मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से मिल रही है नए जीवन की उम्मीद, 9 माह में 1211 मामलों में मिली सहायता

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत जरूरतमंद लोगों के लिए आर्थिक सहायता की स्वीकृति दे रहे हैं। गंभीर तथा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाले खर्च से बचाने के लिए संजीवनी सहायता कोष का विस्तार करते हुये मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना संचालित की जा रही है । इस योजना से प्रदेश के नागरिक लाभान्वित हो रहे है।

9 माह के भीतर योजना के अंतर्गत 1211 मामलों में जरूरतमंदों को सहायता मिली है और इस दौरान उन्हें 43 करोड़ 16 लाख रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गयी है। इसी योजना के अंतर्गत सक्ती जिले के मालखरौदा विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम परसा निवासी उर्मिला देवी सिदार पति स्व. केदारनाथ सिदार का नि:शुल्क कैंसर का इलाज चल रहा है। श्रीमती उर्मिला ने बताया कि उनके पति के मृत्यु हो जाने के बाद घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वह अपनी इस गंभीर बीमारी का इलाज नहीं करा पा रही थी। एक तरह से उन्होंने भी जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। शुरुआती दौर में उन्होंने आयुष्मान कार्ड योजना से प्राप्त राशि से अपना इलाज कराया। लेकिन उन्हें कैंसर की बीमारी के इलाज के लिए और भी अधिक राशि की आवश्यकता थी। फिर उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी मिली। जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया और जुलाई 2024 में सहायता राशि स्वीकृत हुई।

वर्तमान मे योजना के अंतर्गत उनका इलाज मेकाहारा हॉस्पिटल, रायपुर में निःशुल्क किया जा रहा है। उर्मिला देवी सिदार ने बताया कि उनके कैंसर के इलाज के लिए प्रत्येक 21 दिनों में कीमोथेरेपी किया जा रहा है साथ ही अन्य दवाईयां भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ नहीं मिल पाता तो शायद ही वह अपनी इस गंभीर बीमारी का इलाज करा पाती।

श्रीमती उर्मिला ने उनके जीवन में आए इस कठिन समय में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उन्हें इस योजना के माध्यम से सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हृदय से आभार व्यक्त किया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत चिन्हित दुर्लभ बीमारियों के ईलाज के लिए राज्य के पात्र परिवारों को अधिकतम 25 लाख रूपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जो इतनी बड़ी राशि राज्य के नागरिकों के इलाज हेतु प्रदान कर रही है, जिससे नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं तथा स्वस्थ और बेहतर छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की अनोखी पहल: धान कटाई कर रहे किसानों को आंखों की बीमारियों से बचाने बांट रहे चश्में

बलौदाबाजार-     छत्तीसगढ़ में भाजपा के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार बनते ही ग्रामीण विकास के रास्ते खुल रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान भी हो रहा है. किसानों के 21 क्विंटल धान 3100 रूपये के भाव से खरीद उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध किया जा रहा है. वहीं महिलाओं को महतारी वंदन की राशि देकर उनके जरूरत का ध्यान रखा जा रहा है तो स्वास्थ्य सुविधाओं का भी ध्यान रखा जा रहा है. अब इसमें एक कदम आगे बढ़ते हुए बलौदाबाजार भाटापारा जिले में धान कटाई के समय लोगों की आंखों की सुरक्षा हो उन्हें कॉर्निया, अल्सर न हो इसके बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मितानिनों के सहयोग से ग्राम स्वच्छता एवं पोषण समिति के माध्यम से अभियान चलाकर खेतों में धान कटाई करने वाले महिलाओं पुरूषों को चश्मा का वितरण किया जा रहा है, जिससे उनकी आंखों में धान कटाई के दौरान उड़ने वाले तिनकों और धूल से बचाया जा सके और आंखों में कॉर्निया अल्सर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा न हो.

बलौदाबाजार भाटापारा जिले में अब तक इस अभियान के तहत लगभग 7500 चश्मा का वितरण किया जा चुका है और अभी वितरण का काम लगातार जारी है. जिसका एक अच्छा परिणाम सामने आ रहा है ग्रामीण किसान, महिला, पुरूष मजदूर के आंखों की रक्षा हो रही है. वहीं मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के इस योजना से ग्रामीण काफी खुश है और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री को धन्यवाद दे रहे हैंं.

