ये अरबपतियों की रेस है या राष्ट्रपति चुनाव ? अमेरिका में एलन मस्क vs बिल गेट्स हुआ
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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अब सिर्फ दो सप्ताह का ही वक्त रह गया है। साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में भी पिछले दो चुनाव की तरह की कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस आमने सामने हैं। चुनावी मैदान में पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप रिब्लिकन पार्टी की ओर से ताल ठोक रहे हैं तो उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुने जाने की रेस में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस बार राजनीतिक पार्टियों के साथ ही उद्योगपतियों में भी जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जहां एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप को दिग्गज अरबपति एलन मस्क समर्थन कर रहे हैं। वहीं, अब माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कमला हैरिस को अपना समर्थन और वित्तीय ताकत दी है।
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अमेरिका में अगले महीने की शुरुआत में यानी 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। अंतिम दिनों में दो अरबपतियों की एंट्री होने से चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। डोनाल्ड ट्रंप को दिग्गज अरबपति एलन मस्क का साथ मिला है। दुनिया के अरबपतियों की सूची में 243.4 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ शीर्ष पर बैठे एलन मस्क राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक बनकर उभरे हैं। पूर्व राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस में वापस लाने के लिए उनकी राजनीतिक कार्रवाई समिति को 7.5 करोड़ डॉलर का दान दिया। इस दान ने मस्क को 2024 चक्र के सबसे बड़े खर्च करने वालों में से एक बना दिया।
मस्क पानी की तरह बहा रहे पैसा
एक गैर लाभकारी ट्रैकर संस्था ओपन सीक्रेट्स के अनुसार, ट्रंप का समर्थन करने वाली मस्क की पॉलिटिकल एक्शन कमेटी- अमेरिका पीएसी- ने इसी चुनाव में अबतक 11.9 करोड़ डॉलर खर्च कर दिया है। इसके अलावा मस्क का व्यक्तिगत चंदा उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में सबसे बड़ा निजी डोनर बना दिया है और महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट में ट्रंप के चुनावी अभियान में कथित रूप से वो सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। स्टीव डेविस मस्क के प्रमुख क़रीबियों में से एक हैं जो स्पेस एक्स, एक्स और बोरिंग कंपनी समेत उनकी कई कंपनियों के लिए काम कर चुके हैं। उन्हें कथित रूप से इस चुनाव के लिए विशेष तौर पर नियुक्त किया गया है। एलन मस्क न केवल डोनाल्ड ट्रंप को भारी-भरकम चंदा दे रहे हैं, बल्कि वे खुलकर उनके समर्थन में धुआंधार चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं।
गेट्स ने 50 मिलियन डॉलर का दान दिया
एक तरफ सुपर रईस एलन मस्क हैं, जो डोनाल्ड ट्रम्प के चुनावी अभियान में सक्रिय हैं। दूसरी ओर, बिल गेट्स भी मैदान में उतर गए हैं, जिन्होंने कमला हैरिस का समर्थन किया है। राजनीति से दूर रहने के दशकों बाद बिल गेट्स ने कुछ निजी बातचीत में घोषणा की कि उन्होंने हाल ही में "फ्यूचर फॉरवर्ड्स एक्शन" को लगभग 50 मिलियन डॉलर का दान दिया है।
एक बयान में, गेट्स ने हैरिस का समर्थन करने और ट्रंप का मुकाबला करने के अपने फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा, 'मेरे पास राजनीतिक स्पेक्ट्रम के नेताओं के साथ काम करने का एक लंबा इतिहास है, लेकिन यह चुनाव अलग है, जिसका अमेरिकियों और दुनिया के सबसे कमजोर लोगों के लिए असाधारण महत्व है।'
पूरी गेट्स फैमिली कर रही है कमला का समर्थन
बिल गेट्स की पूर्व पत्नी मेलिंडा फ्रेंच गेट्स ने भी हैरिस के अभियान में योगदान दिया है। हैरिस के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने के बाद से 1 बिलियन डॉलर की राशि मेलिंडा ने जुटाई है। गेट्स के दोनों बच्चे, रोरी और फोबे गेट्स भी कमला हैरिस के कट्टर समर्थक हैं। बिल और मिलिंडा गेट्स के अलावा स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स, स्टीवन स्पीलबर्ग, रीड हेस्टिंग्स, और माइकल मोरिट्ज़ भी कमला हैरिस की जमकर आर्थिक मदद कर रहे हैं।







* महाराष्ट्र में एक चरण यानी 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव हैं। यहां वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। इस दिन तय हो जाएगा की आखिर महाराष्ट्र के सत्ता की कुर्सी कौन संभालेगा? महाराष्ट्र में मुख्य लड़ाई दो गठबंधन के बीच है। ये गठबधंन महायुति और महाविकास अघाड़ी हैं। महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) एनसीपी (अजित गुट) हैं। इसके साथ ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस पार्टी शामिल है। महाराष्ट्र की वीआईपी सीटों की बात करें वर्ली विधानसभा सीट उनमें से एक है। मुंबई की हाई प्रोफाइल सीटों में एक सीट है वर्ली विधानसभा सीट से शिवसेना (UBT) ने आदित्य ठाकरे को मैदान में उतारा है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) भी कड़ी चुनौती देने की तैयारी में जुटी है।उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे आदित्य ठाकरे को वर्ली सीट से घेरने को शिंदे वाली शिवसेना राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतार सकती है। दरअसल, वर्ली सीट पर एकनाथ शिंदे आदित्यनाथ को वॉकओवर नहीं देना चाहते हैं। पार्टी में इस संबंध में गंभीर मंथन भी हुआ है। इसी सिलसिले में मिलिंद देवड़ा से भी सीएम शिंदे सहित तमाम बड़े नेताओं ने बातचीत की है और विचार किया जा रहा है आदित्य के सामने मजबूत युवा चेहरे के तौर पर मिलिंद देवड़ा को ही उतारा जाए। हालांकि इस पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका है। बता दें कि मिलिंद देवड़ा को राजनीति विरासत में मिली है और उनके पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। मिलिंद देवड़ा इस समय राज्यसभा सदस्य हैं और दक्षिण मुंबई से तीन बार सांसद रह चुके हैं। मिलिंद देवड़ा ने जनवरी में ही कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थामा था। लोकसभा चुनाव के दौरान मिलिंद देवड़ा को ही वर्ली की कमान दी गई थी। वर्ली सीट शिवसेना यूबीटी के प्रभाव वाली मानी जाती है और इसके बावजूद वर्ली से शिवसेना यूबीटी को महज 6500 वोट की ही बढ़त हासिल हुई थी। हालांकि वर्ली सीट महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) एनसीपी (अजित गुट) में से किसके कोटे में जाएगी, ये स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन कयास यही लगाए जा रहे हैं कि महायुति गठबंधन में शिंदे गुट को कोटे के तहत यह सीट मिल जाए। ऐसे में उनके पास मजबूत चेहरे के रूप में मिलिंद देवड़ा हैं लेकिन वर्ली सीट पर बहुतायत में मराठी वोटर्स जीत तय करते हैं, ऐसे में पार्टियों के लिए इसका भी ध्यान रखना अनिवार्य है। अगर मिलिंद देवड़ा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो बीजेपी शायना एनसी को शिंदे गुट ज्वाइन कराकर मैदान में उतार सकती है। इससे पहले बीजेपी अपने 2 पूर्व सांसदों समेत कुल 3 नेताओं को एनसीपी (अजीत पवार गुट) ज्वाइन कराकर वहां से टिकट दिला दिया है।

Oct 25 2024, 16:07
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