दिल्ली में जहरीली हवा का कहर: स्कूल बंद, सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव

देश की राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो चुका है. जहरीली हवा ने राजधानी की रफ्तार रोक दी है. सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. 10वीं और 12वीं की कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगी. वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-4 लागू किया गया है. इसी बीच एमसीडी और दिल्ली सरकार के दफ्तरों के खुलने और बंद होने का समय बदला गया है. इसे उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने मंजूरी दे दी है.

उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के सभी ऑफिस के लिए अलग-अलग टाइम टेबल लागू करने का निर्देश दिया है. इसके मुताबिक, दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले ऑफिस सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुलेंगे. दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले दफ्तर सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुलेंगे.

सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव पीयूष कुमार दोसी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, 28 फरवरी 2025 तक दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी ऑफिस में यह कार्यालय समय प्रभावी रहेगी. हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकारी दफ्तरों का समय बदलने का प्रस्ताव रखा था.

अधिकतम एक्यूआई 500 दर्ज किया गया

दिल्ली में द्वारका, मुंडका और नजफगढ़ जैसे इलाकों में दोपहर के समय अधिकतम एक्यूआई 500 दर्ज किया गया. इस मौसम में एक्यूआई अब तक के सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुका है. सीपीसीबी के अनुसार, दोपहर दो बजे तक एक्यूआई 491 दर्ज किया गया. समीर ऐप के अनुसार, द्वारका सेक्टर-8, नेहरू नगर, नजफगढ़ और मुंडका चार स्टेशन ने एक्यूआई का स्तर अधिकतम 500 बताया है.

कैसा सरकारी शिक्षक हूं…ना मां की दवाई ला सकता, न बच्चों की फीस भर सकता,शिक्षकों का छलका दर्द

बिहार के शारीरिक शिक्षकों का दर्द छलक उठा है. इन शिक्षकों कहना है कि सरकार सुनती नहीं और पुलिस लाठियां भांजती है. ऐसे में वह क्या करें? ना तो वह अपनी मां की दवाई ला सकते हैं और ना ही बच्चों की फीस भर सकते हैं. घर का खर्च चलाने के लिए भी घर वालों से मांगना पड़ता है. इन शिक्षकों कहना है कि वह हैं तो सरकारी शारीरिक शिक्षक, लेकिन वेतन चपरासी से भी कम है. ऐसे में उन्हें तो घर जाने में भी शर्म आती है. हमेशा यह डर बना रहता है कि कहीं मां दवाई लाने को ना कह दे या फिर बच्चे फीस या पढ़ाई के अन्य खर्चों के लिए पैसे ना मांग लें.

हालात ऐसे बन गए हैं कि पता ही नहीं चलता कि वह कैसे सरकारी शिक्षक हैं? इसी तरह की प्रतिक्रिया बिहार के सभी नव नियुक्त शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों की है. बिहार सरकार ने इन्हें सरकारी नौकरी तो दे दी, लेकिन बीते ढाई साल से इन्हें महज 8 हजार रुपये की तनख्वाह में ही गुजर बसर करना पड़ रहा है. चूंकि ज्यादातर शिक्षक अपने घर से दूर के स्कूलों में तैनात हैं. ऐसे में उन्हें किराए पर रहकर नौकरी करनी पड़ रही है. ऐसे में तनख्वाह का बड़ा हिस्सा कमरे के किराए में ही निकल जाता है.

2022 में हुई जॉइनिंग

शिक्षक रमेश कुमार के मुताबिक वेतन की विसंगतियों को दूर करने के लिए लगातार आवाज उठाई जा रही है. इसके लिए कई बार राजधानी पटना भी पहुंचे, लेकिन पुलिस ने लाठियां भांज कर उन्हें खदेड़ दिया. कहा कि उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर पढ़ाई की. पहले मैट्रिक फिर इंटर और ग्रेजुएशन के बाद B.ped किया. साल 2019 में STET पास करने के बाद 3 साल इंतजार भी किया. अब साल 2022 में जॉइनिंग तो हो गई, लेकिन हालात और भी खराब हो गए हैं. कहा कि जब नौकरी लगी तो खुशियां मनाई गई थीं. पूरे गांव में मिठाई भी बंटी, लेकिन इस नौकरी से दो जून की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है.

