बिहार सरकार की व्यवस्था पर सवाल, छठ व्रती दलदल में फंसे
पटनासिटी, लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है और आज के दिन अस्तलचगामी सूर्य को अर्घ दिया जा रहा था।बिहार के कोने कोने से लोग गंगा घाट पूजा सम्पन्न करने के लिए पहुँचे थे,लेकिन इसी दरम्यान गंगा घाट से जो तस्वीर निकल कर सामने आई बो बेहद ही चौकाने बाला है और बिहार सरकार के व्यवस्था पर तमाचा मारने बाला है।
एक तरह लोग डूबते हुए सूर्य को अर्घ दे रहे थे तो दूसरी और गंगा में जाने के लिए छठ व्रती अर्घ देने और गंगा में जाने के लिए जदोजहद कर रही थीं।गंगा घाट पर दलदल इतनी थी कि लोग दलदल में ही गिर जा रहे थे,छठ व्रती दलदल में रेंग रही थी जाने के लिए।एक एक व्यक्ति को उस दलदल से निकालने के लिए पांच लोग उसे अपनी ओर खींचने में लगे हुए थे।
मामला वार्ड 72 के नूरपुर गंगा घाट की है जहां से इस तरह की तस्वीरें निकल कर सामने आई है।इन सब के बीच सवाल यह उठता है कि सभी छठ घाटों पर पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई थी लेकिन बो शायद अपनी ड्यूटी पूरी कर इति श्री कर लेते है।सवाल शाशन और व्यबस्था में बैठे उन लोगो से है जिनके ऊपर यह जिम्मेदारी होती है की आम जनता में सुरक्षा की भावना जगे।
गंगा घाट पर बालू का छिड़काव ना होने से दलदल की स्थिति जस की तस रह गयी।दलदल बाली जगह को अनदेखा कर छोड़ दिया गया।सवाल बिहार के मुख्यमंत्री से है ,सवाल जिला प्रशाशन से है कि लगातार मुख्यमंत्री गंगा घाटों पर की गई तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे फिर भी यह स्थित देखने को मिली ।
गनीमत यह रही की कोई बड़ा हादसा नही हुआ।चूंकि सुबह में गंगा घाटों पर ज्यादा लोग पहुचेंगे तब क्या स्थिति होती है देखने बाली बात होगी।
Nov 08 2024, 09:38