शराब बंदी पर सियासत: पूर्व मंत्री अमरजीत भगत बोले- यह राम राज्य की परिकल्पना नहीं, नशे का कारोबार बढ़ेगा तो अपराध बढ़ेगा
रायपुर-   छत्तीसगढ़ में शराब बंदी को लेकर सियासत जारी है. शराब बंदी का मामला अब अपराध के साथ-साथ धर्म के मुद्दे से भी जुड़ता नजर आ रहा है. सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष की कांग्रेस पार्टी शराब बंदी को लेकर लगातार एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आज मीडिया से बातचीत में प्रदेश में शराब बंदी को लेकर सरकार के राम राज्य परिकल्पना पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि राम राज्य की परिकल्पना यह नहीं है. राम राज्य की परिकल्पना यह है कि भय मुक्त शासन चले. शराब परोसने की व्यवस्था पर रोक लगनी चाहिए. अगर सरकार शराब परोसने लगे, तो कौन रोकेगा? राम राज्य की परिकल्पना को आगे बढ़ाने का काम धरातल पर करना चाहिए. जहां नशे का कारोबार बढ़ेगा तब अपराध भी बढ़ेंगे.

धर्मांतरण पर पूर्व मंत्री अमरजीत का बयान

उन्होंने धर्मांतरण को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राजनीति में संवैधानिक व्यवस्था के तहत कानून बने हैं. भारत धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है, सबको पूजा विधि मानने का संवैधानिक अधिकार है. अगर कोई कानून को तोड़ता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होने चाहिए. सरकार बहुत सारी बातें बोलती है लेकिन करती नहीं है. लोगों की भावनाओं को अपने पक्ष में करने बातें बोलते रहती है.

राज्य सरकार पर धान खरीदी में कालाबाजारी का लगाया आरोप

इन दिनों प्रदेश में धान खरीदी का दौर जारी है. इसे लेकर भी पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने राज्य सरकार पर धान खरीदी की कालाबाजारी करने के आरोप लगाए है. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कई धान खरीदी केंद्रों में अब तक बोहनी नहीं हुई. एक लिमिट टाइम में कैसे खरीदी और तौलाई होगा. धान खरीदी में इससे कालाबाजारी की संभावना बढ़ जाती है. खेल में माहिर बिचौलिये धान खपाने की कोशिश कर रहे हैं.

राज्य सरकार का मॉनिटरिंग सिस्टम फेल है. एक से 14 नवंबर तक लोगों को स्टॉक करने का कारण मिल गया है. राज्य सरकार ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की है. स्टॉक का ना कोई वेरिफिकेशन हुआ, ना जांच हुई. दूसरे राज्यों से जो धान आते हैं, उसे रोकने के लिए सुरक्षा होनी चाहिए. सरकार की नीति प्रदेश के किसानों के लिए है, इसका हक दूसरे के प्रदेश के लोग ना मारें.

प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर पूर्व मंत्री भगत का बयान

छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रहे आपराधिक घटनाओं को लेकर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य की साय सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की जवाबदारी कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की है. सरगुजा से बस्तर, मध्य क्षेत्र, राजधानी में हर दिन घटना हो रही है. घटनाओं से लोग चिंतित है और अपराधियों के हौसले बुलंद है. सरकार को नए सिरे से समीक्षा करने की जरूरत है. लोगों को लगना चाहिए कि सरकार उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित है. अपराध के नए नए तरीकों पर रोक लगाना जरूरी है.

रायपुर दक्षिण उपचुनाव में ईवीएम पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का बयान

बता दें 13 नवंबर को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. इससे पहले कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे. इसे लेकर उन्होंने कहा कि EVM पर प्रश्न आज भी खड़े हैं. पिछले चुनाव से EVM पर प्रश्न आज भी चल रहे हैं. जहां पारदर्शिता नहीं है, ऐसे सिस्टम को लागू करना प्रजातंत्र में उचित नहीं. जिसके ऊपर भी प्रश्न उठा है, उसे बंद कर देना चाहिए.

RTE के भुगतान में हुआ 74 लाख रुपए का खेला! अब विभाग ने दिए FIR कराने के निर्देश…

रायपुर-   शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत स्कूलों को दी जाने वाली प्रतिपूर्ति राशि में 74 लाख रुपए की हेराफेरी के मामले में राज्य शासन ने रायपुर के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) जी. आर. चन्द्राकर के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. कई स्तर पर हुई जांच में राशि आबंटन में गड़बड़ी प्रमाणित होने के बाद शासन ने कार्रवाई करने निर्देशित किया है.