आवाज बुलंद करने पर खानी पड़ती है लाठियां

शिक्षक नीलम कुमारी के मुताबिक 8 हज़ार वेतन में कैसे घर चला सकते हैं. इस तनख्वाह में बच्चों के कपड़े तक नहीं खरीद सकते. भागलपुर संघ के अध्यक्ष अभय मिश्रा ने बताया कि आगामी 25 नवंबर से बिहार विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला है. उनका संगठन एक बार फिर से एकजुट होकर पटना में धरना प्रदर्शन करेगा. उन्होंने बताया कि शिक्षक प्रतिनिधिनयों ने पहले भी कई बार सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं के सामने रखी जा चुकी है, लेकिन अब तक उन्हें अनसुना किया गया है. बल्कि 26 जुलाई व 25 अक्टूबर 2024 को पटना सचिवालय और जदयू कार्यालय का घेराव करने पर उनके ऊपर लाठियां बरसाई गई थी

मणिपुर में शांति बहाली के लिए 50 अतिरिक्त कंपनियां होगी तैनात,दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग के बाद गृह मंत्री अमित शाह का फैसला

मणिपुर एक बार फिर जल उठा है. हिंसा की आग बेगुनाहों को अपनी जद में रही है. इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक की. सूत्रों का कहना है कि उच्च स्तरीय बैठक में मणिपुर के हालात को देखते हुए 50 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का फैसला किया गया है.

सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में 50 कंपनियां यानी 5000 जवानों की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी. मणिपुर में अभी तक कुल 27 हजार अर्धसैनिक बलों की तैनाती हो चुकी है. गृह मंत्री ने राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के डिप्लॉयमेंट के बारे में जानकारी ली. सभी एजेंसियों की निर्देश दिया कि राज्य में शांति बहाली की प्रक्रिया ही सर्वोच्च प्राथमिकता रखी जाए

पिछले साल मई से इंफाल घाटी में मैतई और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी समुदाय के बीच हिंसा हो रही है. इसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. हजारों लोग बेघर हुए हैं. बीते दिनों जिरीबाम जिले में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने से हिंसा एक बार फिर भड़क उठी. आरोप है कि उग्रवादियों ने इनका अपहरण करके हत्या कर दी थी.

सीआरपीएफ के महानिदेशक और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारी भी राज्य में मौजूद हैं. राज्य में अभी सीएपीएफ की कुल 218 कंपनियां हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. पिछले कुछ दिन से राज्य में सुरक्षा स्थिति नाजुक बनी हुई है. हिंसा में दोनों समुदायों के उपद्रवी शामिल हैं. इनके पास हथियार भी हैं. हिंसा में कई लोगों की जान गई है. कानून व्यवस्था में बाधा उत्पन्न हुई है.

एकनाथ खडसे ने राजनीति से संन्यास की घोषणा की: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को एनसीपी शरद पवार गुट के नेता एकनाथ खडसे राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है. उन्होंने आगे कोई चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की. इस मौके पर खडसे ने एक भावुक बयान भी दिया. उन्होंने अपनी बेटी रोहिणी खडसे को जिताने की अपील करते हुए कहा कि यह तो भगवान ही तय करेंगे कि मैं अगला चुनाव देखूंगा या नहीं. करीब चार दशकों तक खडसे का जलगांव जिले में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में दबदबा रहा है. हाल में उनके भाषणों को लेकर बहुत चर्चा हुई थी.

बेटी रोहिणी खडसे की ओर से सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में एकनाथ खडसे ने कहा है कि, मैं नाथाभाऊ से बात कर रहा हूं. विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को है. इस चुनाव में रोहिणी खडसे एनसीपी की उम्मीदवार हैं. मैं अब और चुनाव नहीं लड़ूंगा. मैं कई वर्षों से आपके साथ हूं. आप सभी ने सालों से मेरा समर्थन किया है. हमने जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी की मदद की है.

