कन्नौज नवाब सिंह रेपकांड में आया नया अपडेट, सह अभियुक्ता पूजा तोमर की जमानत हुई खारिज
पंकज कुमार श्रीवास्तव
यूपी के कन्नौज जिले में नवाब सिंह यादव रेप कांड में एक फिर नया अपडेट आने से मामला चर्चा का विषय बन गया है। लगातार लोग इस मामले पर निगाह बनाये हुए है क्यों कि यह मामला हाईप्रोफाइल सपा सुप्रीमों के खास कहे जाने वाले कन्नौज में समाजवादी पार्टी में अपनी खास पहचान रखने वाले पूर्व सपा नेता नवाब सिंह यादव से जुड़ा हुआ है। नवाब सिंह यादव एक नावालिग किशोरी से दुष्कर्म मामले में इन दिनों जेल में बन्द है। नवाब सिंह यादव के साथ उनके छोटे भाई नीलू यादव और सहअभियुक्ता पीड़िता की बुआ पूजा तोमर भी जेल में बंद है, इस मामले में पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट की कार्यवाही करते हुए तीनों पर गैंगेस्टर भी लगाया है, जिसके दौरान सह अभियुक्ता पूजा तोमर के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी, परन्तु न्यायालय ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है। जिससे एक बार फिर से पूजा तोमर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। गैगेंस्टर की कार्यवाही के बाद अब इन लोगों की सम्पत्ति की जांच पर भी कार्यवाही की जा सकती है, जिसको लेकर सरगर्मियां तेजी पर है।
आपको बताते चलें कि चर्चित नवाब सिंह दुष्कर्म कांड की आरोपी बुआ की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस मामले की सह अभियुक्त पीड़िता की बुआ पूजा तोमर के अधिवक्ता ने गैंगस्टर की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए जमानत प्रार्थनापत्र कोर्ट में दाखिल किया था। जिसके बाद इस मामले में कोर्ट में सुनवाई की गयी लेकिन सह अभियुक्त पूजा तोमर के खिलाफ पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, जिसको आधार मानकर उसकी जमानत याचिका निरस्त कर दी गई है। वह अब जेल में ही रहेगी। उस पर पॉक्सो में ट्रायल भी शुरू हो चुका है।
गैंगेस्टर एक्ट के शासकीय अधिवक्ता सुधीर पाण्डेय ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि नवाब सिंह प्रकरण में रेपकेस में पूजा तोमर सह अभियुक्त है उसके आधार पर इनके विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट की कार्यवाही की गई उसमें गैंगस्टर एक्ट में पूजा तोमर की जमानत प्रार्थनापत्र उनके अधिवक्ता द्वारा डाला गया जिसमें जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई हुई। सुनवाई होने के बाद विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट नंद कुमार जी द्वारा दोनों पक्षों की वृहद बहस सुनने के बाद पूजा तोमर का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया। जमानत खारिज होने के बाद अब विवेचना होगी, विवेचना में जो भी आएगा उसके बाद न्यायालय फिर फैसला करेगा।
Nov 14 2024, 17:59