बांग्लादेश पर भारत के इस छोटे से राज्य ने दिखाए तल्ख तेवर, वहां से आए मरीजों का इलाज बंद, मांगा 135 करोड़ का बकाया

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बांग्लादेश में हिन्दू अल्ससंख्यकों के हालात बद्दतर होते जा रहे हैं। बांग्‍लादेश में अल्ससंख्यकों खासकर हिन्‍दुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। भारत में भी पड़ोसी देश के हालात पर चिंता जताई जा रही है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने भी बांग्लादेश में हिन्‍दुओं पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद की है। इस बीच बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और भारतीय झंडे के प्रति अनादर को लेकर अगरतला और कोलकाता के दो अस्पतालों ने बांग्लादेशी नागरिकों के इलाज पर रोक लगाने का फैसला किया है। यही नहीं भारत के इस छोटे राज्य त्रिपुरा ने बांग्लादेश को 135 करोड़ रुपये का बिजली बकाया तुरंत चुकता करने के लिए कहा है।

त्रिपुरा में अगरतला के आईएलएस अस्पताल ने बांग्लादेश के मरीजों का इलाज नहीं करने का ऐलान किया है। अगरतला आईएलएस अस्पताल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर गौतम हजारिका ने कहा कि हम बांग्लादेश के मरीजों का इलाज नहीं करने की मांग का पूरा समर्थन करते हैं। अखौरा चेक पोस्ट और आईएलएस अस्पतालों में हमारे हेल्प डेस्क उनके लिए आज से बंद कर दिए गए हैं। बांग्लादेश के लोगों ने तिरंगे का अपमान किया है। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है। 

इससे पहले कोलकता के जेएन रे अस्पताल ने भी बांग्लादेशी मरीजों का इलाल बंद करने की घोषणा की थी। जेएन रे अस्पताल के अधिकारी शुभ्रांशु भक्त ने कहा, 'हमने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज बंद करने का निर्णय लिया है, भारत ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन फिर भी हमें वहां से भारत विरोधी भावनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

यही नहीं, त्रिपुरा ने बांग्लादेश को 135 करोड़ रुपये का बिजली बकाया तुरंत चुकता करने के लिए कहा है। त्रिपुरा के बिजली मंत्री रतन लाल नाथ ने रविवार को कहा कि बांग्लादेश पर 135 करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि, वह नियमित रूप से भुगतान कर रहा है। बिजली की प्रत्येक यूनिट के लिए हम 6.65 रुपये चार्ज कर रहे हैं, जो डोमेस्टिक कनेक्शन से मिलने वाली बिजली की तुलना में एक अच्छी दर है।

उधर, त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोप लगाया कि अगरतला से कोलकाता जा रही एक बस पर बांग्लादेश में हमला किया गया। यह हादसा ब्राह्मणबारिया जिले के विश्व रोड पर हुआ. बस में टोटल 28 पैसेंजर थे। इसमें 17 भारतीय और 11 बांग्लादेशी नागरिक शामिल थे। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बस में सवार भारतीय यात्रियों को धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने भारत विरोधी नारे भी लगाए और भारतीय यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया तथा उन्हें जान से मारने की धमकी दी।

बता दें कि त्रिपुरा तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा है। कोलकाता और अगरतला के बीच बसों का संचालन ढाका के रास्ते किया जाता है क्योंकि इससे सफर की दूरी आधी से भी कम हो जाती है। यह विमान यात्रा से सस्ती पड़ती है। ट्रेन यात्रा में आमतौर पर 30 घंटे से अधिक समय लगता है।

यूपीएससी टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने किया स्वागत

यूपीएससी टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा सोमवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने उन्हें पार्टी ज्वाइन कराई. आप का दामन थामने के बाद ओझा ने कहा कि आज से मैं अपनी इस राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहा हूं. अवध ओझा को पार्टी ज्वाइन कराते हुए केजरीवाल ने कहा कि अवध ओझा जी शिक्षा के क्षेत्र में इस देश का जाना माना नाम है. करोड़ छात्रों को शिक्षा दी. रोजगार के लिए तैयार किया. बच्चों को प्रेरणा दी.

हम किसी नेता के आने पर कहते हैं कि पार्टी मजबूत होगी लेकिन अवध ओझा जी के आने से शिक्षा क्षेत्र मजबूत होगी. हम भी राजनीति में आने से पहले एनजीओ में काम करते थे. अवध ओझा जी जब राजनीति में आए हैं तो शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में प्रगति होगी.