वीडियो में वो आगे कहते हैं कि भगवान तय करेंगे कि मैं स्वास्थ्य कारणों से अगला चुनाव देखूंगा या नहीं, लेकिन एकनाथ खडसे ने भावुक अपील करते हुए कहा कि जिस तरह आपने मेरा समर्थन किया है, उसी तरह रोहिणी खडसे को भी समर्थन देकर चुना जाना चाहिए.

कोठारी के सरपंच से लेकर 12 विभागों के मंत्री तक

बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे के साथ एकनाथ खडसे राज्य में बीजेपी का चेहरा थे. गोपीनाथ मुंडे के साथ खडसे ने पार्टी के विकास में बहुत योगदान दिया. एकनाथ खडसे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कोठारी गांव के सरपंच (1987) के रूप में की. इसके बाद उन्होंने राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे विधायक, नेता प्रतिपक्ष, 12 विभागों के मंत्री जैसे विभिन्न पदों पर रहे. उन्होंने पार्टी में कई लोगों को खड़ा किया. उनकी बात दिल्ली तक सार्थक थी.

मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी थे शामिल

एक समय ऐसा भी आया था जब उनका नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बताया गया था, लेकिन देवेंद्र फडणवीस से मतभेद के बाद एकनाथ खडसे की बीजेपी में हैसियत घटने लगी. उनके साथ लगातार दोयम दर्जे के व्यवहार का आरोप लगता रहा. इसलिए उन्होंने 2020 में बीजेपी छोड़ दी और एनसीपी में शामिल हो गए.

कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी छोड़ी, बीजेपी में हुए शामिल

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत आज बीजेपी में शामिल हो गए. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. कल यानी रविवार को उन्होंने केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था. पहले उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद फिर उन्होंने पार्टी छोड़ी थी. गहलोत केजरीवाल और आतिशी दोनों ही सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे.

बीजेपी में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा कि आप छोड़कर बीजेपी में शामिल हुआ. मेरे लिए ये कोई आसान कदम नहीं था. अन्ना आंदोलन के समय से पार्टी से जुड़ा, दिल्ली के लिए काम किया. ये एक रात या दबाव में लिया फैसला नहीं है. मैने आज तक किसी के दबाव में कोई फैसला नहीं किया.

दिल्ली की राजनीति के लिंए टर्निंग प्वाइंट- खट्टर

वहीं, कैलाश गहलोत के बीजेपी में शामिल होने पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कैलाश गहलोत का बीजेपी में शामिल होना दिल्ली की राजनीति के लिंए टर्निंग प्वाईंट साबित होगा. गहलोत ने आप और बीजेपी के आंतरिक व्यवस्था की तुलना करने और मोदी सरकार के काम और नीतियों को देखकर बीजेपी में शामिल हुए. नजफगढ वैसे तो दिल्ली में है लेकिन वो हरियाणा के बेहद करीब है. दिल्ली मे बीजेपी सरकार बनाएगी.

केजरीवाल और AAP पर कैलाश ने बोला हमला

कैलाश कहलोत ने अपने इस्तीफे में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जमकर हमला बोला. कैलाश गहलोत ने कल जब AAP से इस्तीफा दिया, दिल्ली की सियासत में खलबली मच गई. गहलोत एक समय में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बेहद खास थे. वह केजरीवाल और आतिशी दोनों की ही कैबिनेट में मंत्री रहे. मगर उन्होंने अपने इस्तीफे में केजरीवाल सरकार पर कई बड़े व गंभीर आरोप लगाए.

गहलोत ने शीशमहल और यमुना जैसे मुद्दों का जिक्र किया. उन्होंने शीशमहल वादे को शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा कि हमारे राज में यमुना पहले से और ज्यादा मैली हो गई. गहलोत ने कहा कि हम दिल्ली को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दे पाए. उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र से लड़ते रहेंगे तो दिल्ली का विकास संभव नहीं है. हम लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम एंजेडों के लिए लड़ रहे हैं.

