जरलही स्कूल की व्यवस्थाएं बदहाल, सरकारी धन की बर्बादी
खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पिपरौली ब्लॉक के ग्राम सभा जरलही में स्थित कंपोजिट स्कूल की स्थिति और व्यवस्थाएं पूरी तरह से बदहाली का शिकार हैं। स्कूल में प्रधानाध्यापक और शिक्षक शिक्षिकाएं नियत समय पर नहीं आते हैं। विद्यालय में कुल 109 बच्चों का नामांकन हुआ है जिन्हें पढ़ाने के लिए 6 शिक्षकों और 2 शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई है। किन्तु मौके पर पहुंचने पर कुल दर्जन भर बच्चे परिसर में मौजूद पाए गए।
संवाददाता के अचानक स्कूल में पहुंचने पर इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने तीखा आक्रोश जताते हुए कहा कि आप की हिम्मत कैसे हुई स्कूल में जांच के लिए आने की, यहां तक कि प्रधानाध्यापक ने स्कूल के कमरों और परिसर की तथा सफाई व्यवस्था,रंगाई-पुताई की बदहाल स्थिति की फोटो लेने पर भी नाराजगी जताते हुए विरोध किया, जिससे दूर से ही स्कूल की फोटो खींचनी पड़ी। बीते दिनों गांव के निवासी उपेंद्र सिंह द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी पिपरौली को पत्र भेजकर स्कूल में व्याप्त अनियमितताओं की शिकायत करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की गई है।
मौके पर जांच के लिए पहुंचने पर स्कूल की बदहाल व्यवस्थाओं की पुष्टि हुई है।
स्कूल की रंगाई पुताई नहीं हुई है कमरों में सीलन, गंदगी और दुर्गंध आती है जहां बैठना भी मुश्किल है। बाउंड्री वॉल और गेट का निर्माण नहीं हुआ है। बगल में स्थित खेतों में काम कर रहे गांव के किसानों राम सिंगार,हरखू और कपिल ने पूछने पर बताया कि स्कूल में शिक्षकों और बच्चों के आने जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है कभी 9 बजे तो कभी 10 या 10.30 बजे आते हैं और समय से पहले ही दोपहर में चले जाते हैं। बच्चे आते ही नहीं हैं। प्रधानाध्यापक ने उपस्थिती रजिस्टर दिखाने से इंकार कर दिया और कहा कि रजिस्टर चेक करने का अधिकार सिर्फ हमारे विभागीय अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को है। इतना ही नहीं अपशब्दों का प्रयोग करते हुए जांच के लिए पहुंचने पर आक्रोश जताया गया।
मिली जानकारी के अनुसार 100 से अधिक विद्यार्थियों की संख्या होने पर कंपोजिट स्कूलों में शासन द्वारा मेंटिनेंस के लिए वर्ष में 50 हजार रुपए दिए जाते हैं। किंतु आमी नदी की बाढ़ में वर्ष में लगभग 2 महीने तक बाढ़ के पानी में डूबा रहने वाला जरलहीं का कंपोजिट स्कूल वर्ष भर बदहाल गंदा,मैला, कुचैला, सीलन भरी चिपचिपी दीवारों तथा अव्यवस्थाओं का शिकार बना रहता है।
शिकायतकर्ता उपेंद्र सिंह के आरोपों स्कूल में कंपोजिट ग्रांट के धन का दुरूपयोग, बर्तन, स्पोर्ट्स ग्रांट, मिड-डे-मील के कन्वर्जन कास्ट का दुरूपयोग, टीएलएम ग्रांट तथा बच्चों के फल और दूध वितरण में बच्चों की संख्या के अनुपात में धांधली और सरकारी धन के खुलेआम दुरूपयोग की सभी शिकायतें सच साबित होती नजर आती हैं, यदि निश्पक्षता से जांच की जाए तो स्कूल की बदहाली की पोल स्वत: खुल जाएगी?।
इस संदर्भ में बीएसए गोरखपुर रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत मिली है जांच के लिए बीईओ पिपरौली को आदेश दिया गया है रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
Nov 28 2024, 19:46