बताते हैं कि कुछ स्कूल अस्तित्व में ही नहीं थे और लाखों रुपए जारी कर दिए गए. इसी तरह दो तीन स्कूल के बजाय व्यक्ति के निजी खाते में राशि जमा की गई. आरटीई की राशि में हेराफेरी को लेकर शिकायत हुई तो स्कूल शिक्षा विभाग ने अलग-अलग स्तर पर जांच कराई. इसके बाद पूरे मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ.

अलग-अलग स्तर पर हुई जांच

आरटीई की राशि में हेराफेरी की अलग-अलग स्तर पर जांच हुई. सभी में राशि में हेराफेरी प्रमाणित हुई और पूर्व डीईओ दोषी पाए गए. पहली जांच तत्कालीन संभागीय संयुक्त संचालक एस. के. भारद्वाज ने की. जांच में पाया गया कि जिन लोगों के खाते में रकम भेजी गई, उनमें से कुछ स्कूल काफी समय से बंद थे. वहीं कुछ स्कूलों के नाम पर व्यक्ति के निजी खाते में लाखों रुपए जमा किए गए. एक जांच जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से कर संचालनालय को रिपोर्ट भेजी गई. इसमें बताया गया कि किस तरह जानबूझकर राशि दूसरों के खाते में अंतरित कराई गई. तीसरी जांच समग्र शिक्षा के पूर्व संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव ने जांच की. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में आरटीई राशि के आबंटन में गड़बड़ी होने का जिक्र किया.

पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर, 3 ऑटोमेटिक गन सहित कई हथियार बरामद …

सुकमा-   कोंटा के भेज्जी इलाके में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में जवानों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबल के जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया है. वहीं मौके से 3 ऑटोमेटिक गन सहित कई हथियार बरामद किए गए है. इसकी पुष्टि DIG कमलोचन कश्यप ने की है.

बता दें कि गुरुवार को ओडिशा के रास्ते बड़ी संख्या में नक्सलियों के छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश करने की सूचना मिली थी, जिसके बाद DRG की टीम नक्सलियों के घेराबंदी के लिए रवाना हुई थी.

शुक्रवार को सुबह सुबह कोंटा के भेज्जी इलाके में नक्सलियों की मुठभेड़ डी.आर.जी के जवानों के साथ हुई है, जिसमें जवानों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. इलाके में फिलहाल सर्चिंग अभियान जारी है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विगत दिवस राजधानी रायपुर के होटल अंब्रेसिया में छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर कहा कि आप सभी ने बहुत सुंदर आयोजन किया है। आप सभी अपने परिवार जनों के साथ आए हैं, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने द साबरमती रिपोर्ट फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में इस फिल्म को हमने टैक्स फ्री कर दिया है और अभी मैंने मंत्री गणों और विधायकों के साथ इस फिल्म को देखा है। इस फिल्म में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में हुई घटना को बहुत सुंदर ढंग से फिल्माया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे इस फिल्म को जरूर देखें। साथ ही इस फिल्म के संदर्भ में कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है। सीमेंट के सुचारू परिवहन से अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। अधोसंरचनाओं का निर्माण हम समय पर पूरा कर पाते है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यों की सराहना की।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अंजय शुक्ला सहित अन्य पदाधिकारी गण और उनके परिजन उपस्थित थे।

जहर से नहीं हुई थी बाघ की मौत : वन एवं पर्यावरण संरक्षण मंडल की सचिव ने हाईकोर्ट ने दिया शपथ पत्र

बिलासपुर- बीते दिनों कोरिया में एक बाघ की मौत और बलरामपुर में करंट लगाकर हाथी को मारने के मामले में राज्य की वन एवं पर्यावरण संरक्षण विभाग की अतिरिक्त सचिव ऋचा शर्मा ने गुरुवार को हाईकोर्ट में शपथपत्र पेश किया. कोर्ट को बताया गया कि बाघ की पीएम रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है. बीमारी से मौत की संभावना है. बिसरा रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी ने मामले को मॉनिटरिंग में रखने कहा है, इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी.

