इलाहाबाद विवि को ऐसा बनाएं कि अमेरिका से भी विद्यार्थी पढ़ने आएं: कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव
विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के चार वर्षों के सफल कार्यकाल के उपलक्ष्य में शुक्रवार को 'कालाकल्प' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यक्षों, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का प्रारंभ संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा कुलगीत प्रस्तुत करने से हुआ, जिसके बाद कुलसचिव प्रो. आशीष खरे और अन्य विभागाध्यक्षों ने पुष्पगुच्छ देकर कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव का स्वागत किया। इस मौके पर प्रो. श्रीवास्तव ने अपने कार्यकाल के अनुभव साझा करते हुए कहा, "मेरा सपना है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय को इस प्रकार विकसित किया जाए कि अमेरिका से भी विद्यार्थी यहां पढ़ने आएं।"
उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण में स्थानीय प्रशासन और विश्वविद्यालय के अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिला। विश्वविद्यालय में नियुक्तियों के दौरान 60 मामलों को जीतकर नियुक्तियां पूरी की गईं, जिससे विश्वविद्यालय को फिर से संजीवनी मिली। प्रो. श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करने की बात भी कही।
कार्यक्रम में विद्यार्थी कल्याण के अधिष्ठाता प्रो. हर्ष कुमार ने स्वागत भाषण दिया और बताया कि प्रो. श्रीवास्तव के नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने एक नई दिशा पकड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रो. श्रीवास्तव ने सूझ-बूझ से विश्वविद्यालय को गर्त से बाहर निकाला और उसका गौरव पुन: लौटाया।
कार्यक्रम में संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने लोकगीत पर नृत्य प्रस्तुति दी। इसके बाद विभिन्न विभागों के शिक्षकों ने अपने-अपने विचार साझा किए। कला संकाय की डीन प्रो. अनामिका राय ने कुलपति के कार्यकाल में हुए परिवर्तनों पर प्रकाश डाला, जबकि पत्रकारिता विभाग के शिक्षक डा. शिव गोपाल ने अपनी कविता ह्यह्यधन्य हो धन्य हो तुमको मातेश्वरीह्णह्ण से समां बांध दिया।
एफआरसी के निदेशक प्रो. आशीष सक्सेना ने भी प्रो. श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के चहुंमुखी विकास पर चर्चा की। कार्यक्रम में कुलपति के कार्यकाल में हुए बदलावों की सराहना करते हुए कई शिक्षकों ने गीत और भाषण प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का समापन गांधी विचार और शांति अध्ययन संस्थान के समन्वयक डा. अविनाश श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ हुआ। मंच संचालन प्रो. जया कपूर और डा. सोनाली शंकर ने किया।
Dec 01 2024, 19:19