ओझा के मार्गदर्शन से पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी

करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत और जाने-माने शिक्षक अवध ओझा जी का आम आदमी पार्टी में तहे दिल से स्वागत है. आपकी विद्वता और मार्गदर्शन से पार्टी को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी. वैसे तो आम आदमी पार्टी में समय-समय पर बड़े-बड़े लोग शामिल होते रहे हैं, लेकिन अवध ओझा जी का पार्टी में आना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बेहद खुशी और गर्व का दिन है. मैंने अपना जीवन शिक्षा के लिए समर्पित किया है और अगर मुझे राजनीति और शिक्षा में से किसी एक को चुनना पड़े, तो मैं हर बार शिक्षा पर काम करने को ही चुनूंगा.

अवध ओझा को जानिए

कोचिंग की दुनिया में अवध ओझा का नाम काफी प्रचलित है. उनका जन्म 3 जुलाई 1984 को यूपी के गोंडा में हुआ था. बचपन से ही उन्हें IAS बनने का ख्वाब था. ग्रेजुएशन के बाद ओझा UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए. गर उन्हें इस परीक्षा में सफलता नहीं मिली. इसके बाद कोचिंग में क्लास लेना शुरू कर दिया. उनके पढ़ाने का तरीका छात्रों को पसंद आ गया. इसके बाद धीरे धीरे वो लोकप्रिय होते गए. अवध ओझा सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहते हैं. ओझा कई बड़े आईएएस संस्थानों में पढ़ा चुके हैं.

सियासी सफर की शुरूआत करेगें अवध ओझा! “आप” में हो सकते हैं शामिल, दिल्ली से चुनाव लड़ने की अटकलें

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दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी में संभावित है। हालांकि, अब तक तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। इस बीच आम आदमी पार्टी सबसे ज्यादा रेस में दिख रही है। आप ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है। कई चुनावी कैंपन भी लॉन्च कर दी गई है। इस बीच आम आदमी पार्टी में आज एक बड़ा चेहरा शामिल होने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक यूपीएससी टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा आज आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अवध ओझा दिल्ली में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलें लग रही हैं।

कहा जा रहा है कि आप की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया जाएगा।पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल पीसी करेंगे और ओझा को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे।कहा जा रहा है कि वह 2025 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।

लोकसभा चुनाव लड़ने की थी चर्चा

अवध ओझा पहले भी राजनीति में उतरने की इच्छा जता चुके हैं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उनके उतरने की खबरें आई थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्य राजनीतिक दलों से टिकट नहीं मिलने की वजह से वे चुनावी समर में नहीं उतर पाए थे। दरअसल अवध ओझा बीजेपी के टिकट पर यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपना प्लान बदल दिया था। वह प्रयागराज से बीजेपी का टिकट चाह रहे थे। वहीं, कांग्रेस की तरफ से अमेठी से टिकट मांगे जाने की भी चर्चा थी। अवध ओझा यूपी में गोंडा के रहने वाले हैं।

कौन हैं अवध ओझा?

अवध ओझा इतिहास के बड़े जानकार हैं और उसी की तैयारी भी कराते हैं। अवध ओझा का जन्म 3 जुलाई 1984 को यूपी के गोंडा में हुआ था। उनके पिता माता प्रसाद ओझा पोस्टमास्टर थे और उनकी मां वकील थीं। ओझा की शुरुआती पढ़ाई लिखाई गोंडा से ही हुई। ओझा को बचपन से आईएएस बनने का ख्वाब था। ग्रेजुएशन के बाद ओझा यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए।

उन्होंने खूब तैयारी की लेकिन वो यूपीएससी क्रैक नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद में दोस्त की कोचिंग में पढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे वो लोकप्रिय होते गए। शुरुआत में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन बाद उन्होंने पढ़ाने के तरीके को बदला और यही तरीका छात्रों को भा गया। अपने पढ़ाई के तरीकों की वजह से अवध ओझा सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहते हैं।

ओझा कई बड़े आईएएस संस्थानों में पढ़ा चुके हैं। ओझा अपना यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं। अवध ओझा क्लासेस नाम से वो कोचिंग भी चलाते हैं। इलके अलावा वो IQRA IAS के फाउंडर भी हैं।

297 दिनों बाद फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में किसान, सड़कों पर जगह-जगह जाम, 4000 जवान तैनात

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दिल्ली में एक बार फिर किसानों का जमावड़ा होने वाला है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज यानी सोमवार को हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारी में हैं। नोएडा से दिल्ली में संसद भवन तक विरोध मार्च निकालेंगे। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। वे नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की अपनी पांच प्रमुख मांगों पर जोर देंगे। किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में बैरिकेड लगाने और रूट डायवर्ट करने सहित सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं। भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) समेत कई किसान संगठन नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजा और लाभ की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। बीकेपी का मार्च 2 दिसंबर यानी आज से नोएडा से शुरू होगा, जबकि अन्य संगठन 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। पंजाब-हरियाणा सीमा पर मौजूद किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।

दिल्ली पुलिस के साथ गौतमबुद्ध नगर पुलिस अलर्ट

किसानों के दिल्ली मार्च की सूचना पर दिल्ली पुलिस के साथ गौतमबुद्ध नगर पुलिस अलर्ट हो गई। इसी के साथ दिल्ली बॉर्डर पर चेकिंग शुरू हो गई। गौतमबुद्ध नगर से दिल्ली जाने वाले सभी मार्गों पर बैरियर लगाया गया है, जिससे जाम की स्थिति बन गई है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इस परिस्थिति को देखते हुए वाहन चालकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया कि दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैफिक प्रेशर बढ़ने की स्थिति में कई सड़कों पर रूट डायवर्जन किया जाएगा। इस दौरान जाम एवं अन्य समस्याओं से बचने के लिए लोग मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ऐसे निकलेंगे वाहन

पुलिस के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के रास्ते दिल्ली की ओर जाने वाले तथा सिरसा से परीचौक के रास्ते सूरजपुर जाने वाले मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। इन दोनों ही सड़कों पर किसी तरह के मालवाहक वाहनों की आवाजाही नहीं है। इसी प्रकार चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर-नोएडा की ओर जाने वाले वाहनों को सैक्टर 14ए फ्लाई ओवर से गोलचक्कर चौक सैक्टर 15 के रास्ते संदीप पेपर मिल चौक होते हुए झुण्डपुरा चौक से निकाला जा रहा है। इसी प्रकार डीएनडी बॉर्डर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को फिल्मसिटी फ्लाईओवर से सैक्टर 18 एलीवेटेड के रास्ते निकाला जा रहा है। कालिन्दी बॉर्डर दिल्ली से नोएडा की ओर आने वाले वाहन महामाया फ्लाई ओवर के रास्ते सैक्टर 37 होते हुए गन्तव्य की ओर रवाना हो सकेंगे।

कौन-कौन से किसान संगठन साथ?

जानकारी के मुताबिक किसानों के इस दिल्ली मार्च में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 10 से अधिक किसान संगठन शामिल हो रहे हैं। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा सहित विभिन्न किसान संगठन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। ये समूह 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे। इसके अलावा,केरल,उत्तराखंड और तमिलनाडु में किसान यूनियन उसी दिन अपनी-अपनी विधानसभाओं तक प्रतीकात्मक मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। वे दिल्ली की ओर अपने रुके हुए मार्च का विरोध कर रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की कि ये किसान 6 दिसंबर के मार्च में शामिल होंगे।

297 दिन बाद किसान दिल्ली कर रहे हैं कूच

मालूम हो कि किसान इसी साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। अब लगभग 297 दिनों बाद किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली चलो का ऐलान किया है। बॉर्डर पर बैठे किसान 12 अन्य मांगों के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

किसानों की मांगें

➤कानूनी गारंटी वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)

➤कृषि ऋण माफ

➤किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन

➤पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज किए गए पुलिस मामलों को वापस लेना

➤2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय

➤भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना

➤2020-21 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा

मैडम अभी बिजी हैं...',सोनिया गांधी को लेकर नजमा हेपतुल्ला का बड़ा खुलासा, बताया जब करना पड़ा था एक घंटे इंतजार

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देश सियासत का पारा चढ़ने वाला है। कभी कांग्रेस नेता रहीं राज्यसभा की पूर्व उप सभापति हेपतुल्ला ने सोनिया गांधी को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है। हेपतुल्ला ने हाल में आई अपनी आत्मकथा 'इन परस्यूट ऑफ डेमोक्रेसी: बियॉन्ड पार्टी लाइन्स' में सोनिया गांधी से जुड़ी एक घटना का उल्लेख किया है।हेपतुल्ला ने किताब में कहा है कि सोनिया गांधी ने फोन पर उन्हें 1 घंटे तक इंतजार कराया था। 1999 की बात है जब नजमा हेपतुल्ला बताती हैं कि उन्हें फोन कॉल पर सोनिया गांधी से बात करने के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा था।

नजमा ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि मैं साल 1999 में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) का अध्यक्ष चुनी गई थी। इसके बाद मैंने ने बर्लिन से कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह समाचार देने के लिए फोन किया था, लेकिन एक कर्मचारी ने उनका कॉल यह कह कर एक घंटे तक 'होल्ड' पर रखा कि 'मैडम बिजी हैं।'

पहले अटल बिहारी को किया था कॉल

हेपतुल्ला ने कहा कि आईपीयू का अध्यक्ष बनना मेरे लिए “एक ऐतिहासिक क्षण और बहुत ही सम्मान की बात थी, जो भारतीय संसद से वैश्विक संसदीय मंच तक पहुंचने की मेरी यात्रा का शिखर था।” आत्मकथा में कहा गया है कि सबसे पहले उन्होंने बर्लिन से तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फोन किया, जिन्होंने तुरंत उनसे बात की। हेपतुल्ला ने लिखा, “जब उन्होंने यह समाचार सुना तो वह बहुत खुश हुए, एक तो इसलिए कि यह भारत के लिए सम्मान की बात थी और दूसरा इसलिए कि यह सम्मान एक भारतीय मुस्लिम महिला को मिला था। उन्होंने कहा कि आप वापस आइए, हम जश्न मनाएंगे।”

एक घंटे लाइन पर रहने के बाद भी नहीं हो सकी बात

हेपतुल्ला ने लिखा कि हालांकि, जब उन्होंने ‘‘कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष एवं अपनी नेता सोनिया गांधी को फोन किया तो उनके एक कर्मचारी ने कहा कि ‘मैडम व्यस्त हैं।' जब उन्होंने (हेपतुल्ला ने) कहा कि वह बर्लिन यानी विदेश से बात कर रही हैं तो कर्मचारी ने कहा, ‘कृपया लाइन पर रहें।' मैंने एक घंटे तक प्रतीक्षा की, लेकिन सोनिया (गांधी) ने मुझसे बात नहीं की।”

हेपतुल्ला ने कहा कि उन्हें बहुत निराशा हुई। उन्होंने लिखा, “उस कॉल के बाद मैंने उनसे कुछ नहीं कहा। आईपीयू अध्यक्ष पद के लिए अपना नाम आगे बढ़ाए जाने से पहले, मैंने उनसे अनुमति ली थी और उस समय उन्होंने मुझे शुभकामना भी दी थी।”

आईपीयू अध्यक्ष बनने के बाद वाजपेयी सरकार में बढ़ा कद

आईपीयू अध्यक्ष बनने के बाद वाजपेयी सरकार ने उनके पद का दर्जा राज्य मंत्री से बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री के बराबर कर दिया था। रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक में कहा गया है कि अटलजी ने आईपीयू अध्यक्ष की उन देशों की यात्रा के लिए बजट में एक करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसका भुगतान आईपीयू परिषद द्वारा नहीं किया जाता था। वसुंधरा राजे ने आईपीयू अध्यक्ष के रूप में मेरे चुने जाने का जश्न मनाने के लिए मुझे और अन्य सांसदों को आमंत्रित किया था।'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का विवादास्पद बयान, ज्योतिर्लिंग से की अपनी तुलना, भड़की भाजपा

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खुद की तुलना ज्योतिर्लिंगों से की है। मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है। खरगे ने कहा मैं ह‍िंदू हूं, मेरा नाम है मल्लिकार्जुन खरगे, 12 पवित्र ज्योतिर्लिंग में से एक लिंग मैं हूं। खरगे के बयान पर बीजेपी नेता ने कड़ा विरोध किया है। बीजेपी ने कांग्रेस पर वोट बैंक के लिए ह‍िंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित सभा में ये विवादास्पद बता कही। खरगे के इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी ने खरगे के इस बयान पर हमला बोला है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने वीडियो जारी कर कहा है कि 'हिंदू आस्था का अपमान करना कांग्रेस पार्टी की पहचान है। कांग्रेस ने पहले श्री राम का अपमान किया। श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में आयोजित समारोह को कांग्रेस ने नाच-गाना करार दिया था। कांग्रेसी लगातार श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते रहे हैं। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भगवान शिव का अपमान कर रहे हैं। खरगे ने अपनी तुलना 12 ज्योतिर्लिंग से की है।'

