अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: वोटिंग से 10 दिन पहले हैरिस के लिए बुरी खबर, डोनाल्ड ट्रंप ने सर्वे में बनाई बढ़त
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राष्ट्रपति चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। इस बीच राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर जारी एक सर्वेक्षण में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के लिए अच्छी खबर आई है। नए सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर राष्ट्रीय स्तर पर मामूली ही सही लेकिन बढ़त हासिल की है। ये दावा वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक नए सर्वेक्षण में किया गया है। हालांकि ट्रंप को प्रतिद्वन्द्वी हैरिस पर मिली ये बढ़त बहुत बड़ी नहीं है लेकिन काफी महत्वपूर्ण है। इसकी वजह ये है कि बीते कुछ सर्वेक्षणों में हैरिस को ट्रंप पर बढ़त मिल रही थी। ट्रंप ने इस फासले को पाटते हुए बढ़त हासिल की है।
अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल के नेशनल सर्वे के मुताबिक, देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कमला हैरिस पर दो अंक की बढ़त है। ट्रंप प्रतिद्वन्द्वी हैरिस से दो अंक यानी 47 प्रतिशत से 45 प्रतिशत आगे हैं। सीएनबीसी ऑल-अमेरिका इकोनॉमिक सर्वे के सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप की कमला हैरिस पर 48 प्रतिशत से 46 प्रतिशत की बढ़त हैं। अमेरिका के अहम सात राज्यों में ट्रंप हैरिस से 48 प्रतिशत से 47 प्रतिशत आगे हैं।
इन अहम सात राज्यों में ट्रंप आगे
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर कांटे की टक्कर है। हालांकि स्विंग राज्यों में जो उम्मीदवार बढ़त हासिल करेगा वही जीत भी हासिल करेगा। देश के अहम सात राज्यों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप 0.9 प्रतिशत अंकों से आगे हैं। ये अहम सात राज्य एरिजोना, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, उत्तरी कैरोलाइना और जॉर्जिया हैं। इन राज्यों के बारे में माना जाता है कि यहां के मतदाताओं का रुझान बदलता रहता है।
पहले भी सर्वे में ट्रंप ने बढ़त हासिल की
इससे पहले हाल ही में आए डिसिजन डेस्क हिल के ताजा सर्वेक्षण में भी ट्रंप ने बढ़त हासिल की थी। इस सर्वे में जीत के मामले में डोनाल्ड ट्रंप अब कमला हैरिस से 4 प्रतिशत आगे निकल गए थे। डोनाल्ड ट्रंप के जीत का अनुमान अब 52 प्रतिशत था, वहीं कमला हैरिस के जीतने की संभावना अब केवल 48 फीसदी ही थी।
कमला ने किया जीत का दावा
इस बीच, कमला हैरिस ने एक बार फिर अपनी जीत का दावा किया है। जॉर्जिया में चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि वह सभी अमेरिकियों की नेता बनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र के भविष्य के प्रति सबकी चिंताओं को देख रही हैं। कमला हैरिस ने कहा कि अमेरिकी ऐसा राष्ट्रपति चाहते हैं जो आशावाद के साथ देश का नेतृत्व करे और उनके सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करे। इस दौरान उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप पर लोगों की मौलिक स्वतंत्रता छीनने का आरोप लगाया।








* महाराष्ट्र में एक चरण यानी 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव हैं। यहां वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। इस दिन तय हो जाएगा की आखिर महाराष्ट्र के सत्ता की कुर्सी कौन संभालेगा? महाराष्ट्र में मुख्य लड़ाई दो गठबंधन के बीच है। ये गठबधंन महायुति और महाविकास अघाड़ी हैं। महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) एनसीपी (अजित गुट) हैं। इसके साथ ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस पार्टी शामिल है। महाराष्ट्र की वीआईपी सीटों की बात करें वर्ली विधानसभा सीट उनमें से एक है। मुंबई की हाई प्रोफाइल सीटों में एक सीट है वर्ली विधानसभा सीट से शिवसेना (UBT) ने आदित्य ठाकरे को मैदान में उतारा है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) भी कड़ी चुनौती देने की तैयारी में जुटी है।उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे आदित्य ठाकरे को वर्ली सीट से घेरने को शिंदे वाली शिवसेना राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतार सकती है। दरअसल, वर्ली सीट पर एकनाथ शिंदे आदित्यनाथ को वॉकओवर नहीं देना चाहते हैं। पार्टी में इस संबंध में गंभीर मंथन भी हुआ है। इसी सिलसिले में मिलिंद देवड़ा से भी सीएम शिंदे सहित तमाम बड़े नेताओं ने बातचीत की है और विचार किया जा रहा है आदित्य के सामने मजबूत युवा चेहरे के तौर पर मिलिंद देवड़ा को ही उतारा जाए। हालांकि इस पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका है। बता दें कि मिलिंद देवड़ा को राजनीति विरासत में मिली है और उनके पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। मिलिंद देवड़ा इस समय राज्यसभा सदस्य हैं और दक्षिण मुंबई से तीन बार सांसद रह चुके हैं। मिलिंद देवड़ा ने जनवरी में ही कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थामा था। लोकसभा चुनाव के दौरान मिलिंद देवड़ा को ही वर्ली की कमान दी गई थी। वर्ली सीट शिवसेना यूबीटी के प्रभाव वाली मानी जाती है और इसके बावजूद वर्ली से शिवसेना यूबीटी को महज 6500 वोट की ही बढ़त हासिल हुई थी। हालांकि वर्ली सीट महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) एनसीपी (अजित गुट) में से किसके कोटे में जाएगी, ये स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन कयास यही लगाए जा रहे हैं कि महायुति गठबंधन में शिंदे गुट को कोटे के तहत यह सीट मिल जाए। ऐसे में उनके पास मजबूत चेहरे के रूप में मिलिंद देवड़ा हैं लेकिन वर्ली सीट पर बहुतायत में मराठी वोटर्स जीत तय करते हैं, ऐसे में पार्टियों के लिए इसका भी ध्यान रखना अनिवार्य है। अगर मिलिंद देवड़ा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो बीजेपी शायना एनसी को शिंदे गुट ज्वाइन कराकर मैदान में उतार सकती है। इससे पहले बीजेपी अपने 2 पूर्व सांसदों समेत कुल 3 नेताओं को एनसीपी (अजीत पवार गुट) ज्वाइन कराकर वहां से टिकट दिला दिया है।
Oct 26 2024, 10:17
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