AAP अब ईमानदार पार्टी नहीं रही- कैलाश

कैलाश गहलोत ने ये भी कहा कि ईमानदार पार्टी देखकर मैंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी लेकिन अब यह पार्टी ईमानदार नहीं रही. मेरे पास आम आदमी पार्टी को छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था. उन्होंने साल 2015 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी और उसी साल साउथ वेस्ट दिल्ली की नजफगढ़ विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें जीत मिली थी.

साल 2017 में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेकर वह दिल्ली के परिवहन मंत्री बने थे. साल 2020 में भी वह लगातार दूसरी बार नजफगढ़ से चुनाव जीते थे. 2017 से ही वह परिवहन मंत्री का पद ही संभाल रहे थे.

शादी के कार्ड में भीमराव अंबेडकर की तस्वीर वायरल, बसपा नेता की बेटी की शादी में अनोखा अंदाज

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक मुस्लिम परिवार की बेटी की शादी का कार्ड खूब वायरल हुआ था. उस कार्ड में भगवान गणेश और श्रीकृष्ण की तस्वीर छपी थी. अब एक और अनोखा शादी का कार्ड वायरल हुआ है. इसमें भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर छपवाई गई है. देखते ही देखते शादी का यह अनोखा कार्ड वायरल हो गया है. दुल्हन के पिता बसपा के विधानसभा अध्यक्ष हैं.

अमरोहा निवासी महेंद्र कुमार उर्फ कैलाश नेता जी की बेटी अर्चना गौतम की शादी 25 नवंबर में होनी है. महेंद्र कुमार बसपा के विधानसभा अध्यक्ष हैं. वह हसनपुर के रहने वाले हैं. शादी के कार्ड में भगवान गौतम बुद्ध की तस्वीर सबसे ऊपर लगाई गई है.

इसके ठीक नीचे भीमवाव अंबेडकर की फोटो है. नीले रंग के इस कार्ड में ऊपर लिखा है- जय भीम, जय भारत. कार्ड के अंदर बौद्ध धर्म का मंत्र लिखा है- बुद्धं शरणं गच्छामि.

इलाके में चर्चा का विषय

फिर आगे लिखा है- नमो बुद्धाय, जय भीम. अप्प दीपो भव: नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स. इसका मतलब होता है- अपना दीपक स्वयं बनो या अपना मार्ग स्वयं प्रकाशित करो. महेंद्र कुमार की बेटी अर्चना की शादी मुरादाबाद निवासी गौरव कुमार के साथ 25 नवंबर को होनी है. लेकिन यह अनोखा कार्ड इन दिनों इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

साइमा बानो की शादी का कार्ड

इससे कुछ दिन पहले एक मुस्लिम परिवार की शादी का कार्ड भी इसी तरह वायरल हुआ था. शब्बीर उर्फ टाइगर ने अपनी बेटी साइमा बानो की शादी का कार्ड हिंदू परंपरा के मुताबिक बनवाया था. जिसने भी उस कार्ड को देखा तारीफ करते नहीं थका. शादी के इस कार्ड को परिवार ने हिंदू दोस्तों के लिए बनवाया था. 8 नवंबर को साइमा का निकाह हुआ. तब उसकी शादी में 500 से भी ज्यादा हिंदू परिवारों ने शिरकत की थी और दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया था.

आंध्र प्रदेश में स्कूल जा रही एक छात्रा के बैग से निकला सांप,छात्रा होशियारी से टला बड़ा हादसा


आंध्र प्रदेश के एलुरु में स्कूल जा रही एक छात्रा के बैग में सांप निकलने से हड़कंप मच गया. लड़की बैग लेकर स्कूल जा ही रही थी कि अचानक उसके बैग में हलचल होने लगी. छात्रा ने घबराकर बैग को वहीं फेंक दिया. जब उसके साथ चल रहे बाकी छात्रों ने बैग को टटोलकर देखा तो उसके अंदर सांप था. सांप को देखकर बच्चे जोर से चिल्लाए और बैग को वहीं छोड़कर भाग गए. फिर थोड़ी देर बाद आसपास के लोगों ने सांप को देखा तो उसे लाठी-डंडों से मार डाला.

