मगर गरीब परिवार का सपना पूरा होता उससे पहले निर्माणाधीन मकान को अवैध बताकर तहसीलदार ने बिना कोई नोटिस के बुलडोजर चला दिया.

एक तरफ सरकार ने गरीब परिवार का सपना पूरा करने सपन का प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया. पंचायत ने जमीन का जियो टैग किया. फिर सब कुछ सही मिला तो सपन के खाते में एक बार 40 हजार रुपए और एक बार 60 हजार रुपए डाला गया. इसके बाद मकान का निर्माण शुरू किया गया था. मकान का निर्माण आधा हुआ तो है फिर अचान प्रशासन ने उस पर बुलडोजर चला दिया. यही नहीं, पशुओं के लिए बनाए शेड को भी गिरा दिया. अब पशु खुले में घूम रहे. बच्चों संग परिवार सड़क पर आ गया है. बिना सूचना के अतिक्रमण पर हुई इस कार्रवाई से ग्रामीणों में नाराजगी है.

ग्रामीणों और अफसरों के बीच हुई नोकझोक

कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण अतिक्रमण स्थल पर एकत्रित हुए. अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच काफी नोक झोक देखने को मिली. ग्रामीण का आरोप है कि उक्त भूमि पर विगत 30 वर्षों से कब्जा है. अभी 4 वर्ष पूर्व ही बोरगांव में कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित की गई है, जबकि इसका फरसगांव तहसील में प्रकरण चल रहा है. आज सुबह जब घर पर घर के बड़े बुजुर्ग नहीं थे तब तहसीलदार एवं राजस्व की टीम ने जेसीबी से निर्माणाधीन मकान को तोड़ दिया.

अतिक्रमण की शिकायत पर हटाया गया अतिक्रमण

इस मामले में फरसगांव एसडीएम अश्वन कुमार पोसम ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के लिए आवंटित 25 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी. इस पर नियम अनुसार अतिक्रमण को हटाया गया है. जब प्रधानमंत्री आवास की बात आई तो उन्होंने कहा, इसके बारे मे कुछ जानकारी नहीं है. पता कर लिया होता तो गरीब का मकान बच जाता.

जनपद सीईओ ने बताई पूरी प्रक्रिया

जनपद पंचायत सीईओ रामेश्वरमहापात्र ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के लिए जब सब कुछ पुख्ता होता है तो केंद्र सरकार से लिस्ट आती है. इसके आधार पर मकान स्वीकृत होते हैं. भूमि का इसीलिए जियो टैग किया जाता है, ताकि गलत स्थान पर आवास न बने, फिर हितग्राही के खाते में पैसे आते हैं. स्थान परिवर्तन का भी लंबा प्रावधान होता है. विषम परिस्थितियों मे भारत सरकार को जानकारी देकर संसोधन किया जाता है.

विष्णु के सुशासन और मोदी की गारंटी में प्रदेश में हो रहा है लगातार विकास कार्य : मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

रायपुर- राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज जीपीएम जिले को 43 करोड़ 10 लाख 14 हजार रुपए की लागत के 37 विभिन्न विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण कार्यों की सौगात दी। इनमें भूमि पूजन के 32 करोड़ 38 लाख 10 हजार रुपए की लागत के 30 कार्य और 10 करोड़ 72 लाख 04 हजार रुपए की लागत के 7 लोकार्पण कार्य शामिल है। मरवाही विकासखंड के ग्राम पंचायत तेंदूमूड़ा में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला प्रांगण में प्रभारी मंत्री एवं अतिथियों ने पूजा अर्चना के साथ विधिवत् भूमि पूजन किया।

इस मौके पर मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रहा है कि आने वाले 13 दिसम्बर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन का एक साल पूरा हो रहा है। इस अल्प अवधि के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने केबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख आवासहीन परिवारों को आवास दिया। उन्होंने किसानों को दो साल का बकाया बोनस, 3100 रूपए क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी, महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख से अधिक महिलाओं को हर महिने एक-एक हजार रूपए देने, तेंदुपत्ता प्रति मानक बोरा 5500 रूपए करने, पीएससी घोटाले की निष्पक्ष जांच एवं पारदर्शी भर्ती, रोजगार के क्षेत्र में विशेष पहल, आयुष्मान कार्ड से 5 लाख रूपए तक मुफ्त इलाज सहित सरकार की पिछले एक साल की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जीरो टारलेंस की सरकार चला रहे हैं।