ग्रामीण महिला ने बताया कि वह बचपन से धान कटाई का काम कर रही है पर यह पहली बार हुआ है जो उसे मितानीन दीदी लोग आकर चश्मा दिये है और वह इसे पहनकर अब धान कटाई कर रही. है पहले धान कटाई करते वक्त आंखों में धान काटते समय तिनके घुस जाते हैं छोटे-छोटे पतिंगे आंखों में घुसते थे जिससे बहुत तकलीफ होती थी अब चश्मा मिलने से राहत मिली है और अच्छा लग रहा है. मुख्यमंत्री को बहुत-बहुत धन्यवाद जो हम महिलाओं किसानों का ध्यान रख रहे हैं.

ग्रामीण किसान लेखा सिंह पैकरा ने बताया कि यह पहला मौका है जब सरकार ने धान कटाई करने वाले मजदूर महिलाओं-पुरूषों का ध्यान रखा है और धान कटाई के समय जो हमे दिक्कत होती थी. उससे निजात दिलाया है पहले धान काटने के समय जो तिनका उड़ता था आंखों में घुसकर काफी परेशान करता था पर चश्मा पहनकर धान काटने से अब हमारे आंखों की रक्षा हो रही है. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को बहुत-बहुत धन्यवाद जो हमारे लिए इतना सोच रहे हैं.

स्वास्थ्य मितानिन समन्वयक अंजली साहू ने बताया कि हम लोग अभी तक 45 गांव में 1500 चश्मा का वितरण कर चुके हैं पहले हम लोगो को कार्निया बीमारी की जानकारी नहीं थी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी मिलने के बाद लगातार हम और हमारी मितानीन दीदी गाँव में जाकर चश्मा वितरण कर रहे हैं और लोगो को इस बीमारी के बारे में जानकारी देकर जागरूक भी कर रहे हैं.

जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश अवस्थी ने बताया कि जिले में अंधत्व निवारण को लेकर लगातार काम हो रहे हैं और जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है इसमें जब धान कटाई का समय आया तो देखने में आया कि कटाई के वक्त जो तिनके उड़ते थे वो आंखों में फंस जाते हैं. कार्निया एक झिल्ली के अंदर है और यदि तिनका अंदर घुस गया तो डेमेज तो करता ही है व्यक्ति आंख से अंधा भी हो जाता है जिसको देखते हुए ग्राम स्वच्छता एवं पोषण समिति के तहत हमने मितानिनों के माध्यम से गांव गांव में धान कटाई कर रहे महिलाओं पुरूषों को चश्मा वितरण कर रहे हैं और उन्हें चश्मा लगाकर धान काटने प्रेरित कर उनकी आंखों की रक्षा कर रहे हैं. अभी तक 7500 चश्मा वितरण किया जा चूका है और यह क्रम जारी है ताकि लोगों को आंखों के अल्सर की बीमारी से बचाया जा सके.

बिलासपुर सेंट्रल जेल बनेगी देश की पहली ईको-फ्रेंडली जेल: कैदियों को दिया जा रहा रिसाइक्लिंग का प्रशिक्षण

बिलासपुर- ईको-फ्रेंडली (ग्रीन जेल) बनाने के लिए लघु, मध्यम तथा दीर्घकालिक अवधि लक्ष्यों को निर्धारित कर चरणबद्ध तरीके से काम शुरू कर दिया गया है। इसके पहले चरण में जल संरक्षण, जल संवर्धन, ऊर्जा संरक्षण, प्लास्टिक और पॉलिथीन मुक्त तथा रीसाइक्लिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

बता दें कि रीसाइक्लिंग के लिए जेल स्टाफ और जेल में निरुद्ध बंदियों को प्रशिक्षण दिया गया है। बिलासपुर केंद्रीय जेल की सप्लाई में प्लास्टिक एवं पॉलिथीन के उपयोग को न्यूनतम किया गया है। साथ ही, प्लास्टिक एवं पॉलिथीन रीसाइक्लिंग के लिए जेल में ही प्लास्टिक ब्रिक्स बनाने का कार्य किया जा रहा है। पानी के युक्ततम उपयोग हेतु बंदियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे पानी की बर्बादी न हो। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भी स्थानीय स्तर पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। बिजली के दुरुपयोग को रोकने हेतु ऊर्जा ऑडिट कराया गया है। साथ ही, जेल स्टाफ को प्रशिक्षण देकर जागरूक किया गया है

