गुरुनानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को सीएम और राज्यपाल ने दी बधाई और शुभकामना*

गुरुनानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर प्रदेश एवं देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि गुरुनानक जी के व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म संस्थापक, समाज सुधारक, कवि, देशभक्त एवं विश्वबंधु के गुण मिलते हैं। उन्होंने शांति, दया एवं मानवता का पवित्र संदेश देने के लिए चारों दिशाओं में बड़े पैमाने पर यात्राएं की थीं। सीएम ने कहा कि गुरुनानक देव ने इक ओंकार का नारा दिया था यानि ईश्वर एक है। गुरुनानक देव कहा करते थे कि किसी भी तरह के लोभ को त्याग कर न्यायोचित तरीकों से धन अर्जित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कार्तिक पूर्णिमा पर भी बिहारवासियों और देशवासियों को अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि भारतीय संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने आगे कहा कि गुरुनानक देव एक महान संत और आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की। उनका जीवन और उनकी शिक्षा हमें अपने जीवन में सेवा, सत्य, समानता और भाईचारे की भावना को अपनाने की प्रेरणा देते हैं।
बिहार के भूमिहीनों के लिए खुशखबरी, जमीन खरीदने के लिए सरकार देगी इतने रुपये*

डेस्क : बिहार के भूमिहीन लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। उनके पास भी अब अपनी जमीन हो सकती है। जमीन खरीदने के लिए राज्य सरकार उन्हें एक-एक लाख रुपए देगी। बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गयी। राज्य मंत्रिपरिषद ने भूमिहीनों को जमीन खरीदने के लिए मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना, 2024 को मंजूरी दी। इसके तहत राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीनों को जमीन खरीद के लिए एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगी। इस राशि से वे न्यूनतम तीन डिसमिल जमीन खरीद सकेंगे। वर्तमान में सरकार वासभूमि विहीन परिवारों को पांच डिसमिल सरकारी भूमि उपलब्ध कराती है। दरअसल, पिछले दिनों समीक्षा के क्रम में यह देखा गया कि वर्तमान नीति के तहत एमवीआर दर पर संबंधित भू-धारियों से रैयती भूमि खरीदने में कठिनाई आ रही है, क्योंकि भूधारियों द्वारा एमवीआर दर पर भूमि देने में असमर्थता प्रकट की जाती है। फलस्वरूप विभाग द्वारा आवंटित राशि का जिलों द्वारा समुचित व्यय नहीं होता है। ऐसे में अब सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति को न्यूनतम तीन डिसमिल जमीन खरीदने के लिए एकमुश्त एक लाख रुपए दिये जाएंगे।
बिहार के शिक्षा विभाग को मिले दो ईमानदार अधिकारी : एक का हुआ भारी विरोध, तो एक के काम करने के तरीके से सभी खुश और शिक्षा व्यवस्था में हो रहा

डेस्क : बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने इस विभाग की कमान प्रदेश के कड़क और ईमानदार अधिकारियों के हाथ में दिए। पहले उन्होंने अपनी ईमानदार छवि के लिए जाने जानेवाले आईएएस अधिकारी केके पाठक को इस विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया। हालांकि केके पाठक कई ऐसे फैसले रहे जिसका जमकर विरोध हुआ और अंतत: उन्हे विभाग से हटा दिया और उनके बदले एक और ईमानदार आईएएस अधिकारी एस. सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग की कमान सौंपी। अब बिहार के शिक्षा क्षेत्र को बदलने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। जिसके बाद से बिहार की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है और इनका कोई विरोध भी नही हो रहा है। आइए आपको बताते है कि इसकी वजह क्या है।

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस. सिद्धार्थ केके पाठक से भी 10 कदम आगे बढ़कर काम कर रहे हैं। वह बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने में जुट गए हैं। लेकिन पाठक और सिद्धार्थ के काम करने के तरीके में बड़ा फर्क है।

दरअसल ACS एस सिद्धार्थ अपनी सादगी के लिए पूरे बिहार में जाने जाते है। वहीं इनके काम करने का अपना तरीका है। ये केके पाठक से उलट किसी भी बड़े फैसले को कड़क अंदाज में लागू नहीं कराते है। न ही ये किसी भी अधिनस्थ अधिकारी या कर्मचारी के साथ बेरुखी से पेश आते है। ये किसी भी स्कूल का निरीक्षण करने जाते है तो बिना किसी लाव-लश्कर के। वहीं वे शिक्षकों के साथ पूरी इज्जत के साथ पेश आते है और उनकी कमियों को भी बड़े ही नम्रतापूर्वक अंदाज में उन्हे बताते है। जिससे सामने वाला खुद ही अपने आपको शर्मिंदा महसूस करता है और आगे से वह उस गलती को नहीं दोहराना चाहता है। शायद यही वजह है कि इनदिनों बिहार के स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ सरकारी योजनाओं जैसे कि मिड-डे-मिल आदि में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।

अब उन्होंने सरकारी स्कूल के बच्चों को शुरु से ही तकनीकी ज्ञान देने को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। राज्य के सरकारी स्कूलों में चौथी और पांचवीं के बच्चों को भी कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू की है। इसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने खुद दी है। बीते दिनों ‘शिक्षा की बात’ के एपिसोड-2 में शिक्षकों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि अभी 6 से 8 तक के लिए सरकार ने एक किताब प्रकाशित की है। इसे आगे और विस्तारित किया जाएगा। हालांकि, यह व्यवस्था सिलसिलेवार तरीके से नीचे के वर्गों में प्रयुक्त होगा। पहले वर्ग 4 और 5 के बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा मिलेगी। फिर आगे इसे और विस्तारित करेंगे।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मीड डे मील योजना को लेकर विभाग पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। प्रयोग सफल रहा तो चरणबद्ध तरीके से मीड डे मील योजना से प्रधानाध्यापक पूरी तरह हट जाएंगे। हमने इसको लेकर अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन किया है। वहां प्रधानाध्यापक यह कार्य नहीं करते हैं। हमने 10 जिलों में दो-दो पंचायतों में यह प्रयोग शुरू किया है। परिणाम सफल रहा तो सभी विद्यालयों से प्रधानाध्यापकों को इस कार्य से मुक्त किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि स्कूली बच्चों के शैक्षिक किट में अगले साल से दो अतिरिक्त कॉपियां होंगी। स्कूल निरीक्षण के क्रम में उन्होंने देखा है कि अभी बच्चे एक ही कॉपी में कई विषयों का काम कर रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से भी बच्चों को कॉपी देने की अपील की और कहा कि छात्रवृत्ति की राशि को शैक्षिक कार्यों में खर्च करें। एक अन्य सवाल के जवाब में डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि प्रधानाध्यापक संगीत शिक्षा को अनिवार्य करने की पहल करें। मुख्यालय बेवजह हस्तक्षेप नहीं करना चाहता।

उन्होंने शिक्षकों से बगैर किसी भेदभाव के शैक्षिक कार्यों में जुटने की अपील की और कहा कि सरकारी स्तर पर उनके बीच कोई भेदभाव नहीं है। लिहाजा, कागजी भेदभाव से दूर रहकर सिर्फ शैक्षिक कार्य करें।

प्रदेश के अन्य जिलो के साथ राजधानी पटना मे बढ़े अपराध को लेकर सरकार हुई सजग, लिया यह बड़ा फैसला

डेस्क : पिछले कुछ दिनों से बिहार में अपराध के मामले में काफी इजाफा हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि राजधानी पटना में ही अपराधियों के हौसले काफी बुलंद हो गए है। हत्या और लूट जैसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे है। बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष हमलावर है और सरकार की खूब फजीहत हुई है। अब अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रदेश की नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राजधानी पटना में पुलिस अधिकारियों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है।

नीतीश सरकार ने पटना शहरी क्षेत्र में अंतर्गत शहरी विधि- व्यवस्था के सुदृढ़ करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक के 03 पद, पुलिस निरीक्षक के 03 पद, पुलिस अवर निरीक्षक के 09 पद, सहायक पुलिस अवर निरीक्षक के 18 और सिपाही के 120 पदों सहित पुलिसकर्मियों के कुल 153 पदों के सृजन को स्वीकृति दे दी है।

