देवघर- उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी के निर्देशानुसार लिंग आधारित हिंसा एवं बाल विवाह मुक्त समाज की दिशा में मीडिया परामर्श कार्यशाला का आयोजन
देवघर:
उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी विशाल सागर के निर्देशानुसार आज 28 नवंबर को सूचना भवन के सभागार में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत एकदिवसीय जेंडर आधारित हिंसा एवं बाल विवाह मुक्त समाज की दिशा में मीडिया परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान परामर्श सह कार्यशाला का शुभारंभ जिला शिक्षा पदाधिकारी बिनोद कुमार, डीपीएम जेएसएलपीएस, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं उपस्थित अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। इसके अलावा मीडिया परामर्श कार्यशाला को संबोधित करते हुए बिनोद कुमार ने बाल विवाह, दहेज प्रथा, लिंग आधारित हिंसा आदि को जिला से पूर्णतः समाप्त करने की दिशा में हम सभी को सामुहिक प्रयास करने की आवश्यकता हैं। साथ ही जिला समाज कल्याण विभाग, डीसीपीयू, वीएलसीपीसी, जेएसएलपीएस, आनन्द शाला, तेजस्वीनी क्लब आदि को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। आगे उन्होंने कहा की बाल विवाह केवल एक समस्या नहीं है बल्कि इससे जुड़ी कई कूप्रथाएं मिलकर एक विकट समस्या बनाते हैं,
जिसका निवारण भी हम सभी को मिलकर करने की आवश्यकता हैं। साथ ही उन्होंने विस्तार से शिक्षा और लैंगिक हिंसा पर भी अपनी बात रखी। इसके अलावा सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी ने बाल विवाह के खिलाफ अपने संबोधन में कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है और कानून का उल्लंघन है, जो बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और विकास में बाधा है, तथा उनके सपनों को साकार होने से रोकता है। इसलिए हम सभी का यह सामुहिक प्रयास होना चाहिए कि बाल विवाह के खिलाफ रोकथाम और समाज से इस कुरीति को खत्म करने का हर संभव प्रयास करेंगे। वहीं जे.एस.एल.पी.एस. के पदाधिकारी ने ग्रामीण स्तर पर जेंडर सखी के विषय में जानकारी दी। ज्ञात हो कि मीडिया परामर्श कार्यशाला का उद्देश्य जिले में बाल विवाह एवं जेंडर आधारित हिंसा पर चर्चा-परिचर्चा एवं इन विषयों पर मीडिया एवं संबंधित हितधारकों की भूमिका पर प्रकाश डालना था। साथ ही मीडिया प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि वे अपने प्रभावशाली प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए बाल विवाह के खिलाफ एक सशक्त आवाज बनें। वहीं एक मीडिया साथी ने शिक्षित युवाओं का एक कैडर बनाने की सलाह दी जो बाल विवाह और जेंडर हिंसा पर ग्रामीण व वार्ड स्तर पर कार्य करे। इसके अलावा कार्यशाला का आयोजन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन, जिला प्रशासन, जिला समाज कल्याण कार्यालय, जिला जन सूचना एवं सम्पर्क विभाग और XISS-यूनिसेफ के सहयोग के साथ चेतना विकास अग्रिणी भूमिका निभाई। साथ ही कार्यशाला का आयोजन कर रही चेतना विकास की निर्देशिका रानी कुमारी ने बाल विवाह एवं जेंडर हिंसा से संबंधित आंकड़ों, कानूनों एवं विभिन्न पहलुओं पर सबका ध्यान आकर्षित किया। कार्यशाला में आए सभी मीडिया प्रतिनिधियों, डालसा के पैनल एडवोकेट्स, एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि एवं अन्य हितधारकों ने इस विषय एवं इसके समाधान पर अपनी-अपनी बात रखी। आगे यूनिसेफ़ के जिला परियोजना समन्वयक, नरेंद्र शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन किया गया।
Nov 30 2024, 06:38