जेल परिसर बनेगा शहर के लिए “ऑक्सीजन जनरेटर”

गौरतलब है कि केंद्रीय जेल बिलासपुर में पर्याप्त हरियाली है। एनजीओ के माध्यम से जेल परिसर में उपलब्ध वनस्पति तथा जीव (फ्लोरा और फौना) के सर्वे का कार्य प्रारंभ करा दिया गया है। सर्वे के आधार पर वनस्पति तथा जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु रोडमैप बनाकर कार्यान्वित किया जाएगा। इसका मूल उद्देश्य यह है कि आगामी वर्षों में जेल परिसर बिलासपुर शहर के लिए “ऑक्सीजन जनरेटर” का कार्य करे। इसी तरह, कचरे (वेस्ट) प्रबंधन हेतु जेल में पहले से व्यवस्था है। इस व्यवस्था में सुधार कर गीले एवं सूखे कचरे का संग्रहण, पृथक्करण और डिस्पोजल के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है।

डीजी जेल हिमांशु गुप्ता ने बताया कि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वायु तथा पर्यावरण देने के उद्देश्य से केंद्रीय जेल, बिलासपुर को “ईको-फ्रेंडली ग्रीन जेल” बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। यह जेल विभाग की ओर से समाज को एक सकारात्मक उपहार है।

धान खरीदी के बीच अन्नदाताओं का फूटा गुस्सा: SDM को सौंपा ज्ञापन, मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

मोहला-मानपुर-     मोहला-मानपुर जिले में फिर से अन्नदाता आंदोलित रुख इख्तियार करते दिख रहे हैं। दरअसल जिले के नक्सल प्रभावित आदिवासी बाहुल्य मानपुर ब्लॉक में क्षेत्रवासी किसानों ने मानपुर ब्लॉक मुख्यालय में दोबारा धान खरीदी केंद्र आरंभ करने की मांग करते हुए क्षेत्रीय एस.डी.एम. को ज्ञापन सौंपा है। वहीं किसान ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने पर आगे धरना प्रदर्शन व बड़ा आंदोलन किए जाने का फरमान भी सुना दिया है।

बता दें कि मानपुर ब्लॉक मुख्यालय में संचालित धान खरीदी केंद्र को बीते वर्ष यहां से करीब 5 से 6 किलोमीटर दूर टोहे गांव के पास स्थित जंगल में शिफ्ट कर दिया गया है। ऐसे में अब किसानों को अतिरिक्त दूरी तय करने के साथ-साथ विभिन्न तरह की समस्याओं का सामना धान बेचने के दौरान करना पड़ रहा है। यही वजह है कि मानपुर में धान खरीदी केंद्र बंद कर दिए जाने से प्रभावित करीब 9 ग्राम पंचायत क्षेत्रों के किसानों ने मानपुर ब्लॉक मुख्यालय में जुटकर एस.डी.एम. को ज्ञापन सौंपा और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें मांग पूरी नहीं होने पर धरना प्रदर्शन की संभावना से भी वाकिफ करा दिया है।

गौरतलब है कि कुछ ही दिन पूर्व आमागढ़ चौकी ब्लॉक अंतर्गत कोरचाटोला में क्षेत्रीय किसानों ने प्रदेश में धान खरीदी आरंभ होने के अगले ही रोज भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन कर कोरचाटोला में धान खरीदी केंद्र खोलने की मांग बुलंद की थी। हालांकि उक्त प्रदर्शन के बाद यहां उप धान खरीदी केंद्र शासन को खोलना पड़ा,लेकिन अब फिर से जिले के एक अन्य क्षेत्र में धान खरीदी केंद्र खोलने की मांग पर किसानों का आंदोलित रुख शासन प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

छत्तीसगढ़ में नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई: लाखों रुपये के गांजे के साथ दो अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार, मोबाइल और कार जब्त
महासमुंद-   प्रदेश में आगामी पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों के मद्देनजर पुलिस लगातार चेकिंग अभियान चला रही है। इसी कड़ी में सोमवार को थाना सिंघोड़ा और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने एक कार से गांजा तस्करी कर रहे दो अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से भारी मात्रा में गांजा बरामद किया है, जिसकी कीमत लाखों रुपये आंकी गई है।