गौरतलब है कि पूरे बिहार में अपराध चरम पर पहुंच गया है। राज्य के अन्य जिलों की बात तो छोड़िए सरकार की नाक के नीचे पटना में हर दिन हत्या, लूट और ब्लात्कार के साथ साथ अन्य संगीन अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं। क्राइम के बढ़ते ग्राफ को लेकर विपक्ष हमलावर बना हुआ है।

अपराध की घटनाओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार क्राइम बुलेटिन जारी कर सरकार को घेरने के कोशिश कर रहे हैं। हर दिन सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी सरकार पर अपराध को लेकर हमला बोलते रहे हैं। राजधानी पटना में बढ़ते अपराध को लेकर हो रही फजीहत के बाद सरकार ने यह बड़ा फैसला ले लिया है।

सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, इतने लाख अभ्यर्थी हुए पास

डेस्क : बिहार केन्द्रीय चयन पर्षद ने सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। परीक्षा में इस बार 1 लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी पास हुए हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा 7, 11, 18, 21, 25 और 28 अगस्त, 2024 को सीएसबीसी के द्वारा आयोजित की गई थी। परीक्षा का आयोजन बिहार पुलिस कांस्टेबल के 21 हजार 391 रिक्त पदों को भरने के लिए किया गया था। परीक्षा के लिए 17 लाख 87 हजार 720 उम्मीदवारों ने आवेदन दिया था। जबिक परीक्षा में 12 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिनमें से 1 लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी पास हुए हैं।

जानकारी अनुसार केन्द्रीय चयन पर्षद ने अपनी वेबसाइट को बदल दिया गया है। इसे लेकर आयोग की ओर से नोटिस जारी कर सूचित किया था। आयोग ने नोटिस जारी करते हुए लिखा था कि पहले ये वेबसाइट https://csbc.bih.nic.in जारी होता था, लेकिन अब इसे बदलकर https://csbc.bihar.gov.in कर दिया गया है। आयोग से जुड़ी सभी सूचनाओं और भर्ती को लेकर के विज्ञापन अब इसी वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।

बता दें बिहार में आज 38 जिलों में 545 सेंटर्स पर पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा ली गई थी। सिपाही भर्ती परीक्षा 1 अक्टूबर 2023 को हुआ था। इसका पेपर लीक हुआ था। इसके बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद दूबारा 7 से 28 अगस्त कर परीक्षा का आयोजन किया गया था।

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, इन 38 महत्वपूर्ण एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : आज गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में तमाम विभागों के मंत्री मौजूद रहे। वहीं बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 38 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी।

बिहार सरकार ने राज्यकर्मियों के डीए में 3 फीसदी का इजाफा करने का फैसला लिया है। नीतीश कैबिनेट ने सरकार के इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। सातवें वेतनमान वाले कर्मियों का एक जुलाई 2024 से बढ़े हुए डीए का लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही साथ सरकार ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन मीडिया के लिए नई नियमावली को स्वीकृति देने के साथ ही विभिन्न विभागों से जुड़े 38 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दे दी है।

कैबिनेट ने बिहार स्वास्थ्य सेवा के अंतर्गत बिहार दंत चिकित्सा सेवा के नियमावली को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री गृह सहायता 2024 को भी स्वीकृति दी गई है। उद्योग विभाग के तीन एजेंडा को मंजूरी मिली है। ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत ग्रामीण सड़क प्रबंधन कार्यक्रम को लागू करने को मंजूरी दी गई है।

नीतीश कैबिनेट ने अतिक्रमण हटाने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। पटना के शहरी क्षेत्र के अंतर्गत शहरी व्यवस्था को लेकर पटना डीएम के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने को लेकर एक अलग टीम के गठन को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। बिहार सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत सल्य कक्षा सहायक के नियमावली को मंजूरी दे दी है।

पटना शहरी क्षेत्र में अंतर्गत शहरी व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए पुलिस उपाधीक्षक के 03 पद, पुलिस निरीक्षक के 03 पद, पुलिस अवर निरीक्षक के 09 पद, सहायक पुलिस अवर निरीक्षक के 18 एवं सिपाही के 120 पदों सहित कुल 153 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही शौर्य पुरस्कार विजेताओं एवं मरणोपरांत उनके निकटतम आश्रितों को दी जा रही नगद पुरस्कार की राशि में बढ़ोतरी की स्वीकृति सरकार ने दी है।

वहीं सरकार ने बिहार नगर पालिका संशोधन अधिनियम के तहत 210 अतिरिक्त पदों को मंजूरी दे है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत राज्य सरकार के द्वारा दिए जाने वाली राशि को घटा दिया गया है। सीतामढ़ी के पुनौराधाम में पर्यटन विभाग के अंतर्गत 50 पॉइंट 50 एकड़ भूमि की अधिकरण को मंजूरी दी गई है।

राजद विधायक के भाई के घर पर पुलिस ने चिपकाया इश्तेहार, जानिए क्या है पूरा मामला

डेस्क : राजद के दानापुर से विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव के खगौल थानांतर्गत कोथवां स्थित घर में पुलिस ने इश्तेहार चस्पा किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई पटना एम्स के सुरक्षा अधिकारी पर दिनदहाड़े फायरिंग करने के मामले को लेकर की है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज गुरुवार को पुलिस पिंकू के घर की कुर्की-जब्ती के लिये कोर्ट में आवेदन देगी। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक पिंकू की जमानत याचिका भी कोर्ट से खारिज हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर पिंकू की गिरफ्तारी को लेकर एक विशेष टीम अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई कर रही है। पुलिस का दावा है कि एम्स के सुरक्षा अधिकारी पर हुई फायरिंग के मामले में पुलिस के पास पिंकू के खिलाफ अहम साक्ष्य हैं। उसकी एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पुलिस को मिली है।

बताते चले कि कुछ माह पूर्व एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी अपने घर से दफ्तर के लिये निकले थे। इसी बीच खगौल थाना क्षेत्र के फ्लाईओवर पर उनकी गाड़ी के उपर फायरिंग कर बाइक सवार अपराधी भाग निकले। इस मामले में खगौल पुलिस ने दो अपराधियों को गिरफ्तार भी किया था। जबकि पिंकू घटना के बाद से ही पटना छोड़कर भाग निकला।

दरभंगा में पीएम मोदी और सीएम नीतीश की देखने को मिली गजब की बांडिंग, दोनो ने एक-दूसरे को जमकर सराहा

डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार को एकबार फिर बिहार दौरे पर आए। इस दौरान उन्होंने दरभंगा में प्रस्तावित सूबे के दूसरे एम्स की आधारशिला रखी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सूबे के लिए सड़क, रेल व गैस से जुड़ी 12 हजार करोड़ से अधिक की 25 योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। वहीं इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी और सीएम नीतीश की गजब की बांडिंग देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन मॉडल की जमकर सराहना की। वहीं सीएम नीतीश ने पीएम मोदी के काम और बिहार के विकास के लिए उनके द्वारा किए जा रहे सहयोग का जमकर बखान किया।

दरभंगा के शोभन में एम्स की आधारशिला रखने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश बाबू के नेतृत्व में बिहार ने सुशासन का जो मॉडल विकसित करके दिखाया वो अद्भुत है। बिहार को जंगल राज से मुक्ति दिलाने में उनकी भूमिका की जितनी सराहना की जाए वह कम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए की डबल इंजन की सरकार बिहार में विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार का तेज विकास, यहां का बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां के छोटे किसानों, छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देने से ही संभव होने वाला है। एनडीए सरकार इसी रोड मैप पर काम कर रही हैं। आज बिहार की पहचान यहां बनने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर, एयरपोर्ट, एक्सप्रेस-वे से मजबूत हो रही है। दरभंगा में उड़ान योजना के तहत एयरपोर्ट शुरू हुआ है, जिससे दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों तक सीधी उड़ान की सुविधा मिलने लगी है। बहुत जल्द यहां से रांची के लिए भी उड़ान शुरू हो जाएगी। साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले आमस दरभंगा एक्सप्रेस वे पर भी काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोसी और मिथिला को बाढ़ से जो परेशानी होती है उसको दूर करने के लिए भी हम ईमानदारी से काम कर रहे हैं। इस वर्ष के बजट में हमने बिहार की बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए एक विस्तृत योजना घोषित की है। मुझे विश्वास है नेपाल के साथ मिलकर हम इस समस्या को हल कर पायेंगे। इससे जुड़े 11 हजार करोड़ से अधिक की परियोजना पर सरकार काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र में मेरी सरकार और बिहार में नीतीश कुमार की सरकार मिलकर बिहार के हर सपने को पूरा करने के लिए काम कर रही है। हमारी विकास और जन कल्याण योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ बिहार के लोगों को मिले, यही हमारा प्रयास है।