मामला एलुरु जिले के मुदिनेपल्ली मंडल के वड़ापल्ली का है. यहां वरलक्ष्मी कोथापल्ली नाम की लड़की एक प्राइवेट स्कूल में 8वीं क्लास में पढ़ती है. हमेशा की तरह शनिवार, 16 नवंबर को भी वह अपना स्कूल बैग अपने कंधे पर डालकर अपने साथी छात्रों के साथ स्कूल जा रही थी. स्कूल जाते समय अलीकिदी वरलक्ष्मी को महसूस हुआ कि उसके बैग में कुछ हिल रहा है. साथी छात्रों ने उससे कहा कि बैग में क्या है

गांव वालों ने सांप को मार डाला

इसके बाद वरलक्ष्मी ने तुरंत कंधे से बैग नीचे किया और उसे दोस्तों के बैग खोलकर देखकर. ऐसे में बैग से एक सांप भिनभिनाता हुआ बाहर आ गया. अचानक सभी छात्र घबरा गए और बैग को वहीं छोड़कर भाग गए. आस-पास के लोगों की नजर पड़ी तो वहां पहुंच गए और बैग से निकले सांप को लाठी-डंडों से मार डाला. इस तरह वक्त रहते छात्रा ने बैग चेक कर लिया और कोई बड़ा हादसा होने से बच गया.

पहले निकला था कोबरा सांप

हाल में मध्य-प्रदेश के बैतूल से भी ऐसे ही घटना सामने आई थी, जहां एक स्कूल के छात्र के बैग से खतरनाक कोबरा सांप निकाल था. छात्र स्कूल बैग के अंदर किताब निकालने के लिए जैसे ही हाथ डालने वाला था, तभी उसकी नजर सांप पर पड़ गई. इसके बाद उस पांच फीट लंबे कोबरा सांप का रेस्क्यू किया गया और जंगल में छोड़ दिया गया.

कर्नाटक में तीन लड़कियों की स्विमिंग पूल में डूबने से मौत, रिसॉर्ट सील

मंगलुरु में एक प्राइवेट रिसॉर्ट के स्विमिंग पूल में डूबने से तीन लड़कियों की मौत हो गई. ये घटना मंगलुरु के बाहरी इलाके में उचिला बीच के पास एक प्राइवेट रिसॉर्ट में हुई. तीनों लड़कियों की पहचान 21 साल की निशिता एमडी, 20 साल की पार्वती और 21 साल की कीर्तना एन के रूप में की गई है और उनके घरवालों को मामले की जानकारी दे दी गई है. तीनों लड़कियां मैसूर की बताई जा रही हैं.

मृतका निशिता, पार्वती और कीर्तना 16 नवंबर को रिसॉर्ट पर पहुंची थीं, जहां उन्होंने एक रूम लिया. तीनों में से निशिता स्विमिंग पूल में गई लेकिन उसे तैरना नहीं आता था. पूल में उतरने के बाद निशिता असहज नजर आई, तो पार्वती उसे देखने के लिए खुद भी पूल में उतर गई. निशिता को बचाने पूल में उतरी पार्वती भी डूब गई. दोनों को देखकर उनकी तीसरी दोस्त कीर्तना भी स्विमिंग पूल में गई लेकिन उसकी कोशिश भी नाकाम रही और तीनों की डूबकर मौत हो गई.

तीन लड़कियों की मौत

इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी, तो उल्लाल पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की. मंगलुरु पुलिस कमिश्नर अनुपम अग्रवाल ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि रविवार सुबह दस बजे तीनों लड़कियां स्विमिंग पूल में उतरी थीं. एक युवती जो तैरना नहीं जानती थी. वह गहराई में चली गई और फंस गई. बाकी दो युवतियां उसे बचाने के लिए स्विमिंग पूल में गई थीं और वह भी डूब गईं.

