2028 तक आधे से ज्यादा स्मार्टफोन जनरेटिव AI से होंगे लैस

डेस्क:–2028 तक आधे से ज्यादा स्मार्टफोन के जनरेटिव एआई तकनीक से लैस होने की संभावना है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार फोन के उपयोग के अधिक मामले सामने आ रहे हैं और ये अलग-अलग मूल्य श्रेणियों में उपलब्ध हो रहे हैं। वैश्विक स्मार्टफोन बाजार अब स्थिरता की ओर बढ़ रहा है और आगामी वर्षों में इसकी आपूर्ति स्थिर रहने की उम्मीद है। उभरते बाजार जैसे भारत, मध्य पूर्व-अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया इसके विकास को बढ़ावा देंगे।


काउंटरपॉइंट रिसर्च के निदेशक तरुण पाठक का कहना है, हम उम्मीद करते हैं कि 2028 तक स्मार्टफोन की बिक्री में वृद्धि होती रहेगी क्योंकि महंगे स्मार्टफोन की मांग बाजारों में बढ़ रही है। नई तकनीक जैसे जेन एआई और फोल्डेबल फोन की बिक्री भी बढ़ेगी। जनरेटिव एआई एक ऐसी तकनीक है जो उपयोगकर्ता के दिए गए निर्देश या प्रश्न के आधार पर नई सामग्री, जैसे कि लेख, चित्र, वीडियो, ऑडियो या सॉफ्टवेयर कोड तक बना सकती है। जनरेटिव एआई, 'डीप लर्निंग' नामक जटिल मशीन लर्निंग मॉडलों पर निर्भर करती है। ये मॉडल बड़ी मात्रा में डेटा में पैटर्न और संबंधों की पहचान करते हैं और फिर उन्हें कोड करते हैं।

हाल के कुछ महीनों में स्मार्टफोन बाजार में हर साल बढ़ोतरी देखी गई है, जिसका मुख्य कारण आर्थिक स्थिति का सुधार और उपभोक्ता मांग में वृद्धि है।हालांकि हाल के महीनों में स्मार्टफोन की आपूर्ति धीमी हो गई है, लेकिन 2024 की तीसरी तिमाही में वैश्विक स्मार्टफोन राजस्व में 10 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जो तीसरी तिमाही के लिए अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।

एप्पल ने स्मार्टफोन राजस्व में 43 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बाजार को लीड किया और तीसरे क्वार्टर में अपनी अब तक की सबसे ऊंची बिक्री, आपूर्ति, और औसत कीमत दर्ज कीं। महंगे स्मार्टफोनों की मांग को देखते हुए कंपनियां अपने प्रीमियम पोर्टफोलियो और फाइनेंसिंग योजनाओं पर नए सिरे से विचार कर रही हैं। रिपोर्ट में अनुमान है कि आगामी वर्षों में यह प्रीमियम ट्रेंड जारी रहेगा और 2023 से 2028 के बीच वैश्विक स्मार्टफोन की औसत कीमतों में लगभग 3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि होने की संभावना है।
Amazon ने बनाया खरीदारी करना आसान,भारत में लॉन्च हुआ Amazon का AI समर्थित शॉपिंग सहायक 'Rufus'


डेस्क :–Amazon जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म ने खरीदारी को आसान बना दिया है, लेकिन विकल्पों और श्रेणियों की अधिकता उन्हें भ्रमित भी कर सकती है। सैकड़ों उत्पाद विकल्पों के साथ, सही विकल्प चुनना मुश्किल है। Amazon कुछ समय से अपने शॉपिंग अनुभव में AI को एकीकृत कर रहा है, जिसमें संक्षिप्त समीक्षा और कस्टमाइज़्ड उत्पाद अनुशंसाएँ जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। शॉपिंग अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए, Amazon ने Rufus नामक एक AI चैटबॉट पेश किया है।


वर्तमान में बीटा में, Rufus भारत में चुनिंदा Android और iOS उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। Amazon का कहना है कि उपयोगकर्ता विशिष्ट उत्पादों के बारे में प्रश्न पूछ सकते हैं जैसे कि "वाशिंग मशीन खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए," या "क्या मुझे फ़िटनेस बैंड या स्मार्टवॉच लेना चाहिए?" और Rufus इनका उत्तर देगा, और उपयोगकर्ता की रुचियों के आधार पर उत्पादों की सिफारिश करेगा।

