आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती मामला: फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज, अब जांच के दायरे में चयन समिति के सदस्य

गरियाबंद-  देवभोग के लाटापारा स्थित पूंजीपारा आंगनबाड़ी में चर्चित सहायिका भर्ती के मामले में पुलिस ने नियुक्ति हासिल करने वाली अभ्यर्थी तारेणी बघेल समेत अन्य के खिलाफ देवभोग पुलिस ने बीएनएस की धारा 318(3), 338, 336(3) और 340(1) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच में जुट गई है. थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि मामले में ग्रामीण मधु यादव ने लिखित शिकायत दी थी, जिसकी प्राथमिक जांच में तारेणी बघेल द्वारा 8वीं के अंकसूची में छेड़ छाड़ कर प्रस्तुत करने की पुष्टि हुई थी. फिलहाल मामले नामजद अभ्यर्थी की आरोपी बनाया गया है. जांच में जिसकी भी संलिप्तता पाई जायेगी उन्हें इन्हीं अपराध के तहत आरोपी बनाया जाएगा.

पढ़ने अलग और नौकरी करने अलग अंकसूची किया था पेश

तारेणी बघेल बाड़ीगांव मिडिल स्कूल में कक्षा 8 वीं पास किया था, जब इसी गांव के हाई स्कूल में 9 कक्षा पढ़ने गई थी तो उसके द्वारा हाई स्कूल में 81.26 प्रतिशत अंक वाले मार्कशीट दिया था. जबकि नौकरी में भर्ती के लिए 85.01 प्रतिशत अंक वाले मार्कशीट दिया गया. तारेणी द्वारा नियुक्ति के लिए भरे गए आवेदन फार्म में भी अंकों से छेड़ छाड़ किया गया था।

चयन समिति जांच के दायरे में

मामले में चयन समिति व दोबारा कूट रचित अंक सूची जारी करने वाले प्रधान पाठक भी जांच के दायरे में हैं. इन सभी जवाबदारों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. जांच आगे बढ़ी तो इन पर भी जल्द पुलिस कानूनी शिकंजा कसेगी.

छत्तीसगढ़ में आदिवासी महिला से दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
जशपुर-   छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. महिला को जबरन जंगल ले जाकर वारदात को अंजाम दिया गया है. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज आरोपी ईश्वर सोनवानी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. यह मामला पंडरापाठ चौकी क्षेत्र का है.
सीनियर के खिलाफ शिकायत करने पर बर्खास्त हुईं थीं महिला जज, खुद बहस कर हाईकोर्ट से हासिल की जीत

बिलासपुर-  बर्खास्त की गई महिला जज ने अपने केस में खुद बहस कर हाई कोर्ट में बड़ी जीत हासिल की है. स्थायी समिति की अनुशंसा पर 7 साल पहले उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका लगाई थी. इसके बाद विधि एवं विधायी विभाग और हाईकोर्ट ने अपील की थी. उनके पक्ष में फैसला आने पर हाई कोर्ट ने उन्हें नियुक्ति भी दे दी है.

दरअसल, बिलासपुर के सरकंडा में रहने वाली आकांक्षा भारद्वाज का चयन वर्ष 2012-13 में परीक्षा के जरिए सिविल जज के पद पर हुआ था. 12 दिसंबर 2013 को जारी आदेश के अनुसार उन्हें दो वर्ष की परिवीक्षा पर नियुक्त किया गया. उन्होंने 27 दिसंबर 2013 को ज्वाइन किया. इस दौरान एक सीनियर मजिस्ट्रेट ने उसने अनुचित व्यवहार किया, लेकिन नई ज्वाइनिंग होने से उन्होंने इसकी शिकायत नहीं की. प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद उन्हें अगस्त 2014 में अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के पद का स्वतंत्र प्रभार दिया गया.

