महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-    उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज मुंगेली जिले के लोरमी में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए। उन्होंने समारोह में 14 नव दंपत्तियों को उपहार और विवाह प्रमाण पत्र प्रदान कर शादी की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी के सुखमय दाम्पत्य जीवन की कामना की। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लोरमी के मंगल भवन में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 14 जोड़ों की पारम्परिक रीति-रिवाज से शादी सम्पन्न कराई गई।उप मुख्यमंत्री श्री साव ने सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना गरीब परिवार की बेटियों के लिए वरदान है। बेटियों का विवाह बिना किसी पारिवारिक खर्च के आसानी से हो, इसके लिए शासन द्वारा 50 हजार रुपए प्रदान किया जाता है। योजना के तहत सभी रीति-रिवाजों और परम्परा का पालन करते हुए विवाह संपन्न कराया जाता है। इस योजना से गरीब परिवारों को अपनी बेटियों के विवाह की चिंता से मुक्ति मिली है।

राज्य शासन की मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना में कन्या के वैवाहिक आयोजन के लिए आठ हजार रुपए, वर-वधू के कपड़े, श्रृंगार सामग्री, जूते-चप्पल, चुनरी, साफा, मंगलसूत्र सहित अन्य आवश्यक सामाग्रियों के लिए सात हजार रुपए और वधू को बैंक से भुगतान के लिए 35 हजार रुपए का ड्रॉफ्ट दिया जाता है। समारोह में स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ में 8.95 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी, किसानों को 1575.16 करोड़ रूपए का भुगतान

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का सिलसिला अनवरत जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 8.95 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.91 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 1575 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। अधिकारियों ने बताया कि 25 नवम्बर को 47296 किसानों से 2.17 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 51170 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 53439 टोकन जारी किए गए हैं।

कस्टम मिलिंग का चावल जमा नहीं कराने पर 4 मिलर्स को नोटिस जारी, कलेक्टर ने बैंक गारंटी जब्त करने की दी चेतावनी

बिलासपुर-  खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान का उठाव जिले के मिलर्स द्वारा किया गया है. उपार्जित धान के अनुसार मिलर्स को नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. शासन द्वारा समस्त मिलर्स द्वारा अनुबंध अनुसार शत्-प्रतिशत चावल जमा कराये जाने के निर्देश दिये गए हैं. बावजूद इसके जिले के चार मिलर्स अब तक चावल जमा नहीं कर सके हैं.

जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने इस लापरवाही पर सख्ती दिखाते हुए चारों मिलर्स को नोटिस जारी किया है. इन मिलर्स को 30 नवंबर 2024 तक चावल जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा नहीं करने की स्थिति में उनके द्वारा शासकीय धान उठाव के लिए जमा की गई प्रतिभूति राशि (बैंक गारंटी) को जब्त करते हुए वसूली की कार्रवाई की जाएगी. जिन मिलर्स को नोटिस जारी किया गया है, उनमें श्याम जी राइस इंडस्ट्रीज मोहतराई, सरदार एग्रो इंडस्ट्रीज, एस.डी. एग्रो फूड प्रोडक्ट और जेठू बाबा इंडस्ट्रीज बहतराई शामिल हैं.

शिक्षा विभाग के अधिकारी का तबादला

रायपुर- राज्य सरकार ने दो अफसरों के तबादले किये हैं। स्कूल शिक्षा विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग मं अफसरों को इधर से उधर किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के मुताबिक शिक्षा विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग के अवर सचिव का तबादला किया गया है।

जारी आदेश के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव अजय तिर्की का तबादला किया गाय है। उन्हें नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग दिया गया है। वहीं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अवर सचिव दानियल एक्का का भी ट्रांसफर हुआ है। उन्हें ग्रामोद्योग विभाग भेजा गया है।