वहीं सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की जमकर सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में ही बिहार को दूसरा एम्स देने का फैसला किया था। आज प्रधानमंत्री द्वारा दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया जा रहा है, यह हम सबके लिये महत्वपूर्ण अवसर है। एम्स बन जाने से लोगों को काफी अच्छी चिकित्सा सेवा उपलब्ध होगी और इलाज कराने में काफी सहूलियत होगी। एम्स बन जाने से दरभंगा शहर का बहुत विस्तार होगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक है। आज दूसरे एम्स निर्माण की शुरूआत हो रही है। हमारे प्रधानमंत्री बिहार आए हैं। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि आप सभी लोग हाथ उठाओ और अपने प्रधानमंत्री का अभिनंदन-नमन करो। नीतीश कुमार ने खुद दोनों हाथ उठाया, इसके बाद जनसमूह से भी ऐसा ही करने को कहा।

बिहार विस उपचुनाव को लेकर राजद का बड़ा दावा, चारो सीटों पर इंडिया गठबंधन की होगी जीत*

डेस्क : बीते बुधवार 13 नवंबर को बिहार विधान सभा के चार सीटों पर उपचुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। वहीं सभी प्रत्याशियों के भाग्य के फैसले ईवीएम में बंद हो गए। हालांकि चुनाव का परिणाम 23 नवंबर को सामने आएगा। लेकिन उससे पहले बिहार के राजनीतिक दलों द्वारा अपनी-अपनी जीत का दावा किया जा रहा है। बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद ने बिहार के चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित होने का दावा किया है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने दावा किया कि चारों विधानसभा सीटों पर मतदाताओं का जबरदस्त समर्थन इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को मिला है। उन्होंने इसके लिए मतदाताओं के प्रति आभार भी जताया। मतदान शुरू होने के साथ ही राजद में उपचुनाव को लेकर बनाए गए वार रूम में गहमागहमी बनी रही। चारों विधानसभा क्षेत्रों से बूथ वार फीडबैक लिया जाता रहा और मतदान के प्रतिशत पर भी नजर रखी गयी। श्री गगन ने कहा कि बूथों से मिले फीडबैक के अनुसार इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों से काफी मतों के अंतर से चुनाव जीतने जा रहे हैं।
बिहार विस उपचुनाव : चार विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न, जानिए कहा कितने प्रतिशत हुई वोटिंग

डेस्क : राज्य की चार विधानसभा सीटों तरारी (भोजपुर), रामगढ़ (कैमूर) और गया जिले की इमामगंज एवं बेलागंज में उपचुनाव को लेकर आज बुधवार को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया। इसके साथ ही सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया। परिणाम 23 नवंबर को आएगा।

चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कुल 52.84% मतदान हुआ है। तरारी में 50.10%, रामगढ़ में 54.02%, इमामगंज में 51.01% और बेलागंज में 56.21% वोटिंग हुई।

बता दें इन सीटों पर उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग तथा पुलिस महकमे ने मुकम्मल तैयारी की है। दस हजार से अधिक सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। इसमें साढ़े 7 हजार से अधिक बिहार पुलिस और 2 हजार से अधिक होमगार्ड के जवान शामिल हैं। हालांकि इन सभी सीटों पर इस बार केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई है। तरारी, बेलागंज, इमामगंज एवं रामगढ़ के 12 लाख 2063 मतदाता 38 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।

इस उपचुनाव को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधन एनडीए और इंडिया के नेताओं ने जमकर प्रचार किये हैं। चुनाव में दलों और गठबंधनों के साथ चार वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। इमामगंज में केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू, जबकि बेलागंज में सांसद सुरेन्द्र यादव, तरारी में पूर्व विधायक सुनील पांडेय तथा रामगढ़ में प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र चुनाव लड़ रहे हैं।