प्राइवेट रिसॉर्ट सील

उन्होंने आगे बताया कि तीनों लड़कियां मैसूर की रहने वाली हैं और इंजीनियरिंग लास्ट ईयर की स्टूडेंट्स हैं. रिसॉर्ट में कोई लाइफ गार्ड नहीं था. गहराई के बारे में किसी तरह की जानकारी इंफॉर्मेशन बोर्ड पर नहीं दी गई है. पुलिस ने कहा कि इसकी भी जांच की जा रही है. इस हादसे के बाद रिसॉर्ट के मालिक मनोहर समेत दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है. जांच पूरी होने तक हम इसे सील रखा जाएगा. उन्होंने साफ तौर पर ये बात कही कि रिसॉर्ट में कमियों के चलते इसको सील किया गया.

फोन हैक होने के 5 संकेत: कैसे पता करें की आपका स्मार्टफोन हैक हो गया है या नहीं

फोन हैक होने के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा. साइबर हैकर्स आपके फोन में घुसकर आपकी प्राइवेट जानकारी चुरा सकते हैं, आपके बैंक अकाउंट तक पहुंच सकते हैं, और यहां तक कि आपके फोन का इस्तेमाल आपकी जासूसी करने के लिए भी कर सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि महज एक छोटी सी ‘बत्ती’ के जलने से आपको पता चल जाएगा कि फोन हैक हो गया है? आइए ऐसे ही तरीकों के बारे में बात करते हैं.

आप स्मार्टफोन चलाते हैं, लेकिन आपको कैसे पता चलेगा कि आपका स्मार्टफोन हैक हो गया है या नहीं? ये पता लगाने के कुछ आसान तरीके हैं. इन तरीकों से आप अपने फोन की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को चेक कर सकते हैं.

फोन हैक होने के 5 संकेत

यहां 5 ऐसे संकेत हैं जो बता सकते हैं कि आपका फोन हैक हो गया है-

1 अजीब एड और पॉप अप: अगर आपके फोन पर अचानक से अजीब-अजीब एडवर्टाइजमेंट आने लगें, खासकर जब आप इंटरनेट ब्राउज कर रहे हों, तो सावधान हो जाएं. ये एक संकेत हो सकता है कि आपका फोन हैक हो गया है.

2,डेटा यूसेज का अचानक बढ़ना: अगर आपने फोन का इस्तेमाल पहले जैसा ही किया है, लेकिन अचानक से आपका डेटा का खर्च बहुत ज्यादा बढ़ गया है, तो हो सकता है कि आपका फोन हैक हो गया हो.

3 अचानक नए ऐप्स का दिखना: अगर आपके फोन में अचानक से ऐसे ऐप्स आ गए हैं जो आपने खुद डाउनलोड नहीं किए हैं, तो ये भी एक खतरे का संकेत हो सकता है. ये ऐप्स आपके फोन में मैलवेयर डाल सकते हैं, जिससे हैकर आपकी जानकारी चुरा सकते हैं.

4 बैटरी का तेजी से खत्म होना: आप फोन का इस्तेमाल पहले की तरह ही कर रहे हैं, लेकिन बैटरी तुरंत खत्म हो रही है. अगर आपके साथ इस तरह का मामला आता है, तो समझ जाएं कि हो सकता है आपका फोन हैक हो गया हो.

5,कैमरा की बत्ती जलना: यही वो संकेत है, जिसके बारे में हमने शुरू में जिक्र किया. जब आप अपने फोन का कैमरा इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उसकी कैमरा की ‘बत्ती’ (इंडिकेटर लाइट) जल रही है, तो यह एक बहुत बड़ा संकेत है कि आपका फोन हैक हो गया है.

