छात्राओं को सड़क सुरक्षा के प्रति किया जागरूक

लखनऊ । आर ए यस कॉलेज लखनऊ के छात्राओं को स्किल डेवलपमेन्ट इण्डिया स्कीम के तहत यातायात प्रशिक्षण पार्क लगभग 50 छात्राओं को सडक सुरक्षा जागरूकता के बारे मे बता कर जागरूक किया गया एवं रोड साइन, रोड मार्किंग और सिग्नल के बारे में बताया गया।



शिक्षकों व विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के लिएदिलाई गई शपथ

लखनऊ । जनसामान्य को यातायात के नियमों एवं सुरक्षा मानकों के प्रति जागरूकता एवं सुरक्षित परिवहन को प्रोत्साहित करने के उददेश्य से नवम्बर माह को सड़क सुरक्षा माह के रूप में मनाया जा रहा है जिसके अन्तर्गत बुधवार को पुलिस उपायुक्त (यातायात) के निर्देशन में अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज,लखनऊ में यातायात पुलिस लखनऊ द्वारा ‘‘सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला’’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के इन्द्रपाल सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात रहे तथा यातायात पुलिस से श्री वेंकटेश्वर सिंह, यातायात निरीक्षक गोमतीनगर हजरतगंज, टीएसआई सुमित मिश्रा ट्रैफिक पार्क से तथा प्रधानाचार्य प्रो0 बीना रॉय, अन्य अध्यापकगण, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान यातायात पुलिस द्वारा सड़क संकेतों और यातायात दिशा-निर्देशों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये ऑडियो- विडियो विजुअल के माध्यम से सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमों, यातायात चिन्हों की समझ, सीट बेल्ट तथा हेल्मेट का सही उपयोग, जेब्रा क्रासिंग, यातायात संकेतो, वाहन चलाते समय मोबाईल का प्रयोग ना करनें, गुड समेरिटन, गोल्डन ऑवर एवं यातायात उपकरणों आदि से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात द्वारा ‘‘सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा’’ का नारा देते हुये कार्यक्रम में उपस्थित समस्त शिक्षकों/विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा हेतु प्रतिबद्धता के लिए शपथ दिलाई गई।

इसके साथ ही 5-ई इंजीनियरिंग, एजुकेशन, इन्फोर्समेंट, इमरजेंसी कॉल, इन्वायरमेंट की अवधारणा के सन्दर्भ में विद्यार्थियों को बताया गया तथा समस्त छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया कि अपने परिजनों को भी बताये कि वाहन चलाते समय सीट बेल्ट तथा दोपहिया वाहन पर हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें, ओवरस्पीडिंग न करें, वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन /एयर फोन का प्रयोग न करे, नशे की हालत में वाहन न चलाये, दाएं-बाएं मोड़ते समय अपने आगे-पीछे देखते हुए इंडिकेटर का प्रयोग अवश्य करें, हाई और लो बीम का उचित प्रयोग करे।

कार्यक्रम का आयोजन प्रिंसिपल प्रोफेसर बीना राय के मार्गदर्शन में और एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों मीना वर्मा, सुश्री कविता यादव और डॉ एन सिन्हा की उपस्थिति में किया गया। कार्यक्रम को सफल रूप से क्रियान्वित करने में एन0एस0एस0 प्रेसिडेंट कशिश चौरसिया, अंजली भंडारी , सेक्रेटरी महिमा कश्यप, सहसेक्रेटरी हर्षिता जेना एवं महाविद्यालय के सभी काउंसिल स्टूडेंट्स का सहयोग रहा। कार्यक्रम में लगभग 200 शिक्षक, छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