राज्य युवा महोत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी 2025 तक

रायपुर-    प्रदेश में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है। आज मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ की अध्यक्षता में राज्य युवा महोत्सव की तैयारियों के संबंध में बैठक आयोजित की गई। राष्ट्रीय एकता, सामुदायिक सहभागिता और भाईचारा में बढ़ोत्तरी और राज्य के युवाओं को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी तक होगा। खेल संचालनालय परिसर एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तीन दिनों तक चलने वाले युवा महोत्सव में 13 प्रकार की विधाओं से संबंधित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

युवा महोत्सव में सांस्कृतिक विधा में सामूहिक लोक नृत्य, सामूहिक लोक गीत, व्यक्तिगत लोक नृत्य, व्यक्तिगत लोक गीत, लाईफ स्किल विधा में कहानी लेखन, चित्रकला, तात्कालिक भाषण, कविता, युवा कृति विधा में विज्ञान मेला, हस्तशिल्प, टेक्सटाईल, कृषि उत्पाद, अन्य विधा में रॉकबैंड आदि शामिल है। राज्य युवा महोत्सव में प्रतिभागियों की आयु 15 से 29 वर्ष निर्धारित की गई है। जिला और ब्लॉक स्तर पर हुए युवा उत्सव के आयोजन के पश्चात विजेताओं को राज्य युवा महोत्सव में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। राज्य युवा महोत्सव के विजेताओं को नगद पुरस्कार दिए जाएंगे। साथ ही युवा महोत्सव के सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य स्तरीय युवा उत्सव की प्रतियोगितायें प्रातः 9 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक आयोजित की जाएगी। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तरीय सुवा महोत्सव के सफल आयोजन के लिए राज्य शासन के विभिन्न विभागों को अपेक्षित कार्यदायित्व दिया गया है। इससे विद्युत व्यवस्था सीएसपीडीसीएल, मुख्य कार्यक्रम स्थल में विभागीय अधोसंरचनाओं का साज-सज्जा एवं मरम्मत कार्य लोक निर्माण विभाग करेगा। सुरक्षा व्यवस्था पुलिस विभाग, स्वास्थ्य व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग, उन्नत कृषि हेतु आधुनिक उपकरणों एवं उत्पादों की प्रदर्शनी कृषि विभाग द्वारा लगायी जाएगी। शिल्प ग्राम प्रदर्शनी ग्रामोद्योग विभाग द्वारा तथा युवाओं के संचालित योजनाओं का स्टॉल उद्योग विभाग द्वारा लगाया जाएगा। इसी प्रकार से साहसिक खेल गतिविधियों की प्रदर्शनी पर्यटन विभाग द्वारा लगाया जाएगा।

बैठक में जानकारी दी गई कि जिला स्तरीय एवं विकास खंड स्तरीय युवा उत्सव के आयोजन के संबंध में राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों, संचालक संचालनालय, खेल एवं युवा कल्याण छत्तीसगढ़ द्वारा दिशा निर्देश जारी कर दिए है। विकासखण्ड स्तरीय युवा महोत्सव 30 नवंबर 2024 तक होगा। तथा जिला स्तरीय युवा महोत्सव 1 से 15 दिसम्बर के बीच में आयोजित होगा। बैठक में सचिव लोक निर्माण डॉ. कमलप्रीत सिंह, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, शिक्षा, कृषि, पर्यटन, संस्कृति, उद्योग, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रही थाइराइड, खून-पेशाब की जांच, हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को लगाई फटकार

बिलासपुर-   बिलासपुर समेत प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में पिछले कई महीनों से थायराइड, खून-पेशाब जैसी जरूरी जांच भी नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से मरीजों को प्राइवेट लैब का सहारा लेना पड़ रहा है. इस अव्यवस्था पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग को फटकार लगाई है. 

मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ में याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. शासन की तरफ से मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने व्यक्तिगत शपथपत्र पेश किया है. उपमहाधिवक्ता यशवंत कुमार ठाकुर ने शासन का पक्ष रखते हुए कहा रीजेंट की कमी दूर करने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं जिला अस्पताल में सेमी ऑटोमेटिक मशीन से जांच की जारी है, और सिम्स में भी जांच शुरू है.

मामले में हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि स्वास्थ्य विभाग में खरीदी गई लाखों की मशीनें सिर्फ रखने के लिए नहीं होनी चाहिए. इससे जांच हो और नियमित समय पर रिपोर्ट मिले, इसकी व्यवस्था सरकार और स्वास्थ्य विभाग को करनी होगी. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नरों ने बताया कि अस्पतालों में जांच के लिए बायोकेमेस्ट्री मशीन और हार्मोनल एनालाइजर मशीन के लिए रीजेंट की कमी है.

इसके पहले सीजीएमसी ने 19 अप्रैल को शपथ पत्र में अस्पतालों में रीजेंट की डिमांड और सप्लाई की जानकारी दी थी. जिसमें बायोकेमेस्ट्री मशीन के लिए 122 की डिमांड में केवल 36 की सप्लाई की गई थी, वहीं 57 में से 39 हारमोनियम एनालाइजर मशीन की ही सप्लाई हो पाई थी. शासन के अधिवक्ता ने इस मामले में अपना पक्ष रखा. कोर्ट ने सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए इस मामले में निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को रखी गई है.

कोर्ट कमिश्नरों से खोली अव्यवस्था की पोल

बता दें कि बिलासपुर जिला अस्पताल में अव्यवस्था पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए स्थिति का जायजा लेने के लिए दो कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए अस्पताल भेजा था. कोर्ट कमिश्नरों की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल आठ मशीनों में से चार बंद हैं. केवल चार मशीनों से जांच हो रही है.

टोनही प्रताड़ना से पीड़ित परिवार से मिले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्य, डॉ. दिनेश बोले – अंधविश्वास में न आएं ग्रामीण, कोई नारी टोनही नहीं

रायपुर-  अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्यों ने कसडोल के ग्राम छरछेद का दौरा कर जादू टोना के संदेह में प्रताड़ित परिवार से मुलाकात की. उन्हें सांत्वना दी और उन्हें ढाढस बंधाया. बता दें कि पिछले सितंबर में चार सदस्यों की हत्या जादू टोने के संदेह में कर दी गई थी, जिसमें से एक मृतक 11 माह का मासूम बच्चा भी था. समिति के सदस्यों की टीम में डॉ. दिनेश मिश्र, डॉ. शैलेश जाधव, डॉ. एचके एस गजेंद्र शामिल रहे.

परिवार के वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि वह खुद के इलाज के लिए गांव से बाहर गई थी, इस बीच पड़ोस के छह लोगों ने आकर उनके परिवार के सदस्यों पर घातक हमला किया, जो घर के एक कमरे में बैठे हुए थे. हमलावर द्वारा पत्थर तोड़ने के घन और घातक हथियारों से किए गए वार से सभी सदस्यों चेतराम, जमुना बाई केवट, यशोदा बाई केवट और एक साल के बच्चे की मृत्यु हो गई. जब वह अपना उपचार करने के बाद लौटकर आई तब उसने देखा घर में मजमा लगा हुआ था. उसकी बेटी ने बताया उनके पूरे गांव में किसी भी व्यक्ति से कोई व्यक्ति गत परेशानी, रंजिश नहीं है और मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं. इस प्रकार की घटना होने से न केवल अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं बल्कि अन्य आर्थिक समस्या भी पैदा हो गई है. और उन्हें अब तक शासन द्वारा घोषित मुआवजा भी प्राप्त नहीं हुआ है, जिसकी सितंबर में घोषणा की गई थी.

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने वहां उपस्थित ग्रामीणों से कहा, जादू टोने जैसी बातों का कोई अस्तित्व नहीं होता है. किसी व्यक्ति को न ही जादू टोने से बीमार किया जा सकता है और न उसे किसी प्रकार के चमत्कार से ठीक किया जा सकता है .जादू टोना एक काल्पनिक मान्यता है, कोई महिला टोनही या डायन नहीं होती. यहां तो जिस महिला पर जादू टोने कर दूसरों को बीमार करने का शक किया जा रहा है वह तो स्वयं बीमार है. उसमें अगर इतनी शक्ति होती तो वह खुद ही कभी बीमार नहीं पड़ती. वह तो खुद बीमार थी और अपने इलाज के लिए घर से बाहर निकली थी. अंधविश्वास में पड़ा पड़ोसी परिवार उसे ही सबक सिखाने निकला थाऔर यह हत्याकांड हो गया.

अंधविश्वास के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर

डॉ. मिश्र ने कहा, ग्रामीणों को किसी भी अंधविश्वास में नहीं पढ़ना चाहिए और कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए. डॉ. मिश्र ने राज्य शासन को पत्र लिख कर पीड़ित परिवार को तुरंत मुआवजा प्रदान करने की मांग की है. उन्होंने कहा, जिला प्रशासन को इस संबंध में तुरंत कदम उठाना चाहिए. साथ ही यह सुरक्षित किया जाना चाहिए कि पीड़ित परिवार के बचे सदस्यों पर किसी भी प्रकार का हमला न हो पाए. समिति के सदस्यों ने जनपद अध्यक्ष सिद्धांत मिश्र, ग्राम छरछेद के सरपंच भरतदास मानिकपुरी के साथ भी चर्चा की. कसडोल के ग्रामीण अंचल में अंधविश्वास के विरुद्ध एक जागरूक वातावरण बनाने की बात कही. समिति के सदस्य ग्रामीण छात्र-छात्राओं से भी मिले और अंधविश्वास के प्रति जागरूकता बढ़ाने के संबंध में चर्चा की.

बस्तर में कड़ाके की ठंड, नगर निगम ने अब तक नहीं की अलाव की व्यवस्था

जगदलपुर-  बस्तर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. संभाग मुख्यालय जगदलपुर सहित ग्रामीण इलाकों में सुबह के वक्त लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में लोगों के लिए अलाव एक बड़ा सहारा साबित हो होगा, लेकिन नगर निगम जगदलपुर इस साल अब तक कही भी अलाव की व्यवस्था नहीं की है.

हर साल नगर निगम दंतेश्वरी मंदिर, नया बस स्टैंड और दलपत सागर क्षेत्र में अलाव की व्यवस्था करती है, ताकि ठंड से लोगों को राहत मिल सके, लेकिन इस बार अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. महापौर सफिरा साहू का कहना है कि प्लेसमेंट कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से इस वर्ष अलाव की व्यवस्था करने में निगम को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नियमित कर्मचारियों के सहारे अब निगम वैकल्पिक व्यवस्था करेगी. हालांकि हड़ताली कर्मचारियों का हड़ताल समाप्त हो चुका है. बावजूद अलाव की व्यवस्था शहर में नहीं की गई है.

शहर के रेलवे स्टेशन में भी शाम और रात के समय राहगीरों व यात्रियों को ठंड की मार झेलनी पड़ रही है. कुछ दिन पहले तक बदली की वजह से ठंड कम थी, लेकिन मौसम साफ होते ही जिले में अब कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है.