ऐसा हो सकता है कि किसी हैकर ने आपके फोन में स्पाइवेयर डाल दिया हो, जिससे वो आपके फोन के कैमरे का इस्तेमाल करके आपकी जासूसी कर रहा हो.

फोन हैक हो जाए तो क्या करें?

अगर आपको लगता है कि आपका फोन हैक हो गया है, तो तुरंत उसका पासवर्ड चेंज कर दें. इसके अलावा जितने भी अजीब और अनजान ऐप्स आपको नजर आ रहे हैं, उन्हें अनइंस्टॉल कर दें. इसके बाद फोन को फैक्टरी रीसेट जरूर करें.

छत्तीसगढ़ के धमतरी में नई परंपरा शुरू: दुल्हन को मुंह दिखाई में फलदार पौधा देने की अनोखी पहल

छत्तीसगढ़ के धमतरी का एक ऐसा गांव है, जहां नई नवेली दुल्हन को मुंह दिखाई में फलदार पौधा देने की परंपरा शुरू की गई है. इसी प्रकार इस गांव से विदा होने वाली बेटी को भी दहेज में पौधा दिया दिया जाएगा.

गांव वालों ने करीब चार महीने पहले पंचायत में यह फैसला लिया था. उसके बाद शनिवार को गांव में हुई पहली शादी के बाद पंचायत में दूल्हे और दुल्हन को बुलाकर सम्मानित करते हुए उन्हें आंवले का पौधा देकर इस परंपरा को विधिवत शुरू किया गया. यह गांव कोई और नहीं, बल्कि धमतरी से सटा हुआ परसतराई है.

वैश्विक कल्याण के कामों से यह गांव पहले भी सुर्खियों में रहा है. इस गांव के लोगों के फैसले से केवल धमतरी ही नहीं, पूरा छत्तीसगढ़ राज्य गर्व कर रहा है. गांव के सरपंच परमानंद आडिल के मुताबिक विश्व पर्यावरण दिवस पर 5 जून 2024 को गांव की पंचायत हुई थी. इसमें तय किया गया था कि अब से गांव में शादी के बाद किसी बेटी की विदाई होगी तो बेटी और दामाद को पूरे गांव की ओर से दहेज में फलदार पौधा दिया जाएगा. इसी प्रकार गांव में कोई नई नवेली बहू आएगी तो उसे भी पंचायत में बुलाकर पूरे मान सम्मान के साथ मुंह दिखाई में फलदार पौधा दिया जाएगा.

फैसले के बाद गांव में हुई पहली शादी

उन्होंने बताया कि इस फैसले के बाद पहली शादी इस गांव में रहने वाले भूपेंद्र श्रीवास का पेंडरवानी गांव की रहने वाली वासिनी श्रीवास के साथ हुआ है. बारात लौटने के बाद अपने फैसले के तहत पंचायत बुलाई गई और इसमें बेटे भूपेंद्र और बहू वासिनी को बुलाकर सम्मानित किया करते हुए मुंह दिखाई दी गई.उन्होंने बताया कि सर्व सम्मति से इस परंपरा की शुरुआत की गई है. इसके लिए राज्य भर से बधाइयां आ रही हैं. उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उनके गांव की यह पहल मील का पत्थर साबित होगी.

देश भर में हो रही सराहना

उधर, इस नयाब उपहार को पाने के बाद वासिनी और भूपेंद्र ने पंचायत का आभार प्रकट किया. पंचायत को भरोसा दिया कि वह इस पौधे को आंगन में लगाएंगे और इसकी रखरखाव में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. बता दें कि देश भर में जंगल तेजी से खत्म हो रहे हैं. ऐसे हालात में प्रदूषण की समस्या विकराल होती जा रही है. इससे निपटने के लिए केंद्र और सभी राज्य सरकारें अपनी ओर खूब प्रयास भी कर रही हैं, लेकिन आम आदमी की रूचि कम होने की वजह से यह प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो रहे हैं. ऐसे हालात में इस गांव और यहां के लोगों के प्रयास की देश भर में खूब सराहना हो रही है.