शहजाद पूनावाला ने आगे कहा कि उन्होंने कहा है कि 'मैं एक पवित्र ज्योतिर्लिंग हूं। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या किसी दूसरे धर्म के लिए कांग्रेस ऐसी टिप्पणी कर सकती है। वोट बैंक के लिए कांग्रेस का स्तर इतना गिर गया है कि लगातार ह‍िंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया जा रहा है।'

बीजेपी नेता ने खरगे से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए। नाम अगर शिव है, तो आप भगवान शिव नहीं बन सकते हैं। ज्योतिर्लिंग से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है और वह खुद को ज्योतिर्लिंग बता रहे हैं। यह हिंदू समाज का बहुत बड़ा अपमान है।'

बांग्लादेश: हिंदू नेता चिन्मय दास की जमानत याचिका पर 3 दिसंबर को सुनवाई, लगा है राजद्रोह का आरोप

डेस्क: बांग्लादेश की एक अदालत ने पिछले सप्ताह राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की जमानत पर सुनवाई के लिए तीन दिसंबर की तारीख तय की है। मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है। बता दें कि इस्कॉन मंदिर बांग्लादेश के पूर्व पुजारी को चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया है। तब से हिंदू समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया है। रविवार को बांग्लादेश की पुलिस ने चिन्मय दास से जेल में मुलाकात करने वाले दूसरे हिंदू पुजारी श्याम प्रभु को भी गिरफ्तार कर लिया है। इससे माहौल और बिगड़ गया है।

चटगांव के अतिरिक्त उपायुक्त मोफिज-उर-रहमान के अनुसार, मंगलवार की सुनवाई मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफ-उल-इस्लाम द्वारा की जाएगी। चटगांव की अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि सुनवाई की तारीख पहले ही तय कर दी गई थी, लेकिन बुधवार और बृहस्पतिवार को वकीलों की हड़ताल के कारण घोषणा में देरी हुई। ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ की रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई तीन दिसंबर को होगी। ‘बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत’ के प्रवक्ता दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को चटगांव की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में एक वकील की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा में मौत हो गई। दास सहित 19 लोगों के खिलाफ चटगांव के कोतवाली थाने में 30 अक्टूबर को राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान चटगांव के न्यू मार्केट क्षेत्र में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।

बांग्लादेश के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातों से लेन-देन पर 30 दिनों के लिए रोक लगाने का आदेश दिया, जिनमें इसके पूर्व सदस्य दास भी शामिल हैं।

शरद पवार का बड़ा आरोप, बोले- चुनावी तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का हुआ दुरुपयोग

डेस्क : एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पूरे चुनावी तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का दुरुपयोग हुआ, जो पहले कभी किसी विधानसभा या राष्ट्रीय चुनाव में नहीं देखा गया। शरद पवार ने डॉ. बाबा आढाव से मुलाकात के दौरान ये बयान दिया। बता दें कि आढाव हाल में हुए विधानसभा चुनाव में ईवीएम के दुरुपयोग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के पुणे स्थित निवास फुले वाडा में उन्होंने अपना तीन दिवसीय प्रदर्शन शुरू किया।

शरद पवार ने कहा कि देश में हाल में चुनाव हुए हैं और लोगों में इन्हें लेकर बेचैनी है। उन्होंने कहा कि बाबा आढाव का आंदोलन इसी बेचैनी का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में यह सुगबुगाहट है कि महाराष्ट्र में हाल में हुए चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और बड़ी मात्रा में धन का इस्तेमाल हुआ जो पहले कभी नहीं देखा गया। स्थानीय स्तर के चुनावों में ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं, लेकिन धन की मदद से पूरे चुनावी तंत्र पर कब्जा और सत्ता का दुरुपयोग पहले कभी नहीं देखा गया। बहरहाल, हमने महाराष्ट्र में ऐसा देखा और लोग अब बेचैन हैं।’’

शदर पवार ने आगे कहा, ‘‘मैंने सुना कि बाबा आढाव ने इस मुद्दे पर अगुवाई की है और वह फुले वाडा में आंदोलन कर रहे हैं। उनका विरोध लोगों में उम्मीद जगाता है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। संसदीय लोकतंत्र के नष्ट होने का खतरा मंडरा रहा है, इसलिए जन विद्रोह जरूरी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा के बावजूद विपक्ष संसद में जब भी इसे उठाने की कोशिश करता है, तो उसे बोलने नहीं दिया जाता। विपक्षी नेता छह दिन से इन मुद्दों पर बोलने का अवसर मांग रहे हैं, लेकिन उनकी मांगें एक बार भी स्वीकार नहीं की गईं। इससे पता चलता है कि वे संसदीय लोकतंत्र पर हमला करना चाहते हैं।’’

