नई औद्योगिक नीति के रूप में निवेशकों के लिए छत्तीसगढ़ में खुला रेड कारपेट: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में नए नए उद्योगों की स्थापना की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां मिनरल्स का विपुल भंडार है, अनुकूल औद्योगिक वातावरण है, साथ ही उद्योग और व्यापार जगत के प्रतिनिधियों से चर्चा कर राज्य की नवीन औद्योगिक विकास नीति 2024-30 तैयार की गई है। इस नवीन नीति में उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रावधान शामिल किए गए हैं। नई औद्योगिक नीति के रूप में निवेशकों के लिए रेड कारपेट छत्तीसगढ़ में खुला है। निवेश की जटिलताएं अब छत्तीसगढ़ में नहीं रही। सिंगल विंडों सिस्टम ने सब कुछ बहुत सरल कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर में नीति आयोग एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘छत्तीसगढ़ की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के संबंध में हितधारकों के साथ संवाद कार्यक्रम (स्टेक होल्डर कनेक्ट वर्कशॉप)’’ को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य दिया है। इसके लिए हमें विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करना होगा। विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। छत्तीसगढ़ के विकास हेतु विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देते हुए छत्तीसगढ़ के अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया जाएगा।

उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नवीन औद्योगिक नीति मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेकर किया गया है। नई नीति तैयार करने में उद्योगपतियों से सुझावों को शामिल किया गया है। इस नीति से प्रदेश में निवेश तो आएगा ही, नये उद्योगों की स्थापना होगी, साथ ही राज्य के लोगों को रोजगार मिलेगा।

नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार संजीत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ निवेशकों के लिए पसंदीदा राज्य बन गया है। छत्तीसगढ़ के नवीन औद्योगिक नीति की हर तरफ प्रशंसा की जा रही है। इस नीति से प्रदेश में सस्टेनेबल औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी। नई नीति में एमएसएमई उद्योगों को सशक्त बनाने का अच्छा प्रयास किया गया है। नये क्षेत्रों में निवेश के लिए इंसेन्टिव स्कीम तैयार की गई है। इस उद्योग नीति में रोजगार सृजन महत्वपूर्ण पहलू है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में राज्य के 27 बड़े औद्योगिक समूहों को नवीन पूंजी निवेश के प्रस्ताव के संबंध में 32 हजार 225 करोड़ रुपए के निवेश के लिए इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर प्रदान किए। इनमें राज्य के कोर सेक्टर के साथ ही नये निवेश क्षेत्रों जैसे आईटी, एआई, डाटा सेंटर, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, कम्प्रेस्ड बायो गैस जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा। इनमें शिवालिक इंजीनियरिंग, मां दुर्गा आयरन एण्ड स्टील, एबीआरईएल ग्रीन एनर्जी, आरएजी फेरो एलायज, रिलायंस बायो एनर्जी, यश फैंस एण्ड एप्लायंसेस, शांति ग्रीन्स बायोफ्यूल, रेक बैंक डाटा सेंटर आदि सम्मिलित हैं।

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नवीन औद्योगिक नीति में रोजगार सृजन, निर्यात प्रोत्साहन और उद्योगों की मंजूरी और स्थापना की प्रक्रिया के सरलीकरण पर फोकस किया गया है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने बताया कि नवीन औद्योगिक विकास नीति में राज्य की प्राथमिकताओं एवं राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिये प्रावधान किये गये हैं ।

कार्यक्रम में आयोजित पैनल डिस्कशन में रोजगारवर्धक औद्योगिक विकास में औद्योगिक अधोसंरचना, नीति समर्थन एवं उद्योग स्थापना हेतु औपचारिक आवश्यकताओं को कम करने पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

पुलिस ने गैंती गैंग का किया पर्दाफाश: 3 चोर समेत दो ज्वेलर्स और सहयोगियों को किया गिरफ्तार,2 दर्जन से अधिक चोरी की वारदातों को दे चुके हैं अंजाम

रायपुर-  पुलिस ने राजधानी रायपुर की आवासीय कॉलोनियों के सुनसान मकानों में चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले गैंती गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 3 शातिर चोरों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह थाना मुजगहन, विधानसभा, तिल्दा नेवरा एवं मंदिर हसौद के सुनसान मकानों को निशाना बनाकर चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। इस दौरान सेंध लगाने के लिए ये चोर गैंती और पेचकस का इस्तेमाल करते थे। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने लाखों रुपये के सोने-चांदी के जेवरात, नगदी, दोपहिया वाहन और अन्य चोरी के सामान भी बरामद किया हैं।

