रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया की एंट्री, जेलेंस्की ने चीन की चुप्पी पर उठाए सवाल
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उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग में लड़ने के लिए अपने सैनिकों को रूस के कुर्स्क क्षेत्र में भेजा है। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने इसकी पुष्टि की है। नाटो महासचिव मार्क रट ने सोमवार को कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में उत्तर कोरियाई सेना की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।ये सैनिक यूक्रेन के साथ लड़ाई में रूस की मदद करने की तैयारी कर रहे है।यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में उत्तर कोरिया की भागीदारी को लेकर चेतावनी जारी की है।जेलेंस्की ने इस मुद्दे पर चीन की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। जेलेंस्की ने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट पर एक पोस्ट भी साझा किया है।
जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'मैंने दक्षिणी कोरिया के केबीएस को एक साक्षात्कार दिया, जिसमें इस युद्ध में उत्तर कोरिया की अधिकारिक भूमिका पर जोर दिया गया। यह सिर्फ हथियारों या रूसी कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की बात नहीं है। उत्तर कोरियाई सैनिक हमारे कब्जे वाले क्षेत्र कुर्स्क में यूक्रेन से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। यानी एक के खिलाफ दो देशों का युद्ध।'
यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में कोरियाई सैनिकों को शामिल करने के फैसले को लेकर जेलेंस्की ने रूस की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस ने उत्तर कोरिया के साथ खुलेआम साझेदारी की है और लगभग 3.5 मिलियन तोपें खरीदी हैं।'इतना नहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, 'उन तोपों और मिसाइलों का इस्तेमाल हमारे लोगों के खिलाफ किया गया था, लेकिन अब यह महज हथियार नहीं रह गए हैं। हमारे पास जानकारी है कि 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में एक प्रशिक्षण शिविर में हैं और जल्द ही यह संख्या बढ़कर 12,000 सैनिकों और अधिकारियों तक पहुंचने की उम्मीद है।
जेलेंस्की ने मौजूदा स्थिति पर चीन के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, 'उत्तर कोरिया की हरकतें बेतरतीब नहीं हैं। उनके रणनीतिक लक्ष्य हैं। मैं चीन की चुप्पी से हैरान हूं। मैं यह नहीं कह सकता कि चीन हमारे पक्ष में है, लेकिन क्षेत्रीय सुरक्षा गारंटर के रूप में उसकी चुप्पी चौंकाने वाली है। यह एशियाई सुरक्षा गठबंधन का समय हो सकता है। जापान और दक्षिण कोरिया दोनों ही मजबूत, सभ्य राष्ट्र हैं और उत्तर कोरिया की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए चीन से संपर्क करना जरूरी हो सकता है, क्योंकि उत्तर कोरिया सक्रिय रूप से उस क्षेत्र को युद्ध में धकेल रहा है। उनकी हरकतें संयोग नहीं हैं, वे बदले में रूस का समर्थन चाहते हैं।'
बता दें कि नॉर्थ कोरिया के 8000 सैनिक इस समय यूक्रेन की सीमा के पास रूस के कुर्स्क क्षेत्र में मौजूद हैं। ये सैनिक यूक्रेन के साथ लड़ाई में रूस की मदद करने की तैयारी कर रहे है। इसी बीच नॉर्थ कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में रूस को 1000 से ज्यादा मिसाइलें दी हैं। इस बात की जानकारी साउथ कोरिया के रक्षा मंत्री ने दी है।साउथ कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने गुरुवार को कहा कि नॉर्थ कोरिया ने यूक्रेन में लड़ने के लिए सैनिकों के अलावा रूस को 1,000 से अधिक मिसाइलें भेजी हैं।
इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल में ही अपने बयान में कहा था कि इस समय रूस में नॉर्थ कोरिया के 10000 सैनिक मौजूद हैं। उनमें से लगभग 8000 से ज्यादा सैनिकों को रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तैनात किया गया है। उन्होंने आशंका जताई है कि रूस आने वाले दिनों में इन सैनिकों का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर सकता है।
कुर्स्क रूसी इलाका है, जहां अगस्त महीने यूक्रेन की सेना घुस गई थी और बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद रूस को यहां पर अपनी सेना भेजनी पड़ी थी।पिछले कुछ सप्ताह में रूसी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र के आधे हिस्से पर फिर से कब्जा पाने में सफलता हासिल की है, लेकिन यूक्रेनी सेना अभी इलाके में मौजूद है और रूस को कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि किम जोंग उन के सैनिकों के शामिल होने से रूस को बढ़ मिल सकती है।
11 hours ago