थाना सिंघोड़ा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दो युवक एक सफेद स्विफ्ट डिज़ायर कार (UP 92 AL 6791) में भारी मात्रा में गांजा लेकर ओडिशा से छत्तीसगढ़ की ओर आ रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने ग्राम रेहतीखोल पहुंचकर नाकाबंदी की। पुलिस को देखकर आरोपी भागने लगे, लेकिन टीम ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया। तलाशी के दौरान कार की डिग्गी में खाकी टेप से लिपटे 30 किलो गांजा बरामद हुआ, जिसकी कीमत 4 लाख 50 हजार रुपये आंकी गई है।

गिरफ्तार किए गए तस्करों के नाम नीरज कुमार मिश्रा (34 वर्ष) और अंशुल कुमार अहिरवार (21 वर्ष) हैं। दोनों उत्तर प्रदेश के जालौन के निवासी हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से 2 मोबाइल फोन और मारुति स्विफ्ट डिज़ायर कार जब्त की है। दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

राज्य में अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों पर एचएसआरपी चिन्ह लगाना अनिवार्य

रायपुर-   छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत सभी श्रेणी के मोटर वाहनों पर वाहन स्वामी द्वारा 120 दिवस के भीतर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (एचएसआरपी) लगवाया जाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा दो वेंडर क्रमशः मेसर्स रीयल मेजॉन इंडिया लिमिटेड और रोसमर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड को निर्धारित दर पर एचएसआरपी चिन्ह लगाने के लिए अधिकृत किया गया है।

परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश की अध्यक्षता में आज महानदी मंत्रालय भवन में आयोजित बैठक में अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर, उक्त परिवहन आयुक्त मनोज ध्रुव, उप परिवहन आयुक्त युगेश्वरी वर्मा, एआरटीओ वाय.व्ही. श्रीनिवास, वरिष्ठ वैज्ञानिक अमित देवांगन, एन.आई.सी कंपनी प्रतिनिधि मुकेश मल्होत्रा चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, मेसर्स रोसमर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमि.,  विश्वजीत मुखर्जी, डायरेक्टर मेसर्स रियल मेजॉन इंडिया लिमि., कौशल नियाज एवं अनुराग चौधरी उपस्थित थे।

परिवहन विभाग द्वारा समस्त आरटीओ कार्यालयों को जोन-ए और जोन-बी में बांटा गया है। जोन-ए के अंतर्गत शामिल आरटीओ कार्यालयों में अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों में एचएसआरपी चिन्ह लगाने की जिम्मेदारी मेसर्स रियल मेजॉन इंडिया लिमिटेड को दी गई है। जोन-ए के अंतर्गत गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोण्डागांव, मुंगेली, बेमेतरा, कवर्धा, केारबा, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर एवं रायपुर आरटीओ कार्यालय शामिल हैं। इसी तरह जोन-बी के अंतर्गत आरटीओ कार्यालय रायगढ़, गरियाबंद, जशपुर, धमतरी, बलौदाबाजार, महासमुंद, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, दंतेवाड़ा, कांकेर, अम्बिकापुर, बैकुण्ठपुर, जदलपुर में पंजीकृत वाहनों पर एचएसआरपी चिन्ह लगाने की जिम्मेदारी मेसर्स रोसमर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड को सौंपी गई है। उक्त दोनों कम्पनियां निर्धारित दर पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाएंगी। टू-व्हीलर मोटर सायकिल, स्कूटर, मोपेड के अलावा ट्रैक्टर, पॉवर टीलर एवं ट्रेलर पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के लिए जीएसटी सहित 365.80 रूपए, 3-व्हीलर के लिए 427.16 रूपए, लाईट मोटर व्हीकल/पैसेंजर कार के लिए 656.08 रूपए एवं 705.64 रूपए की दर निर्धारित की गई है। सभी भुगतान केवल डिजिटल मोड के माध्यम से किए जाएंगे। आटोमोबाइल डीलरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत मोटरवाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (आवश्यक तीसरी पंजीकरण प्लेट सहित) प्रत्येक इंस्टालेशन हेतु 100/- अतिरिक्त चार्ज के साथ लगाया जावेगा। घर पहुंच सेवा हेतु अतिरिक्त राशि देनी होगी।