दरअसल, कोरिया जिला अंतर्गत टाइगर रिजर्व क्षेत्र गुरू घासीदास नेशनल पार्क में 8 नवंबर को नदी किनारे बाघ का शव मिला था. कोरिया जिले के सोनहत भरतपुर सीमा में देवशील कटवार ग्राम के नदी किनारे उक्त बाघ का शव बरामद किया गया था. घटना की शुरुआती जांच में मृत बाघ के नाखून, दांत और आंख जैसे अंग गायब थे. प्रथम दृष्टया यह अनुमान लगाया गया कि बाघ को जहर देकर मारा गया है. मामले में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने स्वतः संज्ञान लेकर कहा था कि स्थिति को देखकर लग रहा है कि बदले की भावना से बाघ को मारा गया है. कोर्ट ने निर्देशित किया कि बाघों की मौत के कारणों की निष्पक्ष जांच की जाए और इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह दूसरी मौत है. टाइगर हिंदुस्तान में जल्दी मिलता नहीं, यहां हैं तो संरक्षण नहीं कर पा रहे हैं.

वहीं बलरामपुर में भी खेत में लगाये गए बिजली करंट से एक हाथी के मारे जाने की घटना पर भी कोर्ट ने संज्ञान लिया था. मामले में अतिरिक्त सचिव ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक अन्य घटना में हाथी शावक पोटाश बम से घायल हो गया था, इस संबंध में सचिव ने बताया कि शावक का इलाज कराया गया है, जिसके बाद वह स्वस्थ है और अपने दल में शामिल हो चुका है.

बस्तर ओलंपिक पर मंत्री केदार कश्यप का बड़ा बयान, कहा- अव्यवस्था पर होगी कार्रवाई

रायपुर-  सुकमा में आयोजित बस्तर ओलंपिक में नजर आई अव्यवस्था पर मंत्री केदार कश्यप ने संज्ञान लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बस्तर में ओलंपिक खेल देखने जा रहा हूं. अव्यवस्था नजर आई तो कार्रवाई की जाएगी. 

बता दें कि सुकमा के मिनी स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे बस्तर ओलंपिक जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आई थी, जिसमें कोंटा ब्लॉक से आए 700 से अधिक खिलाड़ियों को नाश्ते और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं दी गई. सुबह 11 बजे केवल पोहा परोसा गया और शाम 5.30 बजे तक बच्चों को कोई अन्य खाना नहीं मिला.

खेलों में भाग लेने के लिए बच्चों को भूखे पेट खेलना पड़ा, जिससे उनकी थकावट और परेशानी साफ नजर आई. बच्चों ने बताया कि शाम को जब खाना मिला, तब तक वे बहुत थक चुके थे. उनके साथ आए शिक्षक भी भूखे थे. अव्यवस्था पर खिलाड़ियों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी नाराजगी जताते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी.

बिटकॉइन घोटाले में भूपेश और कांग्रेस नेता अपनी भूमिका पर जनता को दें उत्तर : संजय श्रीवास्तव

रायपुर-   भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने बिटकॉइन घोटाले के खुलासे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत प्रदेश के कांग्रेस नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा है कि बिटकॉइन मामले में, जिसके तार महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े हैं, छत्तीसगढ़ में भी कार्रवाई हुई है और इस मामले में अब बघेल की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने पुरजोर मांग की कि बिटकॉइन घोटाले मामले में भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता अपनी भूमिका पर प्रदेश की जनता को जवाब दें।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने गुरुवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस ब्रीफ को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस में लंबे समय तक महत्वपूर्ण पदों पर रही एक नेत्री ने ‘एक्स पोस्ट’ कर यह पूछा है कि बिटकॉइन मामले में लिप्त जिस गौरव मेहता के यहां छत्तीसगढ़ में कारवाई हुई है, उसके पूर्व सीएम भूपेश बघेल से क्या संबंध थे? महादेव ऐप मामले में तो यह स्पष्ट ही हुआ है कि कांग्रेस सरकार में आर्थिक मामलों के तार अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े रहे हैं, ऐसे में बिटकॉइन घोटाले का यह खुलासा महत्वपूर्ण है। कांग्रेस को, खासकर भूपेश बघेल को इसका जवाब देना चाहिए। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले जो ऑडियो टेप सामने आया है, उसमें महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की बातचीत भी है। अगर इसमें महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष इन्वॉल्व है और अपराध करने वाला छत्तीसगढ़ में है, तो यह क्यों न माना जाए कि इसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस और इस प्रकार के कार्यों में महारत रखने वाले भूपेश बघेल इन्वॉल्व हैं? इससे पहले भी राज्य में कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा अन्य चुनावी राज्यों में कांग्रेस को भ्रष्टाचार के रुपयों से फंडिंग करने के तथ्य सामने आ चुके है। भ्रष्टाचार के हर आरोपी के साथ छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल का इनवॉल्वमेंट पाया गया है, फिर वह सौम्या चौरसिया हो, समीर विश्नोई हो, एजाज ढेबर के भाई अवनर ढेबर हो या कोई और।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश साक्षी है कि कांग्रेस की भूपेश-सरकार किस तरह अनेक गंभीर आर्थिक आपराधिक मामलों में लिप्त रही है! भाजपा ने लगातार उन विषयों को उठाया और प्रदेश देख रहा है कि भूपेश-सरकार से जुड़े महत्वपूर्ण अधिकारियों, नेताओं को किसी भी अदालत से जमानत तक नहीं मिल पा रही है। ताज़ा मामला पीएससी के अध्यक्ष रहे टामन सोनवानी का है। 5 साल तक लगातार भाजपा उनके घोटाले के खिलाफ आवाज उठाती रही। यह अपनी तरह की एक अनोखी सरकार थी जो अपने ही राजस्व पर डाका डालती रही। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि आज भूपेश बघेल के कई करीबी या तो जेल में हैं या फिर बेल पर हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया, अनिल टुटेजा, समीर बिश्नोई, भूपेश बघेल के चहेते महापौर के भाई एजाज ढेबर पर जब-जब एजेंसियां कार्रवाई करती रही भूपेश बघेल उनके संरक्षक बनकर खड़े होते रहे और इसे पॉलिटिकल मामला बताते रहे। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि महीनों हो गए, अदालत से इन्हें बेल नहीं मिलना इस बात का सबूत है कि ये सब भ्रष्टाचार में लिप्त थे और उनके संरक्षक पिछली कांग्रेस सरकार और उनके मुखिया भूपेश बघेल थे। सभी कांग्रेसी भ्रष्टाचारी हैं, ऐसा हम नहीं कहते हैं परंतु, सभी भ्रष्टाचार में कांग्रेसियों के नाम ही क्यों आ रहे हैं, यह अवश्य शोचनीय है। प्रेस ब्रीफ के दौरान भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी अनुराग अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता द्वय उमेश घोरमोड़े और अमरजीत छाबड़ा भी मौजूद रहे।

शिक्षक ने शादी का झांसा देकर 12 साल तक किया दैहिक शोषण, महिला आयोग ने सुनाया ये फैसला

रायपुर-    राज्य महिला आयोग में आज अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई हुई. इनमें से कई शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ आई शिकायतों पर सुनवाई की गई, जिनमें कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के लिए आयोग ने संबंधित विभागों को पत्र भेजे हैं.

आयोग की सुनवाई में एक प्रकरण में शासकीय शिक्षक ने 12 साल से शादी का झांसा देकर अवेदिका का शोषण किया था, जिसे अनावेदक ने आयोग के समक्ष स्वीकारा और परिवार वालों की सहमति से ही शादी करने की बात कहने लगा. आयोग ने सदस्यों के सहमति से पहले अवेदिका को FIR दर्ज करने को कहा और शासकीय सेवा समाप्त करने के लिए गरियाबंद जिला डीईओ को पत्र भेजने की अनुशंसा की. लेकिन अवेदिका को एकमुश्त 20 लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमत होने पर सेवा समाप्ति पत्र रोक दिया गया और अगली सुनवाई में अनावेदक को 10 लाख का चेक और 10 लाख रुपये नगद लेकर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया.

दूसरे दो प्रकरण में पटवारी और बिलासपुर के एक जेल कर्मी के खिलाफ सुनवाई हुई, जहां सेवा समाप्त करने के लिए संबंधित विभागों को तत्काल पत्र भेजा गया. पामगढ़ में पटवारी के पद पर पदस्थ शासकीय कर्मचारी ने अपने सर्विस बुक में पत्नी के स्थान पर किसी और का नाम दर्ज कर रखा था, जिससे बिना तलाक लिए दूसरी शादी की थी. वहीं जेल कर्मी ने अवेदिका के साथ 12 साल रहने के बाद बच्चा होने पर शादी की और अब दूसरी शादी भी कर रहा है. दोनों ही मामलों में लगातार महिला का शारीरिक शोषण करने, अपने शासकीय पद का दुरुपयोग करने पर आयोग ने शासकीय सेवा समाप्त करने विभागों के अधिकारियों को पत्र भेजा है. इसके अलावा डोंगरगांव के बीरगांव के प्रायमरी स्कूल में टीचर के भी एक प्रकरण पर सुनवाई हुई, जिसमें प्राइमरी टीचर ने दो पत्नियों से तलाक लेकर तीसरी शादी की थी. लेकिन अब तीसरी पत्नी को मार पीट कर घर से निकाल दिया और अपने पूर्व पत्नियों के साथ संबंध में रह रहा है, जो कि सिविल सेवा आचरण के खिलाफ है. आयोग की समझाइश पर अनावेदक ने आवेदिका को 20 हजार रुपये प्रति माह भरण-पोषण देना स्वीकारा जिसके लिए आयोग दल बी.ई.ओ और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा जाएगा ताकि 20 हजार भरण पोषण की राशि अवेदिका के सीधे खाते में पहुंचे.

बता दें छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, प्रियवंदा सिंह जुदेव, ओजस्वी मंडावी और दीपिका सोरी ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 287वीं सुनवाई हुई और रायपुर जिले में कुल 138वीं जनसुनवाई हुई.

विधानसभा उपनिर्वाचन 2024 - रायपुर नगर दक्षिण के लिए मतगणना कल सुबह 8 बजे से होगी प्रारंभ

रायपुर-  रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को सेजबहार स्थित गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि विधानसभा क्षेत्र 51-रायपुर नगर दक्षिण के उपनिर्वाचन की मतगणना तिथि 23 नवंबर दिन शनिवार को नियत है। मतगणना तिथि को मतगणना कार्य गवर्मेंट इंजीनीयरिंग कॉलेज, सेजबहार, रायपुर (ब्लॉक-ई) में सम्पन्न किया जाएगा। निर्वाचन के लिए 2 सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इसके अतिरिक्त मतगणना के लिए 4 अतिरिक्त सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि मतगणना का कार्य मतगणना तिथि के दिन प्रातः 8 बजे से प्रारम्भ होगा, जिसमें प्रातः 8 बजे से पोस्टल बैलेट की गणना होगी। पोस्टल बैलेट की गणना प्रारम्भ होने के पश्चात् प्रातः 8.30 बजे से ईव्हीएम मशीनों के मतों की गणना प्रारम्भ होगी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने बताया कि मतगणना हॉल में ईव्हीएम में पड़े मतों की गिनती के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं। यह गणना कुल 19 राउण्ड में पूरी होगी। पोस्टल बैलेट की गणना के लिए 1 अतिरिक्त टेबल की व्यवस्था की गई है। मतगणना हॉल के प्रत्येक टेबल में एक-एक काउटिंग सुपरवाईज़र, काउटिंग असिस्टेंट एवं माइक्रो आब्जर्वर होंगे, जो मतगणना का कार्य संपादित करेंगे। मतगणना हॉल में ही रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा मतगणना की जानकारी को संधारित करने के लिए डाटा कम्पाइलेशन एवं अपलोडिंग सेक्शन बनाया गया है। मतगणना हॉल में अभ्यर्थी या अभ्यर्थियों के मतगणना एजेन्ट्स भी उपस्थित रह सकेंगे, जो मतगणना हॉल में किए गए फेंस से बाहर लगी हुई कुर्सियों में बैठकर मतगणना कार्य का अवलोकन कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि मतगणना हॉल में अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा। रिटर्निंग ऑफिसर अपने विवेक के अनुसार किसी भी व्यक्ति को मतगणना परिसर या मतगणना हॉल से बाहर जाने को कह सकते हैं और यह निर्देश बाध्यकारी होगा। मतगणना हॉल में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा दिया गया निर्देश सर्वमान्य होगा। विवाद की स्थिति निर्मित होने पर रिटर्निंग ऑफिसर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। मतगणना हॉल में इलेक्ट्रॉनिक आईटम्स जैसे- मोबाईल, आईपैड, लैपटॉप, स्मार्ट वाच, कैमरा, तम्बाकू, गुटखा आदि ले जाना प्रतिबंधित है।

मतगणना अभिकर्ता मतगणना हॉल में कोरा कागज , मतपत्र लेखा प्रारूप 17सी भाग-1 की प्रति, रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्रदाय किया गया ईव्हीएम/व्हीव्हीपैट की सूची, जो विधानसभा के विभिन्न मतदान केन्द्रों में प्रयोग में लाई गई है तथा पेन/पेंसिल को ले जा सकेंगे। मतगणना हॉल के भीतर मतगणना के परिणाम का योग करने के लिए प्रत्येक टेबल पर एनालॉग कैल्क्यूलेटर की व्यवस्था की गई है. जिसका उपयोग अभ्यर्थी या उनके मतगणना अभिकर्ता कर सकते हैं। मतगणना परिसर में त्रिस्तरीय सुरक्षा रहेगी। प्रत्येक स्तर में सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की गहन जाँच की जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सुरक्षाकर्मियों को अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। मतगणना कार्य की चक्रवार जानकारी भारत निर्वाचन आयोग के इनकोर काउटिंग एप्पलिकेशन में अपलोड किया जाएगा, जिसें आमजन https://results.eci.gov.in लिंक के माध्यम से देख सकते हैं।

निर्वाचन परिणाम की घोषणा से 7 दिवस के भीतर अधिकतम मत प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी के बाद क्रम संख्या 2 एवं 3 पर आने वाले अभ्यर्थी द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की अधिकतम 5 प्रतिशत ईव्हीएम (बीयू, सीयू एवं वीवीपेट) की बर्न्ट मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जाँच एवं सत्यापन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है, जिसके लिए प्रति ईव्हीएम सेट 40,000 रूपये (18 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) का शुल्क देय होगा।

राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता में दो टीमों के बीच जमकर हाथापाई, कई बालिकाएं हुई घायल

खैरागढ़-   राजनांदगांव के स्टेडियम में आयोजित 68वीं राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता के दौरान अंडर-14 बालिका वर्ग का मुकाबला विवादों में घिर गया. हरियाणा और केरल की टीमों के बीच मुकाबला खेल भावना से परे जाकर विवाद में बदल गया. विवाद इतना बढ़ा कि दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच हाथापाई हो गई, जिसमें केरल की कई बालिकाएं चोटिल हो गईं. घटना के बाद केरल टीम के कोच घायल खिलाड़ियों को तत्काल जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले आए. लेकिन इस दौरान उन्होंने स्टेडियम में स्थित कंट्रोल रूम या खेल अधिकारियों को सूचित नहीं किया. इसके बजाय उन्होंने राजनांदगांव के केरला समाज के पदाधिकारियों को बुलाकर उन्हें मामले की जानकारी दी।

मीडिया में घटना की जानकारी सामने आने के बाद जब स्टेडियम स्थित कंट्रोल रूम और खेल अधिकारियों से इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने पहले किसी भी प्रकार की घटना से अनभिज्ञता जाहिर की. हालांकि, बाद में जब खेल अधिकारियों ने केरल टीम की कोच से संपर्क किया, तब जाकर उन्हें इस घटना की जानकारी मिली. राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के आयोजक और खेल अधिकारी रण विजय प्रताप सिंह ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हरियाणा और केरल की टीमों के बीच तकनीकी विवाद के चलते यह घटना हुई. केरल टीम की कोच ने घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को नहीं दी थी. मीडिया से सूचना मिलने के बाद हमने कोच से संपर्क किया और स्थिति स्पष्ट हुई.” वहीं केरल टीम की कोच का कहना है कि वे इस घटना को लेकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद ही आगे की कार्रवाई करेंगी.

खेल प्रतियोगिता की सुरक्षा और संवाद व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने प्रतियोगिता के दौरान सुरक्षा प्रबंधन और संवाद व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. आयोजकों ने अब सभी टीमों को निर्देश दिया है कि किसी भी अप्रिय घटना की तुरंत जानकारी कंट्रोल रूम को दी जाए, ताकि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके.