आजमगढ़:-बहनों ने की भाइयों के दीर्घायु की कामना, आस्था के साथ मनाया गया भैया दूज, गोबर्धन पूजा एवं अन्नकूट का पर्व
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  फूलपुर तहसील क्षेत्र के नगर और ग्रामीण इलाकों में शनिवार को गोबर्धन पूजा , अन्नकूट और भैया दूज का पर्व   बहनों द्वारा मनाया गया । गोबर्धन पूजा के दौरान बहनों ने अपने भाइयों के दीर्घायु की कामना किया । बहनों द्वारा पौराणिक कथाओं का श्रवण किया और सोहर गाकर मांगलिक जीवन की कामना किया । 
  फूलपुर ,माहुल , अंबारी , खानजहापुर , पलिया , पुष्पनगर , पल्थी , मैंगना , गोधना , दीदारगंज , हब्बीगंज ,आदि जगहों पर गोबर्धन पूजा करके ईंट और मुसर से अन्नकूट को को कूटा गया । गोबर्धन पूजा के दौरान बहनों ने आपने भाइयो के दीर्घायु होने की कामना किया । 
  गोबर्धन ,अन्नकूट और भैया दूज  का पर्व अंबारी के पाण्डेय के पूरा में विशेष तरीके से बहनों ने पौराणिक कथा की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा देवराज इंद्र के घमंड को तोड़ने तथा गोबर्धन पूजा के पौराणिक मार्मिक कथा  पर चर्चा किया । भाइयो के लम्बी उम्र के लिए मांगलिक गीत गाकर मन्नते मांगी । अन्नकूट और गोबर्धन पूजा के महत्व पर चर्चा किया गया । 
  पण्डित देवनाथ पांडेय ने कहा कि पूरे भारत वर्ष में अन्नकूट ,गोबर्धन पूजा के पर्व का बड़ा महत्व है । माता अन्नपूर्णा  को खुश रखने के लिए बहने अन्नपूर्णा की पूजा करती है ।  अन्नकूट का पर्व बड़े धूमधाम से मनाती है ।  भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए  गोबर्धन पूजा की शुरुआत गोकुल से शुरू कराया था । तभी से मे अन्नकूट का पर्व भारत मे मनाया जाता । बहनों द्वारा अन्नकूट का पूजित अन्न को दूसरे दिन सुबह भाइयों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है । पूजित बहनों द्वारा मूसल से ईंट के तोड़े गए टुकड़े और चना एवं चावल को इकट्ठा कर अन्न के बखार में रखा जाता है, जिससे अन्न के बखार में बढ़ोत्तरी होती है।इस अवसर अर्चना पाण्डेय  , सृष्टि पाण्डेय  , आराधना  पांडेय  , शशि यादव ,अर्पिता पांडेय ,अंगूरी यादव   , अंशिका  , अंजली  , छोटी , खुशी , प्रीति,काजल , प्रीति पांडेय ,आचल पाण्डेय , आदि रहे ।