तीन दिवसीय स्काउट/गाइड शिविर का समापन

संभल । श्री अक्रूर जी क० पा० इ० का० चन्दौसी सम्भल में स्काउट/गाइड शिविर के अन्तर्गत तीन दिवसीय स्काउट/गाइड शिविर का आयोजन दिनांक11नवंबर से13नवंबर तक किया गया । बुधवार को स्काउट/गाइड शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिला विद्यालय निरीक्षक वेदराम स्काउट/गाइड जिला कमिश्नरसंगीता भार्गव उपस्थित रही। मुख्य अतिथि द्वारा शिविर निरीक्षण के साथ-साथ छात्राओं को बहुमूल्य जानकारियां प्रदान की गईं। 

मीनू सिंह डीओसी द्वारा छात्राओं को तीन दिन तक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। शिविर का आयोजन किरन राव (नोडल शिक्षिका ) के नेतृत्व में कराया गया । शिविर में छात्राओं ने बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लिया । समापन समारोह में छात्राओं ने कैम्प फायर के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी । कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय की प्रधानाचार्य तथा सभी शिक्षिकाओं का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम के अन्त में प्रधानाचार्या अंजू गुप्ता द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।

यातायात के नियमों का पालन करने की दिलाई गई शपथ

संभल । जनसामान्य को यातायात के नियमों एवं सुरक्षा मानकों के प्रति जागरूकता एवं सुरक्षित परिवहन को प्रोत्साहित करने के उददेश्य से नवम्बर माह को सड़क सुरक्षा माह के रूप में मनाया जा रहा है । जिसके अन्तर्गत बुधवार को पुलिस उपायुक्त (यातायात), लखनऊ के निर्देशन में सेंट मैरी इण्टर कॉलेज, वास्तु खण्ड, लखनऊ में यातायात पुलिस लखनऊ द्वारा ‘‘सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा’’ विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम में यातायात पुलिस से विपिन कुमार पाण्डेय, यातायात निरीक्षक गोमतीनगर प्रभारी, टीएसआई राहुल कुमार वर्मा तथा ट्रैफिक पार्क से सुमित कुमार मिश्रा तथा प्रधानाचार्य पारूल तनेजा , अध्यापक, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान यातायात पुलिस द्वारा विजुअल के माध्यम से सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमों, यातायात चिन्हों की समझ, सीट बेल्ट तथा हेल्मेट का सही उपयोग, गुड समेरिटन, गोल्डन ऑवर एवं यातायात उपकरणों आदि से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। 

कार्यक्रम में उपस्थित समस्त शिक्षकों/विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा हेतु प्रतिबद्धता के लिए शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही यातायात पुलिस द्वारा विद्यार्थियों को बताया गया कि आप सभी अपने परिजनों को भी बताये कि वाहन चलाते समय सीट बेल्ट तथा दोपहिया वाहन पर हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें, ओवरस्पीडिंग न करें, वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन /एयर फोन का प्रयोग न करे, नशे की हालत में वाहन न चलाये, दाएं-बाएं मोड़ते समय अपने आगे-पीछे देखते हुए इंडिकेटर का प्रयोग अवश्य करें, हाई और लो बीम का उचित प्रयोग करे।

 अन्त में उपस्थित सभी को यातायात के नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई गई व यातायात जागरुकता हेतु पोस्टर/पंपलेट आदि का भी वितरण किया गया। उक्त कार्यक्रम में 528 अध्यापक, छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

शिक्षकों के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया

लखनऊ । प्रधानाचार्य अजय कुमार सिंह (डाएट लखनऊ) एवं कार्यक्रम समन्वयक सबा खान के निर्देशन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाएट), निशातगंज, लखनऊ में शिक्षकों के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 जिसमें प्रशिक्षक के रुप में ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क, लखनऊ से पंकज शर्मा ने सड़क चिन्ह, रोड मार्किंग, ट्रैफिक लाइट एवं लाईसेंस सम्बन्धी जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया एवं लेन पद्धति,की जानकारी दी तथा गोल्डेन आवर,पूर्व वाहन सवारी जांच व गुड समेरिटन कानून के प्रति जागरूक किया।

 कार्यक्रम आयोजन प्रधानाचार्य अजय कुमार सिंह ;(डाएट लखनऊ) एवं कार्यक्रम समन्वयक अदिति श्रीवास्तव मैम के द्वारा कराया गया जिसमें 58 शिक्षकों ने भाग लिया।