Amazon का Rufus स्पष्ट रूप से एक शॉपिंग-फ़र्स्ट AI चैटबॉट के रूप में तैयार और प्रशिक्षित किया गया है, जहाँ यह प्रश्नों का उत्तर देने और उत्पादों के सही सेट का सुझाव देने के लिए विस्तृत कैटलॉग ब्राउज़ करेगा। इस तथ्य के अलावा कि Rufus आपको विशिष्ट उत्पादों के बारे में संदेह दूर करने में मदद कर सकता है, यदि आप कोई स्मार्टफ़ोन खरीद रहे हैं, तो Rufus आपको बैटरी, डिस्प्ले साइज़, प्रदर्शन, स्टोरेज और अन्य जैसे विशिष्ट मापदंडों का उपयोग करके उत्पादों को शॉर्टलिस्ट करने में भी मदद करेगा।

जब हमने सबसे ज़्यादा बैटरी लाइफ़ वाली WearOS स्मार्टवॉच के बारे में पूछा, तो Rufus ने OnePlus Watch का सुझाव दिया, जो आंशिक रूप से सही है। हालाँकि, यह बहुत सटीक नहीं है, क्योंकि OnePlus Watch 2R (समीक्षा) या OnePlus Watch 2 सही उत्तर होता। हालाँकि, इसने सही उत्पाद, OnePlus Watch 2R की सिफारिश की, क्योंकि आप प्रायोजित स्मार्टवॉच को अनदेखा कर देंगे, जो WearOS भी नहीं चलाते हैं । जब हमने रुफ़स से सबसे सस्ते फोल्डेबल स्मार्टफोन खोजने के लिए कहा, तो उन्होंने वनप्लस ओपन की सिफारिश की, जो सबसे सस्ते फोल्डेबल स्मार्टफोन में से एक है, हालांकि, ज़ेड फोल्ड4 जैसे फोन की कीमत वर्तमान में वनप्लस ओपन से थोड़ी कम है।

हालांकि, कुछ मामलों में, रुफ़स के नतीजे सच से बहुत दूर थे, और जब सबसे ज़्यादा बैटरी लाइफ़ वाले स्मार्टफोन के बारे में पूछा गया, तो इसने आसुस ज़ेनफोन 9 और रियलमी 9 प्रो+ 5G जैसे बंद हो चुके डिवाइस की सिफारिश की, जो कि सच नहीं है। दरअसल, Amazon पर सीधे सर्च करने से हमें बेहतर सुझाव मिलते हैं। इसका सीधा मतलब है कि पुराने ब्लॉग और वेबसाइट अभी भी सही उत्पाद सुझाव पाने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं, कम से कम उपभोक्ता तकनीक खंड के लिए तो यही सही है।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सनसनीखेज घटना सामने आई, यहां पति ने पत्नी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी और खुद पी लिया तेजाब
डेस्क:·उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहां पति ने पत्नी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी और खुद तेजाब पी लिया।सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही पति को अस्पताल में भर्ती कराया। घटना रविवार सुबह 4 बजे की है।

बिजनौर के बुल्ला के चौराहा रांगडान मोहल्ले के रहने वाले निजामुद्दीन की शादी 16 साल पहले नजीबाबाद की इसराना से हुई थी। दोनों के पांच बच्चे हैं। मोहल्ले वालों ने बताया कि निजामुद्दीन बेहद गुस्सैल प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जिसके कारण आए दिन पति-पत्नी में विवाद होता रहता था। इतना ही नहीं,पहले भी दो बार इसराना को निजामुद्दीन तीन तलाक दे चुका था, और हलाला करवाने के बाद फिर से दोनों पति-पत्नी की तरह घर पर रह रहे थे।

1 जनवरी 2024 को पति निजामुद्दीन ने पत्नी इसराना के ऊपर तेजाब फेंक दिया था, जिसकी शिकायत इसराना ने पुलिस से की थी और मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही वह अपने मायके नजीबाबाद चली गई थी। इसराना ने खर्चा देने का मुकदमा भी निजामुद्दीन के ऊपर कर रखा था।

पति निजामुद्दीन के द्वारा पत्नी इसराना पर तेजाब डालने के केस मे कोर्ट में गवाही होनी थी। निजामुद्दीन को डर था कि अगर इसराना ने कोर्ट में उसके खिलाफ गवाही दे दी तो उसे सजा हो जाएगी, इसलिए उसने इसराना के मिलकर विवाद सुलझाले की बात कही. उसे उसके गहने देने की बात कहकर शनिवार को बिजनौर अपने घर पर बुला लिया।

इसी दौरान रविवार तड़के 4 बजे चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी।इसराना की हत्या करने के बाद निजामुद्दीन ने भी घर पर रखा तेजाब पी लिया। बिजनौर के एसपी सिटी डॉक्टर संजीव वाजपेई ने बताया कि पति-पत्नी में विवाद चल रहा था।आरोपी ने भी जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की कोशिश की है।पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
देवउठनी एकादशी के दिन करें ये उपाय, दूर होगी धन की कमी!
डेस्क:–पंचांग के अनुसार, देवउठनी का व्रत कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। यह एकादशी साल भर की सभी एकादशी तिथि में से उत्तम मानी जाता है। इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा से जागृत होते हैं। देवउठनी एकादशी तिथि के अगले दिन से ही सभी मंगल और शुभ कार्य दोबार से शुरु हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ कुछ उपायो को करने से व्यक्ति को कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2024 की शाम 6 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी। वही तिथि का समापन 12 नवंबर 2024 को शाम 4 बजकर 4 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, देवउठनी एकादशी का व्रत मंगलवार 12 नवंबर को रखा जाएगा।

एकादशी के दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करें। स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनें. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।

अगर आपके करियर-कारोबार में बाधा आ रही हैं। तो देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को केसर वाले दूध से अभिषेक करें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी परेशानियां दूर होती हैं ।

अगर किसी व्यक्ति विवाह से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो वह देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान केसर, हल्दी या पीले चंदन का तिलक करें. उसके बाद श्री हरि को पीले रंग के फूल अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जल्द विवाह के योग बनते हैं।

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए देवउठनी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए।इसके बाद शाम को पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।मान्यता है कि इन उपायों को करने से व्यक्ति को जल्द ही कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।

कार्तिक माह में तुलसी की पूजा करने का खास महत्व है । देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में गन्ने का रस मिलाकर चढ़ाएं। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाकर तुलसी माता की आरती करें । मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को कभी धन की कमी नहीं होती और जीवन से सभी कष्ट भी दूर होते हैं।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
क्या टेक्नोलॉजी की दुनिया में फिर से कुछ बड़ा होने जा रहा है?क्या बिक जाएगी Intel?

डेस्क:·इंटेल इंसाइड… ये एडवरटाइजमेंट आपने जरूर देखा होगा। अगर आप कंप्यूटर या लैपटॉप जैसी किसी भी चीज का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको ये पता होगा कि ‘इंटेल’ कंप्यूटर्स के लिए प्रोसेसिंग चिप बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।सेमीकंडक्टर की दुनिया में इसका सीधा मुकाबला एनवीडिया जैसी कंपनी से होता है। अब खबर है कि ये कंपनी बिकने जा रही है और इसकी खरीदार कोई और नहीं बल्कि iPhone बनाने वाली एपल इंक होगी।

दरअसल एनवीडिया के ग्राफिक प्रोसेसिंग कार्ड (GPU) की सक्सेस के बाद इंटेल के बिकने की कई खबरें शेयर मार्केट में तैर रही हैं। इसी में से एक खबर ये है कि एपल इंटेल को खरीदने की बहुत इच्छुक है।

ईटी की एक खबर के मुताबिक ‘मूरेज लॉ इज डेड’ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर इंटेल के बिकने और एपल के उसे खरीदने की बात की गई है। इस वीडियो में दावा किया गया है कि इंटेल को खरीदने में सैमसंग की भी दिलचस्पी है। वह या तो इसके अधिग्रहण या अपने में विलय का रास्ता अपना सकती है।

चिप बनाने वाली कंपनी इंटेल इन दिनों कई दिक्कतों का सामना कर रही है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती उसके प्रॉफिट मार्जिन का लगातार कम होना है। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को सपोर्ट करने वाली चिप्स की डिमांड बढ़ने और इसके मैन्यूफैक्चरर्र की ओर से टफ कॉम्प्टीशन मिलने की वजह से उसकी परेशानियां बढ़ी हैं।

बात साल 2019 की है, जब एपल ने इंटेल के मॉडम डिविजन को खरीद लिया था। इसिलए अब जब इंटेल दिक्कतों का सामना कर रही है, तो इस बात की चर्चाएं तेज हो गई हैं कि एपल इंटेल को खरीद सकती है। जबकि यूट्यूब चैनल के वीडियो में साफ कहा गया है कि ये महज एक अफवाह हो सकती है।

एपल के मैकबुक लैपटॉप में पहले इंटेल की ही चिप लगती थी. साल 2020 में उसने खुद की सिलिकॉन चिप का इस्तेमाल शुरू कर दिया। एपल की ये सिलिकॉन चिप आज की तारीख आईफोन से लेकर आईपैड, एपल टीवी, एपल वॉच, एयर पॉड्स, एयर टैग, होम पॉड और एपल विजन प्रो में इस्तेमाल होती है।

वहीं दूसरी ओर इंटेल की मौजूदा मार्केट वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर से भी नीचे आ गई है। लंबे समय से इसके बिकने या टूटने की बात चल रही है।
इन 6 कंपनियों को लगा 1.07 लाख करोड़ का जैकपॉट, इस लिस्ट में टाटा का नहीं नाम

डेस्क:–सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में पिछले सप्ताह सामूहिक रूप से 1,07,366.05 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और आईसीआईसीआई बैंक को सबसे ज्यादा लाभ हुआ। वहीं दूसरी ओर चार कंपनियों को सामूहिक रूप से 95 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। सबसे ज्यादा नुकसान इंफोसिस को हुआ। जिसके मार्केट कैप में 38 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली।

बीएसई और एनएसई पर एक नवंबर को नव संवत 2081 की शुरुआत के मौके पर मुहूर्त कारोबार आयोजित किया गया. पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 321.83 अंक या 0.40 प्रतिशत के लाभ में रहा. सप्ताह के दौरान जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का बाजार पूंजीकरण बढ़ा, वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल और इन्फोसिस के मूल्यांकन में गिरावट आई। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस कंपनी को फायदा और किस कंपनली को नुकसान हुआ है।

पिछले हफ्ते शेयर बाजार में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है। बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 321.83 अंक या 0.40 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली। जिसके बाद सेंसेक्स 79,724.12 अंकों पर आ गया। वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी पिछले हफ्ते 123.55 अंक यानी 0.51 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। जबकि पिछले हफ्ते मुहूर्त ट्रेडिंग के मौके पर निफ्टी 99 अंकों की तेजी के साथ 24,304.35 अंकों पर बंद हुआ था।

जापान में अक्टूबर का महीना गर्मी के नये रिकॉर्ड बना रहा है, गर्मी बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता 


डेस्क:–जापान इस समय सबसे गर्म मौसम की मार झेल रहा है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) की एक नयी रिपोर्ट के अनुसार, जापान ने अक्टूबर में रिकॉर्ड तोड़ तापमान दर्ज किया, जो बीते 255 साल में सबसे गर्म अक्टूबर का महीना बन गया है। बता दें कि, साल 1898 में गर्मी और तापमान के रिकॉर्ड रखने की शुरूआत की गयी और इसके बाद से ही साल 2024 का अक्टूबर महीना सबसे गर्म अक्टूबर के तौर पर दर्ज किया गया है।

जेएमए द्वारा शुक्रवार को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, पूरे जापान देश में मंथली एवरेज टेम्परेचर अक्टूबर के सामान्य तापमान से 2.21 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया गया है।

समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्रीय स्तर पर बात की जाए तो उत्तरी जापान क्षेत्रा में तापमान औसतन 1.9 डिग्री अधिक रहा, जबकि देश के पूर्वी हिस्से और पश्चिमी जापान में तापमान में 2.6 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।

क्योटो, नागानो और टोक्यो (मध्य) जैसे शहरों में टेम्परेचर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गयी। इन शहरों में अक्टूबर में औसत तापमान में क्रमशः 3.2 डिग्री, 3.1 डिग्री और 2.6 डिग्री बढ़ोतरी देखी गयी।

इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जेएमए का अनुमान है कि नवंबर महीने में भी जापान में तापमान नॉर्मल से अधिक ही रहने के आसार हैं।  हालांकि ऐसी उम्मीद भी है कि अगले सप्ताह की शुरूआत में ठंडी हवाएं चल सकती हैं, जिससे तापमान में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। एजेंसी के अनुसार, जापान में जुलाई 2024 से ही बहुत अधिक गर्मी का पैटर्न देखा जा रहा है और इस तरह बेमौसम की गर्मी से चिंता बढ़ गई है।

स्वस्थ शरीर के लिए सर्दी और गर्मी दोनो तरह का तापमान महत्वपूर्ण है। लेकिन, जब एक निश्चित सीमा से अधिक गर्मी की स्थिति हो तो इससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है और कई तरह की बीमारियों का रिस्क भी बढ़ सकता है। गर्मी के कारण इन हेल्थ प्रॉब्लम्स का रिस्क बढ़ सकता है–

सनस्ट्रोक (sunstroke) या लू लग लग सकती है जिससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

गर्मी से नसें खुल जाती हैं और इससे ब्लड प्रेशर लेवल कम हो सकता है। ब्लड प्रेशर लेवल लो हो जाने पर हार्ट अटैक का रिस्क भी बढ़ जाता है।

गर्मी के कारण बहुत अधिक पसीना बनता है और इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।

गर्मी बढ़ने से फेफड़ों की बीमारियां, किडनी डिजिज और अन्य क्रोनिक बीमारियों के गम्भीर बनने का भी रिस्क बढ़ता है।

अस्थमा के लक्षण गर्मी की वजह से गम्भीर हो सकते हैं।

अफ्रीका और एम पॉक्स का पुराना इतिहास रहा है,अफ्रीका में आउट ऑफ कंट्रोल है एम पॉक्स, सीडीसी ने दी चेतावनी बचाव करना जरूरी


डेस्क:–अफ्रीकी संघ के स्वास्थ्य प्रहरी, अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका CDC), ने चेतावनी दी है कि मंकीपॉक्स (Mpox) का प्रकोप अभी भी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है। अफ्रीका CDC के निदेशक, नगाशी नगोंगो ने गुरुवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि इस बीमारी का प्रसार अभी भी ऊपर की ओर बढ़ रहा है और इसे नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता है। नगोंगो ने इस प्रकोप को COVID-19 की तुलना में अधिक गंभीर महामारी बनने से रोकने के लिए संसाधनों की तत्काल जरूरत बताई है और एक संभावित गंभीर महामारी को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की अपील की है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, परीक्षण क्षमता बढ़ाने, और अधिक टीके उपलब्ध कराने की अपील की। अफ्रीका में मंकीपॉक्स का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, और यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह महामारी गंभीर संकट में बदल सकती है।

अफ्रीका CDC ने कहा कि इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए तत्काल संसाधनों की जरूरत है, जिनमें टीकाकरण, परीक्षण क्षमता, और उपचार के साधन शामिल हैं। अफ्रीकी देशों से मिलकर इस पर काम करने और बाहरी सहायता प्राप्त करने की उम्मीद जताई गई है ताकि इस बीमारी पर जल्द नियंत्रण पाया जा सके और एक बड़े स्वास्थ्य संकट को टाला जा सके।

इस स्थिति में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अफ्रीकी देशों के लिए मिलकर काम करना और अंतरराष्ट्रीय सहायता प्राप्त करना आवश्यक है, ताकि इस बीमारी पर जल्दी नियंत्रण पाया जा सके और एक बड़े स्वास्थ्य संकट से बचा जा सके।

अफ्रीका के बाद यूके में भी एम पॉक्स का केस मिला है, जिससे बाद स्वास्थ्य विभाग भी चौकन्ना हो गए हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो उन्हें इस बात का ज्यादा डर है कि आने वाला ठंड का मौसम कहीं इसके मामलों के बढ़ने का कारण न बन जाए। हालांकि, अभी तक इस बारे में अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए इस पर रिसर्च की जा रही हैं।
अजमेर की नाग पहाड़ी पर फिर भड़की आग; औषधीय पौधे, पेड़-पौधे और वन्यजीवों को नुकसान

डेस्क : अजमेर की नाग पहाड़ी पर शुक्रवार को एक हफ्ते में दूसरी बार भीषण आग लग गई। यह आग हवा के साथ फैलते हुए पुष्कर रेंज से अजमेर रेंज की पहाड़ी तक पहुंच गई। इस घटना में पहाड़ी पर उगे औषधीय पौधे, जड़ी-बूटियां, पेड़ और झाड़ियां जलकर खाक हो गईं। आग लगने के बाद ग्रामीणों और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर लगभग चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

शुक्रवार शाम को लगी आग की लपटें कुछ ही देर में दूर-दूर तक दिखाई देने लगीं। सूचना मिलने पर पुष्कर और अजमेर से वन विभाग की टीम और ग्रामीणों ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास किया। इस अभियान में पुष्कर की कोबरा टीम के सुखदेव भट्ट ने विशेष भूमिका निभाई। पहाड़ी पर लगी आग के दृश्यों के वीडियो सोशल मीडिया पर भी लोगों ने साझा किए।

आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं आग के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है, लेकिन रेस्क्यू टीम के सदस्य सुखदेव भट्ट के अनुसार, संभव है कि असामाजिक तत्वों द्वारा फेंकी गई बीड़ी-सिगरेट की वजह से सूखी झाड़ियों में आग लग गई हो। इस हादसे में कई सांप और अन्य वन्यजीव भी आग की चपेट में आकर मारे गए। इससे पहले बुधवार को भी इसी पहाड़ी पर आग लगी थी, जो लगभग 100 बीघा क्षेत्र में फैल गई थी।

अग्निशमन विभाग की सीमाएं अग्निशमन विभाग के अधिकारी गौरव तंवर ने बताया कि अग्निशमन की गाड़ियां पहाड़ी के ऊपरी क्षेत्रों तक नहीं पहुंच सकतीं। आग की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम को तुरंत सूचित कर दिया गया था।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू का कहर,घनी आबादी वाले इलाकों में बढ़ी मरीजों की संख्या, 565 पहुंचा आकंड़ा

डेस्क:–मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है। हाल ये हैं कि, बीते 8 से 10 दिनों में डेंगू के 15 से अधिक नए मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अब डेंगू घनी आबादी वाले इलाकों में पैर पसार रहा है। बीते 24 घंटे में दो और नए मामले सामने आने के बाद शहर में इनकी संख्या 565 हो गई है।

बारिश के बाद भी भोपाल में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है। अगर पिछले हफ्ते की बात करें तो डेंगू के मरीजों की संख्या 10 से अधिक दर्ज की गई थी। इसके बाद अब शहर से ताजा मामला शाहजहानांबाद और ऐशबाग इलाके से सामने आया है, जहां डेंगू के दो नए मरीज मिले हैं। इन मरीजों के बाद डेंगू का आंकड़ा 565 पहुंच गया है। बतादें कि बाहरी इलाकों की जगह अब घनी आबादी में भी डेंगू के मरीज मिल रहे।

*डेंगू के लक्षण*

मसल्स और ज्वॉइंट्स में पेन
सिर दर्द
बुखार
आंखों में दर्द
चक्कर आना
उल्टी जैसा महसूस होना

*डेंगू से बचने के उपाय*

घर के आसपास या घर के अंदर भी पानी न जमा होने दें। गमलों, कूलर, रखे हुए टायर में पानी भर जाए, तो इसे तुरंत निकाल लें। साफ- सफाई का इन दिनों में खास ख्याल रखें।

कूलर में अगर पानी है, तो इसमें कैरोसिन तेल डालकर रखें, इससे मच्छर पनपने की संभावना कम हो जाती है।
पानी की टंकियों को खुला न छोड़े, अच्छी तरह ढककर रखें।

इन दिनों फुल स्लीव और पैरों को ज्यादा से ज्यादा ढकने वाले कपड़े पहनें। बच्चों को मच्छर से बचाने वाली क्रीम लगाकर ही बाहर भेंजें।