रायपुर में 50 एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग, निगम की टीम ने रोका काम, जेसीबी से तोड़ी सड़क

रायपुर-   राजधानी में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ नगर निगम की टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. जरवाय में लगभग 50 एकड़ निजी भूमि पर की जा रही अवैध प्लाटिंग पर निगम जोन 8 की टीम ने सीसी रोड काटकर आवागमन बाधित किया. साथ ही नगर, ग्राम निवेश विभाग एवं नगर निगम से ले आउट, नक्शा पास कराए बिना किए जा रहे काम को बंद कराया.

नगर निवेश अधिकारी आभाष मिश्रा ने बताया कि ck डेवलपर्स और दो तीन पार्टनर साथ मिलकर लॉजिस्टिक पार्क के नाम से नेशनल हाईवे से लगे लगभग 50 एकड़ की जमीन पर बिना नक्शा पास कराए अवैध प्लाटिंग की जा रही थी. साथ ही हाईवे से जोड़ने के लिए सीसी रोड का भी निर्माण किया जा चुका था. उन्होंने बताया, जमीन से जुड़े दस्तावेज मंगाकर मालिकों को नोटिस भेजा जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध प्लाटिंग से राजस्व में नुकसान होता है. इस पर रोक लगाने के लिए अब निगम ऐसे बड़े अवैध निर्माण और प्लॉटिंग पर नजर रख रही. आगे लगातार कार्रवाई की जाएगी.

अवैध प्लाटिंग के खिलाफ चलाए गए इस अभियान में रायपुर तहसीलदार मनुमुक्ता पाटिल एवं जोन 8 जोन कमिश्नर एके हालदार, नगर निवेशक आभाष मिश्रा के नेतृत्व और कार्यपालन अभियंता अभिषेक गुप्ता, नगर निवेश उप अभियंता अक्षय भारद्वाज, रूचिका मिश्रा शामिल थे.

TI-नायब तहसीलदार विवाद मामला: थाना प्रभारी पर कार्रवाई के बाद सतनामी समाज हुआ नाराज

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सरकंडा में मंगलवार रात हुए टीआई-तहसीलदार के बीच विवाद का मामला गर्माता नजर आ रहा है. इस घटना के सीसीटीवी फुटेज वायरल होते ही आईजी ने टीआई को लाइन अटैच कर दिया. अब इस पूरे मामले में सतनामी समाज की एन्ट्री हो गई है. सतनामी समाज ने आईजी के इस फैसले पर आपत्ती जताते हुए बिलासपुर कलेक्ट्रेट में सीएम साय के नाम ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने मामले में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए उचित न्याय की मांग की है और न्याय नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

जानिए क्या है मामला

दरअसल, दरअसल,  मंगलवार को सरकंडा थाना में थाना प्रभारी तोपसिंग नवरंग और पुलिसकर्मियों से तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा का विवाद हो गया था, जिसके बाद नायब तहसीलदार मिश्रा ने थाना प्रभारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. वहीं, पुलिस ने भी नायब तहसीलदार और उनके भाई पर शासकीय कार्य में बाधा डालने और गाली-गलौज का मामला दर्ज किया था. वहीं इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया, जिसमें टीआई तोप सिंह नवरंग नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा को धक्का देते नजर आ रहे हैं. वहीं वीडियो वायरल होने के बाद आईजी ने कार्रवाई करते हुए टीआई नवरंग को लाइन अटैच कर दिया, जिसे लेकर अब सतनामी समाज में नाराजगी देखी जा रही है.

प्रदेश के छः स्वास्थ्य केंद्रों को प्रदान किया गया एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दी बधाई

रायपुर- उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र व एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने नवम्बर माह में ही  इन छः स्वास्थ्य केंद्रों  का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में महासमुंद ज़िले के प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र लंबर को 94.24%, नारायणपुर ज़िले के आयुषमान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र करमरी को 91.87% व एड़का को 86.08% के साथ कांकेर जिले के आयुषमान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र अर्रा को 95.03%, तेलगरा को 93.53% व पर्रेकोदो को 89.81% अंक प्राप्त हुए हैं ।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।  दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।

कृषि मंत्री हादसा अपडेट : रामविचार नेताम को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया गया रायपुर, हालत खतरे से बाहर, अस्पताल पहुंचकर सीएम साय ने जाना हालचाल

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम की गाड़ी को पिकअप ने जोरदार टक्कर मारी है. इस हादसे में मंत्री नेताम और उनके सहयोगी घायल हुए हैं. यह हादसा रायपुर-बेमेतरा मार्ग पर जेवरा गांव के पास हुआ है. घायलों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रायपुर के रामकृष्ण हॉस्पिटल लाया गया है. बड़ी संख्या में मंत्री नेताम के समर्थक और कई मंत्री अस्पताल पहुंचे हैं. स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया, मंत्री की हालत खतरे से बाहर है. सीएम विष्णुदेव साय भी अस्पताल पहुंचकर मंत्री नेताम का हाल चाल जाना.

स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया, हादसे के बाद मौके पर ही घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया. इसके बाद रायपुर रेफर किया गया है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में मंत्री रामविचार नेताम का इलाज जारी है. मंत्री खतरे से बाहर हैं. सीटी किया गया है. हाथ की कलाई के पास फैक्चर हुआ है. माथे में सूजन है.

जानकारी के मुताबिक, बेमेतरा से रायपुर लौटते वक्त यह हादसा हुआ है. पिकअप की टक्कर से मंत्री की गाड़ी के परखच्चे उड़ गए हैं. हादसे में मंत्री नेताम और उनके सहयोगी धीरज को चोटें आई है. घायलों को रामकृष्ण हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. इसकी जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, खेल मंत्री टंक राम वर्मा, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े समेत मंत्री रामविचार नेताम के समर्थक बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे हैं.

अवैध धान जमाखोरी पर राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई, 879 कट्टा धान जब्त कर आरोपी को भेजा जेल

पिथौरा-  महासमुंद जिले में अवैध धान भंडारण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. राजस्व विभाग की टीम ने अंकोरी गांव में छापेमारी कर 879 कट्टा धान जब्त किया है. टीम ने धान से जुड़े दस्तावेज न दिखाने पर मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई की है. कार्रवाई के बाद अधिकारियों के साथ बदसलूकी और धमकी देने के आरोप में आरोपी विशाल गजेंद्र को जेल भेजा गया. राज्य में धान खरीदी जारी है. ऐसे में अवैध धान परिवहन और भंडारण पर पैनी नजर रखी जा रही है.

जानकारी के अनुसार, बसना अनुविभागीय अधिकारी मनोज खांडे के नेतृत्व में देर रात ग्राम अंकोरी में छापामार कार्रवाई की गई. इस दौरान विशाल गजेंद्र के घर से 479 कट्टा और जगदीश सिदार के घर से 400 कट्टा धान जब्त किया गया. अधिकारियों को सूचना मिली थी कि इन स्थानों पर बिना वैध दस्तावेजों के अवैध धान भंडारण किया गया है.

राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर दस्तावेज मांगे, लेकिन पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जा सके. इसके बाद मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए धान जब्त किया गया. कार्रवाई के दौरान आरोपी विशाल गजेंद्र ने अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और धमकी भी दी. इस पर अनुविभागीय अधिकारी मनोज खांडे ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी को जेल भेजने का आदेश दिया.

महासमुंद कलेक्टर विनय लंगेह के निर्देश पर जिले में अवैध धान भंडारण और परिवहन के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है. दोषी पाए जाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले सरायपाली और पिथौरा में भी प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ट्रकों में अवैध रूप से ले जाई जा रही 1000 कट्टा धान जब्त की थी.

चाकूबाजों पर नकेल कसने दुर्ग पुलिस की अच्छी पहल : बदमाशों की जानकारी देने वालों को मिलेगा इनाम, छावनी में आया पहला केस

दुर्ग-     चाकूबाजों पर नकेल कसने दुर्ग पुलिस ने एक अच्छी पहल की है. कटरबाजों, चाकूबाजों की जानकारी देने वालों को इनाम देने की घोषणा की है. जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा. इस घोषणा का असर अब भिलाई में दिखने लगा है. इनाम की घोषणा के बाद छावनी में पहला मामला आया है, जहां चाकू के साथ इंस्टाग्राम में फोटो पोस्ट करने की शिकायत पर पुलिस ने आदतन बदमाश को चाकू के साथ गिरफ्तार किया है.

एक व्यक्ति ने थाना प्रभारी को जानकारी दी कि आदतन बदमाश ब्रुसली हाथ में चाकू लेकर इंस्ट्राग्राम में फोटो पोस्ट किया है और मारपीट का वीडियो भी अपलोड किया है. इसके बाद थाना प्रभारी चेतन चंद्राकर ने तत्काल ब्रुसली उर्फ पवन को ढूंढ निकाला और उसके पास से चाकू भी बरामद किया.