आजमगढ़:-बहनों ने की भाइयों के दीर्घायु की कामना, आस्था के साथ मनाया गया भैया दूज, गोबर्धन पूजा एवं अन्नकूट का पर्व
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  फूलपुर तहसील क्षेत्र के नगर और ग्रामीण इलाकों में शनिवार को गोबर्धन पूजा , अन्नकूट और भैया दूज का पर्व   बहनों द्वारा मनाया गया । गोबर्धन पूजा के दौरान बहनों ने अपने भाइयों के दीर्घायु की कामना किया । बहनों द्वारा पौराणिक कथाओं का श्रवण किया और सोहर गाकर मांगलिक जीवन की कामना किया । 
  फूलपुर ,माहुल , अंबारी , खानजहापुर , पलिया , पुष्पनगर , पल्थी , मैंगना , गोधना , दीदारगंज , हब्बीगंज ,आदि जगहों पर गोबर्धन पूजा करके ईंट और मुसर से अन्नकूट को को कूटा गया । गोबर्धन पूजा के दौरान बहनों ने आपने भाइयो के दीर्घायु होने की कामना किया । 
  गोबर्धन ,अन्नकूट और भैया दूज  का पर्व अंबारी के पाण्डेय के पूरा में विशेष तरीके से बहनों ने पौराणिक कथा की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा देवराज इंद्र के घमंड को तोड़ने तथा गोबर्धन पूजा के पौराणिक मार्मिक कथा  पर चर्चा किया । भाइयो के लम्बी उम्र के लिए मांगलिक गीत गाकर मन्नते मांगी । अन्नकूट और गोबर्धन पूजा के महत्व पर चर्चा किया गया । 
  पण्डित देवनाथ पांडेय ने कहा कि पूरे भारत वर्ष में अन्नकूट ,गोबर्धन पूजा के पर्व का बड़ा महत्व है । माता अन्नपूर्णा  को खुश रखने के लिए बहने अन्नपूर्णा की पूजा करती है ।  अन्नकूट का पर्व बड़े धूमधाम से मनाती है ।  भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए  गोबर्धन पूजा की शुरुआत गोकुल से शुरू कराया था । तभी से मे अन्नकूट का पर्व भारत मे मनाया जाता । बहनों द्वारा अन्नकूट का पूजित अन्न को दूसरे दिन सुबह भाइयों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है । पूजित बहनों द्वारा मूसल से ईंट के तोड़े गए टुकड़े और चना एवं चावल को इकट्ठा कर अन्न के बखार में रखा जाता है, जिससे अन्न के बखार में बढ़ोत्तरी होती है।इस अवसर अर्चना पाण्डेय  , सृष्टि पाण्डेय  , आराधना  पांडेय  , शशि यादव ,अर्पिता पांडेय ,अंगूरी यादव   , अंशिका  , अंजली  , छोटी , खुशी , प्रीति,काजल , प्रीति पांडेय ,आचल पाण्डेय , आदि रहे ।

आजमगढ़:-हम अपने समय में पुआल के ऊपर बिस्तर लगाकर लालटेन से पढ़ते थे, कभी संसाधन की कमी नहीं आयी आड़े: एसडीएम
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारित होना जरूरी है। इसके लिए समय और पाठ्य सामग्री का चयन महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रतियोगी संसाधनों की कमी का रोना छोड़ लक्ष्य पर केंद्रित रहें। उक्त बातें एसडीएम फूलपुर सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी ने सक्सेज डिजिटल लाइब्रेरीअंबारी में आयोजित सेमिनार के दौरान कहीं। बताया कि हम लोगों के समय में ठंडी के महीने में धान के पुआल के ऊपर बिस्तर लगाकर लालटेन या फिर दवाओं की शीशी की डेबरी जलाकर पढ़ाई की जाती थी। स्वामी विवेकानंद को कौन से संसाधन मिले थे, उन्होंने अपनी प्रतिभा से पूरी दुनिया में नाम किया। 

इस दौरान उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। बताया कि यूपीएससी के लिए चाहे हिंदी माध्यम हो या फिर अंग्रेजी माध्यम हो, दोनों माध्यम के लिए समान अवसर हैं। सेमिनार में अशोक यादव, श्यामलाल यादव, डॉ अनिल यादव, जिला पंचायत सदस्य प्रमोद यादव, समीक्षा अधिकारी अशोक यादव एवं अभिनव यादव, पंकज मिश्रा, जनमेजय यादव, रवि प्रकाश यादव,  ने भी प्रतियोगियों से अपने अनुभव साझा किए। संचालन आयोजक अनिल यादव ने किया। 

आजमगढ़:-अवैध असलहा व कारतूस के साथ कमलेश हुआ गिरफ्तार
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  उ0नि0 धीरेन्द्र बहादुर सिंह मय हमराह द्वारा चेकिंग के दौरान कमलेश पुत्र साधू निवासी नौबरार त्रिपुरारपुर आइमा थाना महराजगंज को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से एक अदद अवैध देशी तमन्चा 315 बोर व 3 अदद कारतूस 315 बोर जिन्दा मिला है। आरोपी को 1.50 बजे  नौबरार त्रिपुरारपुर आयमा से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर थाना महराजगंज पर  धारा 3/25 A. ACTपंजीकृत किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त का चालान मा0 न्यायालय किया गया।

आजमगढ़:- पूर्व पीएम नेहरू के शेर की प्रतिमा अंबारी चौक से गायब, गाँधीजी द्वारा 1942 करो या मरो के आंदोलन में उखाड़ी थी रेलवे पटरी
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शेर सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामसुंदर यादव की प्रतिमा 7 साल से अंबारी चौक से गायब है। वहीं उनके नाम से रसूलपुर गांव में बना पार्क विभागीय उपेक्षा का शिकार हो गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नायक रामसुंदर यादव की प्रतिमा अंबारी चौक पर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव द्वारा लगाई गई थी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की उपेक्षा से क्षेत्रीय लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम सुंदर यादव का जन्म 1901 में फूलपुर विकास खण्ड के ससना गांव में हुआ था। स्वतंत्रता की लड़ाई में 1942 के दौरान क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का नेतृत्व रामसुंदर यादव द्वारा किया जा रहा था। उस दौरान मुंशी दौलत लाल जो बाद में विधायक और फूलपुर नगर अध्यक्ष भी हुए थे उनकी प्रतिमा फूलपुर चौराहे पर लगी है, राम अलप यादव खांजहापुर, अलगू यादव सैदपुर, रामप्रताप यादव भीखपुर, रामहरख यादव, माता भीख राजभर बिहटा की पूरी टीम रामसुंदर यादव के नेतृत्व में आंदोलन कर रही थी। जब 1942 महात्मा गांधी ने करो से मरो का नारा देकर आंदोलन शुरू किया था तो रामसुंदर यादव ने अंबारी में रेलवे पटरी को उखाड़ दिया था। अंग्रेजी हुकूमत उन्हें खोजते हुए उनके घर आई थी। लेकिन उन्हें इसकी जानकारी पहले से ही मिल गयी थी। जब सिपाहियों को वे घर पर नहीं मिले तो सिपाहियों ने उनकी मंडई में आग लगाई थी। इन्हीं की टीम के सहयोग से स्वतंत्रता आंदोलन के बाद क्षेत्र में रामप्रताप यादव, मुंशी गया प्रसाद यादव ने शिक्षा की अलख जगाई थी। आजादी मिलने के बाद शिक्षा और पर्यावरण पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा शिक्षा और पर्यावरण के साथ ही सामाजिक बुराईयों के खिलाफ कार्य किया गया। *मुलायम सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में मिला था पार्क*

जब मुलायम सिंह यादव 2004 से 2007 में मुख्यमंत्री बने थे उसी समय उन्होंने रामसुंदर यादव ने नाम से उनके गांव के लिए पार्क दिया था। सोलह लाख रुपये की लागत से फूलपुर के ससना में पार्क का निर्माण होना था। सोलह लाख की लागत से पार्क का निर्माण होना था, लेकिन गांव में जमीन नहीं मिल सकी। जिसके चलते बगल के गांव पवई विकास खण्ड के रसूलपुर में पार्क कक निर्माण कराया गया था। आज पार्क अपनी दशा पर आंसू बहा रहा है। पूरे पार्क में बड़ी बड़ी झाड़ियां उगी हुई हैं। प्रतिमा लगाने के लिए बना स्थान जैसे रामसुंदर यादव इंतजार कर रहा है।

*क्या है उन्हें नजदीक से जानने वालों की राय*

अंबारी चौक पर चंद्रजीत यादव ने रामसुंदर यादव की प्रतिमा लगवाई थी। सड़क के विस्तारीकरण के दौरान प्रतिमा हटा दी गयी। तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने आश्वासन दिया रहा कि विस्तारीकरण के बाद प्रतिमा लगाई जाएगी। लेकिन अब कहा है उसका कुछ पता नहीं। चर्चाओं के अनुसार सपा के वर्तमान विधायक रमाकांत यादव के अंबारी आवास पर प्रतिमा रखी हुई है। पूर्व प्रधान अप्पू यादव ने बताया कि 2005-06 से ही फूलपुर ब्लाक में मूर्ति लगाने के लिए डेढ़ लाख पड़ा हुआ है।

हरिबंश यादव, पूर्व प्रधानाचार्य, निवासी शेखपुर पिपरी।


प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू फूलपुर के पास जनसभा को संबोधित करने आए थे। सभा के दौरान माइक खराब हो गया। उन्होंने पुकारा कि कोई व्यक्ति बिना माइक के भीड़ को संबोधित कर सकता है तो रामसुंदर यादव ने बिना माइक के सभा को संबोधित किया था। उनकी गर्जना देख शेर सिंह उपनाम प्रधानमंत्री ने दिया था। जनपद के बीर रस के प्रसिद्द कवि पंडित श्याम नारायण द्वारा रचित हल्दी घाटी खण्ड काव्य की रचनाओं को सिंहनाद स्वर से पढ़ा करते थे।

डॉ सुरेश यादव, पूर्व विश्लेषण हिंडाल्को, निवासी आंधीपुर।
आजमगढ़:-पत्नी से विवाद के बाद सल्फास खाकर अधिवक्ता ने की आत्महत्या, सुसाइट नोट में पत्नी को बताया जिम्मेदार
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव निवासी अधिवक्ता ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर लिया। सुसाइट नोट में दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता ने अपनी पत्नी को इसका जिम्मेदार बताया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मुन्ना सिंह यादव 32 पुत्र नेमई यादव पेशे से अधिवक्ता थे। पत्नी रेनू से विवाद होने पर पत्नी ने महिला हेल्पलाइन नम्बर पर शिकायत किया। पति एवं पत्नी को 112 नम्बर पुलिस कोतवाली ले गयी। अधिवक्ता ने अंबारी से सल्फास खरीदकर घर आकर पानी मे घोलकर पी लिया। परिजनों द्वारा फूलपुर के ताहिर मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां से रिफर होने पर शाहगंज ले जाते समय रास्ते मे ही मौत हो गयी। बड़े भाई हीरालाल यादव ने फूलपुर कोतवाली में पत्नी के खिलाफ तहरीर दी है। अधिवक्ता मुन्ना सिंह यादव ने सुसाइट नोट में लिखा है कि इसमें मेरे परिवार की कोई गलती नहीं है। मेरी मौत का जिम्मेदार सिर्फ मेरी पत्नी रेनू है। अधिवक्ता की शादी फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के मिया करीमपुर में दलसिंगार यादव की पुत्री रेनू यादव से हुई थी। अभी 12 अक्टूबर को उसका दोंगा आया था। घटना के बाद मृतक की पत्नी रेनू यादव अपने मायके वालों के साथ मायके चली गयी। मृतक तीन भाइयों में बीच का था। छोटा भाई बच्चूलाल यादव है। कोतवाली प्रभारी शशी चंद चौधरी ने बताया कि बड़े भाई हीरालाल यादव द्वारा तहरीर मिली है। पत्नी द्वारा प्रताड़ित करने के कारण सल्फास खाने का आरोप परिजन लगा रहे है ।
आजमगढ़:-पुलिस अधीक्षक ने रिजर्व पुलिस लाइन में यातायात माह की शुरुआत हरी झंडी दिखा कर किया
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देश के क्रम में शुक्रवार को रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने यातायात माह की शुरुआत हरी झंडी दिखाकर किया। सड़क सुरक्षा मानकों का पालन करने के पांच आवश्यक शिक्षा, प्रवर्तन अभियांत्रिकी, आपातकालीन देखभाल एवं पर्यावरण बताया। इनका सड़क दुर्घटना एवं मृत्यु को कम करने में विशेष योगदान है। यातायात माह नवंबर के दौरान स्कूलो/कालेजों में छात्र-छात्राओं में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जिस हेतु निबन्ध, चित्रकला, प्रतियोगिता, क्विज एवं नुक्कड़ नाटक आदि स्कूलों द्वारा कराये जायेंगे। आमजन एवं वाहन चालकों हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। ट्रक चालकों, ट्रैक्टर मालिकों/चालकों एवं हाइवें के आस-पास के निवासियों का प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा। निर्धारित गति सीमा से अधिक गति से वाहन चलाने, गलत दिशा से वाहन चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करने, आदि के सम्बन्ध में अभियान चलाकर कार्यवाही की जायेगी। नेशनल हाइवें/स्टेट हाइवें/एक्सप्रेस-वे पर ब्लैक स्पाट एवं दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों का चिन्हांकन कर जागरूकता फैलायी जायेगी। अवैध कट्स बंद कराये जायेंगे एवं डिवाइडर पर संकेतक लगाये जायेंगे। फर्स्ट एड प्रशिक्षण एवं गुड सेमेरिटन (नेकदिल इंसान) जो दुर्घटना के एक घण्टे के अन्दर (गोल्डन आवर) में घायलों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाता है, के बारे में बताया गया। माडिफाइड साइलंसर, प्रेशर हार्न एवं हूटर का उपयोग करने वाले एवं वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के सम्बन्ध में प्रवर्तन की कार्यवाही की जायेगी। कार्यक्रम में मुख्य अग्निशमन अधिकारी विवेक शर्मा, सहायक रोडवेज प्रबंधक अभिनव सोनकर एवं प्रभारी यातायात उप-निरीक्षक आजमगढ़ द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिसमें समस्त थाना प्रभारी गुगल-मीट के माध्यम से जुड़े तथा यातायात उप-निरीक्षक गण एवं मुख्य आरक्षीगण एवं होमगार्ड्स द्वारा प्रतिभाग किया गया।धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्राधिकारी नगर गौरव शर्मा ने किया।
आजमगढ़:- जमीनी विवाद में नशे में धुत युवक ने किशोर को मारी गोली, आरोपी गिरफ्तार
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के सतना बलुआ गांव में गुरुवार की रात लगभग 9 बजे  लक्ष्मी पूजा के दौरान फायरिंग में एक व्यक्ति घायल हो गया है।जिसका इलाज जिला मुख्यालय पर चल रहा है। गोली कांड के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
  गांव में श्यामलाल पटेल पुत्र स्वर्गीय राम रूप के दरवाजे पर लक्ष्मी गणेश प्रतिमा के पंडाल लगाया गया है। पड़ोसी प्रदीप कुमार पटेल 23 पुत्र प्रेमचंद लगभग 9 बजे  दारू के नशे में मूर्ति के पास पहुँच गया। उसने अवैध असलहे से फायर शुरू कर दिया। इस दौरान उसकी माता सुनीता व दो भाई सुजीत और भोलू उसको पकड़ कर घर के अंदर कर दिया और ताला बाहर से बंद कर दिया। उसके बाद वह सीढ़ी के रास्ते छत पर पहुंचकर शौचालय पर कूद कर नीचे आ गया। पाण्डल के पीछे से धूपनाथ पुत्र गया के घर जाकर उनके नाती से कहा कि उनको बुलाकर लाओ। अवनीश जब नाना को नहीं बुलाया तो उसने आवेश में आकर अवनीश 17 पुत्र कर्मराज निवासी उर्दिया थाना रौनापार के गोली चला दी। अवनीश के दाहिने हाथ में गोली लगी है।  शोर सुन कर नाना और मामा भी आ गए उन्हें भी जान से मारने के लिए दौड़ा लिया। वह लोग घर मे जाकर  अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया। घायल का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। जीयनपुर कोतवाल जितेंद्र बहादुर सिंह अपने हमराहियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। गोली मारने के बाद वह घटनास्थल से फरार हो गया था। फिर कुछ देर बाद घर पर आ गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।  ग्रामीणों के अनुसार भूपनाथ पुत्र गया और आरोपी के बीच काफी दिनों से जमीनी विवाद चल रहा था। जिसमें कई बार मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपी के घर पर तनाव को देखते हुए दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सुरक्षा की दृष्टि से लगा दी गई है ।जबकि दीपावली के दिन मूर्ति पूजा के दौरान हुए विवाद को लेकर गांव में काफी तनाव व्याप्त है। एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि रात में लगभग 9 बजे सूचना मिली कि जीयनपुर में एक व्यक्ति को दाहिने हाथ मे गोली लगी है। जमीनी विवाद में गोली मारी गयी है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जा रही है।
आजमगढ़:- सिराजे हिन्द के शासक राजा इदारत जहां ने1857 के विद्रोह में अंग्रेजों को मालगुजारी देने से किया था मना
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 1857 के विद्रोह में सिराजे हिन्द(जौनपुर) के राजा इदारत जहां की जन्मस्थली माहुल को आज भी पर्यटन विभाग का इंतजार है। इस स्थान का सुंदरीकरण कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। राजा और उनके 39 साथियों की मजार माहुल के डॉ जाकिर हुसैन नगर वार्ड नम्बर 7 रौजा मीरा मोहल्ला में स्थित है। माहुल की अंग्रेजों से सुरक्षा के लिए अपने बेटे राजा मुजफ्फर जहां को माहुल का प्रभारी बनाया था। राजा इदारत जहां की याद में सबेरात पर दीपोत्सव का पर्व मनाया जाता है।
सिराजे हिन्द के राजा इदारत जहां और उनके भाई वसारत जहां का जन्म माहुल में हुआ था। अंग्रेजों के खिलाफ चल रहे 1857 आंदोलन के दौरान इदारत जहां सिराजे हिन्द के राजा थे। अंग्रेजी हुकूमत द्वारा लगाए गए मालगुजारी के खिलाफ विद्रोह चल रहा था। अवध और लखनऊ के नबाबों ने अंग्रेजों के सामने सरेंडर कर दिया था। लेकिन सिराजे हिन्द के राजा इदारत जहां ने विद्रोह कर दिया था। जिसके चलते अंग्रेजी हुकूमत उनके पीछे पड़ गयी थी। राजा इदारत जहां ने अंग्रेजों को मालगुजारी न देकर दिल्ली के राजा बहादुर शाह जफर को मालगुजारी देने का निर्णय लिया था। अंग्रेजी हुकूमत ने कई बार इन पर आक्रमण किया, लेकिन सफल नहीं हो सकी। अंग्रेजों ने इनके भाई वसारत जहां को अपने साथ मिला लिया। राजा इदारत जहां के साथियों ने इसकी जानकारी भी दिया। लेकिन राजा को भरोषा नहीं हुआ। वसारत जहां ने अंग्रेजों द्वारा बिछाए गए जाल के अनुसार राजा इदारत जहां को फूलपुर के तिघरा में मुहर्रम के लिए बुलाया। जहां पर पहले से ही मक्का के खेत में अंग्रेजी सेना छुपी हुई थी। राजा इदारत जहां अपने 39 साथियों के साथ पहुँचे थे। अंग्रेजी सिपाहियों ने सभी का वहीं पर कत्ल कर दिया था। राजा इदारत जहां के बेटे माहुल के प्रभारी राजा मुजफ्फर जहां वहां से सभी के शव लाकर माहुल के रौजा में दफन किया। इसके बाद अंग्रेजों ने उन्हें भी बंदी बनाकर आगरा की जेल में बंद कर दिया। सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक फ्रीडम स्ट्रगल 1857 में राजा इदारत जहां का उल्लेख मिलता है। माहुल के डॉ जाकिर हुसैन नगर रौजा मीरा मोहल्ला में राजा इदारत जहां की मजार है। जहां पर उनके साथियों को भी दफन किया गया है।

अयोध्या और काशी के मध्य स्थित माहुल को भी पर्यटन बनाने की चल रही मांग
 राजा इदारत जहां की जन्मभूमि अयोध्या, किछौछा शरीफ, दुर्वाषा और काशी के मध्य स्थित है। इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, इसकी मांग भी उनकी पीढ़ियों द्वारा लगातार की जा रही है। इन्ही के बंशज कैफी आजमी अकेडमी के आला इंडिया महासचिव सैयद मेंहदी हसन ने बताया कि इस संबंध में प्रमुख सचिव से वार्ता हुई है। 

आज भी माहुल के चारों ओर झील की शक्ल में जगह और गुड़गुज मौजूद

माहुल की सुरक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बनाई गई गुड़गुज(टीले) माहुल के दक्षिणी भाग में हैं। टीले पर खजूर के पेड़ रौजा की खूबसूरती बढ़ा रहे हैं। लेकिन देख रेख न होने के कारण धीरे धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। गुड़गुज के बगल में झील की शक्ल में खनक जल निकासी में सहयोगी था। वह भी पट्टा कर दिया गया है। जल निकासी अवरूद्ध है। गंदा पानी लगा हुआ है। माहुलके जाने का केवल एक रास्ता था। 

माहुल की सुरक्षा के लिए चारों तरफ लगी थी तोप, तोप मोहल्ला आज भी मौजूद

 सैयद मेहंदी हसन ने बताया कि माहुल की सुरक्षा के लिए चारों तरफ तोप लगाई गई थी। माहुल में स्थित अस्पताल के पास भी तोप लगी थी। पवई रोड पर तोपखाना था। आज भी वह जगह तोप मोहल्ला के नाम से जानी जाती है। राजा इदारत जहां के बेटे राजा मुजफ्फर जहां माहुल के पवई रोड पर उनकी कोर्ट लगती थी। जिसे आज सल्लाहगढ़ के नाम से जाना जाता है। यहां के डीएम, एसडीएम और माहुल नगर पंचायत अध्यक्ष की जिम्मेदारी है कि इस स्थान को पर्यटन के रूप में विकसित करें। मेरा प्रयास है कि मैं इस स्थान पर राजा इदारत जहा की स्मारक बनवा सकूं।

आजमगढ़:- सिराजे हिन्द के शासक राजा इदारत जहां ने 1857 के विद्रोह में  अंग्रेजों को मालगुजारी देने से किया था मना
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 1857 के विद्रोह में सिराजे हिन्द(जौनपुर) के राजा इदारत जहां की जन्मस्थली  माहुल को आज भी पर्यटन विभाग का इंतजार है। इस स्थान का सुंदरीकरण कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। राजा और उनके 39 साथियों की मजार  माहुल के डॉ जाकिर हुसैन नगर वार्ड नम्बर 7 रौजा मीरा मोहल्ला में स्थित है।  माहुल की अंग्रेजों से सुरक्षा के लिए अपने बेटे राजा मुजफ्फर जहां को  माहुल का प्रभारी बनाया था। राजा इदारत जहां की याद में सबेरात पर दीपोत्सव का पर्व मनाया जाता है।
सिराजे हिन्द के राजा इदारत जहां और उनके भाई वसारत जहां का जन्म  माहुल में हुआ था। अंग्रेजों के खिलाफ चल रहे 1857 आंदोलन के दौरान इदारत जहां सिराजे हिन्द के राजा थे। अंग्रेजी हुकूमत द्वारा लगाए गए मालगुजारी के खिलाफ विद्रोह चल रहा था। अवध और लखनऊ के नबाबों ने अंग्रेजों के सामने सरेंडर कर दिया था। लेकिन सिराजे हिन्द के राजा इदारत जहां ने विद्रोह कर दिया था। जिसके चलते अंग्रेजी हुकूमत उनके पीछे पड़ गयी थी। राजा इदारत जहां ने अंग्रेजों को मालगुजारी न देकर दिल्ली के राजा बहादुर शाह जफर को मालगुजारी देने का निर्णय लिया था। अंग्रेजी हुकूमत ने कई बार इन पर आक्रमण किया, लेकिन सफल नहीं हो सकी। अंग्रेजों ने इनके भाई वसारत जहां को अपने साथ मिला लिया। राजा इदारत जहां के साथियों ने इसकी जानकारी भी दिया। लेकिन राजा को भरोषा नहीं हुआ। वसारत जहां ने अंग्रेजों द्वारा बिछाए गए जाल के अनुसार राजा इदारत जहां को फूलपुर के तिघरा में मुहर्रम के लिए बुलाया। जहां पर पहले से ही मक्का के खेत में अंग्रेजी सेना छुपी हुई थी। राजा इदारत जहां अपने 39 साथियों के साथ पहुँचे थे। अंग्रेजी सिपाहियों ने सभी का वहीं पर कत्ल कर दिया था। राजा इदारत जहां के बेटे  माहुल के प्रभारी राजा मुजफ्फर जहां वहां से सभी के शव लाकर  माहुल के रौजा में दफन किया। इसके बाद अंग्रेजों ने उन्हें भी बंदी बनाकर आगरा की जेल में बंद कर दिया। सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक फ्रीडम स्ट्रगल 1857 में राजा इदारत जहां का उल्लेख मिलता है।  माहुल के डॉ जाकिर हुसैन नगर रौजा मीरा मोहल्ला में राजा इदारत जहां की मजार है। जहां पर उनके साथियों को भी दफन किया गया है।
*अयोध्या और काशी के मध्य स्थित  माहुल को भी पर्यटन बनाने की चल रही मांग*
राजा इदारत जहां की जन्मभूमि अयोध्या, किछौछा शरीफ, दुर्वाषा और काशी के मध्य स्थित है। इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, इसकी मांग भी उनकी पीढ़ियों द्वारा लगातार की जा रही है। इन्ही के बंशज कैफी आजमी अकेडमी के आला इंडिया महासचिव सैयद मेंहदी हसन ने बताया कि इस संबंध में प्रमुख सचिव से वार्ता हुई है। 
*आज भी  माहुल के चारों ओर झील की शक्ल में जगह और गुड़गुज मौजूद*
माहुल की सुरक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बनाई गई गुड़गुज(टीले)  माहुल के दक्षिणी भाग में हैं। टीले पर खजूर के पेड़ रौजा की खूबसूरती बढ़ा रहे हैं। लेकिन देख रेख न होने के कारण धीरे धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। गुड़गुज के बगल में झील की शक्ल में खनक जल निकासी में सहयोगी था। वह भी पट्टा कर दिया गया है। जल निकासी अवरूद्ध है। गंदा पानी लगा हुआ है।  माहुलके जाने का केवल एक रास्ता था। 
* माहुल की सुरक्षा के लिए चारों तरफ लगी थी तोप, तोप मोहल्ला आज भी मौजूद*
सैयद मेहंदी हसन ने बताया कि  माहुल की सुरक्षा के लिए चारों तरफ तोप लगाई गई थी।  माहुल में स्थित अस्पताल के पास भी तोप लगी थी। पवई रोड पर तोपखाना था। आज भी वह जगह तोप मोहल्ला के नाम से जानी जाती है। राजा इदारत जहां के बेटे राजा मुजफ्फर जहां  माहुल के पवई रोड पर उनकी कोर्ट लगती थी। जिसे आज सल्लाहगढ़ के नाम से जाना जाता है। यहां के डीएम, एसडीएम और  माहुल नगर पंचायत अध्यक्ष की जिम्मेदारी है कि इस स्थान को पर्यटन के रूप में विकसित करें।

पुराना कस्बा राजा इदारत जहां द्वारा बसाया गया था।  माहुल के चारों ओर पुरानी पोखरी  माहुल की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी। अब उसमें गंदगी लगी है। जानवर पानी पीकर मर जाते हैं। बचपन के हम लोग इसी में नहाते थे। डीएम साहब को इस बारे में लिखा जाएगा। डीएम साहब भी सुंदरीकरण के लिए उत्सुक रहते हैं।  माहुल का सुंदरीकरण बहुत जरूरी है। पूर्वजों की धरोहर को सुरक्षित रखना जिम्मेदारी है। कहीं से बजट मिलता है तो सुंदरीकरण का कार्य कराया जाएगा। 
लियाकत अली, अध्यक्ष नगर पंचायत माहुल।