संविधान के 75वें वर्ष पूर्ण होने पर 26 नवंबर को राजधानी में संविधान दिवस पदयात्रा का आयोजन, मुख्यमंत्री साय होंगे शामिल

रायपुर-  भारतीय संविधान के 75वें वर्ष पूर्ण होने पर 26 नवंबर 2024 को सुबह 9.30 बजे राजधानी रायपुर में पदयात्रा का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पदयात्रा के प्रारंभ में पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सालय के सभागार में संविधान पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसके बाद चिकित्सा महाविद्यालय कलेक्टोरेट परिसर अम्बेडकर चौक तक पदयात्रा निकाली जाएगी।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव, विजय शर्मा, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री तोखन साहू, विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, लोक सभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, सुनील सोनी, अनुज शर्मा, इंद्रकुमार साहू, गुरू खुशवंत साहेब के साथ छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर शामिल होंगे।

पथ विक्रेता संघों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, पथ विक्रेता कानून 2014 लागू करने निकाली पदयात्रा

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में पथ विक्रेता कानून 2014 लागू नहीं करने पर अब पथ विक्रेता संघों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शहर में ठेले और गुमटियों पर व्यवस्थापन की उचित व्यवस्था किए बिना गैरकानूनी कार्रवाई करने के खिलाफ आज फुटकर कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन और पथ विक्रेता कल्याण संघ के पदाधिकारियों सहित NIT, आयुर्वेद कॉलेज, साइंस कॉलेज और GE रोड के स्ट्रीट वेंडर्स ने GE रोड के अनुपम गार्डन से रायपुर नगर निगम मुख्यालय तक लगभग 3 किमी लंबी पदयात्रा निकाली. इस दौरान नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

दरअसल शहर में बढ़ती आबादी के साथ-साथ पथ विक्रेताओं की संख्या भी बढ़ती चली जा रही है. इन ठेलों और गुमटियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं होने के चलते ये सड़कों के किनारे ठेले लगाते है, जिससे यातयात प्रभावित होता है और आने जाने वाले लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. अवैध अतिक्रमण के लिए निगम समय-समय पर ठेलों-गुमटियों पर चलानी कार्रवाई भी करती है, लेकिन अब तक कोई ठोस व्यवस्था लाने में असफल रही है. इसी के विरोध में आज सभी ने निगम के खिलाफ मोर्चा खोला.

पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता एवं हॉकर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गौतम गंगोपाध्याय ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने का मास्टर प्लान सिर्फ कमीशन का खेल है, जिससे पूरा शहर बर्बाद किया जा रहा है. जो मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, वहां कही पर भी पथ विक्रेता के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. 2014 के बाद से दो सरकारें बन गई, लेकिन किसी ने भी पथ विक्रेताओं का साथ नहीं दिया. वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं सामाजिक चिंतक वीरेंद्र पांडेय ने बताया, पथ विक्रेताओं के लिए कानून होने के बाद भी इसे लागू नहीं किया जा रहा. नियम यह है कि जब तक व्यवस्थापन का इंतजाम नहीं होता तब तक किसी को हटाया नहीं जा सकता, लेकिन अवैध अतिक्रमण के नाम पर पुलिस प्रशासन ठेला उठा ले जाते हैं. पूरा सामान भी वापस नहीं करते. इससे रोज कमाने खाने वाले लोगों को काफी नुक़सान होता है.

जानिए क्या है मांगें

पथ विक्रेता कानून 2014 लागू किया जाए. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के तहत कानून बना हुआ है. इसके मुताबिक पथ विक्रेताओं के लिए प्लान किया जाना चाहिए. बढ़ती आबादी के साथ ऐसा शहर बनाना बेहद जरूरी है, जहां व्यापारी, ठेले सब व्यवस्थित रहे. शहर का सौंदर्य बना रहे. यातायात सुगम रहे और बाकियों का जीवन भी चलता रहे. ऐसे शहर नियोजन की आवश्यकता है.

जिम्मेदारों से हुई मुलाकात, जल्द होगी बैठक

मांगों को लेकर पथ कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने निगम उपायुक्त विनोद पांडेय और राजेंद्र गुप्ता से मुलाकात की, जहां पथ विक्रेताओं के व्यवस्थापन की सही व्यवस्था पर विचार करने जल्द बैठक कर ठोस फैसला लेने का आश्वासन दिया गया.