बता दें कि पुलिस ने गैंती गैंग के जिन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है उनमें सृजन शर्मा उर्फ स्वराज, उमेश उपाध्याय और सफीक मोहम्मद शामिल हैं। इनमें सृजन शर्मा उर्फ स्वराज पूर्व में भी चोरी और नकबजनी के मामलों में जेल जा चुका है। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि वह और उसके साथी चोरी के जेवरातों को अपने परिचित ज्वेलर्स के पास बेच देते थे, वहीं कुछ जेवरातों को वित्तीय कंपनियों में गिरवी रखकर वह नगदी प्राप्त करते थे। पुलिस ने इन फाइनेंस कंपनियों को भी नोटिस जारी किया है।

पुलिस ने इस गिरोह के संगठित अपराध में शामिल अन्य सहआरोपियों और ज्वेलर्स को धारा 111 और 317 बी.एन.एस. के तहत भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गैंती गैंग के चोर सोने-चांदी के जेवरातों को अपने परिचित ज्वेलर्स दुकान के कारिगरों और वर्कर हर्ष कुमार बंजारे उर्फ गोविंदा, मोहम्मद आसिफ सिद्दीकी, मेवालाल कश्यप, हेमंत कश्यप, कमलजीत कश्यप उर्फ जीतू और जय कुमार सोनी को देते थे, जिसके बाद यह सभी जेवरातों को गलाकर ज्वेलर्स दुकान के मालिक बिलासपुर निवासी राजेश कुमार सोनी, उरला निवासी भूषण कुमार देवांगन और मुंगेली निवासी जय कुमार सोनी को बेच देते थे।

पुलिस ने 35 लाख का सामान किया जब्त

पुलिस ने सभी गिरफ्तार आरोपियों के निशानदेही पर उनके कब्जे से 316 ग्राम सोना, 2 किलो 900 ग्राम चांदी, घटना प्रयुक्त 5 नग मोबाइल फोन, 2 नग दोपहिया और वारदात में इस्तेमाल की गई गैंती, पेचकस जब्त किया है, जिसकी कीमत 35 लाख रुपये आंकी गई है। सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 331(4), 305, 3(5) बी.एन.एस. के तहत कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस ने चोरी की गाड़ी को किया जब्त, मकान मालकों को नोटिस जारी

बता दें कि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए चोरी को अंजाम देने के लिए खरीदी गई दो दोपहिया को भी जब्त किया है, साथ ही जिनसे यह वाहन खरीदा गया है, उनकी पतासाजी कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा जिन मकानों में यह सभी आरोपी किराए पर रहे थे, उन मकान मालिकों को नोटिस जारी किया गया है, क्योंकि उन्होंने पुलिस को किराएदारों की जानकारी नहीं दी थी।

आवासीय कॉलोनियों को भी नोटिस तलब

गौरतलब है कि आरोपियों ने राजधानी की जिन-जिन आवासीय कॉलोनियों में चोरी की घटना को अंजाम दिया है उन कॉलोनियों द्वारा पुलिस द्वारा निर्देशित सुरक्षा इंतजामों का उल्लंघन किया जाना पाए जाने पर उन्हें भी नोटिस जारी किया गया है।

किसानों को 40 साल बाद हाईकोर्ट से मिला न्याय, जमीन अधिग्रहण के लिए आदेश जारी

बिलासपुर-  जांजगीर-चांपा जिले के किसानों को आखिरकार 40 साल बाद न्याय मिला है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शासन और जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि तीन महीने के भीतर जमीन का सीमांकन कर अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जाए.

बता दें कि जांजगीर-चांपा जिले के जैजैपुर ब्लाक के ग्राम खम्हारडीह, मुरलीडी निवासी किसान भागवत दास, ताराचंद, दुखवा केवट सहित 10 किसानों की जमीन में वर्ष 1983-84 में नंदेली से कचंदा तक डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण करा दिया गया. जमीन के एवज में मुआवजा न दिए जाने पर भूमि स्वामियों ने अधिवक्ता योगेश चंद्रा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका लगाई. जिसमें लोक निर्माण विभाग, कलेक्टर, भूअर्जन अधिकारी सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया.

मामले की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से जवाब पेश कर कहा गया कि उक्त सड़क आपदा राहत योजना के तहत बनाया गया. इसके लिए भूमि स्वामी स्वेच्छा से जमीन दिया है, साथ ही विलंब से याचिका पेश करने की बात कहते हुए याचिका खारिज करने की मांग की गई.

मामले में जस्टिस बीड़ी गुरु ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा विधि को दृष्टिगत राज्य को किसी के सम्पति में अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जा सकती है. शासन को याचिकाकर्ता से संबंधित क्षेत्र का सीमांकन करना होगा. इसका उपयोग सड़क निर्माण किया गया. उक्त क्षेत्र के अधिग्रहण के लिए कार्रवाई की जाए. सीमांकन तीन माह की अवधि के भीतर पूरा किया जाए और उसके बाद भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही तैयार की जायेगी, उचित अवधि के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है.

निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन के लिए आयोग कटिबद्ध : राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह

रायपुर-    राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत कांकेर के सभाकक्ष में सुबह 11.00 बजे से नगरीय निकायों एवं त्रिस्तरीय पंचायतों में आगामी आम/उप निर्वाचन अंतर्गत निर्वाचन कार्यों की तैयारियों के संबंध में समीक्षा की गई। बैठक में बस्तर संभाग के संभाग आयुक्त डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी., पुलिस विभाग के नोडल अधिकारी ओ.पी. पाल, आयोग के सचिव डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे सहित संभाग के सभी जिला के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी अधिकारियों को बस्तर संभाग में पारदर्शिता, निष्पक्षता के साथ शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में प्रति एक हजार मतदाता के लिए एक मतदान केन्द्र और पंचायतों में निर्वाचन के लिए प्रति 500 मतदाता हेतु एक मतदान केन्द्र बनाया जाय । साथ ही यह भी कहा कि सभी पात्र मतदाताओं के नाम निर्वाचक नामावली में अनिवार्य रूप से जोड़े जाएं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बैठक में मुख्य रूप से चुनाव के सुचारू रूप से संचालन हेतु चुनाव की तैयारी, सुरक्षा व्यवस्था, मतदान केन्द्रों की स्थिति और निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी महत्वपूर्ण तैयारियों की समीक्षा की । इस बैठक के माध्यम से चुनाव के सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।

राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर संभाग के साथ ही प्रदेश के सभी संभागों में निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा सम्पन्न हो गई है। आगामी समय में चुनाव की तैयारियों के संबंध में मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ आयोग की संयुक्त रूप से बैठक की जाएगी, जिसके तहत चुनावी प्रक्रिया के दौरान होने वाली चुनौतियों और संभावित समस्याओं पर भी चर्चा की जाएगी । उन्होंने अधिकारियों को चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने, मतदाता जागरूकता बढ़ाने और मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि 01 अक्टूबर 2024 की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके सभी पात्र लोगों के नाम निर्वाचक नामावली में अनिवार्य रूप से होने चाहिए।

इस दौरान बैठक में बस्तर संभागायुक्त श्री सिंह ने संभाग के सभी जिलों में की जा रही निर्वाचन की तैयारियों की संक्षिप्त जानकारी दी। पुलिस महानिरीक्षक बस्तर संभाग सुंदरराज ने निर्वाचन के दौरान की जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था के संबंध जानकारी दी। साथ ही संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने-अपने जिलों के निर्वाचन संबंधी तैयारियों की अद्यतन स्थिति से आयोग को अवगत कराया।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने सुरक्षा उपायों और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, कर्मचारियों की तैनाती, और निर्वाचन सामग्री की उपलब्धता की भी समीक्षा की ताकि किसी भी तरह की असुविधा न हो। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी संबंधित अधिकारियों के बीच समन्वय और सहयोग बना रहे ताकि चुनाव प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो सके।

छत्तीसगढ़ में अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 5.49 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 5994 करोड़ 82 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज 4 दिसम्बर को 58468 किसानों से 2.67 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 66453 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 44349 टोकन जारी किए गए हैं।

राज्य सरकार धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर जारी किए है, जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले कोई भी किसान इस हेल्पलाईन नम्बर पर फोन कर अपनी समस्यओं का समाधान कर सकते है।

हाईकोर्ट ने पुलिस आरक्षक भर्ती पर लगी रोक हटाई

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस आरक्षक भर्ती 2023-24 पर लगी रोक हटा दी है। यह मामला तब शुरू हुआ जब डीजीपी ने गृह विभाग के अवर सचिव को पत्र लिखकर पुलिस विभाग में कार्यरत एक्स सर्विसमैन के बच्चों को भर्ती प्रक्रिया में छूट देने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को मंजूरी मिलने पर बेदाराम टंडन ने इसे कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर अस्थाई रोक लगा दी थी। अब यह रोक हटा दी गई है।

बुधवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की बेंच में हुई। सुनवाई के बाद बेंच ने अपने निर्णय में पुलिस कर्मियों के बच्चों को मिलने वाली छूट को हटा दिया, जबकि शहीद पुलिस कर्मियों के बच्चों और नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्यरत जवानों के बच्चों को छूट देने का फैसला किया है। कोर्ट ने इसे आर्टिकल 14 और 16 का उल्लंघन माना, जिससे सामान्य पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए छूट का लाभ असंवैधानिक माना गया। अब भर्ती प्रक्रिया फिजिकल टेस्ट के बाद आगे बढ़ेगी।

पहली बार राजधानी में शानदार प्रोजेक्ट : 6 दिसंबर को लॉन्च होगा प्रीमियम आवासीय प्लॉटिंग प्रोजेक्ट ‘रहेजा निर्वाणा फेज 3’

रायपुर-    रहेजा ग्रुप अपने प्रीमियम रेसिडेंशियल प्लॉटिंग प्रोजेक्ट रहेजा निर्वाणा के तीसरे सीजन का भव्य शुभारंभ करने जा रहा है. राजधानी के कचना स्थित इस बेहतरीन प्लॉटिंग प्रोजेक्ट के तीसरे फेज का शुभारंभ 6, 7 और 8 दिसंबर 2024 को किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा आकर्षण मिनी वाटर पार्क है, जो पहली बार राजधानी रायपुर के किसी रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट में उपलब्ध होने जा रहा है.

रहेजा ग्रुप द्वारा निर्मित यह प्रोजेक्ट सभी आय वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए प्राइम लोकेशन पर प्रीमियम सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है. रहेजा निर्वाणा के नजदीक मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल्स, स्कूल, मॉल, एडवेंचर पार्क जैसी अनेक सुविधाएं है. साथ ही एयरपोर्ट और नेश्नल हाईवे, नया रायुपर, विधानसभा रोड से शानदार कनेक्टिविटी है, जिसकी वजह से यह प्रोजेक्ट ग्राहकों के निवेश के लिए बिल्कुल सही है.

मनोरंजन के लिए वाटर पार्क की सुविधा

रहेजा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय रहेजा ने बताया कि रहेजा निर्वाणा-3 में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ स्वच्छ वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता का संतुलन बनाया गया है. लोगों की सभी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया यह शानदार प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट में हम बच्चों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए पहली बार मिनी वाटर पार्क जैसी सुविधाएं लेकर आ रहे हैं, जिससे यह प्रोजेक्ट एक सुंदर रिज़ॉर्ट की तरह महसूस होगा. रहेजा ग्रुप अपने क्वालिटी और समय सीमा में प्रोजेक्ट की डिलीवरी के लिए जाना जाता है. इसी भरोसे को कायम रखते हुए रहेजा निर्वाणा के तीसरे फेज को लेकर हम आए हैं और हमें पूरा विश्वास है कि लोगों का प्यार जो पहले और दूसरे फेज में हमें मिला वैसा ही प्रतिसाद हमें तीसरे फेज यानी तीसरे सीज़न में भी मिलेगा.

रहेजा निर्वाणा 3 में मिलेगी ये सुविधाएं

बता दें कि रहेजा निर्वाणा 3 में आपको शानदार लैंडस्केप्ड गार्डन्स, क्लब हाउस, स्पोर्ट्स फैसिलिटीज, जिम, योगा गार्डन, किड्स प्ले एरिया, स्विमिंग पूल, बास्केटबॉल कोर्ट जैसी अनके सुविधाएं मिलेंगी. यह प्रोजेक्ट रेरा रजिस्टर्ड एवं सभी शासकीय मानदंडों से अप्रूव्ड है। इस प्रोजेक्ट में श्रीराम मंदिर का निर्माण भी किया गया है. इस मंदिर के स्थापना के साथ ही सर्वसुविधा युक्त रहेजा निर्वाणा के तीसरे सीजन की शुरुआत की जा रही है.

रहेजा निर्वाणा के पहले और दूसरे फेज को मिला है लोगों का भरपूर प्रतिसाद

रहेजा ग्रुप छत्तीसगढ़ के रियल एस्टेट सेक्टर में भरोसेमंद नाम है. आज तक जितने भी प्रोजेक्ट इस ग्रुप ने मार्केट में लाए हैं उन्हें अपने ग्राहकों को पूरी गुणवत्ता के मापदंड पर खरा उतरते हुए निर्धारित समयसीमा के पहले ही पूरा कर के अपना भरोसा कायम किया है. इससे पहले रहेजा ग्रुप ने अनेक रेसिडेन्शियल और कामर्शियल प्रोजेक्ट्स की सौगात इस शहर को दी है. रहेजा निर्वाणा के पहले और दूसरे फेज को लोगों का भरपूर प्रतिसाद मिला है. शहर के भीड़-भाड़ और तेज रफ्तार की जिंदगी में हम सभी को अपने घर में सुकून और शांति की तलाश रहती है. रहेजा निर्वाणा में पूरा प्रयास किया गया है कि प्रकृति के नजदीक होते हुए सभी आधुनिक सुविधाओं का लाभ लेकर यहां रहने वाले लोग सुकून का अहसास करें.

रविशंकर विश्वविद्यालय को जीएसटी नोटिस, 1 करोड़ 65 लाख भुगतान करने के निर्देश, जानिए मामला

रायपुर-  पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय को महाविद्यालयों की सम्बद्धता शुल्क के नाम पर 1 करोड़ 65 लाख, 4666 रुपए जीएसटी भुगतान का पत्र मिला है. इस पत्र के मिलने के बाद से विश्वविद्यालय से लेकर महाविद्यालयों तक हलचल मची हुई है. 

कार्यालय सहायक आयुक्त, राज्यकर की ओर से विश्वविद्यालय को भेजे गए पत्र में जुलाई 2017 से मार्च 2024 तक का महाविद्यालयों से वसूल किए गए संबद्धता भुगतान में जीएसटी देने की बात कही गई है. इस संबंध में मंगलवार को प्राचार्यों की विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ में हुई बैठक में चर्चा भी हुई है. इसके साथ बताया जा रहा है कि मामला कार्यपरिषद में भी रखा गया.

कॉलेज भी आ गए हैं सकते में

2017 से सम्बद्धता शुल्क पर जीएसटी वसूलने की जानकारी मिलने पर कॉलेज भी सकते में आ गए हैं. इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा परीक्षा को लेकर मंगलवार को ली गई बैठक में जानकारी दी गई. इस मुद्दे को लेकर कॉलेजों के बीच मंत्रणा जारी है. आने वाले दिनों में जीएसटी भुगतान को लेकर कॉलेजों द्वारा कोई निर्णय लिया जाएगा.

विश्वविद्यालय को मिला है साढ़े तीन करोड़

जानकारी के अनुसार 1 जुलाई 2017 से 31 मार्च 2024 तक विश्वविद्यालय को संबद्ध कॉलेजों से 3 करोड़ 55 लाख 96 हजार, 120 रुपए सम्बद्धता शुल्क मिला है. इस पर जीएसटी कार्यालय ने 1 करोड़, 65 लाख 4 हजार 666 रुपए की जीएसटी भुगतान की मांग की है.

रजिस्ट्रार ने कहा- नहीं थी जानकारी

जीएसटी नोटिस को लेकर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार शैलेंद्र पटेल ने कहा कि सम्बद्धता शुल्क में जीएसटी लगता है, इस बात की जानकारी नहीं थी. इसलिए हमने जीएसटी कार्यालय से आग्रह किया है कि ब्याज की राशि जोड़ी गई है, उसमें छूट दी जाए. या फिर 2025 से नियमानुसार जीएसटी लिया जाए. इस नोटिस से संबंध में विभागीय सचिव को भी अवगत कराया गया है. महाविद्यालयों की सम्बद्धता को लेकर कोई फंड नहीं होता है. जैसे ही स्थिति होगी, उसके अनुसार महाविद्यालयों से बैक डेट में राशि ली जाएगी.

धान खरीदी केंद्र में किसानों से धोखा, प्रति बोरी 2-3 किलो अतिरिक्त तौलने का मामला उजागर, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

अभनपुर-  प्रदेश में धान खरीदी का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन इसके साथ ही किसानों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं. राजधानी रायपुर से लगे अभनपुर के मानिकचौरी स्थित धान खरीदी केंद्र में किसानों के धान का 4 से 5 किलो अतिरिक्त तौलने का मामला सामने आया. किसानों की शिकायत के बाद आज कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल मौके पर पहुंचकर केंद्र का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने पाया कि खरीदी केंद्र में प्रत्येक बोरी में 2 से 3 किलो अतिरिक्त धान तौला जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने इसे किसानों के साथ अन्याय बताया है.

जानकारी के अनुसार, धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू, पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, रायपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उधोराम वर्मा, पंकज शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र में रखे धान के स्टेक से कुछ बोरियों की पुनः तौल करवाई, जिसमें हर बोरी में 2 से 3 किलो अतिरिक्त धान मिला.

प्रतिनिधिमंडल ने इसे भाजपा सरकार के संरक्षण में किसान भाइयों के साथ धोखा बताते हुए जिम्मेदार सभी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करते हुए किसान हित में उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी.

बता दें कि सोमवार को मानिकचौरी धान खरीदी केंद्र में किसानों को अंधेरे में रखकर उनका धान प्रति बोरी 4 से 5 किलो अतिरिक्त तौल जाने का मामला सामने आया था. इसके बाद किसानों ने खरीदी केंद्र में प्रदर्शन भी किया था.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया साइबर भवन का उद्घाटन साथ ही पुलिस विभाग द्वारा निर्मित समाधान और सशक्त मोबाइल ऐप को किया लॉन्च

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर में राज्य स्तरीय साइबर भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने साइबर अपराध की चुनौतियों और उससे निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा साइबर अपराध आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है और इसे रोकने के लिए जागरूकता और तकनीकी दक्षता का होना अत्यंत आवश्यक है। राज्य सरकार ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें साइबर भवन का उद्घाटन एक अहम पहल है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अक्टूबर माह में प्रदेश में आयोजित 410 जनजागरूकता कार्यक्रमों का उल्लेख किया, जिसके माध्यम से 23 लाख लोगों तक साइबर सुरक्षा की जानकारी पहुंचाई गई। उन्होंने कहा कि जनजागरूकता अभियान साइबर अपराध रोकने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पुलिस विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा हमारे पुलिस अधिकारियों ने क्रिप्टो करेंसी और शेयर ट्रेडिंग के बहाने ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह को पकड़ा है। यह साबित करता है कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों को ट्रैक करने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आईआईटी भिलाई और आईआईएम रायपुर के साथ हुए अनुबंध साइबर अपराध और मानव तस्करी जैसी समस्याओं के समाधान के लिए एक मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा को लेकर यूनिसेफ द्वारा बनाए गए ऑनलाइन मॉड्यूल की प्रशंसा की।

कार्यक्रम में पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए 8 बैंकों के साथ एमओयू साइन किया गया, जिसके तहत पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को विपरीत परिस्थितियों में आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने पुलिस विभाग द्वारा निर्मित समाधान मोबाइल ऐप और सशक्त मोबाइल ऐप को लांच किया। उन्होंने साइबर अपराधों की उत्कृष्ट विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम नई तकनीक को अपनाकर साइबर अपराधों को रोकने की दिशा में और अधिक दक्षता के साथ काम करेंगे। उन्होंने इस दिशा में काम कर रहे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में सुशासन और सुदर्शन की नीति को आधार बनाकर किए गए कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आज देश में सबसे उत्कृष्ट कार्य करने वाली सरकार के रूप में उभर रही है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने महतारी वंदन योजना का जिक्र करते हुए बताया कि इस योजना ने 70 लाख लाभार्थियों तक पहुंचने का ऐतिहासिक आंकड़ा छू लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार सुशासन के सिद्धांतों पर काम कर रही है और समाज के हर वर्ग तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पुलिस तंत्र को न केवल पुनर्जीवित किया, बल्कि इसे एक प्रभावी प्रणाली में तब्दील कर दिया। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने छत्तीसगढ़ पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि बस्तर क्षेत्र में पुलिस ने नक्सलवाद को सीमित करने में अद्भुत कार्य किया है। यह सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और रणनीतिक प्रयासों का परिणाम है। साइबर अपराधों पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष पहल की है। हाल ही में चलाए गए साइबर जागरूकता पखवाड़े का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के लिए जागरूक किया जा रहा है। आज उद्घाटन किए गए साइबर भवन से बड़े अभियानों को संचालित किया जाएगा, जो इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन के अपने लक्ष्यों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में और भी बड़े निर्णय लेकर जनता के हित में कार्य करेगी।

इस अवसर पर विधायक गुरु खुशवंत साहेब, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुवा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता, एस आर पी कल्लूरी, विवेकानन्द सिन्हा, अमित कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सचिव गृह नेहा चम्पावत, हिमशिखर गुप्ता सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।