इस बीच अधिकांश सीनियर मजिस्ट्रेट का तबादला हो गया. अंबिकापुर में सिर्फ 4 सिविल जज बचे. सभी एक सीनियर मजिस्ट्रेट के अधीन थे. आरोप है कि जब भी वे सीनियर मजिस्ट्रेट के पास न्यायिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए जाती, तो उनसे अनुचित व्यवहार किया जाता था. जिसे लेकर उन्होंने उच्चाधिकारियों से पहले मौखिक और बाद में लिखित शिकायत की. उनकी शिकायत पर हाई कोर्ट ने आंतरिक शिकायत कमेटी बनाई.

कमेटी ने जांच के बाद 6 अप्रैल 2016 को रिपोर्ट सौंपी. उसमें सीनियर मजिस्ट्रेट के खिलाफ शिकायत निराधार पाई गई. कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ अपील की गई, पर उसे भी 5 जनवरी 2017 को खारिज कर दिया गया. तब हाई कोर्ट की सिफारिश पर आकांक्षा को 9 फरवरी 2017 को विधि-विधायी विभाग ने बर्खास्त कर दिया. जिस पर उन्होंने बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका लगाई थी, और मामले की सुनवाई के दौरान खुद अपना पक्ष रखा.

हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मई 2024 में उनके पक्ष में फैसला देते बैक वेजेस के बगैर सिविल जज-2 के पद पर वरिष्ठता के साथ बहाल करने के आदेश दिए थे. सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट और विधि एवं विधायी विभाग ने अपील की थी. महिला सिविल जज ने सिंगल बेंच के फैसले के एक हिस्से को चुनौती दी थी. इस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई, और हाई कोर्ट ने अपील मंजूर की थी. इसके बाद 3 दिसंबर 2024 को उनकी पोस्टिंग कर दी गई है. उन्हें महासमुंद में पदस्थ किया गया है.

अवैध खनन पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, 10 वाहन राजसात
बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में वन विभाग की टीम ने अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई की है. जिले के रतनपुर क्षेत्र के जंगल में जारी अवैध खनन पर टीम ने कार्रवाई करते हुए 10 वाहनों को राजसात कर लिया है. इनमें हाइवा, पोकलेन और ट्रैक्टर शामिल हैं. बता दें, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश के तहत यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. इस कार्रवाई में किसी भी राजनीतिक दबाव में आए बिना, भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के तहत कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए वाहनों को शासकीय संपत्ति घोषित किया गया है.

गश्त के दौरान मिली सूचना, मौके पर छापा

जानकारी के मुताबिक, 30 सितंबर को रतनपुर वन परिक्षेत्र के धोबघाट में अरपा नदी के किनारे गश्त कर रही टीम को अवैध उत्खनन और परिवहन की सूचना मिली. जिसके बाद बिलासपुर वन मंडल की टीम ने प्रशिक्षु आईएफएस और प्रभारी डीएफओ अभिनव कुमार के निर्देश पर टीम ने छापा मारा और मौके पर पोकलेन से खुदाई और हाइवा से रेत परिवहन करते वाहन पाए गए.

वाहन चालकों से जब दस्तावेज मांगे गए तो कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं किए जा सके. जिसके बाद सभी वाहनों को जब्त कर कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई. वाहन मालिकों ने लिखित में अवैध खनन और परिवहन की बात स्वीकार की.

सवा महीने चली कानूनी प्रक्रिया

सवा महीने तक चली कानूनी प्रक्रिया के तहत वाहन चालकों और मालिकों को नोटिस जारी किया गया. उनकी सुनवाई और दस्तावेजों की जांच के बाद यह साबित हुआ कि ये वाहन संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध खनन और परिवहन में लिप्त थे. इसके बाद सभी 10 वाहनों को राजसात कर शासकीय संपत्ति घोषित कर दिया गया.

राजसात किए गए वाहनों की सूची

1. हाइवा CG 10-AE 9073 – मालिक: प्रतीक गुप्ता, धनेश्वर कोटा

2. हाइवा CG-10 BG 9028 – मालिक: चित्रांशु वर्मा, सुशील बिलासपुर

3. हाइवा CG-10 BT 7814 – मालिक: चित्रांशु वर्मा, सुशील बिलासपुर

4. हाइवा CG-10 AD 8456 – मालिक: शिवम दुबे, रंजन दुबे, कोटा

5. हाइवा CG-10 BT 6694 – मालिक: सतीश साहू, नंगोई

6. हाइवा CG-28 N 7924 – मालिक: रवि गुप्ता

7. ट्रैक्टर CG-10 BT 1627 – मालिक: मोनू जायसवाल, रोहित

8. ट्रैक्टर CG-10 BH 3157 – मालिक: सावन कुमार, रमेश

9. पोकलेन SANY22SY 140 Q 000/51 – मालिक: पिंटू केशरवानी, बेलगहना

10. बाइक CG 10 BO 0764 – मालिक: मोनू जायसवाल

रायपुर जीएसटी टीम ने पकड़ा 40 टन टीएमटी बार से लदा ट्रक, जब्त सामान की कीमत 30 लाख रुपए

रायपुर-  रायपुर जीएसटी की टीम ने एक बार फिर सक्रियता दिखाते हुए बीती रात करीबन 40 टन टीएमटी बार से लदा ट्रक को पकड़ने में कामयाबी पाई है. पकड़े गए माल की कीमत करीब 30 लाख बताई जा रही है. ट्रक को जब्त करने के बाद धरसींवा थाने में रखा गया है. 

मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात करीब 8 बजे स्टेट जीएसटी की टीम ने धरसींवा के पास इस ट्रक को रोका था. ट्रक में लोड लोहे के संबंध में पूछताछ की गई तो ड्राइवर जवाब नहीं दे पाया. लोहे से जुड़ा कोई बिल प्रस्तुत नहीं कर पाया. टीम ने तत्काल ट्रक को अपने कब्जे में लेकर उसको धरसींवा थाने में खड़ा करा दिया है.

मामले में आगे संबंधित लोगों से पूछताछ जारी है. इस मामले में धरसींवा थाना प्रभारी राजेश दीवान ने बताया कि बिना बिल के कच्चा माल ट्रक में लोड था, जिसको GST विभाग की टीम ने पकड़ा है. मामले में आगे की कार्रवाई जारी है.

बता दें कि सप्ताहभर पहले रायपुर GST विभाग की टीम ने बेमेतरा में रायपुर पासिंग ट्रक CG 04 JD 3551 को पकड़ा था. रायपुर से जबलपुर जा रही ट्रक में करीब 40 टन लोहा भरा था. लोहा रायपुर के एक बड़े इस्पात कारोबारी का बताया जा रहा है.

जीएसटी की लगातार कार्रवाई

जीएसटी की लगातार टीएमटी लदे वाहनों पर कार्रवाई से साफ प्रतीत हो रहा है कि लोहा कारोबारी बड़े पैमाने पर कच्चे बिल पर खरीदी-बिक्री कर रहे हैं, जिस पर जीएसटी विभाग की पैनी नजर है. लेकिन मामले में अब तक विभाग छोटी मछलियों को ही पकड़ता नजर आ रहा है. किसी बड़ी मछली पर कार्रवाई नहीं होने सवाल पैदा करता है.

नगर निगम के कचरा गाड़ियों के ड्राइवर हड़ताल पर, इधर शहर की सफाई और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था हुई ठप…

रायपुर- प्लेसमेंट के जरिए काम कर रहे प्रदेश के अन्य नगरीय निकाय के साथ-साथ रायपुर नगर निगम के कचरा गाड़ियों के ड्राइवर अपनी मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल की वजह से शहर के 70 वार्डों में सफाई व्यवस्था के साथ-साथ पेयजल आपूर्ति व्यवस्था ठप हो गई है. 

प्लेसमेंट (ठेकेदार) के जरिए रायपुर के करीबन 400 के साथ पूरे प्रदेश में करीब 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी आज से हड़ताल पर हैं. कर्मचारी ठेका प्रथा बंद करने के साथ सीधे वेतन भुगतान और 4000 रुपए श्रम सम्मान राशि देने की मांग कर रहे हैं.

रायपुर में कचरा गाड़ियों के ड्राइवर सुबह-सुबह अपनी-अपनी गाड़ी लेकर काम पर जाने की बजाए सीधे टिकरापारा थाने पहुंच कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा.

पत्नी बार-बार देती थी आत्महत्या की धमकी: हाईकोर्ट ने क्रूरता मानते हुए पति को दी तलाक की अनुमति, कहा- ऐसे में कोई भी शांति से नहीं रह सकता…

बिलासपुर-  पत्नी द्वारा आत्महत्या करने की बार-बार धमकी देने और प्रयास करने को हाईकोर्ट ने क्रूरता माना है। पति को इस आधार पर तलाक की अनुमति देते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में कोई भी जीवनसाथी शांति से नहीं रह सकता। पति द्वारा उपलब्ध साक्ष्यों से स्पष्ट है कि पत्नी बार-बार आत्महत्या की धमकी देती थी।

मुख्यमंत्री ने भारतीय नौसेना दिवस की दी बधाई
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 4 दिसम्बर को भारतीय नौसेना दिवस पर जल सीमाओं के प्रहरी भारतीय नौसैनिकों और उनके परिवारों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने नौसेना के उन शूरवीरों को अपनी श्रद्धांजलि दी है जिन्होंने देश सेवा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया । श्री साय ने कहा कि भारतीय नौसेना के जवान साहस, शौर्य और निष्ठा के प्रतीक हैं। उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा और आपदा राहत के दौरान सराहनीय भूमिका निभाई है। उनकी सेवा और बलिदान का देश सदा ऋणी रहेगा।
छत्तीसगढ़ में कई जजों का हुआ ट्रांसफर, HC ने जारी किया आदेश, देखें लिस्ट
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न जिलों में पदस्थ कई न्यायाधीशों के स्थानांतरण का आदेश जारी किया है। यह आदेश हाईकोर्ट प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत किया गया है। ट्रांसफर लिस्ट में जिला एवं सत्र न्यायालयों के न्यायाधीशों के नाम शामिल हैं।

देखें लिस्ट –

CGPSC परिवहन उप निरीक्षक भर्ती : 17 दिसंबर को इंटरव्यू, अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परिवहन विभाग में परिवहन उप निरीक्षक (तकनीकी) पदों पर भर्ती परीक्षा के लिए साक्षात्कार 17 दिसंबर 2024 को होगा.

परीक्षा नियंत्रक लोक सेवा आयोग से मिली जानकारी के अनुसार परिवहन उप निरीक्षक के कुल 15 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा का परिणाम 3 अक्टूबर 2024 को घोषित कर दिया गया है. लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों के आधार पर वर्गवार और उपवर्गवार 45 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए चिन्हांकित किया गया है. साक्षात्कार दो पालियों में होगी, जिसमें प्रथम पाली सुबह 10 बजे और द्वितीय पाली दोपहर 2 बजे से आयोजित होगी. उन्होंने बताया कि साक्षात्कार से एक दिन पूर्व 16 दिसंबर 2024 को चिन्हांकित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी दो पालियों में किया जाएगा. दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को सुबह 9ः30 बजे (प्रथम पाली) और दोपहर 1ः30 बजे (द्वितीय पाली) आयोग कार्यालय में रिपोर्ट करना होगा. सत्यापन प्रक्रिया में अनुपस्थित रहने वाले या अर्हता पूरी न करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि दस्तावेज सत्यापन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में शैक्षणिक प्रमाण पत्र, स्थायी जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निःशक्तजन प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), पहचान पत्र और अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र मूल प्रति और स्वप्रमाणित छायाप्रति के साथ प्रस्तुत करना होगा. सभी प्रमाण पत्रों का जारी तिथि ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि तक सुनिश्चित होना चाहिए. अंतिम तिथि के बाद जारी प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे. दस्तावेजों की कमी की स्थिति में अभ्यर्थी की उम्मीदवारी समाप्त कर दी जाएगी.