जिले के प्रभारी मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करना मेरा पहला दायित्व है। उन्होंने मरवाही में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए 3 करोड़ रूपए और जिला चिकित्सालय के लिए 35 करोड़ रूपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिलेवासियों के बेहतर उपचार के लिए पिछले एक साल के भीतर जिले में 12 विशेषज्ञ डॉक्टर की पदस्थापना की गई है।

रास्ते में खड़ी कार ने रोका सीएम साय का काफिला, 10 मिनट तक मुख्यमंत्री करते रहे इंतजार

कवर्धा-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुरक्षा में बड़ी चूक देखने को मिली. मुख्यमंत्री का काफिला 10 मिनट तक केवल इसलिए रुका रहा, क्योंकि रास्ते में कार को खड़ी कर ड्राइवर गायब हो गया था. पुलिस के रास्ता क्लियर नहीं कर पाने पर दूसरे रूट से मुख्यमंत्री कवर्धा पहुंचे.

जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विश्व हिन्दू परिषद चंद्रशेखर वर्मा की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर स्थित कुसुमघटा गांव पहुंचे थे. शादी समारोह से वापस जाते समय रास्ते पर कार खड़ी थी, जिसकी वजह से सीएम के काफिले को रोकना पड़ा.

कार के ड्राइवर को तलाश करने में समय लगता देख सीएम की सुरक्षा में तैनात जवान गाड़ी के इर्द-गिर्द जमा हो गए. पुलिस के रूट चेंज नहीं कर पाने की वजह दूसरे रास्ते से मुख्यमंत्री साय कवर्धा पहुंचे. काफिले में सीएम साय के साथ डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद थे.

फ्लोरा मैक्स फ्रॉड केस: कंपनी की एजेंट के पति ने की आत्महत्या, धोखाधड़ी और तगादे से था परेशान
जांजगीर-चांपा-  छत्तीसगढ़ में लगभग 50 हजार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी ‘फ्लोरा मैक्स’ से जुड़ी एक महिला एजेंट के पति ने आज कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली. कीटनाशक पीते ही परिजनों ने उसे तत्काल चांपा के अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेज दिया है और मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान दारंग निवासी संतोष साहू है. मृतक की पत्नी नीरा साहू फ्लोरा मैक्स कंपनी में एजेंट के रूप में काम करती थी और मृतक (संतोष साहू) अन्य महिलाओं को भी कंपनी से जोड़ने में उसकी सहायता करता था. पति पत्नी ने मिलकर कई लोगों को इस कंपनी से जोड़ा लेकिन कंपनी के डायरेक्टर हजारों महिलाओं से 30-30 हजार रुपये लेकर फरार हो गए थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है. कंपनी में पैसे लगाने वाली महिलाओं को अपने पैसे वापस नहीं मिले. ऐसे में मृतक और उसकी पत्नी ने जिन महिलाओं को कंपनी से जोड़ने का काम किया था, उनके पैसे वापस करने का दबाव बना रहे थे. इससे परेशान होकर व्यक्ति ने खुदखुशी कर ली है.

वहीं कंपनी के खिलाफ रायगढ़ जिले के एक गांव की 165 महिलाओं के साथ 49 लाख रुपए के फ्रॉड का मामला भी सामने आया है. एक महिला ने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज करते हुए कंपनी पर आरोप लगाया है कि कंपनी ने प्रलोभन देकर महिलाओं से 30-30 हजार रुपए जमा तो कराए, इसके अलावा उनके दस्तावेज और दस्तखत लेकर गैर कानूनी ढंग से लोन लेकर कंपनी में लगा दिए. इसके अलावा हाल ही में कंपनी से जुड़ी एक और महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. लगातार कंपनी के फ्रॉड के बाद मौत और आत्महत्याओं की खबरें कंपनी से जुड़ी महिलाओं और परिवारों के लिए चिंताजनक है.

महिलाओं से सीएम साय से लगाई थी मदद की गुहार:

बता दें, इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के डायरेक्टर अखलेश सिंह और केयर टेकर मया राम साहू समेत 10 महिलाओं को गिरफ्तार कर कंपनी को सील कर दिया है. बीते दिन गुरुवार को कंपनी के फ्रॉड से पीड़ित लगभग 150 महिलाओं ने सीएम हाउस में पहुंचकर पैसे वापिस दिलाने की गुहार लगाई थी.

