निर्धनों के चेहरे मुस्कुराए,मिट्टी के दिए दियाली प्रज्वलित से सुख व समृद्धि -सरदार पतविंदर सिंह
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विश्वनाथ प्रताप सिंह
नैनी प्रयागराज । भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र,क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि मिट्टी के दिए जलाने का धार्मिक महत्व भी है।दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाने से सुख व समृद्धि व शांति आती है। मिट्टी के दिए जलाना ना सिर्फ प्रकृति के अनुकूल,संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना पंचतत्वों से हुई है,जिसमें जल, वायु, आकाश, अग्नि और भूमि शामिल है।
क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि कुम्हारों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की अपील के असर से उनकी भी अच्छी दीपावली रहेगी। लोग मिट्टी के दीयों से घरों को सजायेंगे।आधुनिकता के इस दौर में मिट्टी के दीये की पहचान बरकरार रखने के कारण कुम्हारों को इस बार भी अधिक कमाई की उम्मीद जगी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को पारंपरिक चीजों को अपनाने को कहा है।
क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि कुम्हारों ने बताया कि साल भर कुल्हड़ की मांग ज्यादा रहती है। समाज सुधारक,समाज सेवी, सामाजिक कार्यकर्ता,भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र,क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने स्वच्छता अभियान कई घंटे श्रमदान करते हुए मोहल्ले में रहने वाले लोगों के घर सुंदर,स्वच्छ बनाकर मोहल्ले वासियों को मोहल्ला सुपुर्द करते हुए उदाहरण प्रस्तुत किया ।
सरदार पतविंदर सिंह ने श्रमदान करते हुए दीपावली त्यौहार के आगमन पर विभिन्न घरों में जाकर स्वच्छता ही स्वास्थ्य की पहचान है का संदेश देते हुए श्रमदान कर हाथों से साफ सफाई पुताई करते हुए कहा कि स्वच्छता ईश्वर भक्ति के बराबर है केवल घर और पूजा स्थान ही स्वच्छ नहीं होना चाहिए बल्कि शरीर, मन और अपने आसपास के स्थान को भी साफ रखना चाहिए स्वच्छता ईश्वर की भक्ति का दूसरा रूप है सभी युवा एक साथ मिलकर अपने आसपास गरीब,निर्धन,कमजोर तबके के घरों में जाकर बराबर साफ- सफाई,रंगाई पुताई कर स्वच्छता बनाने का कार्य कर रहे हैं।




प्रयागराज। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए योगी सरकार ने जबरदस्त तैयारी की है। इसमें विभिन्न फोर्सेज को जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें घुड़सवार पुलिस भी शामिल है। महाकुंभ मेले के दौरान घुड़सवार पुलिस कर्मी हर समय मेला क्षेत्र में तैनात रहेंगे और पेट्रोलिंग करते रहेंगे। महाकुम्भ के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के प्रयागराज आने की सम्भावना है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचेंगे। विशेषकर प्रमुख स्नान की तिथियों पर एक समय में करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और संगम के घाट पर रहेंगे।
Oct 30 2024, 19:36
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