गौरतलब है कि सर्वाेच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों, केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के प्रावधानों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत प्रत्येक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाए जाने के संबंध में आदेश जारी किया जा चुका है।

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह हेतु जारी निर्देशों का पालन नहीं होने पर केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम एवं नियमों के अनुसार जुर्माना किया जाएगा। मोटरयान अधिनियम 1988 में दिये गये प्रावधान अंतर्गत दिए गए पेनाल्टी से बचने के लिए केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 50 के तहत नकली हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह समान दिखने वाली प्लेटे/स्मार्ट नंबर प्लेट जैसे होलोग्राम/इंडिया मार्क/इंडिया शिलालेख आदि से लैस सड़क पर चलने वाले वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह प्लेट से बदलना होगा अनिवार्य होगा। अनाधिकृत रूप से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह की बिकी और आपूर्ति करते पाए जाने वाले डीलरों या अन्य व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जावेगी। आम नागरिकों की सुविधा हेतु हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह आवेदन की प्रक्रिया वेबसाईट में उपलब्ध होगी।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने डॉ. यास्मीन सिंह की पुस्तकों का किया विमोचन, प्रीति अदाणी सहित कई गणमान्य हस्तियां रहीं मौजूद
नई दिल्ली- केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी एवं कलाधर्मी डॉ यास्मीन सिंह की दो पुस्तकों ‘कथक रचनाओं का सौंदर्यबोध’ और ‘राजा चक्रधर सिंह’ का विमोचन किया. यह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित किया गया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने की. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत, भाजपा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष वी.डी. शर्मा और अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ प्रीति अदाणी मौजूद थीं.

कार्यक्रम में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त, छत्तीसगढ़ के प्रथम महाधिवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के ख्यातिलब्ध वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव समेत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और देश के जाने-माने गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. 

31 मार्च 2030 तक लागू रहेगी प्रदेश में नई औद्योगिक नीति, मंत्री देवांगन ने कहा- इससे प्रदेश में बेहतर वातारण का होगा निर्माण
रायपुर-  वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि प्रदेश की नवीन औद्योगिक नीति में उद्यमियों और युवाओं के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने वाली है. इससे प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातारण का निर्माण होगा और प्रदेश के निवासियों को रोजगार उपलब्ध होंगे.

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा 14 नवंबर को प्रदेश में नवीन औद्योगिक नीति लॉन्च की गई थी. छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने तथा राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए हैं. राज्य के प्रशिक्षित व्यक्तियों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए उद्योगों के लिए प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है. यह नीति 31 मार्च 2030 तक के लिए होगी.

उद्योग मंत्री देवांगन ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट. मूल्य संवर्धित कर प्रतिपूर्ति का प्रावधान है. नई नीति में मंडी शुल्क छूट, दिव्यांग (निःशक्त) रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर की प्रतिपूर्ति के भी प्रावधान किये गये हैं. इस नीति में राज्य के युवाओं के लिये रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर बी-स्पोक पैकेज विशिष्ट क्षेत्र के उद्योगों के लिये प्रावधानित है. राज्य के निवासियों विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों, जिनमें पैरामिलिट्री भी शामिल है, को नई औद्योगिक नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है. नक्सल प्रभावित लोगों, कमजोर वर्ग, तृतीय लिंग के उद्यमियों के लिए नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत विशेष प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है. नई औद्योगिक नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है.

इस नीति में फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा गैर काष्ठ वनोत्पाद (एनटीएफपी) प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बॉयो गैस, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (ए.आई), रोबोटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग (जी.पी.यू), आई.टी., आई.टी.ई.एस., डेटा सेंटर, जल विद्युत परियोजनाओं, सौर ऊर्जा परियोजनाओं आदि के लिए आकर्षक पृथक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान है. राज्य के कोरबा-बिलासपुर-रायपुर को देश के औद्योगिक मानचित्र में स्थान दिलाने के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना का प्रावधान है. नई औद्योगिक नीति के निर्माण के लिए उद्योग विभाग द्वारा संबंधित सभी हितपक्षों, औद्योगिक संगठन, औद्योगिक समूहों, संबंधित विभागों के साथ एक वर्ष तक संवाद एवं गहन विचार-विमर्श कर तैयार किया गया है.