पुलिस लाइन निकली यातायात जागरूकता रैली को संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था ने दिखाई झंडी

लखनऊ । रिजर्व पुलिस लाइन्स में यातायात माह, नवम्बर-2024 का शुभारम्भ अमित वर्मा, संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । इस कार्यक्रम के दौरान अनिल कुमार पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय , आरएन सिंह पुलिस उपायुक्त, उत्तरी, संदीप पंकज सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, अशोक कुमार सिंह, अपर पुलिस उपायुक्त यातायात, जितेंद्र कुमार दुबे, अपर पुलिस उपायुक्त उत्तरी, अमोल मुर्कुट अपर पुलिस उपायुक्त लाइन्स तथा अन्य यातायात पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।

कई स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया

उक्त कार्यक्रम में यातायात पुलिस कर्मचारी, पिंक स्कूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी तथा एनसीसी कैडैट, शिया पीजी कॉलेज, लखनऊ, क्रिश्चयन पीजी कॉलेज, लखनऊ, लखनऊ पब्लिक कॉलेज, विनम्र खण्ड के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। उक्त कार्यक्रम का संचालन आरजे सुनील शुक्ला तथा यातायात उपनिरीक्षक विकास सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था, पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय, पुलिस उपायुक्त, उत्तरी, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, अपर पुलिस उपायुक्त यातायात द्वारा अपने वक्तव्य में यातायात जागरूकता के सम्बन्ध में उपस्थित सम्मानित गणमान्य/संभ्रांत व्यक्तियों , छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों की जानकारी दी।

वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने

उन्होंने यातायात सम्बन्धित नियमों के पालन करने के प्रति जागरूक कर नियमों को पालन करने की अपील की गयी साथ ही वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने व सीट बेल्ट लगाने की हिदायत भी दी गयी, यह भी बताया गया कि यातायात नियमों के पालन से ही वाहन दुर्घटनाओ से बचा जा सकता है। छात्र-छात्राओं को 5-ई के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये यातायात नियमों का पालन करनें तथा अपनें अभिभावकों को भी जागरूक करनें हेतु प्रेरित किया गया तथा गोल्डन ऑवर एवं गुड समेरिटन कानून के प्रति जागरूक करते हुए सड़क सुरक्षा के नियमों के पालन के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।

विभिन्न आयोजनों के माध्यम से किया जाएगा जागरूक

कार्यक्रम के दौरान , ट्रैफिक पार्क से सुमित मिश्रा, पंकज शर्मा, ट्रैफिक वार्डन से गिरिजेश राय, अंशु दीक्षित, संजय कुमार राय, ऐतेश्याम अंसारी मानवाधिकार विकास परिषद से रूप कुमार शर्मा, सिविल डिफेन्स से नफीस अहमद, रेडियो मिर्ची से आरजे प्रतीक, फीवर एफएम से आरजे वैभव मौजूद रहे। संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था, यातायात द्वारा बताया गया कि यातायात माह नवम्बर-2024 के दौरान जनपद के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों में यातायात पुलिस व स्वयं सेवी समूहों के सहयोग से नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग, निबन्ध लेखन एवं अन्य आयोजनों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जायेगा।

नियमों को पालन करने के लिए जागरूक किया जायेगा

इसके अतिरिक्त यातायात जागरूकता हेतु जनपदीय यातायात पुलिस द्वारा जनपद में भम्रण कर आमजन को यातायात के नियमों को पालन करने के लिए जागरूक किया जायेगा साथ ही यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों के विरूद्ध एमवी एक्ट में निहित प्रावधानों के तहत प्रवर्तन की कार्यवाही की जाएगी।मुख्य अतिथि संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था द्वारा रिजर्व पुलिस लाइन लखनऊ से जागरूकता रैली को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया गया । उक्त रैली रिजर्व पुलिस लाइन लखनऊ से प्रारंभ होकर 1090 चौराहा पर आकर समाप्त हुई ।

आम जनता को यातायात नियमों की जानकारी दी

रैली के माध्यम से आम जनता को यातायात नियमों की जानकारी दी गई तथा यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया गया ।जागरूकता रैली के माध्यम से आमजन को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाएगा। जिससे दुर्घटनाओं में कमी आ सके ।जागरूकता रैली में पिंक बूथ महिला पुलिस कर्मियों, यातायात पुलिसकर्मियों व एनसीसी कैंडेट्स द्वारा बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया गया । यातायात के कुछ नियमों का पालन करना ज़रूरी है, ताकि सड़क पर चलने वाले सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकसुरक्षा उपकरण पहनें

मोटर वाहन चलाते समय सीट बेल्ट पहनना ज़रूरी है। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना ज़रूरी है।

ट्रैफ़िक सिग्नल का पालन करें

रेड लाइट का उल्लंघन न करें।

गति सीमा का ध्यान रखेंः ओवर स्पीडिंग से बचें।

शराब न पीएंः शराब पीकर गाड़ी न चलाएं।

मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल न करें

गाड़ी चलाते समय फ़ोन का इस्तेमाल न करें। सड़क पर ध्यान देंः गाड़ी चलाते समय अपने आगे की सड़क पर ध्यान दे

सही से पार्क करें

मार्ग में आकस्मिक स्थिति में वाहन पार्क करने के लिए पार्किंग लाइट का इस्तेमाल करें।

अन्य वाहनों के लिए रास्ता देंः एम्बुलेंस और दूसरी आपातकालीन सेवा वाहनों को रास्ता दें।

सड़क पर चलने का तरीका

फुटपाथ पर चलें और जेब्रा क्रॉसिंग से ही सड़क पार करें। दूसरे लोगों का ध्यान रखेंः नागरिकों, बच्चों, और पैदल चलने वालों का ध्यान रखें।

कार चलाने वालों के लिए सड़क सुरक्षा नियम ये हैं

1. सीट बेल्ट पहनें

2. विचलित होने से बचें

वाहन चलाते समय विचलित होने से बचें। इसके बजाय, पूरी तरह से सड़क पर ध्यान केंद्रित करें।3. गति सीमा का ध्यान रखें

तेज गति से वाहन चलाने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है या दुर्घटना हो सकती है।4. अपनी कार का रखरखाव करें

खराब रखरखाव वाले वाहन दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। इसलिए, आपको अपनी कार का रखरखाव करना चाहिए ताकि आपकी कार दुर्घटना का कारण न बने।

बाइक के लिए सड़क सुरक्षा नियम और विनियम

1. हेलमेट पहनें

वाहन चलाते समय हमेशा आईएसआई प्रमाणित हेलमेट पहनें। टक्कर के दौरान यह आपके सिर की रक्षा करेंगे।

2. लेन के बीच न घूमें

कई ड्राइवर बाइक चलाने का आनंद लेते हैं। हालांकि, लेन के बीच घूमने से कई दुर्घटनाएं होती हैं। इसलिए इससे बचना चाहिए। लेन अनुशासन का पालन करें ।

बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा नियम क्या हैं?

यहां कुछ सड़क सुरक्षा सावधानियां दी गई हैं, जिनके बारे में बच्चों को जागरूक होंना चाहिए क्योंकि वह बड़े हो रहे हैं- बच्चों को बुनियादी सुरक्षा संकेतों और चिह्नों के बारे में पता होना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि हरे रंग का मतलब है गुजरना और लाल का मतलब है रुकना।

- साथ ही, उन्हें चलती कारों और वाहनों से अपने हाथों को बाहर नहीं निकालना सीखना चाहिए।

- उन्हें पता होना चाहिए कि सड़क कैसे पार करनी है। इसलिए, बच्चों को रुको, देखो और चलो नियम का पालन करना सिखाएं।-बच्चों को वाहनों के हॉर्न और उनकी आवाज पर ध्यान देना चाहिए। इस तरह वह मोड़ के पीछे से आने वाले वाहनों से बच सकेंगे।

भाकियू BRSS ने तहसील परिसर में किया धरना प्रदर्शन, समस्याओं के निस्तारण को लेकर गरजे कार्यकर्ता

संभल भारतीय किसान यूनियन BRSS द्वारा ए डी एम कार्यालय परिसर संभल में किसानों की समस्याओं को लेकर किसान पंचायत का आयोजन किया गया ! जिसकी अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष मिंकू चौधरी ने एवं संचालन युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने किया ।

पंचायत में बोलते हुए जिलाध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रशासनिक भ्रष्टाचार के कारण जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ! वही संगठन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि जिले की प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक शाखाओं के द्वारा क्रेडिट कार्ड पर अन्य बैंकों के मुकाबले ज्यादा ब्याज वसूला जा रहा है । किसानो की खतौनी में उनके हिस्सों को दर्ज करने में की गई कमियां दूर होनी चाहिए ! प्रदेश भर में इसके लिए गांव गांव अभियान चलाया जाए । अन्य वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जल मिशन योजना में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है , निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी जांच होनी चाहिए ! विद्युत विभाग में कोई भी काम बिना लेनदेन के नहीं होता है , आधे से ज्यादा मीटर गलत बिल निकाल कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं ! कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार संभल को सौंपा।

पंचायत में पहुंचे विभाग के अधिकारियों द्वारा कुछ समस्याओं का मौके पर निस्तारण कर दिया गया एवं अन्य समस्याओं के जल्द निस्तारण की बात कही । राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार अधाना, राष्ट्रीय सलाहकार उदयवीर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जसपाल चपराना, जिला उपाध्यक्ष मिंकू चौधरी, जिला महामंत्री अनमोल कुमार, जिला कानूनी सलाहकार एड. ललित गुर्जर, जिला अध्यक्ष अमरोहा दीपक गुर्जर, मंडल उपाध्यक्ष अरुण चौधरी, तहसील अध्यक्ष अशोक फौजी, सत्येंद्र चौधरी, छत्रपाल यादव, डॉ. धीरेंद्र त्यागी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

भारतीय किसान यूनियन ने ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान को उठाई मांग

संभल भारतीय किसान यूनियन (BRSS) द्वारा प्रदेश अध्यक्ष (संत मोर्चा) गंगानंद गिरि महाराज के नेतृत्व में किसानो की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी संभल को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी संभल वंदना मिश्रा को सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की ।

संगठन के जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने बताया कि ग्राम सिंहपुर सानी से असमोली को जाने वाली मुख्य सड़क की स्थिति जर्जर बनी हुई है जबकि यह मुख्य सड़क तीन जनपद संभल अमरोहा और मुरादाबाद की सीमाओं को जोड़ने का काम भी करती है । तत्काल संज्ञान में लेकर इस सड़क का निर्माण अति आवश्यक है । वही संगठन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि सहकारी समितियों पर नियुक्त सचिव अपनी मनमानी कर रहे हैं एवं खाद वितरण में धांधले बाजी की जा रही है । जनपद में बुखार के प्रकोप को देखते हुए अति शीघ्र गांव-गांव स्प्रे कराया जाए । गांव गांव कैंप लगाकर दवाई का वितरण किया जाना चाहिए जिससे कि रोग की रोकथाम की जा सके ।

मुख्य रूप से युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष गंगानन्द गिरी महाराज, जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी, अनमोल कुमार जिला महासचिव संभल, मुनेन्द्र सिंह जिला महामंत्री संभल, जिला कानूनी सलाहकार एड. ललित गुर्जर, छत्रपाल यादव, हेमंत कुमार, श्यामवीर यादव उपस्थित रहे ।

प्रति दिन होने वाली दुर्घटनाओं और उससे बचाव के प्रति किया जागरूक

लखनऊ । पुलिस उपायुक्त यातायात के निर्देशन में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, कुर्सी रोड, लखनऊ में प्रोफेसर, छात्रों व स्टाफ व के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रशिक्षक के रूप में ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क, लखनऊ से पंकज शर्मा ने सड़क चिन्ह, ट्रैफिक लाइट, ड्राइविंग लाइसेंस, आई टी एम एस से संबंधित जानकारी दी एवं हेल्मेट के अक्षरों से शरीर के महत्वपूर्ण अंगो की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। 

मारुति सुजुकी के रोड सेफ्टी कार्डिनेटर सैय्यद एहतेशाम ने आंकड़ों के माध्यम से प्रति दिन होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में अवगत कराया तथा बचाव की जानकारी दी। कार्यक्रम का आयोजन डीन स्टूडेंटस वेलफेयर डा0 मुनव्वर आलम खालिद सर व टीम के द्वारा कराया गया। यूनिवर्सिटी की ओर से अतिथियों को बुके व मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया। प्रतिभागियों की कुल संख्या 120 थी।

पुस्तक समीक्षा -लखनऊ एक जुदा ही अदा

निहारिका गौड़

इस क़िताब के हर पन्ने में लखनऊ की अलमस्त, बेपरवाह और बेलौस ज़िंदगी का चेहरा रौशन है। बेहतर वाक़यात मौज़ूद हैं और साथ ही मश़रिकी तहज़ीबो-तमद्दून की बानगी भी। कुल तिरपन कहानियों में पिरोये हुए तमाम किरदार और तहज़ीबयाफ्ता शीरीं जुबां। हर किस्सा ताज़गी लिए हुए, वो भी बिना किसी दोहराव के। अलग-अलग देखिए, तो ये मामूली लोग मालूम होंगे, लेकिन इनमें से हर एक का रिश्ता किसी न किसी सूरत से अवध की खोई हुई तहज़ीब से जुड़ा हुआ है, जिस तहज़ीब को इन्हीं लोगों ने बनाया है। ठीक उसी तरह, जिस तरह छोटी-छोटी नदियां मिलकर बड़ा समन्दर बनाती हैं। अगर इसे डूब कर समझा और महसूस किया जाए, तो पाएंगे कि रहन-सहन, बातचीत, सोच-विचार और अनोखी अभिरुचि की ये विधा यहाँ के आदमी-आदमी में तक्सीम होकर बंटती रही है। इसी की गवाह है यह किताब “लखनऊ एक जुदा ही अदा” जिसके पात्र, प्रसंगो, शब्दचित्रों को पढ़कर उस नर्म नाजुक ख़ुशगवार वातावरण की ख़ुशबू को महसूस कर सकना मुमकिन हुआ है।

लेखन शैली एक ऐसी कला है, जिसे इस धरती पर सर्वश्रेष्ठ का दर्जा हासिल है। युग कोई भी रहा हो, लेखन शैली का अपना महत्त्व है। इस क़िताब में एक जुदा सी अनूठी शैली उभरकर सामने आती है। लेखक ने उर्दू को खूबसूरत लबोलहजे़ में देवनागरी के लिबास में प्रस्तुत किया है, जो ख़ास लखनऊ की आम बोलचाल की जुबां है। किस्सागोई में किस्सों के बीच-बीच में अवधी मुहावरों के रंगीन हुबाब पट-पट फूटतें हैं, जिसे पढ़ते वक़्त एक ताज़गी और अपनेपन का एहसास होता है। पाठक उस दौर में पहुँच जाता है, जहाँ दिल-ए-लखनऊ ख़रामा ख़रामा धड़कता है। तहज़ीबी रंग के ख़ुशनुमा साए में रची-बसी जिंदादिल लोगों की दास्तां, ज़िंदगी की ज़हमत के बीच चंद सुकून के पल दे जाती है। क़िताब में मौजूद कुछ ख़ास किस्से भी हैं जहाँ पाठक स्वयं को जोड़ पाता है।

लखनऊ के अनोखे अंदाज़ के तमाम दिलचस्प किस्से, इस शहर की खुशबू बनकर दुनिया जहान में बिखरते रहे हैं, लेकिन ये सिर्फ अफसाने नहीं होते। ऐसे सच की कुछ गुमशुदा तस्वीरें भी होती हैं, जो अवध की पहचान बन गई हैं। सोचिए ये जुमला कैसे ईजाद हुआ “मुस्कुराइए आप लखनऊ में हैं।” तो अपनी गहन खोजबीन के बाद लेखक ने कल्लन मियां को ढूढ़ निकाला। ये वही कल्लन मियां हैं, जिन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध का जमाना भी पूरे होशोहवास में देखा था और इन्होंने ही इस लखनऊ और लखनऊ वासियों को मुस्कुराने के वाज़िब मौके दिए हैं। जिनकी वजह से आज लखनऊ मुस्कुरा रहा है।लखनऊ वालों का शायराना मिजाज भी इस क़िताब में अलग कलेवर के साथ मौजूद है। लखनवी उपन्यासों के मशहूर किरदार भी इस किस्सागोई में शामिल किए गए हैं। शहर के तमाम जगहों जैसे अमीनाबाद , हजरतगंज, नक्खास इत्यादि का लेखक ने बेहद सजीव चित्रण किया है। पान लगाने और खाने का अंदाज़, पान की भीतरी आराइश, तमाम मुश्की मसालों के अलावा इसमें तवानाई के नुस्खे किस तरह इस्तेमाल किए जाये और खाने के बाद इसका असर, इसका दिलचस्प खुलासा भी इस क़िताब में किया गया है। लखनऊ की पतंगबाजी, आशिकाना मिज़ाज, प्रेमपत्र लिखने की बारीकियाँ, शेख़ीबघारना इत्यादि एक ख़ास अंदाज़ में इस क़िताब में मौजूद है। लखनवी अंदाज़ की जमघट में शामिल होकर पूरी बेफ़िक्री के साथ निहायत इत्मीनान से इस क़िताब को जरूर पढ़ा जा सकता है। जो ज़िंदगी में एक खा़स हिस्से की तरह हँसते-मुस्कुराते और गुदगुदाते हुए जे़हन में शामिल हो जाएगी, जिसमें लखनऊ से जुड़े लोगों को अपने-अपने समय का शहर मिल जाऐगा।

वर्तमान भारतीय समाज आज दो पाटों के बीच पिस रहा है – एक पश्चिमी आधुनिकतावाद और दूसरा वंशानुगत संस्कारवाद। इससे समाज के भीतर जो द्वन्द्व पैदा हो रहा है, उससे पूर्णता के बीच रिक्तता, स्वच्छन्दता के बीच अवरोध और प्रकाश के बीच अन्धकार आ खड़ा हुआ है। परिणामतः व्यक्ति ऊबने लगा है। अपनी पहचान के लिए पहचानहीन होते जा रहे भारतीय समाज की भौतिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक महत्त्वाकांक्षाओं के बीच एक अज़ब सा खेल चल रहा है भागते समय और बीती स्मृतियों का खेल। जो छूट रहा है उसे समेटने का और जो बह रहा है उससे निर्लिप्त हो जाने का। बिताए हुए दिन जरूर जुदा हो जाते हैं, पर यादें कभी जुदा नहीं होती। इस क़िताब में लखनऊ शऊर में पिरोये गए अफ़सानों की वो झालर है, जिसमें गंगा-जमुनी तहज़ीब की विरासत का एक रंग है। जो लखनऊ में रहे, लखनऊ को जिये वो इस एहसास को शिद्दत से महसूस करेंगे। और जो लखनऊ को नहीं जानते, उनके लिए ये क़िताब एक तोहफ़ा है। लखनऊ को जानने का, समझने का, महसूस करने का। हक़ीक़तन लखनऊ की जिस रोजमर्रा ज़िंदगी को तकरीबन सभी ने जिया और महसूस किया है, ये क़िताब उसी का एक अक्स है। अंधाधुंध भागदौड़ और मशीनी युग में लखनऊ एक शै है, जिसे जिया जाता है…एक मिज़ाज है जिसे महसूस किया जाता है।