सरायकेला : चांडिल में नकली लॉटरी की खेल , पश्चिम बंगाल,नागालैंड,सिक्किम ,भूटान के तर्ज में चल रहा हे।परंतु प्रसाधन मौन कियू।कोन हे यह सरगना ।...
सरायकेला :झारखंड के सरायकेला जिले में नकली लॉटरी खेल चल रहा है। यह खेल पश्चिम बंगाल की लॉटरी की तर्ज पर चलाया जाता है। पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नागालैंड, भूटान आदि में लॉटरी के प्रथम पुरस्कार करोड़ों रुपये तक होते हैं। लेकिन सरायकेला के चांडिल में यह पुरस्कार लाखों रुपये तक सीमित है। यह नकली लॉटरी खेल अवैध हो सकता है और लोगों को इसके बारे में सावधान रहना चाहिए। प्रशासन मौन कियू कोन होगा मुख्य सरगना ।किसके इशारे धड़ल्ले से चल रहा यह अवैध नकली लॉटरी ।
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध नकली लॉटरी का गोरखधंधा परवान पर है ।बीते जुलाई माह में गैरकानूनी कारोबार के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद कुछ दिनों के लिए अवैध लॉटरी के धेधे की रफ्तार धीमी पड़ गई थी ।जुलाई माह में चांडिल स्टेशन चौक और चांडिल बाजार में चांडिल व नीमडीह थाना की पुलिस द्वारा अवैध लॉटरी के खिलाफ चलाए गए छापामारी अभियान में सात लोग पकड़े गए थे । पकड़ाए लोगों ने अपने-अपने संचालक का नाम भी बताया था ।
अवैध लॉटरी के खिलाफ हुई कार्रवाई के तीन माह बाद भी अवैध लॉटरी चलाने वाले सरगना पुलिस की पकड़ से दूर हैं । उस वक्त लोगों ने भी अंदेशा जताया था कि हो सकता है राजनीतिक दबाव के कारण इस पर आगे की कार्रवाई ठंड पड़ गया।
विशेष सूत्रों के अनुसार राजनीतिक संरक्षण का ही नतीजा है कि कार्रवाई के माह भर बाद से ही क्षेत्र में तेजी के साथ अवैध नकली लॉटरी का गोरखधंधा दोबारा छा गया। बताया जा रहा है कि जुलाई में हुई कार्रवाई के बाद अब इस गोरखधंधे से जुड़े कारोबारियों की संख्या भी बढ़ गई है । लोगों का कहना है कि इस गोरखधंधे की दलदल में फंसकर युवा वर्ग अपना भविष्य अंधकारमय बना रहे हैं। गरीब मजदूरों की खून-पसीने की कमाई रातों-रात लखपति बनने की लालच में स्वाहा हो रही है। अवैध नकली लॉटरी के चंगुल में फंसकर युवा वर्ग के अलावा दिहाड़ी मजदूर, दुकानदार, ऑटो चालक, सब्जी बिक्रेता आदि अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं। लोगों का कहना है कि क्या पुलिस-प्रशासन को इसकी खबर नहीं है कि लोग इस काले कारनामे की दलदल में फंस रहे हैं ।
ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में विस्तार रूप से चल रहा लॉटरी का गैरकानूनी धंधा अब सुदूरवर्ती गांव तक भी पहुंच गया है ।चौक-चौराहों में तो लॉटरी बेचा जाना अब आम बात है ।चौका मोड़ , घोड़ानेगी डैम रोड ,चांडिल बाजार, स्टेशन चौक, रघुनाथपुर, मुखिया होटल आदि स्थानों में अवैध व नकली लॉटरी जगह-जगह मिलता है ।वहीं गांव-गांव में नकली लॉटरी पहुंचने लगी है ।अनुमंडल क्षेत्र में अवैध लॉटरी से जुड़े लोगों को पुलिस-प्रशासन का तनिक भी भय नहीं है। अवैध कारोबार के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने के कारण गोरखधंधा चलाने वाले कारोबारियों के हौसले परवान पर हैं. बताया जा रहा है कि लॉटरी के इस अवैध धंधे में बड़े राजनीतिक दलों के नेताओं की भी संलिप्तता बताया जा रहा हे। जिसके कारण इस गोरखधंधे पर लगाम नहीं लगाया जा सकता है।जमशेदपुर से मुख्य साफलाई होता हे। चांडिल बाजार के दो व्यक्ति लॉटरी का कारोबार करते हे।इसका एजेंट विभिन्न जगह पर लॉटरी की बिक्री करता हे। स्थानीय पुलिस प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद यह गोरख धंधा खुलेआम चल रहा हे।
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध लॉटरी के खिलाफ की कार्रवाई को लेकर जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, राजनीतिक दलों के नेता चुप क्यों हैं। चुनाव में ईचागढ़ को आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाने का ढींढ़ोरा पीटने वाले आखिर गैर कानूनी लॉटरी पर खामोश क्यों हो जाते हैं ।समाज को दीमक की तरह खोखला करते इस काले कारोबार को बंद कराने के लिए आवाज बुलंद क्यों नहीं करते हैं। क्षेत्र के लोग पूछते हैं कि क्या अवैध व नकली लॉटरी से ईचागढ़ क्षेत्र के युवाओं का विकास संभव है ।इसके पीछे का राज क्या है. जनता जानना चाहती है कि क्या उनकी भी संलिप्तता इस गोरखधंधे में तो नहीं है। लोगों का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण ही चौक-चौराहों पर चाय की दुकान, होटल, सैलून आदि स्थानों में अवैध नकली लॉटरी का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है।
Nov 22 2024, 13:12