रायगढ़ में बनेगा प्रदेश का सबसे बड़ा नालंदा परिसर : सीएम विष्णुदेव साय कल करेंगे भूमिपूजन, 135 करोड़ 9 लाख के विकास कार्यों की देंगे सौगात

रायपुर-   रायगढ़ अंचल के युवाओं को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। रायगढ़ में प्रदेश के सबसे बड़े नालंदा परिसर का निर्माण होने जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 3 दिसंबर को इसका भूमिपूजन करेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि ज्ञान आधारित समाज में उज्ज्वल भविष्य के लिए असीम संभावनाएं होती हैं। आज अगर हम वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य में देखें तो समाज में जिन्हें चेंज मेकर के रूप में देखा जाता है उन सभी ने ज्ञान को अपनी सफलता का आधार बनाया। सफलता के स्थापित मापदंडों के अलावा आज तकनीक आधारित उद्यमिता में सफलता के जो मुकाम तय किए जा रहे हैं, ज्ञान ही उसकी बुनियाद है। युवाओं को सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिलें तो वे अपने भविष्य की मजबूत राह बना सकते हैं।

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने जानकारी दी कि रायगढ़ में नालंदा परिसर एक अत्याधुनिक लाइब्रेरी होगी। इसमें वह सारी सुविधाएं होगी जो अमूमन बड़े शहरों और विश्वविद्यालयों की लाइब्रेरी में देखने को मिलती है। इसमें आने वाले समय के मांग और जरूरतों के अनुसार सुविधा संसाधन होंगे। यहां अध्ययन-अध्यापन का एक ऐसा इको सिस्टम छात्रों को मिलेगा, जिससे वे खुद को प्रदेश के साथ राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को तैयार कर सके। उन्होंने कहा कि रायगढ़ के मरीन ड्राइव में सर्वसुविधायुक्त नालंदा परिसर का निर्माण होगा। यह प्रदेश का सबसे बड़ा नालंदा परिसर होगा। इसके लिए नगर निगम और एनटीपीसी के मध्य 42 करोड़ 56 लाख का करार हुआ है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा टेंडर जारी कर दिया गया है। नालंदा परिसर स्मार्ट लाइब्रेरी व स्टडी जोन होगा। हजारों किताबों के संग्रह के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ई-बुक एक्सेस करने की भी सुविधा होगी। स्मार्ट लर्निंग पर फोकस होगा। 24x7 वाईफाई और इंटरनेट की सुविधा भी छात्रों को यहां मिलेगी। सिविल सर्विसेज के साथ मेडिकल, इंजीनियरिंग, क्लैट की तैयारी के साथ मैथ्स ओलिंपियाड के लिए भी किताबें यहां होगी। करियर गाइडेंस सेमिनार का आयोजन होगा। 5 वीं के बाद बच्चों को नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए तैयारी हेतु एक किड्स स्टडी जोन और किड्स लाइब्रेरी भी अलग से तैयार होगा। जहां उनके सिलेबस के अनुसार किताबें और स्टडी मटेरियल उपलब्ध रहेगा। कॉन्फ्रेंस हाल के साथ कैफेटेरिया भी होगा।

मुख्यमंत्री 135 करोड़ 09 लाख के विकास कार्यों की देंगे सौगात

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस अवसर पर रायगढ़ को 135 करोड़ 09 लाख के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात भी देंगे। इसमें 97 करोड़ 51 लाख के 69 कार्यों का लोकार्पण और 37 करोड़ 58 लाख के 13 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है।

राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने ली शपथ, सीएम साय ने कहा – अब चारा के लिए गौशालाओं को प्रति गाय मिलेगा 35 रुपए

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गौशालाओं को प्रति मवेशी दी जाने वाली अनुदान की राशि 25 रुपए से बढ़ा कर 35 रुपए करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि गौ माता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ में जनजागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री साय आज राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल के पदभार ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई जिम्मेदारी मिलने पर छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष विशेषर पटेल को बधाई और शुभकामनाएं दीं और उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाए गए गौ-उत्पादों के स्टालों का अवलोकन भी किया।समारोह में उपमुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गौ माता हमारी समृद्धि का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि गौ माता में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ अभ्यारण्य को गौ-धाम कहना उचित होगा। राज्य सरकार द्वारा जगह जगह गौ -धाम बनाने का निर्णय किया गया है। बेमेतरा जिले के झालम में 50 एकड़ में गौ-धाम बनकर तैयार है, जल्द ही इसका उदघाटन किया जाएगा। इसी तरह कवर्धा जिले में 120 एकड़ में गौ-धाम बनाने का काम तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और छत्तीसगढ़ के देवभोग ब्रांड को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि गौ माता सुरक्षित रहें। गौ तस्करी और गौ हत्या पर पाबंदी लगाने के लिए सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि गौ -माता हमारी कृषि अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग हैं। इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए आवश्यक है कि हम गौ -माता के लिए अपने घर में जगह बनाएं, गौ – पालन करें।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विष्णु का सुशासन है। पीएससी घोटाले और भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त करवाई की जा रही है। राज्य सरकार गुजरात के अमूल की तर्ज पर पशुपालन को समाज और परिवार की आर्थिक तरक्की का जरिया बनाएगी।

छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल ने आयोग के कार्यों और भावी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर, संत राम बालक दास, संत राजीव लोचन जी महाराज, आचार्य राकेश, दीदी प्रज्ञा भारती, साध्वी गिरिजेश नंदिनी, पवन साय, रामप्रताप सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद, छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज, राज्य गौ सेवा आयोग के रजिस्ट्रार डॉ समीर शर्मा भी उपस्थित थे।

महापौर और अध्यक्ष चुनाव को लेकर मचा घमासान:कांग्रेस ने BJP को बताया संविधान विरोधी,कहा-चुनाव चाहे प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष,कांग्रेस पूरी तैयार

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष के चुनाव को प्रत्यक्ष पद्धति से कराने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री का चुनाव सांसदों के माध्यम से होता है, मुख्यमंत्री का चुनाव विधायकों के माध्यम से ही होता है, लेकिन महापौर और अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है तो उसमें भाजपा को भरोसा नहीं है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी को भारत के संविधान पर भरोसा नहीं है। देश के निहित प्रावधान में भरोसा नहीं है। चुनाव चाहे प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ माहौल है। ज्यादातर महापौर और अध्यक्ष कांग्रेस से ही जीत कर आयेंगे।

इस निर्णय से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता – महापौर ढेबर

महापौर एजाज़ ढेबर ने प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्षों के चुनाव के फैसले पर कहा कि यह कोई नया फैसला नहीं है। उन्होंने बताया कि यह जानकारी पहले से ही सभी नेताओं के माध्यम से मिल रही थी। ढेबर ने कहा कि पिछली सरकार में बदलाव होने से पहले भी यह प्रणाली लागू थी और इस निर्णय से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता। उनका मानना था कि चुनाव कभी भी हो सकते हैं, लेकिन जल्दी होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे जो भी प्रणाली हो, निकायों में कांग्रेस का ही महापौर होगा। अंत में, ढेबर ने यह भी आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति की वजह से सरकार नगरीय निकाय चुनाव कराने से डर रही है।

भूपेश सरकार के समय अप्रत्यक्ष प्रणाली में किया गया था तब्दील

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सोमवार 2 अक्टूबर को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

यहां यह उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य में 1999 के पूर्व नगर पालिक निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था। तत्कालीन भूपेश सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस- साइंस कॉलेज मैदान रायपुर में 3 दिसंबर को राज्यस्तरीय कार्यक्रम

रायपुर-   अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर 3 दिसंबर को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दोपहर 12 से राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं। इस अवसर पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले दिव्यांगजनों को सम्मानित भी किया जाएगा।

समाज कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाडे़ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा करेंगे। राज्यस्तरीय समारोह में अति विशिष्ट अतिथि में सांसद बृजमोहन अग्रवाल होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायकगण राजेश मूणत, गुरू खुशवंत साहेब, पुरंदर मिश्रा, सुनील सोनी, मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, इंद्र कुमार साहू उपस्थित रहेंगे। अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस समारोह के अवसर पर राज्य भर से लगभग पांच हजार दिव्यांगजन शामिल होंगे।

छत्तीसगढ़ में अब तक 20.54 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी, साथ ही 4.36 लाख किसानों को 4285.74 करोड़ रूपए का भुगतान

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 20.54 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 4.36 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 4285 करोड़ 74 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज एक दिसम्बर को 45455 किसानों से 2.08 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 62966 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 38508 टोकन जारी किए गए हैं।

महिला डॉक्टरों से दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना मामले में बड़ी कार्रवाई, सिविल सर्जन निलंबित

गरियाबंद- महिला डॉक्टरों से मानसिक प्रताड़ना और दुर्व्यवहार के मामले में जिला अस्पताल गरियाबंद में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. मुकेश हेला को निलंबित कर दिया गया है. यह निलंबन आदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर सचिव मुकेश चौहान ने जारी किया है.

बता दें कि जिला अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सकों ने सिविल सर्जन पर मानसिक प्रताड़ना और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. जिसके बाद सिविल सर्जन के विरुद्ध विशाखा कमेटी की जांच बिठाई गई थी. कमेटी के प्रमुख जिला सीईओ रिता यादव ने जांच रिपोर्ट 11 नवंबर को सौंप दिया था, जिसमें लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई.

नाराज थे कलेक्टर और विधायक

कलेक्टर दीपक अग्रवाल और विधायक रोहित साहू द्वारा अलग-अलग समय में जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया था. सिविल सर्जन इस निरीक्षण में अस्पताल से अनुपस्थित मिले थे, जिसके चलते अफसर और जनप्रतिनिधि भी नाराज चल रहे थे.

राज्य वीरता पुरस्कार 2025: साहसिक कार्य करने वाले बच्चों के लिए सुनहरा अवसर, 2 जनवरी तक कर सकते हैं आवेदन

रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश के बच्चों को दिए जाने वाले राज्य वीरता पुरस्कार के लिए 2 जनवरी तक आवेदन आमंत्रित किये गए हैं. किसी घटना विशेष में उनके अदम्य साहस के लिए प्रत्येक वर्ष पांच बालक-बालिकाओं को राज्य वीरता पुरस्कार प्रदान किया जाता है. इसके तहत पांच बालक-बालिकाओं को 25-25 हजार रुपए व प्रशस्ति पत्र पुरस्कार के रूप में प्रदान किया जाएगा.

आवेदक जिला कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग में 2 जनवरी 2025 तक आवेदन जमा कर सकते हैं. पुरस्कार के लिए बालक-बालिका की आयु घटना दिनांक को अधिकतम 18 वर्ष तक होनी चाहिए. वीरता कार्य 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 के मध्य की होनी चाहिए. आवेदक छत्तीसगढ़ का निवासी होना चाहिए . यह पुरस्कार किसी भी बालक बालिका को केवल एक ही बार प्राप्त हो सकेगा.

प्रविष्टियों में बालक या बालिकाओं का पूर्ण परिचय बालक-बालिकाओं द्वारा किसी घटना विशेष में अदम्य साहस, शौर्य एवं बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में किये गये कार्यों की सप्रमाण विस्तृत जानकारी उल्लेखित हो. आवेदक को यह प्रमाण पत्र भी संलग्न करना होगा कि उपलब्धि वास्तविक तथ्यों पर आधारित है. साथ ही समाचार पत्र-पत्रिका की कतरन ,पुलिस डायरी जिसमें घटना का विवरण दर्शित हो साथ ही सक्षम प्राधिकारी द्वारा सत्यापित बालक-बालिका के दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ संलग्न करना होगा. कार्य घटना का विस्तृत विवरण (सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित) अन्य सुसंगत दस्तावेज, जमा करना होगा.

संघ प्रमुख के बयान पर सियासी बवाल: भूपेश ने कहा–मोहन भागवत की उम्र हो गई है,अब शादी तो करेंगे नहीं, लेकिन संघ के अविवाहितों की शादी करानी चाहिए

रायपुर-  आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान से सिसायी बवाल मच गया है. संघ प्रमुख ने कहा है कि हिंदुओं को कम से कम 3 बच्चे पैदा करना चाहिए. इस बयान पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निशाना साधते हुए कहा कि संघ में जो अविवाहित लोग हैं उन्हें पहले विवाह करना चाहिए. संघ प्रमुख तो बुजुर्ग हो गए हैं. वे शादी नहीं कर सकते हैं, लेकिन उन्हें संघ में अपील करनी चाहिए. हालांकि उनकी बात कही सुनी नहीं जा रही है.

राजीव युवा मितान क्लब को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गर्म है. मितान क्लब के युवाओं से भूपेश बघेल के संवाद के बाद से बघेल भाजपा नेताओं और खासकर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा के निशाने पर है. पंकज झा एक्स पर पोस्ट करते हुए बघेल पर निशाना साधते हुए कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस से अलग अपनी टीम बनाने में लगे हैं. वे जोगी जी के रास्ते पर चल रहे हैं. अब इस मामले को लेकर बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

झा के बयान पर बघेल का पलटवार, कहा – बयान देने BJP में नेताओं की कमी

भूपेश बघेल ने पंकज झा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कौन मीडिया सलाहकार हैं ? कहां के रहने वाला है ? सरकार छत्तीसगढ़ से चल रही है कि बिहार से ? क्या भाजपा में राजनीतिक बयान देने के लिए नेताओं की कमी हो गई है. वैसे भी भाजपा के कई बड़े नेता खाली बैठे हुए हैं. चाहे अजय चंद्राकर हो, चाहे धरम लाल कौशिक, य़ा फिर अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, नारायण चंदेल, प्रेम प्रकाश पाण्डेय. भाजपा के अंदर का आक्रोश किसी दिन जबरदस्त तरीके से फूटेगा. नाराजगी कांग्रेस में नहीं भाजपा संगठन में बढ़ गई है.

‘प्रदेश में फिर चारा घोटाला को अंजाम देने की तैयारी’

छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल की नियुक्ति पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल खड़ा किया है. बघेल ने कहा कि रमन सरकार के समय भी पटेल गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष थे. उनके कार्यकाल में ही बड़ी संख्या में गायों की मौत हुई थी. गौशालाओं में अनुदान घोटाला का आरोप लगा था. रमन सरकार ने उन्हें अध्यक्ष पद से हटा भी दिया था. अब फिर से उन्हें नियुक्ति दे दी गई है. क्या फिर से प्रदेश में चारा घोटाला को अंजाम देने की तैयारी है ?

‘किसानों से 21 क्विंटल धान नहीं खरीदना चाहती सरकार’

छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी जारी है. खरीदी के साथ ही सियासत भी जारी है. पक्ष और विपक्ष के बीच खरीदी की व्यवस्था पर वार और पलटवार भी चल रहा है. एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खरीदी की व्यवस्था पर सवाल उठाया है. बघेल ने कहा कि खरीदी का सिस्टम बहुत ही खराब है. न तो समय पर टोकन कट रहा है और न ही पर्याप्त टोकन मिल रहा है. खरीदी केंद्रों से धान का उठाव भी नहीं हो रहा है. ऐसा लग रहा है कि सरकार किसानों से 21 क्विंटल धान खरीदना ही नहीं चाहती.

साय कैबिनेट का बड़ा फैसला : अब जनता चुनेगी महापौर, जानिए अन्य बड़े फैसलों के बारे में

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

- बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

यहां यह उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य में 1999 के पूर्व नगर पालिक निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था। तत्कालीन सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था।

छत्तीसगढ़ शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक विभाग द्वारा मंत्रालय द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण के संबंध में स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण के प्रावधान की स्वीकृति पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन में प्राप्त अनुशंसा के अनुसार दी गई है।

- छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण संबंधी प्रावधानों में संशोधन किए जाने हेतु विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया।

- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को वितरण हेतु नागरिक आपूर्ति निगम को आवश्यक चना उपार्जन, छमडस् ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की अनुमति दी गई।

यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत राज्य के सभी अनुसूचित विकासखण्डों एवं मॉडा पैकेट क्षेत्र में निवासरत अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारियों को प्रतिमाह 5 रूपए किलो की दर से 2 किलो चना प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चना वितरण योजना के तहत 30 लाख 22 हजार परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य को चना वितरण के लिए प्रति माह 6046 टन तथा प्रति वर्ष 72 हजार 52 टन चना की जरूरत होती है। चना का उपार्जन नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की चना वितरण योजना के माध्यम से हितग्राहियों को उच्च क्वालिटी का चना प्रदाय किया जा सके, इसके लिए मंत्रिपरिषद ने नागरिक आपूर्ति निगम को ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की अनुमति दी गई।

पर्यटन को उद्योग का दर्जा - मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में पर्यटन को बढ़ावा तथा योजनाबद्ध विकास के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के प्रस्ताव पर राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत पर्यटन, मनोरंजन एवं अन्य सामाजिक सेवा सेक्टर में शामिल के अलावा भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 में पर्यटन परियोजनाओं हेतु निर्धारित न्यूनतम स्थायी पूंजी निवेश किए जाने पर सामान्य उद्योगों की भांति अनुदान/छूट/रियायत का प्रावधान किया गया है।

पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से प्रदेश में साहसिक, जल पर्यटन, मेडिकल एवं वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, पर्यटन की इकाईयों, लैंड बैंक में निजी निवेश को आकर्षित एवं प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। इससे स्टेक होल्डर प्रोत्साहित होंगे। पर्यटन संबंधी अधोसंरचना का विकास होगा। पर्यटन से संबंधित पूंजी निवेश बढ़ेगा। राज्य में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के अनुकूल सुख-सुविधाओं का विकास होगा। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे।

छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय त्वचा रोग विशेषज्ञों का वार्षिक सम्मेलन संपन्न, 150 एक्सपर्ट्स ने लिया हिस्सा, नई तकनीकों पर हुई चर्चा

रायपुर-   इंडियन ऐसोसियेशन ओफ डर्मेटोलॉजी व्हेनरियोलॉजी और लेप्रोलोजी (IADVL) की छत्तीसगढ़ राज्य शाखा का वार्षिक सम्मेलन दिनांक 30 नवंबर और 01 दिसंबर 2024 को होटल कोर्टयार्ड मैरियट रायपुर में आयोजित किया गया. त्वचा रोग विशेषज्ञो के इस चिकित्सकीय सम्मेलन का उद्घाटन 30 नवंबर को अपरान्ह सम्पन्न हुआ. इस चिकित्सकीय सम्मेलन के संबंध में विस्तृत जानकारी राज्य शाखा की अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ पूजा पाण्डेय (दुर्ग भिलाई) एवं सचिव डॉ समुद्रनील सिन्हा (रायपुर) द्वारा बताया गया कि उद्घाटन में विशेष अतिथि के रूप में डॉ माणिक चटर्जी, डीन बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस रायपुर, विशिष्ट अतिथि डॉ विनय सिंह, दिल्ली से आयोजन अध्यक्ष डॉ भरत सिंघानिया, रायपुर, वैज्ञानिक आयोजन समिति से डॉ विनोद कोशले मौजूद थे.

इस सम्मेलन की रेखांकित पंक्ति “छत्तीसगढ़ राज्य में त्वचा उपचार और रखरखाव संबंधी चिकित्सा सुविधा बढ़ते हुए कदम” के रूप में रखा गया. इस सम्मेलन में देश के विभिन्न भागों से अतिथि वक्ता के रूप में विख्यात विशेषज्ञ चिकित्सक ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये. इस कड़ी में-

1) बेंगलुरु से मेजर जनरल डॉ ए. के. जयसवाल एवं डॉ रघुनाथ रेड्डी
2) दिल्ली से – डॉ विनय सिंह, डॉ गुल्हिमा अरोरा, डॉ मानस चक्रवर्ती
3) मुंबई से – डॉ राजेश कुमार, डॉ शीतल पुजारी, डॉ गीतांजली शेट्टी
4) हैदराबाद से – डॉ समाथा
5) जमशेदपुर से – डॉ राजीव रंजन ठाकुर
6) चेन्नई से – डॉ कार्तिक रजा
7) बागडोगरा से – डॉ देवलीना भूनिया

विशेष अतिथि वक्ता नेपाल से डॉ सूचना मरहट्टाउपरोक्त विभिन्न विशेषज्ञ अलग-अलग विषयों पर अपने अतिथि व्याख्यान प्रस्तुत किये. इस वार्षिक सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के डर्मेटोलॉजी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे विभिन्न छात्रों के द्वारा शोध पत्र, पोस्टर प्रस्तुत किए गए. उनके बीच एक क्विज स्पर्धा का भी आयोजन किया गया, जिसमें विजेता उपविजेता को सर्टिफिकेट एवं पुरस्कार प्रदान किए गए.

इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राज्य एवं विभिन्न स्थानों से आए लगभग 150 त्वचा रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया. छ.ग. राज्य के भी विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने आलेख एवं व्याख्यान प्रस्तुत किये. छ.ग. राज्य से डॉ सत्याकी गांगुली, डॉ जे.पी. स्वाइन, डॉ नम्रता छाबड़ा, डॉ यशा उपेंद्र, डॉ नील प्रभा, डॉ उज्ज्वला वर्मा, डॉ अजीत कुमार, डॉ डेनियल हेनरी, डॉ सौरभ रावत, डॉ भाव्या स्वर्णकार, डॉ संगीता भारती, डॉ डेन्निस हेनरी, डॉ अक्षय शंकर, डॉ शिवा . कार्यक्रम का आयोजन करने मे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ भरत सिंघानिया रायपुर, डॉ विनोद खोसले रायपुर, डॉ आलोक सुल्तानिया बिलासपुर, डॉ अजय पाण्डेय, डॉ रुपल जैन (भिलाई), डॉ लिजा भोराह (रायपुर) और डॉ नेहा सोरी (रायपुर) का विशेष योगदान रहा और कार्यक्रम में उपस्थित रहें.