शिक्षा विभाग का नया फरमान : 6 माह के विशेष प्रशिक्षण के बाद ही बी.एड डिग्रीधारी शिक्षकों को मिलेगा यह लाभ

डेस्क : बिहार में छठे चरण की शिक्षक बहाली में नियुक्त बीएड डिग्रीधारियों के वेतन को लेकर नया विवाद उभर आया है। कक्षा 1 से 5 के लिए बहाल बीएड शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ तभी मिलेगा जब वे छह महीने का विशेष प्रशिक्षण पूरा करेंगे।

दरअसल जमुई जिले से जारी एक आदेश के अनुसार कक्षा 1 से 5 के लिए बहाल बीएड शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ तभी मिलेगा जब वे छह महीने का विशेष प्रशिक्षण पूरा करेंगे। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के तरफ से जो आदेश जारी किया गया है। उसमें कहा गया है कि नियुक्ति के समय बीएड योग्यता होने के बावजूद,शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा। पहले जिन शिक्षकों को दो साल की सेवा के बाद प्रशिक्षित वेतनमान दिया गया था, उनका आदेश भी रद्द कर दिया गया है। अब सभी प्रभावित शिक्षकों को अप्रशिक्षित वेतनमान मिलेगा।

जिला शिक्षा पदाधिकारी के मुताबिक, नियुक्ति के समय बीएड योग्यता होने के बावजूद, शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा। पहले जिन शिक्षकों को दो साल की सेवा के बाद प्रशिक्षित वेतनमान दिया गया था, उनका आदेश भी रद्द कर दिया गया है। अब सभी प्रभावित शिक्षकों को अप्रशिक्षित वेतनमान मिलेगा।

इस फैसले से शिक्षक वर्ग में काफी रोष है। उनका कहना है कि नियुक्ति के समय बीएड योग्यता मांगी गई थी और अब प्रशिक्षण की शर्त जोड़ना उनके अधिकारों का हनन है।शिक्षकों का कहना है कि नियुक्ति के समय बीएड योग्यता को मान्य किया गया था और अब उन्हें अप्रशिक्षित वेतन दिया जाना उनके अधिकारों का हनन है।

प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव का गेम बिगाड़ा, उपचुनाव में ऐसे बदली सियासी तस्वीर

बिहार के उपचुनाव से सियासी दमखम दिखाने उतरे प्रशांत किशोर की पार्टी बुरी तरह पिट गई है. विधानसभा उपचुनाव की 4 में से 3 सीटों पर जनसुराज के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई है. एक सीट पर तो पार्टी के उम्मीदवार चौथे नंबर पर पहुंच गए. पीके के साथ हुए इस सियासी खेल की बिहार से लेकर दिल्ली तक चर्चा है.

हालांकि, खुद बुरी तरह हारने वाले पीके ने उपचुनाव में तेजस्वी यादव को जरूर नुकसान पहुंचाया है. पीके की वजह से तेजस्वी के एक उम्मीदवार हार गए हैं तो दूसरे उम्मीदवार सियासी दांवपेच मे फंस गए हैं.

चारों सीट पर पीके के उम्मीदवार हारे

तराड़ी सीट पर प्रशांत किशोर ने किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया था. किरण यहां पर सिर्फ 5622 वोट ला पाईं. बीजेपी के विशाल प्रशांत ने इस सीट से जीत हासिल की है. माले के उम्मीदवार यहां दूसरे नंबर पर रहे. 2020 के चुनाव में माले को यहां जीत मिली थी.

रामगढ़ सीट पर प्रशांत किशोर ने सुशील कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सुशील यहां लड़ाई में भी नहीं दिखे. सुशील को इस सीट पर 6513 वोट मिले. बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने यहां से जीत हासिल की है.

ईमामगंज सीट पर प्रशांत ने जितेंद्र पासवान को खड़ा किया था. यहां से जीतन राम मांझी की बहू चुनाव लड़ रही थी. पीके के उम्मीदवार यहां जमानत बचाने में कामयाब रहे हैं. पीके उम्मीदवार को यहां पर करीब 35 हजार वोट मिले हैं.

बेलागंज सीट पर जेडीयू की मनोरमा देवी ने जीत हासिल की है. यहां पर पीके के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे हैं. उन्हें सिर्फ 17 हजार वोट मिले हैं.

पीके ने सभी को पटकने का किया था दावा

इसी साल 2 अक्टूबर को जनसुराज लॉन्च करते हुए पीके ने दावा किया था कि बिहार के चुनाव से पहले ही सभी पार्टियों को पटखनी देंगे. पीके ने कहा था कि बिहार के उपचुनाव में सबको हराकर एक मैसेज देंगे. इसके बाद से ही पीके फील्डिंग में जुट गए थे.

प्रशांत खुद इन सीटों पर कैंपेन को लेकर मोर्चा खोले हुए थे. लगातार घूम-घूमकर प्रचार कर रहे थे. हालांकि, उनकी कवायद काम नहीं आई.

तेजस्वी यादव का खेल जरूर खराब हुआ

बिहार उपचुनाव के जो नतीजे आए हैं, उसमें प्रशांत किशोर के साथ-साथ आरजेडी को भी झटका लगा है. आरजेडी इस उपचुनाव में सीटिंग की 2 सीटें हार गई है. ईमामगंज में आरजेडी उम्मीदवार को करीब 6 हजार वोटों से हार मिली है. यहां पर पीके के उम्मीदवार को 35 हजार वोट मिले हैं.

इसी तरह बेलागंज में आरजेडी के विश्वनाथ सिंह 21 हजार वोट से हार गए हैं. यहां पीके के उम्मीदवार को करीब 18 हजार वोट मिले थे. पीके ने बेलागंज में मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था.

सियासी मिजाज को समझने में चूक गए पीके

प्रशांत किशोर राजनीति में आने से पहले चुनावी रणनीतिकार थे. उन्हें सियासी समझ भी है, लेकिन बिहार के उपचुनाव में जिस तरह से उनकी पार्टी की दुर्गति हुई है. उससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार के सियासी मिजाज को समझने में पीके चूक गए?

बिहार की जिन 4 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, वो सभी सीटें दक्षिण बिहार की है. इनमें भोजपुर की तराड़ी, गया की ईमामगंज और बेलागंज और कैमूर की रामगढ़ सीट शामिल हैं.

अब आगे क्या करेंगे प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर की नजर 2025 के विधानसभा चुनाव पर है. बिहार में अक्टूबर 2025 में विधानसभा की 243 सीटों पर चुनाव प्रस्तावित है. कहा जा रहा है कि पीके उपचुनाव के जरिए लिटमस टेस्ट करना चाह रहे थे.

आने वाले वक्त में जनसुराज की राजनीति में इसका असर देखने को मिल सकता है. पीके के उम्मीदवार इस बार वोटकटवा ही साबित हुए हैं. ऐसे में पीके अगली बार उम्मीदवारों के सिलेक्शन में भी सावधानी बरत सकते हैं.

बिहार चुनाव परिणाम: दिग्गजों की साख दांव पर, कौन जीता और कौन हारा? यहाँ जानें विस्तार से

इस चुनाव को अग्रिपरीक्षा कहें तो गलत न होगा। इस बार दांव पर सरकार नहीं, बल्कि सरकार और विपक्ष के दिग्गजों की साख थी।

तरारी, बेलागंज, रामगढ़, इमामगंज में उम्मीदवारों की नहीं बल्कि उनके सरपरस्तों का इम्तिहान था। वोट की गिनती के बीच उम्मीदवार से ज्यादा उनके अपने बेचैन थे। वजह भी थी, बात अगर रामगढ़ की करें तो यहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह मैदान में थे। तरारी में दिग्गज और पूर्व MLC सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत बीजेपी के टिकट पर पहली बार राजनीति के मैदान में उतरे। वहीं बेलागंज में वर्तमान सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को राजद ने मैदान में उतारा। जबकि इमामगंज में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी थीं।

मांझी, जगदानंद, सुनील पांडे, PK की अग्निपरीक्षा

इन सबके बीच अगर किसी एक शख्स की अग्निपरीक्षा सबसे कठिन थी तो वो थी जन सुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर की। चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने अपनी मुहिम में काफी जोर लगाया। लेकिन नतीजों में उन्हें जनता ने पास नहीं किया।

चारों सीटों की हाइलाइट एक जगह पढ़ लीजिए

पहली सीट तरारी- एक युवा और नौसिखिए नौजवान BJP उम्मीदवार ने CPI ML के राजू यादव और जनसुराज के उम्मीदवार किरण सिंह को अकेले पानी पिला दिया। उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की।

दूसरी सीट बेलागंज- यहां JDU की मनोरमा देवी ने RJD के विश्वनाथ यादव को आसानी से शिकस्त दे दी। उम्मीदवार के पिता और राजद सांसद सुरेंद्र यादव के वोटरों को अपने पाले में करने के सारे दांव फेल हो गए।

तीसरी सीट इमामगंज- इस सीट पर काफी कड़ा मुकाबला रहा। यहां केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी बड़ी मुश्किल से जीत पाईं।

उन्हें आखिर तक RJD के रौशन मांझी ने कड़ी टक्कर दी।

चौथी सीट रामगढ़- यहां का मुकाबला तो सांस रोक देने वाला रहा। कयास लगाए जा रहे थे कि राजद के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह सांसद बन चुके बड़े भाई सुधाकर सिंह की सीट बरकरार रखेंगे। लेकिन ये क्या, उन्हें जनता ने तीसरे नंबर पर ढकेल दिया। आखिर में BJP के अशोक सिंह और BSP के सतीश यादव के बीच दिल की धड़कन रोक देने वाली टक्कर हुई। आखिर में बीजेपी के अशोक सिंह मामूली अंतर से चुनाव जीते।

बिहार उपचुनाव परिणाम: एनडीए दो सीटों पर आगे, तरारी में एनडीए जीत का लहराया परचम .

बिहार विधानसभा उपचुनाव में जीत का सेहरा किस गठबंधन के सिर बंधेगा, इसका फैसला आज होगा। मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हो चुकी है और दोपहर होते-होते तस्वीर साफ हो जाएगी। नतीजों से जुड़ा हर अपडेट यहां देखें।

इमामगंज में ग्यारहवें राउंड में भी केंद्रीय मंत्री मांझी की बहू पहले नंबर पर

इमामगंज विधानसभा से ग्यारहवें राउंड का रुझान आ गया है। इसमें केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू और हम की प्रत्याशी दीपा कुमारी पहले नंबर पर रही। उन्हें 45523 वोट मिले हैं। दूसरे नंबर पर राजद प्रत्याशी रोशन कुमार मांझी हैं। उन्हें 41651 वोट मिले हैं। वहीं तीसरे नंबर पर जनुसराज पार्टी के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान हैं। उन्हें 32902 वोट मिले हैं। इमामगंज में

तरारी विधानसभा से भाजपा के विशाल प्रशांत जीते

तरारी विधानसभा उपचुनाव में एनडीए प्रत्यासी विशाल प्रशांत की जीत हो गई है। उन्होंने भाकपा माले के राजू यादव को करीब 11 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया है। प्रशांत किशोर की पार्टी की प्रत्याशी किरण सिंह तीसरे नंबर पर रहीं। हालांकि, अब तक इसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं हुई है। एनडीए के समर्थकों में जश्न का माहौल है।

बेलागंज में सातवें राउंड में भी जदयू पहले नंबर पर

बेलागंज विधानसभा में सातवें राउंड का रुझान आ गया है। इसमें जदयू की मनोरमा देवी आगे चल रही हैं। उन्हें 44612 वोट मिले हैं। वहीं राजद के विश्वनाथ कुमार सिंह को 31250 वोट मिले हैं। वह दूसरे नंबर पर हैं। जनसुराज के मो. अमजद को 12898 वोट मिले हैं। वह तीसरे नंबर पर हैं।

Bihar By-Election Result 2024 Live: बिहार की चारों सीटों के रुझान आए, तरारी में BJP आगे तो इमामगंज में HAM

पटना: इस चुनाव को अग्रिपरीक्षा कहें तो गलत न होगा। इस बार दांव पर सरकार नहीं, बल्कि सरकार और विपक्ष के दिग्गजों की साख है। तरारी, बेलागंज, रामगढ़, इमामगंज में उम्मीदवारों की नहीं बल्कि उनके सरपरस्तों का इम्तिहान जारी है।

वोट की गिनती के बीच उम्मीदवार से ज्यादा उनके अपने बेचैन हैं। वजह भी है, बात अगर रामगढ़ की करें तो यहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह मैदान में हैं। तरारी में दिग्गज और पूर्व MLC सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत बीजेपी के टिकट पर पहली बार राजनीति के मैदान में हैं। वहीं बेलागंज में वर्तमान सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को राजद ने मैदान में उतारा। जबकि इमामगंज में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी हैं।

मांझी, जगदानंद, सुनील पांडे, PK की अग्निपरीक्षा

इन सबके बीच अगर किसी एक शख्स की अग्निपरीक्षा सबसे कठिन है तो वो हैं जन सुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर। चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर अपनी मुहिम में कितने कामयाब हुए, ये तो आज तय हो ही जाएगा। आप हमारे इस पेज पर बिहार की चारों सीटों पर हो रही काउंटिंग के नतीजे लाइव देख सकते हैं।

Bihar By-Election Result 2024: बिहार में चार सीटों पर हुए उपचुनाव, जानें कहां कौन आगे

बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान आने शुरु हो गए हैं. इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ पर उप चुनाव हुए थे. प्रशांत किशोर की एंट्री के बाद ये चुनाव काफी दिलचस्प हो गया था. इन सभी सीटों पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था.

बेलागंज विधानसभा: इस सीट पर JDU की मनोरमा देवी रुझानों में 12 हजार मतों से आगे चल रही हैं. इस सीट की बात करें तो एक तरफ RJD नेता और जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव की साख दांव पर है, तो वहीं दूसरी जेडीयू भी ताल ठोक रही है. पहली बार चुनाव लड़ रही प्रशांत किशोर की जन सुराज ने एंट्री लेते ही चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. चुनाव में राजद का समीकरण ध्वस्त करने के लिए जन सुराज ने जहां मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है.

तरारी विधानसभा: तरारी सीट पर NDA के विशाल प्रशांत रुझानों में 6 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर सीपीआई(M) के राजू यादव हैं. सात विधानसभा वाले भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट पर भी प्रशांत किशोर ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. माना जा रहा है कि यहां मुख्य रूप से बीजेपी प्रत्याशी विशाल प्रशांत और माले प्रत्याशी राजू यादव के बीच मुकाबला है. प्रशांत किशोर को ऐन मौके पर यहां से अपना प्रत्याशी भी बदलना पड़ा था. नतीजे उनके फेवर में होंगे या नहीं ये देखना दिलचस्प होगा.

इमामगंज विधानसभा: इमामगंज विधानसभा सीट से आरजेडी के रोशन कुमार मांझी रुझानों में आगे चल रहे हैं.इमामगंज विधानसभा सीट पर मुख्य रूप से यहां एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. एनडीए ने यहां से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया था, जबकि महागठबंधन से रोशन मांझी उम्मीदवार थे. वहीं जन सुराज ने जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया था.

रामगढ़ विधानसभा:

शुरुआती रुझानों में बसपा के सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू यादव 13, हजार मतों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह हैं.रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां आरजेडी से अजीत सिंह, बीजेपी से अशोक सिंह, बसपा से पिंटू यादव और जन सुराज से सुशील सिंह कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं.

बड़ी खबर : पटना पुलिस और एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता, 1 लाख के इनामी कुख्यात को दबोचा

डेस्क : पटना पुलिस और एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पटना पुलिस और एसटीएफ की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टॉप-10 में शामिल 1 लाख के कुख्यात इनामी अपराधी अनीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुख्यात अपराधी पाटलिपुत्र इलाके में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचा है। इनपुट के आधार पर एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर अपराधी को गिरफ्तार कर लिया।

अनीश के खिलाफ बिहार-झारखंड के थानों में 20 से अधिक मामले दर्ज है। जिसमें पटना के नौबतपुर थाने में ही 16 मामले दर्ज है। इसके अलावा जानीपुर, रूपसपुर, कंकड़बाग थाने में हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज है। वही इसने देवघर कोर्ट में पेशी के दौरान एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

सिटी एसपी पश्चिम शरद आर. एस ने बताया कि कई साल से पुलिस अनीश की तलाश में छापेमारी कर रही थी। एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। कुख्यात अपराधी उज्जवल के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देता था।

बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष द्वारा उठाए गए कई सवाल

डेस्क : बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र चार दिनों तक चलकर 29 नवंबर को समाप्त होगा। वही सत्र को लेकर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक में राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस के साथ-साथ सभी विपक्ष के नेता मौजूद रहे। वहीं सत्ता पक्ष की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी मौजूद रहे।

बैठक खत्म हो जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बैठक में विधानसभा के विपक्ष के नेताओं ने कई सवाल उठाए हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि जो भी जनहित के मुद्दे रहेंगे उन मुद्दों को पूरी तरीके से सरकार देखेगी उसका जवाब देगी। उन्होंने कहा कि बैठक बहुत अच्छे तरीका से हुआ है और उम्मीद है कि विधानसभा सत्र भी बहुत अच्छे तरीके से चलेगा। विपक्ष की हर जनहित के मुद्दे की बातों को सरकार सुनेगी।साथ ही विजय चौधरी ने कहा कि कल जो चुनाव का रिजल्ट आ रहा है वह एग्जिट पोल के साथ-साथ जो जनता का रुझान है वह पूरी तरीके से हम लोगों के साथ है। बता दें कि कल बिहार के चार विधानसभा उपचुनाव का परिणाम सामने आएगा।

वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने कहा कि विपक्ष को मौका नहीं मिलता है बोलने का माइक बंद कर दिया जाता है। ऐसे में कई सवाल को लेकर हमने सदन के अंदर बैठक में अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है ऐसा नहीं होगा। साथ ही हमने यह मांग भी किया है कि जिस प्रकार से विपक्ष के कुछ विधायक सत्ता पक्ष की तरफ बैठ रहे हैं उनकी सीट सुनिश्चित की जाए या तो उनकी सदस्यता रद्द की जाए राजा ने यह मांग की है।

बिहार विधानसभा सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि हम लोग बिहार और देश के कई ज्वलनशील मुद्दे को उठाएंगे और सरकार को उसका जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने सरकार को कहा है क्या करें जनहित के मुद्दे पर सरकार जवाब देगी तो निश्चित तौर पर विधानसभा बहुत अच्छे तरीके से चलेगा लेकिन हम लोग कई मुद्दों को सरकार की घेरने कोशिश करेंगे।

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर विस अध्यक्ष ने अधिकारियों के साथ की बैठक, दिए कई निर्देश

डेस्क : आगामी 25 नवंबर से बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। यह शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान कुल पांच बैठकें होंगी। शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को हाई लेवल मीटिंग हुई। सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारी को लेकर हुई इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, बिहार के मुख्य सचिव, पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह, पटना एसएसपी के साथ सभी बड़े अधिकारी मौजूद रहे। स्वास्थ्य सेवा के साथ बिजली विभाग के भी बड़े अधिकारी भी मीटिंग में शामिल हुए।

विधानसभा सत्र को लेकर विधानसभा के अंदर क्या तैयारी होगी विधानसभा के बाहर क्या तैयारी होगी इसको लेकर बैठक में चर्चा हुई। स्पीकर नंदकिशोर यादव ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को जरूरी दिखा निर्देश दिए और सत्र के दौरान होने वाले संभावित हंगामे को लेकर भी सचेत किया।

बैठक में शामिल रहे पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बिहार विधानमंडल शीतकालीन सत्र को लेकर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। व्हाइट लाइन पट्टी के अंदर मार्शल मौजूद होते हैं। विधानसभा कैंपस में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी खुद मौजूद रहते हैं। कैंपस के बाहर भी एक सुरक्षा व्यवस्था होती है।

उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कुछ समूह होते हैं, जो अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए धरना प्रदर्शन करते हैं, उनके लिए भी व्यवस्था की गई है। गर्दनीबाग में धरना स्थल बनाया गया है वहां भी बड़ी अधिकारी और पुलिसकर्मी की प्रतिनियुक्ति रहेगी। लोकतांत्रिक तरीके से जो भी अपनी बात रखना चाहते हैं हम लोग उन्हें वरीय अधिकारियों से मिलवाते भी हैं।

बता दें कि विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को दिन के 11 बजे से शुरू होगा। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की समाप्ति 29 नवंबर को होगी। शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार अपने वित्तीय कार्य को निपटायेगी। इस सत्र में राज्य सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसी दौरान कुछ नये विधेयक भी पारित कराये जायेंगे।

सीएम नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग की 8837.77 करोड़ रुपये लागत की 6199 योजनाओं का किया कार्यारंभ एवं उद्घाटन, ग्रामीण इलाको में आवागमन होगा

डेस्क : ग्रामीण कार्य विभाग की 8837.77 करोड़ रुपये लागत की 6199 योजनाओं का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ग्रामीण कार्य विभाग की 8837.77 करोड़ रुपये लागत की 6199 योजनाओं का रिमोट के माध्यम से कार्यारंभ एवं उद्घाटन किया। इसके अंतर्गत 6509.93 करोड़ रुपये लागत की 4390 योजनाओं का कार्यारंभ तथा 2327.84 करोड़ रुपये लागत की 1809 योजनाओं का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को हरित गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। वहीं कार्यक्रम में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव भगवत राम सहित ग्रामीण कार्य विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित रहें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा कई पथों एवं पुलों का उद्घा्टन के साथ-साथ शिलान्यास किया गया है इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन और सुगम होगा। उन्होंने आज के इस कार्यारंभ और उद्घाटन कार्यक्रम के लिए ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारियों को बधाई देते हुये कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि जिन योजनाओं का कार्यारंभ किया गया है उन सभी पर्थों एवं पुलों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण तरीके से ससमय पूर्ण कर लिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि वैसे सभी पथों एवं पुलों जिनका उद्घापटन आज किया जा रहा है उन सभी पथों का नियमित निरीक्षण करते हुये उनका सतत् मेंटेनेंस सुनिश्चत करें ताकि उसकी गुणवत्त गुणवत्ता बनी रहे। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि विभाग के अन्य सभी पथों एवं पुलों की सतत् निगरानी करते हुये उनका नियमित मेंटेनेंस भी सुनिश्चित करें। ज्ञातव्य है कि आज उद्घाटन की गई योजनाओं के तहत मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना अंतर्गत 983 करोड़ रुपये की लागत से 763 पथों (कुल लंबाई 947 किलोमीटर) एवं 4 पुलों (कुल लंबाई 435 मीटर) का निर्माण किया गया है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत 1 हजार 113 करोड़ रुपये की लागत से 972 पथों (कुल लंबाई 1,904 किलोमीटर) की मरम्मती करायी गयी है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना अंतर्गत 92 करोड़ रुपये की लागत से 33 पथों (कुल लंबाई 104 किलोमीटर) का उन्नयन (पुनर्निर्माण/सुदृ ढ़ीकरण/चौड़ीकरण) कराया गया है। राज्य योजना अंतर्गत 139 करोड़ रुपये की लागत से 5 पथों (कुल लंबाई 6 किलोमीटर) एवं 36 पुलों (कुल लंबाई 1,614 मीटर) का निर्माण कराया गया है। कार्यारंभ के तहत मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना अंतर्गत 1 हजार 824 करोड़ रूपये की लागत से 1,472 पथों (कुल लंबाई 1,571 किलोमीटर) एवं 5 पुलों (कुल लंबाई 304 मीटर) का निर्माण किया जाना है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत 2 हजार 350 करोड़ रूपये की लागत से 2.306 पथों (कुल लंबाई 4,148 किलोमीटर) की मरम्मती करायी जानी है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना अंतर्गत 1 हजार 739 करोड़ रूपये की लागत से 442 पथों (कुल लंबाई 1,701 किलोमीटर) एवं 01 पुल (कुल लंबाई 27 मीटर) का उन्नयन (पुनर्निर्माण/सुदृढ़ीकरण/चौड़ीकरण) का कार्य कराया जाना है। राज्य योजना अंतर्गत 597 करोड़ रूपये की लागत से 30 पथों (कुल लंबाई 73 किलोमीटर) एवं 139 पुलों (कुल लंबाई 5,993 मीटर) का निर्माण कराया जाना है।