बता दें कि इससे पहले भी महा विकास आघाडी के सहयोगी दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। बता दें कि इस चुनाव में महायुति को भारी जीत मिली। इसमें भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के महा विकास आघाडी ने सिर्फ 46 सीटें ही जीतीं।

यूपी के प्रयागराज से बड़ी खबर, गंगा किनारे स्थित रसूलाबाद घाट का नाम बदला, सीएम योगी ने दिया था आदेश

डेस्क: यूपी के प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आई है। प्रयागराज में गंगा किनारे स्थित रसूलाबाद घाट का नाम बदल दिया गया है। रसूलाबाद घाट का नाम अब बदलकर चंद्रशेखर आजाद घाट होगा। सीएम योगी के निर्देश पर प्रयागराज नगर निगम ने ये फैसला लिया है।

इस बारे में हफ्ते भर में औपचारिक आदेश जारी कर वहां नया शिलापट्ट लगा दिया जाएगा। रसूलाबाद घाट गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस घाट पर रोजाना कई शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। इसी घाट पर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का भी दाह संस्कार किया गया था।

प्रयागराज नगर निगम ने इसकी कवायद 1991 में ही शुरू कर दी थी। 1991 में नगर निगम सदन ने प्रस्ताव पारित कर दिया था। हालांकि 33 साल पहले प्रस्ताव पारित होने के बावजूद अभी तक इस पर औपचारिक तौर पर आदेश जारी नहीं हो सका था।

सीएम योगी आदित्यनाथ 27 नवंबर को प्रयागराज दौरे पर थे। अपने इस दौरे पर वह नगर निगम भी गए थे। नगर निगम में कई पार्षदों ने उनके सामने इस मुद्दे को उठाया था। सीएम योगी ने इस बारे में मेयर गणेश केसरवानी और नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग को उचित फैसला लेने को कहा था। नगर निगम ने अब रसूलाबाद घाट का नाम शहीद चंद्रशेखर आजाद के नाम पर करने का फैसला ले लिया है।

इससे पहले खबर आई थी कि 13 जनवरी 2025 से शुरु होने जा रहे महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है। यूपी सरकार ने देश के सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करने का फैसला लिया है। इसके लिए यूपी सरकार के मंत्री अलग-अलग राज्यों में जाएंगे और आमंत्रण देंगे। सीएम योगी ने शुक्रवार शाम को लोक भवन में बुलाई गई मंत्रियों की एक बैठक में यह फैसला लिया था।

बैठक के बाद राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया, “यह निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के मंत्री देश के सभी राज्यों में जाएंगे और वहां के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को महाकुम्भ में आने का न्यौता देंगे।” यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष के नेताओं से भी संपर्क किया जाएगा, तो मंत्री ने कहा, “ क्यों नहीं, हम विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत सभी से मिलेंगे और उन्हें आमंत्रित करेंगे।”

अमेरिका के शिकागो में गोलीबारी में भारतीय छात्र की मौत, परिवार में मचा कोहराम, सदमे में पिता

डेस्क: अमेरिका के शिकागो में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां तेलंगाना के खम्मम जिले के 26 वर्षीय छात्र साई तेजा की गोलीबारी में मौत हो गई। ग्रामीण खम्मम के रामन्नापेट के मूल निवासी साई तेजा हाल ही में चार महीने पहले अपनी मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए अमेरिका गया था।

गोलीबारी के बारे में अभी तक पूरी जानकारी सामने नहीं आ पाई है, क्योंकि स्थानीय अधिकारी घटना की जांच में जुटे हुए हैं। हालांकि, यह खबर साई तेजा के परिवार और दोस्तों के लिए यह एक बड़ा सदमा है, क्योंकि वह एक महत्वाकांक्षी युवा था, जो अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के सपने देखता था।

साई तेजा के माता-पिता को अभी तक उनके बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई है। उनके पिता को केवल यह बताया गया था कि उनका बेटा एक दुर्घटना का शिकार हुआ है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। इसके बाद से वह गहरे सदमे में हैं और बोलने में असमर्थ हो गए हैं।

खम्मम में साई तेजा के घर पर संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। स्थानीय लोग इस तरह की हिंसक घटना में एक होनहार युवा की जान जाने की त्रासदी पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। जैसे-जैसे इस मामले की स्थिति सामने आ रही है, कई लोग अमेरिका और विदेशों में बंदूक हिंसा को लेकर जागरूकता बढ़ाने और इस पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।