4 आईपीएस अफसरों का तबादला, इन जिलों के बदले गए एसपी
रायपुर- राज्य सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के चार अधिकारियों का तबादला किया है, जिसमें राजेश अग्रवाल, धर्मेंद्र सिंह छवई, मयंक गुर्जर और पूजा कुमार को इधर से उधर किया गया है. इन तबादलों में कबीरधाम और बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षकों के पद भी बदले गए हैं. इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है.
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना : रायपुर में 100 ई-बसें चलाने की तैयारी, राज्य सरकार ने प्रशासकीय स्वीकृति और निविदा आमंत्रण की दी अनुमति

रायपुर-   राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री ई बस योजना के अंतर्गत 100 ई बसें शीघ्र चलेगी. राज्य शासन ने निर्धारित क्रियान्वयन एजेंसी रायपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी को बस डिपो सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी केन्द्रांश राशि 8 करोड़ 60 लाख के अनुपातिक राज्यांश राशि 5 करोड़ 73 लाख एवं बीटीएम पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केन्द्रांश राशि 12 करोड़ 90 लाख इस प्रकार कुल 27 करोड़ 23 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रण की अनुमति प्रदान की है.

इस संबंध में राज्य शहरी विकास अभिकरण छग ने आदेश जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व एवं उपमुख्यमंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अरूण साव के मार्गदर्शन में राजधानी शहर रायपुर में शीघ्र 100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रारंभ करने की शानदार सौगात मिलने जा रही है. इसके लिए आमानाका बस डिपो में चार्जिंग सिस्टम लगाया जाएगा. डिपो में इलेक्ट्रिकल संबंधी कार्य निरंतर प्रगति पर है. प्रधानमंत्री ई बस योजना के शीघ्र क्रियान्वयन से राजधानी शहर रायपुर में वायु प्रदूषण कम होगा एवं लोगो को इसका लाभ मिलेगा. नगर वासियों को नगर में विष्णु के सुशासन का प्रत्यक्ष सकारात्मक प्रभाव प्रधानमंत्री ई बस योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन से शीघ्र देखने को मिलेगा.

कलेक्टर एवं जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी रायपुर के पदेन अध्यक्ष डाॅ. गौरव कुमार सिंह के आदेशानुसार एवं निगम आयुक्त और जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी रायपुर के पदेन सचिव अविनाश मिश्रा के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री ई बस योजना के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा दी गई स्वीकृति के अनुरूप शीघ्र नियमानुसार निविदा बुलवाने के निर्देश दिए गए हैं. कार्य को केन्द्र सरकार एवं छत्तीसगढ शासन की लोकहितैषी मंशा के अनुरूप सर्वोच्च प्राथमिकता देने कहा गया है.

जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी की नियमावली के अनुपालन तथा अन्य आनुशांगिक नियमों का पालन करते हुए आगामी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण की जाएगी. स्वीकृत राशि का उपयोग बस डिपो सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बीटीएम पावर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य के लिए किया जाएगा. अन्य किसी भी तरह का भुगतान निषेध होगा. कार्य विभाग मैनुअल के प्रावधानों एवं विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कार्यवाही की जाएगी. स्वीकृत राशि से अधिक व्यय होने की दशा में अतिरिक्त राशि का व्यय सोसायटी को स्वयं वहन करना होगा.

भारत सरकार की दिशा निर्देशों का पालन करें : कलेक्टर

कलेक्टन ने कहा है कि भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना अंतर्गत जारी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए. राज्य शासन तथा नोडल एजेंसी सूडा द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा. कार्य प्रारंभ करने से पूर्व सक्षम प्राधिकारी से तकनीकी स्वीकृति एवं अन्य आवश्यक अनुमति, अनापत्ति प्राप्त कर ली जाए, ताकि निर्धारित समय सीमा अंतर्गत कार्य पूर्ण किया जा सके. निर्माण कार्य सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदित डीपीआर नक्शे एवं ले-आऊट अनुसार किया जाए. योजनांतर्गत रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान एवं दक्ष ऊर्जा उपकरणों का उपयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाए.