मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल बिलासपुर जिले को देंगे 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों की सौगात

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवंबर को बिलासपुर को 143 करोड़ 68 लाख रूपये की लागत के अनेक विकास कार्यों की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान सकरी रोड, मिनोचा रोड, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, मिनी स्टेडियम, सिटी कोतवाली के पास निर्मित मल्टीलेवल पार्किंग और अरपा नदी तट पर निर्मित राम सेतु मार्ग का लोकार्पण करेंगे। श्री साय इस मौके पर लाल बहादुर शास्त्री स्कूल में राउत नाचा महोत्सव में शामिल होंगे।

रामसेतु मार्ग

अरपा उत्थान और तट संवर्धन प्रोजेक्ट अंतर्गत अरपा नदी के दांयी तरफ की सड़क का नाम रामसेतु मार्ग रखा गया है। रामसेतु मार्ग की लागत 49 करोड़ 98 लाख रूपये है, जिसमें फूटपाथ, डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट, रिटेनिंग वॉल, पीचिंग और सौंदर्यीकरण कार्य शामिल है।

मिनी स्टेडियम

शहर के पुराने और प्रतिष्ठित शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला मल्टीपरपज़ स्कूल के मैदान को संवार कर बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 21 करोड़ 79 लाख रूपये की लागत से मिनी स्टेडियम का निर्माण किया गया है, जिसमें 14115 वर्ग मीटर का सर्व सुविधायुक्त क्रिकेट मैदान है जिसकी दर्शक क्षमता 850 है। यहां डे-नाईट मैच खेलने की सुविधा है। यहां इनडोर गेम्स जैसे स्नूकर, बिलियर्ड्स, टेबल टेनिस, स्क्वैश खेलने की सुविधा के साथ-साथ आधुनिक जिम बनाया गया है। इसके अलावा ट्रेनिंग हॉल का निर्माण किया गया है। इसी भवन में अलग से वीआईपी गैलरी,एनाउंसमेंट बॉक्स और पेंट्री रूम के साथ ही यहां बाहर से आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक हॉस्टल बनाया गया है। यहां दो लॉन टेनिस कोर्ट बनाया गया है।

स्पोर्ट्स कांप्लेक्स

14 करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से संजय तरण पुष्कर परिसर में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का निर्माण किया गया है, इस तीन मंजिला इस स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के बेसमेंट में पार्किंग, ग्राउंड फ्लोर में रिसेप्शन और रेस्टोरेंट संचालित होगा। प्रथम तल में बैडमिंटन, स्क्वैश कोर्ट, टेबल टेनिस, स्नूकर, बिलियर्ड्स, द्वितीय तल में मल्टीपरपज हॉल, योगा, मैट गेम की सुविधा है। तीसरे तल में मनोरंजन की अनेक सुविधाएं है।

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शहर में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने तीन बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया गया है, जिनमें पिंक प्ले ग्राउंड का लोकार्पण पहले ही किया जा चुका है।

कोतवाली मल्टीलेवल पार्किंग

29 करोड़ 76 लाख की लागत से साढ़े तीन एकड़ में कोतवाली थाना परिसर में तीन मंजिला मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाया गया है। ग्राउंड फ्लोर के अलावा सभी फ्लोर में पार्किंग की सुविधा दी गई है जिसमें 192 कार और 325 बाइक एक साथ पार्क की जा सकेगी। ग्राउंड फ्लोर को कमर्शियल कांप्लेक्स के तौर पर विकसित किया गया है जिसमें 46 दुकानों का निर्माण किया गया है।

उस्लापुर-सकरी सड़क

उस्लापुर रेल्वे ओव्हरब्रिज से लेकर सकरी बाईपास चौक तक 15 करोड़ 87 लाख की लागत से नगर निगम द्वारा सवा चार किमी सड़क का उन्नयन और चौड़ीकरण किया गया है। सड़क चौड़ीकरण और उन्नयन होने से राहगीरों को काफी राहत मिली है और ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिली है। उन्नयन और चौड़ीकरण के तहत मार्ग की चौड़ाई बढ़ाई गई है, डिवाइडर बनाया गया है, स्ट्रीट लाइट और दोनों तरफ नाली निर्माण भी किया गया है।

मिनोचा कॉलोनी सहित अन्य रोड

11 करोड़ 68 लाख की लागत से शहर के विभिन्न सड़कों का डामरीकरण, उन्नयन, साइनेज, मिनोचा कॉलोनी रोड और रोटरी शामिल है, जिसमें प्रमुख रूप से महावीर नगर चौक से उस्लापुर ओव्हर ब्रिज तक 800 मीटर सड़क, डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट और रोटरी शामिल है। शहर के विभिन्न सड़कों का डामरीकरण, साइनेज, रोड मार्किंग के कार्य शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों का धान खपाने की कोशिश नाकाम, 3654 बोरी धान जब्त
रायपुर-  छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होते ही दूसरे राज्यों का अवैध धान खपाने का खेल शुरू हो गया है. कोचिए अवैध धान को खरीदी केंद्रों में खपाने की की कोशिश में लगे हैं, जिस पर शासन-प्रशासन की मुस्तैदी के चलते सफल नहीं हो पा रहे. भरतपुर अनुविभाग से ताजा मामला सामने आया है, जहां राजस्व और खाद्य विभाग ने 3654 बोरी अवैध धान जब्त किया है.

धान खरीदी वर्ष 2024-25 के तहत अन्य राज्यों के धान को भरतपुर अनुविभाग के विभिन्न उपार्जन केंद्रों में खपाने की कोशिश की जा रही थी. इसकी जानकारी मिलते ही राजस्व एवं खाद्य विभाग ने मध्यप्रदेश राज्य से रात में विभिन्न वाहनों में लाए गए कुल 295 बोरी धान को वाहन सहित जब्त कर कुवांरपुर थाना पुलिस चौकी और जनकपुर थाने में सुपुर्द किया.

अन्य राज्य से लाए गए धान को विभिन्न गोदामों और घरों में छुपाकर रखा गया था. संयुक्त दल ने कुल 3359 बोरियों (35-40 किलो प्रति बोरी) में भरे धान को भी जब्त कर सुपुर्दगी में दे दिया.

इस प्रकार राजस्व व खाद्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में कुल 3654 बोरी धान को अवैध रूप से उपार्जन केंद्रों में खपाने से रोका गया. इस कार्रवाई में तहसीलदार भरतपुर, खाद्य निरीक्षक भरतपुर और खाद्य निरीक्षक कोटाडोल के संयुक्त दल की अहम भूमिका रही.

प्राचार्य ने नये मतदाताओं को दिलायी शपथ, साथ ही  साई कॉलेज की वार्षिक पत्रिका सृजन 2024 का किया अनावरण

अम्बिकापुर-   श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शुक्रवार को स्वीप के तहत नये मतदाताओं को प्रेरित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने मतदाता शपथ दिलायी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए जागरूक मतदाता होना आवश्यक है। सभी को आगामी चुनाव में निष्पक्ष मतदान करना है। इस अवसर पर डॉ. श्रीवास्तव ने स्वच्छता और पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। उन्होंने सभी प्राध्यापकों को स्वच्छता के साथ नशा से मुक्ति की शपथ दिलायी। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए स्वच्छ और स्वस्थ भारत का युवा होना आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका सृजन का लोकार्पण हुआ। महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों के साथ विद्यार्थियों को सृजन 2024 का अंक वितरित किया गया।

इस अवसर आईक्यूएसी समन्वयक डॉ.आरएन शर्मा, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष देवांगन, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य, स्वीप के नोडल डॉ. अजय कुमार तिवारी तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

मानव-हाथी द्वंद रोकने की दिशा में साय सरकार कर रही लगातार प्रयास

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग और बिलासपुर संभाग सहित ज्यादातर उत्तरी इलाका पिछले दो दशक से से मानव-हाथी द्वंद की समस्या से ग्रसित है. यहां जंगली हाथियों के द्वारा किये जा रहे उत्पात की खबरें आये दिन समाचारों की सुर्खियां बनती है. हर दिन हाथी जंगली इलाके के गांवों में पहुंचकर जन धन को नुकसान पहुंचा रहे हैं. गांवों में जंगली हाथियों का झुंड पहुंचकर घरों को तहस नहस कर रहे हैं और फसलों के साथ साथ घरों में रखे गये अन्न को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कई स्थानों पर हाथियों द्वारा कुचले जाने से मनुष्यों की मृत्यू की खबरें छत्तीसगढ़ में आम बात हो गई है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिये छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,जो स्वयं हाथी प्रभावित इलाके से आते हैं बेहद संवेदनशील हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद विष्णुदेव साय ने हाथी की समस्या से आम जन को निजात दिलाने के लिये लगातार पहल कर रहें हैं और उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इस समस्या के समाधान के लिये सार्थक प्रयास करने के निर्देश दिये हैं.

छत्तीसगढ़ के जंगलों से हाथियों का रिश्ता बहुत पुराना है. हजारों कही-सुनी कहानियों और ऐतिहासिक प्रमाणों के अलावा बिलासपुर जिले के ब्रिटिश गजेटियर भी इस बात की मुद्रित गवाही देता है कि औरंगजेब के समय तक मुगल शासक बिलासपुर क्षेत्र से हाथियों की खरीददारी किया करते थे. इसके अलावा तुमान, पाली, मल्हार जैसे ऐतिहासिक महत्व के स्थानों की खुदाई में ऐसे सिक्के भी मिले हैं, जिसमें प्रतीक के रूप में हाथियों का अंकन है.. इतिहास में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि खिलजी वंश से लेकर मुगल शासन काल तक हाथियों की आपूर्ति छत्तीसगढ़ से ही की जाती थी… यहां के हाथी को ही प्रशिक्षित करके सेना में भेजा जाता था.. इस बात का भी पुख्ता प्रमाण है कि 1930 के त्रिपुरी कांग्रेस अधिवेशन में भी रसद लेकर यहां से हाथी गए थे.

छत्तीसगढ़ के जंगल हाथियों के लिए पसंद का रहवास शुरू से ही रहा है, मगर हाथियों का ऐसा आतंक और हाथी मानव द्वंद्व ऐसा पहले कभी नहीं रहा जैसा कि इन दिनों दिखाई दे जाता है..मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा मानव हाथी द्वंद को रोकने लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.. सरगुजा से ‘‘हमर हाथी हमर गोठ’’ रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण कर हाथियों के विचरण की जानकारी स्थानीय लोगों को दी जा रही है..मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा स्थानीय जनों को अपनी ओर हाथियों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने गज यात्रा अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही ‘‘गज संकेत एवं सजग एप’’ के माध्यम से भी हाथी विचरण की जानकारी दी जा रही है.

छत्तीसगढ़ में 1950 में तिमोर पिंगला में हाथी आखरी बार देखा गया था उसके बाद हाथी दिखे 1980 में उसके पीछे का कारण ओपन कास्ट माइनिंग की वजह से झारखंड, बिहार और उडीसा में बड़े पैमाने पर जंगलों का कट जाना बताया जाता है..सच तो ये है कि यदि हाथी छत्तीसगढ़ को अपने रहने के लिए उपयुक्त स्थान पाते हैं तो ये छ.ग. का सौभाग्य है.. अजब संयोग है कि रहवास के लिए स्थल चयन को लेकर हाथी और मानव में बहुत समानता पाई जाती है.. जिस जगह को मानव अपने रहने के काबिल पाता है ठीक वही जगह हाथियों को अपने लिए जचता है. जल की उपलब्धता वाला घना हरा जंगल यदि मनुष्य को रास आता है तो हाथियों की भी यही पहली पसंद है.. पहाड़ी की तराई यदि मनुष्यों को पसंद है तो हाथी भी रह जाने के लिए ऐसी ही जगहों की खोज में होता है…आंख बंद कर के इस बात की घोषणा की जा सकती है कि वो स्थान प्राकृतिक संसाधनों से सुसज्जित होगा, जहाॅ हाथी जा बसते हैं.

हाथी अपने रहने के लिए उन्हीं स्थानों का चयन करता है, जहाॅ हरियाली बिखरी पड़ी हो क्योंकि यही हरियाली हाथियों के उदरपर्ति में भी सहयोगी होता है..संयोग से ऐसी ही हरियाली मनुष्य भी अपने लिए ढूंढता है.. इंसान और हाथियों के बीच की इसी समानता ने एक हकूक की लड़ाई को भी जन्म दे दिया है.. मानव हाथी द्वंद्व को रोकने की जो सफल कोशिश छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने की है वैसा पहले नहीं हो पाया था. उनकी सरकार आने के बाद ऐसे हादसों में बहुत कमी देखी गई है.

तमोर पिंगला अभयारण्य के पास स्थित घुई वन रेंज के हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र रामकोला वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग की प्रतिबद्धता का उदाहरण है.. हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र रामकोला 4.8 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है जो हाथियों की विशेष देखभाल और प्रबंधन के लिए समर्पित है.. यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र है.. मानव हाथी द्वंद्व के पीछे और भी बहुत सी वजहें हैं ,जो काम कर रही है.. जैसे वनों का घटता क्षेत्रफल, पेड़ पौधों और घांस का लगातार कम होना, फलदार वृक्षों की कमी, जंगली फलों का मानव के द्वारा दोहन, वनों में लगती आग वगैरह… शाकाहारी हाथियों और मनुष्य के खान पान की एकरूपता के अलावा हाथी भारतीय इंसानों से धार्मिक आस्थाओं के चलते भी जुड़ा हुआ है. स्वभाव से हाथी विशालकाय, शक्तिशाली, सामाजिक और शांति प्रिय प्राणी होता है, लेकिन अपनी शांति भंग करने वालो को वह बक्शता भी नहीं है.. इंसानों के द्वारा खेदा किए जाने वाला हाथी का एक छोटा सा बच्चा अपने यौवन काल में भी उस दर्द को भूला हुआ नहीं होता और जब भी पहला मौका मिलता है वो इंसानों को कुचलकर इसका बदला ले लेता है.. राज्य की साय सरकार पूरी दानिशमंदी के साथ इस समस्या का समाधान खोज रही है.

विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान मौत, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, परिजनों ने चौकी में किया था पथराव…

दुर्ग- केंद्रीय जेल में निरुद्ध विचाराधीन कैदी की उपचार के दौरान मेकाहारा अस्पताल में मौत हो गई. तीन दिन पहले कैदी को अस्पताल में भर्ती कराए जाने पर परिजनों ने मारपीट का आरोप लगाता हुए पुलिस चौकी में हंगामा मचाते हुए पथराव किया था. अब कैदी की मौत के बाद पुलिस ने मारपीट को पूर्णतया भ्रामक, बेबुनियाद और निराधार बताते हुए मजिस्ट्रियल जांच की बात कही है. 

बता दें कि तीन दिन पहले लूट के मामले में करीब एक महीने पहले जेल में दाखिल किये गए आरोपी पिंटू नेताम की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल दाखिल किया गया था. इससे गुस्साए डेरा बस्ती के लोगों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए स्मृति नगर पुलिस चौकी में जमकर हंगामा मचाते हुए पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया था. घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. आखिरकार भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल का प्रयोग करना पड़ा था.

कैदी की मौत के बाद सीएसपी सत्य प्रकाश ने बताया कि थाना सुपेला अंतर्गत चौकी स्मृतिनगर में लूट के प्रकरण में फरीदनगर डेरा निवासी आरोपी पिंटू नेताम को 18 अक्टूबर को अन्य दो आरोपियों के साथ गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था. आरोपी पिंटू नेताम 18-10-24 से केंद्रीय जेल दुर्ग में निरुद्ध था. गिरफ्तारी के लगभग 28 दिन बाद 15 नवंबर को अचानक उसका ब्लड प्रेशर लो होने पर उपचार के लिए दुर्ग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

स्थिति सामान्य होने के बाद उसे 17 नवंबर को वापस जेल भेज दिया गया था. लेकिन 18 नवंबर को पुन: उसका ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत के बाद जेल प्रशासन ने उपचार हेतु रायपुर स्थित मेकहारा अस्पताल में एडमिट कराया था. जहां उपचार के दौरान 21 नंवबर को उसकी मृत्यु हो गई.

रायपुर अब नहीं रहा सुरक्षित! चाकू की नोक पर हुई लूट

रायपुर-  कांपा मोवा रोड पर जूपिटर मोपेड सवार दो बदमाशों ने दुकान जा रहे अवंति गार्डन दलदलसिवनी निवासी एक हार्डवेयर कारोबारी के 21 वर्षीय पुत्र मानिक तलरेजा को रोका और चाकू अड़ा दिया. फिर धमकाते हुए उसकी जेब से मोबाइल फोन और 31 हजार कैश निकाले और फरार हो गए. लुटेरे चेहरे पर कपड़ा बांधे थे और घटना के वक्त कांपा-मोवा रोड पर आवाजाही नहीं थी. गुरुवार दोपहर हुई इस घटना के आधे घंटे के भीतर हरकत में आई पुलिस ने कुछ सुराग मिलने पर लुटेरों को दबोचने छापेमारी तेज कर दी है.

पुलिस सूत्रों के मुतविक लुटेरों की दुपहिया पर नंबर नहीं लिखा था. दोनों ने चेहरे पर काला कपड़ा बांध रखा था. पुलिस के मुताबिक थाने के स्टाफ के अलावा क्राइम ब्रांच की टीमें लगी हुई हैं. लुटेरे मंडी गेट की ओर भागे हैं. सूत्रों ने बताया कि एक घंटे के भीतर लुटेरों का सुराग मिलते ही छापेमारी तेज कर दी गई है.

मतदाता सूची तैयार करने में लापरवाही, कलेक्टर ने शिक्षक और पंचायत सचिव को किया निलंबित…

बलरामपुर-  मतदाता सूची तैयार करने में लापरवाही बरतने पर शिक्षक और पंचायत सचिव पर निलंबन की गाज गिरी है. निलंबन अवधि में दोनों को निर्वाचन कार्यालय में अटैच किया गया है. 

आम निर्वाचन 2024-25 के लिए तैयार मतदाता सूची किया जा रहा है. इस दौरान कार्य में लापरवाही बरतने पर माध्यमिक शाला सिलाजु में पदस्थ शिक्षक रामलाल चौरे और ग्राम पंचायत सिलाजू में पदस्थ पंचायत सचिव बुद्धदेव सिंह को निलंबित किया गया है. निलंबन की कार्रवाई कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने की है.

शराब बंदी पर सियासत: पूर्व मंत्री अमरजीत भगत बोले- यह राम राज्य की परिकल्पना नहीं, नशे का कारोबार बढ़ेगा तो अपराध बढ़ेगा
रायपुर-   छत्तीसगढ़ में शराब बंदी को लेकर सियासत जारी है. शराब बंदी का मामला अब अपराध के साथ-साथ धर्म के मुद्दे से भी जुड़ता नजर आ रहा है. सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष की कांग्रेस पार्टी शराब बंदी को लेकर लगातार एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आज मीडिया से बातचीत में प्रदेश में शराब बंदी को लेकर सरकार के राम राज्य परिकल्पना पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि राम राज्य की परिकल्पना यह नहीं है. राम राज्य की परिकल्पना यह है कि भय मुक्त शासन चले. शराब परोसने की व्यवस्था पर रोक लगनी चाहिए. अगर सरकार शराब परोसने लगे, तो कौन रोकेगा? राम राज्य की परिकल्पना को आगे बढ़ाने का काम धरातल पर करना चाहिए. जहां नशे का कारोबार बढ़ेगा तब अपराध भी बढ़ेंगे.

धर्मांतरण पर पूर्व मंत्री अमरजीत का बयान

उन्होंने धर्मांतरण को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राजनीति में संवैधानिक व्यवस्था के तहत कानून बने हैं. भारत धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है, सबको पूजा विधि मानने का संवैधानिक अधिकार है. अगर कोई कानून को तोड़ता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होने चाहिए. सरकार बहुत सारी बातें बोलती है लेकिन करती नहीं है. लोगों की भावनाओं को अपने पक्ष में करने बातें बोलते रहती है.

राज्य सरकार पर धान खरीदी में कालाबाजारी का लगाया आरोप

इन दिनों प्रदेश में धान खरीदी का दौर जारी है. इसे लेकर भी पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने राज्य सरकार पर धान खरीदी की कालाबाजारी करने के आरोप लगाए है. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कई धान खरीदी केंद्रों में अब तक बोहनी नहीं हुई. एक लिमिट टाइम में कैसे खरीदी और तौलाई होगा. धान खरीदी में इससे कालाबाजारी की संभावना बढ़ जाती है. खेल में माहिर बिचौलिये धान खपाने की कोशिश कर रहे हैं.

राज्य सरकार का मॉनिटरिंग सिस्टम फेल है. एक से 14 नवंबर तक लोगों को स्टॉक करने का कारण मिल गया है. राज्य सरकार ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की है. स्टॉक का ना कोई वेरिफिकेशन हुआ, ना जांच हुई. दूसरे राज्यों से जो धान आते हैं, उसे रोकने के लिए सुरक्षा होनी चाहिए. सरकार की नीति प्रदेश के किसानों के लिए है, इसका हक दूसरे के प्रदेश के लोग ना मारें.

प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर पूर्व मंत्री भगत का बयान

छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रहे आपराधिक घटनाओं को लेकर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य की साय सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की जवाबदारी कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की है. सरगुजा से बस्तर, मध्य क्षेत्र, राजधानी में हर दिन घटना हो रही है. घटनाओं से लोग चिंतित है और अपराधियों के हौसले बुलंद है. सरकार को नए सिरे से समीक्षा करने की जरूरत है. लोगों को लगना चाहिए कि सरकार उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित है. अपराध के नए नए तरीकों पर रोक लगाना जरूरी है.

रायपुर दक्षिण उपचुनाव में ईवीएम पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का बयान

बता दें 13 नवंबर को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. इससे पहले कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे. इसे लेकर उन्होंने कहा कि EVM पर प्रश्न आज भी खड़े हैं. पिछले चुनाव से EVM पर प्रश्न आज भी चल रहे हैं. जहां पारदर्शिता नहीं है, ऐसे सिस्टम को लागू करना प्रजातंत्र में उचित नहीं. जिसके ऊपर भी प्रश्न उठा है, उसे बंद कर देना चाहिए.

RTE के भुगतान में हुआ 74 लाख रुपए का खेला! अब विभाग ने दिए FIR कराने के निर्देश…

रायपुर-   शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत स्कूलों को दी जाने वाली प्रतिपूर्ति राशि में 74 लाख रुपए की हेराफेरी के मामले में राज्य शासन ने रायपुर के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) जी. आर. चन्द्राकर के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. कई स्तर पर हुई जांच में राशि आबंटन में गड़बड़ी प्रमाणित होने के बाद शासन ने कार्रवाई करने निर्देशित किया है.

बताते हैं कि कुछ स्कूल अस्तित्व में ही नहीं थे और लाखों रुपए जारी कर दिए गए. इसी तरह दो तीन स्कूल के बजाय व्यक्ति के निजी खाते में राशि जमा की गई. आरटीई की राशि में हेराफेरी को लेकर शिकायत हुई तो स्कूल शिक्षा विभाग ने अलग-अलग स्तर पर जांच कराई. इसके बाद पूरे मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ.

अलग-अलग स्तर पर हुई जांच

आरटीई की राशि में हेराफेरी की अलग-अलग स्तर पर जांच हुई. सभी में राशि में हेराफेरी प्रमाणित हुई और पूर्व डीईओ दोषी पाए गए. पहली जांच तत्कालीन संभागीय संयुक्त संचालक एस. के. भारद्वाज ने की. जांच में पाया गया कि जिन लोगों के खाते में रकम भेजी गई, उनमें से कुछ स्कूल काफी समय से बंद थे. वहीं कुछ स्कूलों के नाम पर व्यक्ति के निजी खाते में लाखों रुपए जमा किए गए. एक जांच जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से कर संचालनालय को रिपोर्ट भेजी गई. इसमें बताया गया कि किस तरह जानबूझकर राशि दूसरों के खाते में अंतरित कराई गई. तीसरी जांच समग्र शिक्षा के पूर्व संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव ने जांच की. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में आरटीई राशि के आबंटन में गड़बड़ी होने का जिक्र किया.

पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर, 3 ऑटोमेटिक गन सहित कई हथियार बरामद …

सुकमा-   कोंटा के भेज्जी इलाके में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में जवानों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबल के जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया है. वहीं मौके से 3 ऑटोमेटिक गन सहित कई हथियार बरामद किए गए है. इसकी पुष्टि DIG कमलोचन कश्यप ने की है.

बता दें कि गुरुवार को ओडिशा के रास्ते बड़ी संख्या में नक्सलियों के छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश करने की सूचना मिली थी, जिसके बाद DRG की टीम नक्सलियों के घेराबंदी के लिए रवाना हुई थी.

शुक्रवार को सुबह सुबह कोंटा के भेज्जी इलाके में नक्सलियों की मुठभेड़ डी.आर.जी के जवानों के साथ हुई है, जिसमें जवानों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. इलाके में फिलहाल सर्चिंग अभियान जारी है.