एसपी ने की है इनाम देने की घोषणा

थाना प्रभारी ने बताया कि जे पवन के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं और कई बार वह जेल भी जा चुका है. उन्होंने कहा कि दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने कल ही घोषणा की थी कि चाकूबाजों और कटर रखने वालों की खबर देने वालों को 1 हजार रुपए इनाम दिया जाएगा. इस घोषणा को अच्छा रिस्पांस मिलने लगा है.

आरक्षक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-    छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक पुलिस आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है. यह मामला गौरेला थाना क्षेत्र का है.

गौरेला थाना क्षेत्र के अंजनी गांव में पुलिस आरक्षक की लाश पेड़ से लटकी हुई मिली है. जानकारी के अनुसार, मृतक आरक्षक का नाम अनिल तिवारी है, जो व्यवहार न्यायालय में मोहर्रिर के पद पर कार्यरत था. आरक्षक ने अपनी ससुराल के घर के बगल में स्थित पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. आरक्षक अनिल तिवारी मूल रूप से रतनपुर थाना क्षेत्र के पौड़ी गांव का निवासी था.

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह जानकारी सामने आई है कि वह लंबे समय से डिप्रेशन में था. घटना की सूचना मिलते ही गौरेला पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर शव को कब्जे में लिया. पोस्टमार्टम के बाद शव को एंबुलेंस के जरिए परिजनों को सौंप दिया गया. पुलिस आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच कर रही है.

रकबा कटौती और ऑनलाइन रिकॉर्ड की समस्या से किसान परेशान, कलेक्टर से लगाई गुहार

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही-   छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम जोरों पर है, लेकिन जिले के तिलोरा गांव सहित कई अन्य इलाकों के किसानों को रकबा कटौती और ऑनलाइन रिकॉर्ड की समस्याओं के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि इन समस्याओं की वजह से वे अपने पट्टे में धान नहीं बेच पा रहे हैं।

रकबा कटौती और ऑनलाइन खसरा की समस्या

जिले के सैकड़ों किसानों का आरोप है कि राजस्व विभाग में रकबा कटौती और खसरा बी-1 की ऑनलाइन एंट्री नहीं होने के कारण वे धान खरीदी केंद्रों में अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित हैं. पहले ये किसान अपने पट्टे में आसानी से धान बेचते थे, लेकिन अब रकबा कटौती और ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज न होने से वे बार-बार तहसीलदार और पटवारी कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

कलेक्टर कार्यालय पहुंचे किसान

इस समस्या से परेशान किसान जिले के कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द रकबा सुधार की मांग की. किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी शिकायतों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.

समर्थन मूल्य पर धान बेचने में देरी

इन समस्याओं के चलते किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर यह समस्या जल्द हल नहीं होती, तो उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा. जिला प्रशासन से उन्होंने मांग की है कि इस समस्या का समाधान शीघ्र निकाला जाए ताकि वे अपने अधिकार के तहत धान बेच सकें.

राजस्व विभाग का बयान

राजस्व विभाग के अनुसार, तिलोरा गांव के किसानों को जो पट्टा जारी किया गया था, वह पड़ोसी जिला कोरबा से संबंधित है. इसी वजह से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के राजस्व रिकॉर्ड में इन किसानों का डेटा ऑनलाइन दर्ज नहीं है. जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि रिकॉर्ड की जांच के बाद सुधार प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी.

लोहारीडीह हिंसा मामले में बड़ा अपडेट : जेल में बंद 69 आरोपियों में से 24 की जल्द हो सकती है रिहाई, पुलिस को नहीं मिले कोई साक्ष्य

कवर्धा-  छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह हिंसा मामले में बड़ा अपडेट आया है. इस मामले में जेल में बंद 69 आरोपियों में 24 की जल्द ही रिहाई हो सकती है. गिरफ्तार किए गए 24 लोगों के खिलाफ पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिला है. साक्ष्य नहीं जुटा पाने पर पुलिस ने 24 लोगों की रिहाई के लिए न्यायालय से निवेदन किया है. बता दें कि लोहारीडीह मामले में पुलिस ने 5 एफआईआर दर्ज किए गए थे. सभी में चालान पेश कर चुके हैं.

ये है पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह में एक सप्ताह के अंदर 3 लोगों की अलग-अलग वजह से जान चली गई थी। 14 सितंबर की दरमियानी रात शिवप्रसाद साहू की लाश मध्यप्रदेश के बिरसा थाने के क्षेत्र में पेड़ से लटकी मिली थी। शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने हत्या के शक पर पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के घर को आग लगा दी, जिससे रघुनाथ साहू की जलने से मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने 33 महिला समेत 69 ग्रामीणों को हत्या के शक में गिरफ्तार किया है।

इसी बीच 19 सितंबर को हत्या के आरोप में जेल में बंद प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई। मृतक के बॉडी में गहरे चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में मौत हुई है। इसके बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया। वहीं रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया गया। इसके अलावा कबीरधाम एसपी और कलेक्टर पर भी गाज गिरी। दोनों का ट्रांसफर कर दिया गया।

शिवप्रसाद हत्याकांड में 4 आरोपी गिरफ्तार

पुलिस जांच में पता चला कि शिवप्रसाद साहू की हत्या की गई थी. इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. शिवप्रसाद हत्याकांड में बिरसा पुलिस (मध्यप्रदेश) ने मृतक रघुनाथ साहू के बेटे दिनेश साहू सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में रघुनाथ साहू के भांजा रोमन साहू, टेकचंद पटेल और राखीलाल साहू निवासी मध्यप्रदेश के बनाफरटोला बिरसा थाना जिला बालाघाट का रहने वाला है. ये सभी आरोपी मृतक रघुनाथ साहू के करीबी हैं. मृतक रघुनाथ साहू वही व्यक्ति है जिसे गांव वालों ने घर में बंद कर जिंदा जला दिया था.

महिला आयोग की पहल से जुड़ा परिवार, आवेदिका को भरण-पोषण के लिए मिला 25 लाख रुपए
रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक एवं सदस्यों ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय रायपुर में महिलाओं से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. रायपुर जिले में कुल 139 मामलों पर जनसुनवाई हुई. आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि वह अपना प्रकरण वापस लेना चाहती है. आवेदिका ने बताया कि उसे भरण पोषण के लिए लगभग 25-30 लाख की सम्पत्ति प्राप्त हो गई है और परिवार के सभी सदस्य मिल जुलकर रह रहे हैं. उन्हें अब कोई समस्या नहीं है. आवेदिका के बयान के बाद महिला आयोग ने मामले को निरस्त किया।

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों द्वारा आवेदिका को विद्यार्थियो के नंबर कम-ज्यादा करने के लिए दबाव व धमकी दिया जा रहा था. राज्यपाल ने तत्कालीन कुलपति को 20 अक्टूबर 2024 को पद से बर्खास्त कर दिया है. इस मामले में आवेदिका को उसके पद से हटा दिया गया है. इस प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया और महिला आयोग ने तथ्यों के आधार पर निर्णय को लंबित रखा है. आयोग ने कहा कि इस प्रकरण में वर्तमान कुलपति को पक्षकार बनाया जाना आवश्यक है, ताकि इस प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

भीड़ लाकर दबाव बनाने का प्रयास, आयोग ने पुलिस से मांगी जांच रिपोर्ट

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक पक्ष द्वारा आयोग में पूरे छत्तीसगढ़ से लगभग 300 लोगों को बुलाकर दबाव की राजनीति बनाने का प्रयास किया गया. आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों द्वारा उसका चारित्रिक हनन कर उसे बदनाम किया गया. आवेदिका ने थाने पर लिखित शिकायत की थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. आयोग ने आवेदिका के प्रकरण में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश थाना अभनपुर को दिया. साथ ही आयोग ने अनावेदक को कड़ी समझाइश दी कि भविष्य में आयोग के निर्देश के बिना अनावश्यक भीड़ लाकर दबाव बनाने का प्रयास ना करे. अन्य प्रकरण में अनावेदकों द्वारा आवेदिका को कोविड कार्यकाल के दौरान की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. आयोग ने दोनों पक्षों की बात सुनी और इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित किए जाने का निर्देश दिया.

थाना प्रभारी को अनावेदकों को लाने के दिए निर्देश

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पिता व चाचा जो अनावेदक हैं वे पेशी में आने से बचते हैं और लगातार उन्हें परेशान कर रहे हैं. आयोग ने अनावेदकों को थाना प्रभारी के माध्यम से बुलाए जाने का निर्देश दिया, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके. सुनवाई के दौरान सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओज देवी मंडावी, शिक्षामित्र शोरी एवं प्रियंवदा सिंह जूदेव मौजूद रहीं.