यूपी : 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे मिलेगी बिजली : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने का ऐलान किया है। गुरुवार को आहूत प्रदेश स्तरीय बैठक में आगामी पर्व-त्योहारों के सुचारु आयोजन, स्वच्छता, बेहतर कानून व्यवस्था आदि महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में शासन-प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक (ज़ोन), समस्त पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, आदि वरिष्ठ अधिकारियों की सहभागिता रही। बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिवों से त्योहारों के दृष्टिगत उनकी विभागीय तैयारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की और दिशा निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था, सतत संवाद और सभी वर्गों से मिल रहे सहयोग का ही परिणाम है कि हाल के वर्षों में प्रदेश में सभी पर्व-त्योहार शांति और सौहार्द पूर्ण माहौल में सम्पन्न हो रहे हैं। रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दुर्गापूजा, दशहरा और श्रावणी मेले हों या फिर ईद, बक़रीद, बरावफ़ात, मुहर्रम आदि पर्व, हर पर्व-त्योहार पर प्रदेश में सुखद माहौल रहा। बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग का यह क्रम सतत जारी रखा जाए।

आने वाले दिनों में धनतेरस, अयोध्या दीपोत्सव, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान एकादशी, वाराणसी देव दीपावली और छठ महापर्व जैसे विशेष त्योहार हैं। इसके अलावा अयोध्या में पंचकोसी, 14 कोसी परिक्रमा, कार्तिक पूर्णिमा स्नान आदि मेलों का आयोजन भी इसी अवधि में है। शांति, सुरक्षा और सुशासन के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। पिछले अनुभवों से सीख लें। पर्व- त्योहारों के इस समय में पुलिस और प्रशासन सहित पूरी टीम यूपी को 24×7 अलर्ट रहना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। पिछले एक माह की गतिविधियों की समीक्षा करें और चिन्हित उपद्रवियों/अराजक तत्वों को पाबंद करें। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए। यह हर्ष और उल्लास का समय है, इसमें उपद्रव स्वीकार नहीं किया जा सकता। अराजक तत्वों/उपद्रवियों को उनकी भाषा में ही जवाब देना उचित होगा।

उन्होंने निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर चौकसी बढाएं। हर जिले में ऐसी टीम होनी चाहिए जो सोशल मीडिया पर निगरानी करती रहे। यहां फेक अकाउंट बनाकर माहौल खराब करने वाली अफवाह/फेक न्यूज़ प्रसारित करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी और काली की प्रतिमा स्थापना की भी परंपरा है। प्रतिमा स्थापना कराने वाली संस्थाओं/समितियों से संवाद करें। संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती होनी चाहिए। दीपावली से पहले अलग-अलग समुदाय के धर्माचार्यों और पीस कमेटी के साथ संवाद-समन्वय बना लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धनतेरस/दीपावली के अवसर पर हर आय वर्ग का परिवार कुछ न कुछ खरीदारी करता है। बाजारों में चहल-पहल अधिक होगी। इस बीच सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान यह सुनिश्चित करें कि कहीं से भी व्यापारियों के उत्पीड़न की शिकायत न आए। व्यवस्था बनाने में उनका सहयोग लें और उन्हें अपेक्षित सहयोग दें।

दीपावली के लिए पटाखों की दुकानों/गोदामों का आबादी से दूर होना सुनिश्चित कराएं। जहां पटाखों का क्रय, विक्रय हो, वहां फायर टेंडर के पर्याप्त इंतज़ाम किए जाएं। पुलिस बल की सक्रियता भी बनी रहे। पटाखों की दुकान खुले स्थान पर हो। इन्हें लाइसेंस, एनओसी समय से जारी कर दिया जाए। पटाखों के अवैध भंडारण पर कठोर कार्रवाई की जाए।उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को दीपावली से पहले निःशुल्क रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध हो जाए। इसमें किसी स्तर पर विलम्ब नहीं होना चाहिए। एजेंसियों से भी समन्वय बना लें।

पर्व और त्योहार खुशियों का अवसर होते हैं। हर व्यक्ति उल्लास-उमंग और आह्लाद में होता है। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। हर नगर की जरूरत के अनुसार ट्रैफिक प्लान तैयार करें। यह सुनिश्चित करें कि बाजार आने वाले लोग ट्रैफिक जाम में न फंसें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पीआरवी 112 एक्टिव रहे।