जानिए क्या है पूरा मामला

कंपनी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और हर महीने 2700 किश्त और कुछ घरेलु सामान देने का वादा कर कंपनी में पैसे इनवेस्ट करने को कहा. इस प्रलोभन में आकर प्रत्येक महिला ने 30-40 हजार रुपये लोन लेकर कंपनी में लगा दिये. वहीं जब बीते 2 महिने से कंपनी ने महिलाओं को किश्त के पैसे और सामान देना बंद कर दिया, तब महिलाओं ने एसपी और कलेक्टर के पास कंपनी के खिलाफ अपने साथ हुई ठगी की शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू की और कंपनी के डायरेक्टर अखलेश सिंह और केयर टेकर मया राम साहू समेत 10 महिलाओं को गिरफ्तार कर कंपनी को सील कर दिया.

ये हैं गिरफ्तार आरोपी

  1. राजू सिंह पिता हरपाल सिंह उम्र 34 साल साकिन इमलीडुग्गु सीतामणी कोरवा थाना कोतवाली जिला कोरबा
  2. मयाराम साहू पिता स्व. खेदुराम साहू उम्र 48 साल सा. सेमीपाली थाना उरगा कोरबा जिला कोरबा
  3. गुड़िया सिंह पति राजू सिंह उम्र 31 साल साकिन इमलीडुग्गु सीतामणी कोरबा थाना कोतवाली जिला कोरबा
  4. संतोषी साहू पति मयाराग साहू उम्र 39 साल सा. सेमीपाली थाना उरगा कोरबा जिला कोरबा
  5. हेमा ताड़िया पति तिलेश्वर ताड़िया उम्र 42 साल सा. सेमीपाली मेन रोड़ उरगा
  6. सरिता वैष्णव पति जयकरंत वैष्णव उर्फ जय उम्र 34 साल सा. कुदुरमाल नहरणार
  7. हेम बरई यादव पति होरीलाल यादव उम्र 30 साल सा. भाठापारा कुदुरमाल थाना उरगा
  8. पूनम मुदलियार पति मदन लाल मुदलियार उम्र 38 साल सा. सेमीपाली हा. मु. ब्लॉक 2 बरबसपुर
  9. सरोजनी वैष्णव पति स्व. श्याम कुमार वैष्णव उम्र 42 साल सा. कुदुरमाल थाना उरगा
  10. ओमेश्वरी नायडू पति विजय नायडू उम्र 38 साल राा. सेमीपाली थाना उरगा
  11. कल्याणी नामदेव पति रंगलाल नामदेव उम्र 34 साल सा. कुदुरमाल हनुमान मंदिर के पास
  12. सरोजनी देवी चंद्रा पति भुनेश्वर प्रसाद चंदा उम्र 42 साल सा. मानिकपुर दशहरा मैदान के पास कोरबा
पंडो जनजाति के उत्थान हेतु मुख्यमंत्री का विशेष प्रयास, मूलभूत सुविधाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने विशेष शिविरों का हो रहा आयोजन
रायपुर-     छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों में पंडो जनजाति का नाम प्रमुखता से आता है। यह जनजाति राज्य के दूर-दराज इलाकों में निवास करती है, जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव और शासन की योजनाओं तक पहुंच की समस्या लंबे समय से बनी हुई थी। इस समस्या का समाधान करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सूरजपुर जिला प्रशासन द्वारा महत्त्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
सूरजपुर जिले में पंडो जनजाति को मूलभूत सुविधाओं और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन संपूर्णता अभियान के तहत प्रत्येक बुधवार को किया जा रहा है, जो कि उनकी विकास यात्रा में एक निर्णायक पहल साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सदैव समाज के सबसे पिछड़े और हाशिए पर खड़े समुदायों के विकास पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। उनकी यह मान्यता है कि समाज के हर वर्ग को समान अवसर और सुविधा मिलनी चाहिए, चाहे वह किसी भी भौगोलिक स्थिति में क्यों न हो। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस सोच को मूर्त रूप प्रदान करते हुए पंडो जनजाति जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों को शासकीय योजनाओं से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है, ताकि इन समुदायों का समुचित विकास हो सके और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके। इसी क्रम में पंडो जनजाति के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए सूरजपुर जिले के विभिन्न ग्राम पंचायत भवनों में विशेष शिविरों का आयोजन इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि पंडो जनजाति के लोगों को शासन की योजनाओं का संपूर्ण लाभ पहुंचाया जा सके।
पण्डो जाति के लिए विशेष शिविरों का आयोजन इनके विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। विशेष शिविरों के द्वारा इस जनजाति के प्रत्येक परिवार को शासकीय योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। इन शिविरों का आयोजन 18 दिसंबर 2024 तक जिले के विभिन्न ग्राम पंचायत भवनों में किया जाएगा। इसके तहत हर परिवार का सर्वेक्षण कर पंडो परिवार की जानकारी एकत्रित कर उनकी आवश्यकता और उपलब्ध सुविधाओं का आकलन करने के बाद संबंधित विभागों द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। इन पंडो परिवारों को मूलभूत सुविधाओं और योजनाओं से शत-प्रतिशत संतृप्त करने के लिए शिविरों का रोस्टर और कार्ययोजना बनाई गई है। रोस्टर के अनुसार प्रत्येक गांव में शिविर का आयोजन किया जा रहा हैै। इसमें तिथियों का निर्धारण कर जनजाति के लोगों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। शिविरों के सफल क्रियान्वयन के लिए, कलेक्टर एस जयवर्धन ने विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी हैं। सभी विभाग के अधिकारियों द्वारा अद्यतन जानकारी परियोजना प्रशासक व एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना सूरजपुर को उपलब्ध कराई जाती है। इस वर्ग के विकास के लिए जिला प्रशासन, जनपद पंचायत, और आदिवासी विकास परियोजना के अधिकारी समन्वय में कार्य कर रहे हैं। हर विभाग के अधिकारी को अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि विकास की यह प्रक्रिया निर्बाध रूप से आगे बढ़ सके।
इस पहल से इस आदिवासी वर्ग के जीवन स्तर में निरंतर सुधार आ रहा है। शिविरों के आयोजन से पंडो जनजाति को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, आवास और आर्थिक सहायता की योजनाओं का लाभ विशेष शिविरों के माध्यम से उन्हें योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। इन शिविरों में जिन योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है, उनमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत पंडो जनजाति के परिवारों को पक्के मकान, स्वास्थ्य बीमा, मुफ्त गैस कनेक्शन, शौचालय निर्माण और सस्ती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
शासन एवं प्रशासन के इस प्रयास की सराहना पंडो जनजाति और स्थानीय समुदाय के लोगों द्वारा निरंतर की जा रही है। पहले जहां इन जनजातियों को मूलभूत सुविधाओं की कमी और योजनाओं से वंचित रहने की शिकायत थी, वहीं अब इन शिविरों के माध्यम से उन्हें उनका हक मिल रहा है। कई पंडो परिवारों ने अपने अनुभव साझा किए हैं कि कैसे इन योजनाओं के कारण उनके जीवन में बदलाव आया है।
इस योजना के संबंध में स्थानीय पंडो निवासी रामेश्वर पंडो ने बताया कि पहले हमें शासन की योजनाओं के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती थी, और न ही हमें पूरी तरह से उनका लाभ मिल पाता था। लेकिन अब विशेष शिविरों के माध्यम से हमें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हमारे परिवार को आवास योजना का लाभ मिला है, और हमें स्वास्थ्य बीमा भी मिला है। इससे हमारे जीवन में काफी सुधार हुआ है।
उल्लेखनीय है कि इस संपूर्णता अभियान अंतर्गत जिले के सभी विकासखंडों सूरजपुर, रामानुजनगर, प्रेमनगर, भैयाथान, ओडगी और प्रतापपुर के ग्रामों में निवासरत विषेष पिछड़ी जनजाति पंडो को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने एवं संतृप्तिकरण प्राप्त करने की दिशा में निरंतर शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत परिवार के मुखिया आधारित योजनाओं को देखा जाए तो विभिन्न ग्राम पंचायतों में 124 शिविर का अयोंजन कर 82 घरों में विद्युतीकरण, 184 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना, 72 शौचालय, 118 का मनरेगा जॉब कार्ड, 209 को उज्जवला गैस कनेक्षन, 389 को किसान क्रेडिट कार्ड, 250 को पीएम किसान सम्मान निधि एवं 73 घरों में हर घर नल से जल की सुविधा प्रदान की गई।
इसके अलावा हितग्राहीमूलक योजनाओं को देखा जाए तो 191 हितग्राहियों का जाति प्रमाण पत्र, 322 का आधार कार्ड, 393 का राशन कार्ड, 99 को वोटर कार्ड, 116 को पेंशन, 243 स्व सहायता समूह गठन, 16 हितग्राहियों को वनधन केंद्र आजीविका, 44 का कौशल विकास, 583 हितग्राहियों का श्रम विभाग में पंजीकरण, 347 को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, 113 को प्रधानमंत्री पोषण योजना, 278 को सुकन्या समुद्धि योजना से लाभन्वित किया गया। 291 हितग्राहियेां का आंगनबाड़ी में पंजीयन, 496 का आयुष्मान कार्ड निर्माण, 107 को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का लाभ, 1558 का सिकल सेल एनीमिया जांच, 140 हितग्राहियों का टीकाकरण, 94़9 हितग्राहियों का टीवी उन्मूलन जांच, 1166 लेागों का कुष्ठ रोग जांच, 33 को प्रधानमंत्री जनधन योजना से, 91 को जीवन ज्योति बीमा योजना एवं 158 हितग्राहियों को सुरक्षा बीमा योजना से लाभान्वित किया गया है।
छत्तीसगढ़ SI भर्ती में हाइट और उम्र सीमा में छूट देने की मांग, युवाओं ने गृहमंत्री को सौंपा ज्ञापन

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में एसआई भर्ती में युवाओं ने उंचाई और उम्र की सीमा में छूट की मांग की है. दरअसल, आदिवासी अभ्यार्थियों की हाइट औमतौर पर कम ही होती है, जिसके कारण भर्ती से वंचित हो जाते हैं, इसीलिए वर्तमान जारी भर्ती में पांच सेंटीमीटर छूट की मांग की गई है. इसे लेकर युवाओं ने गृहमंत्री विजय शर्मा को ज्ञापन सौंपा है. वहीं मांग नहीं मानने पर युवाओं ने उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2018 और 2021 की भर्ती में छूट दी गई थी. हांलाकि इस बार जारी एसआई भर्ती में छूट नहीं दी गई हैं. वर्तमान जारी एसआई भर्ती में सभी वर्ग के लिए 168 सेंटीमीटर हाइट निर्धारित की गई है. जहां पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश, इन सभी राज्यों में छूट दी गई है. वहीं आदिवासियों के लिए अन्य राज्य में पुरुषों के लिए 160 सेंटीमीटर और महिलाओं के लिए 148 सेंटीमीटर छूट निर्धारित है.

आयु सीमा में छूट की मांग

साल 2018 में 975 पदों की भर्ती निकाली गयी थी, जो तीन सरकार देखने के बाद कोर्ट के आदेशानुसार भर्ती की गई है. इस दौरान बहुत से अभ्यर्थी आयु सीमा से बाहर हो गए हैं. इस बीच उनको दोबारा मौका नहीं मिला है, इसलिए आयु सीमा में छूट की माँग किया जा रहा है.

सामान्य वर्ग के लिए 33 साल निर्धारित

सब इंस्पेक्टर भर्ती में इस साल 33 साल सामान्य वर्ग के लिए आयु सीमा निर्धारित की गई है। जिसे कम से कम 36 साल बढ़ाने की मांग की जा रही हैं, डेढ़ वर्ष की अतिरिक्त छूट की मांग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश और बिहार में छूट दी गई है। मध्य प्रदेश में 36 वर्ष किया गया और बिहार में 37 वर्ष किया गया है, अभ्यार्थियों के हित को देखते हुए सरकार जल्द ही छूट का लाभ विद्यार्थियों को देिया जाए।

आंदोलन की भी दी चेतावनी

आज इसे लेकर ज्ञापन सौंपने वाले युवाओं ने कहा कि दूसरे राज्य के भाती छूट नहीं दी जाती है, तो छत्तीसगढ़ के आदिवासी और सामान्य युवा आंदोलन में चले जाएंगे। जिसकी जिम्मेदारी गृह विभाग की होगी।