छोटी सी घटना लापरवाही के कारण बड़े विवाद का रूप ले सकती है। ऐसे में अतिरिक्त सतर्कता आवश्यक है। त्वरित कार्यवाही और संवाद-संपर्क अप्रिय घटनाओं को संभालने में सहायक होती है। किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलंब किए, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान जैसे वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव का भव्य आयोजन इस वर्ष 30 अक्टूबर को होना है। भव्य, दिव्य, नव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत यह पहला दीपोत्सव है। स्वाभाविक रूप से इस बार दीपोत्सव में श्रद्धालुओं की उपस्थिति अपेक्षाकृत अधिक होगी। इसी प्रकार, 15 नवम्बर को वाराणसी में देव-दीपावली मनाई जाएगी। ऐसे में दोनों ही महत्वपूर्ण आयोजनों में सेफ्टी-सिक्योरिटी और क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था और अधिक अच्छी होनी चाहिए। दीपोत्सव और देव दीपावली की गरिमा के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए।

छठ पर्व को 'स्वच्छता और सुरक्षा' के मानक पर्व के रूप में आयोजित किया जाए। छठ महापर्व पर पूजा/अनुष्ठान के दौरान पूरे प्रदेश में स्वच्छ्ता का माहौल हो, इसके लिए नगर विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा विशेष प्रयास किये जायें। लोगों की आस्था का यथोचित सम्मान करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि नदियां/जलाशय दूषित न हों। नदी/जलाशय घाटों की साफ-सफाई करा लें और ट्रैफिक प्रबंधन भी किया जाए।

उल्लास और उमंग के इस अवसर पर यह सुनिश्चित किया जाए कि आगामी 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे अनवरत बिजली आपूर्ति हो। पॉवर कॉर्पोरेशन द्वारा इस संबंध में आवश्यक तैयारी कर ली जाए।आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रॉमा सेवाएं अनवरत रूप से चलती रहनी चाहिए। गांव हो या नगर हर जगह चिकित्सकों की सुलभ उपलब्धता होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी आम जन के जीवन से खिलवाड़ है। पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई तेज की जाए। किंतु जांच के नाम पर उत्पीड़न का प्रयास नहीं होना चाहिए।

पर्व और त्योहारों के इस उल्लासपूर्ण माहौल में लोगों के आवागमन में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। बड़ी संख्या में लोग अपने घर जाते हैं। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा ग्रामीण रुट पर बसों की संख्या बढ़ाई जाए। खराब हालत वाली बसों को सड़क पर कतई न चलने दें।थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में समाज के प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाएं। मीडिया का सहयोग लें, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे।मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल राष्ट्र से सीमा साझा करने वाले जनपदों की संवेदनशीलता को देखते हुए यहां इंटेलिजेंस को और बेहतर करने का प्रयास हो।

सभी विभागों में आईजीआरएस, सम्पूर्ण समाधान दिवस और सीएम हेल्पलाइन अथवा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों के स्तर से प्राप्त आम जनता की शिकायतों, आवेदनों के समयबद्ध और संतुष्टिपरक समाधान के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। इसकी हर दिन समीक्षा होनी चाहिए। शिकायतकर्ता से बात की जाए, उनका फीडबैक अनिवार्य रूप से लिया जाए। इसी प्रकार, जनपदों में भी विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाए। रैंडम विधि से कुछ प्रकरणों में फील्ड विजिट करते हुए समस्या के समाधान होने का सत्यापन किया जाए।
बेटियों को साइबर अपराध और घोटालों से बचाने के लिए योगी सरकार ने चलाई मुहिम,मिशन शक्ति के तहत परिषदीय छात्राओं को किया जा रहा जागरूक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मिशन शक्ति के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों की छात्राओं को साइबर अपराध और घोटालों से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करने की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य छात्राओं को डिजिटल युग में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना और उन्हें इनसे बचने के उपायों से लैस करना है।

छात्राओं को 10 प्रमुख साइबर घोटालों की जानकारी दी जा रही है, जिनमें फ़र्जी फोन कॉल, केवाईसी अपडेट के बहाने ठगी, पार्सल अटकने के नाम पर धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे साइबर अपराध शामिल हैं। विशेषज्ञों द्वारा बताया जा रहा है कि इन घोटालों से हर उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए छात्राओं को खुद के साथ-साथ अपने परिवार को भी इन खतरों से सतर्क रखने की सलाह दी जा रही है।

बेटियों को सशक्त बनाने की दिशा में कदम : संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस अभियान का उद्देश्य छात्राओं को साइबर दुनिया में सुरक्षित रहना सिखाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह अभियान उन्हें साइबर अपराधों और घोटालों का शिकार होने से बचाने के लिए सशक्त बनाएगा। साथ ही, उन्हें अपने आसपास के लोगों को भी इन खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

प्रमुख साइबर घोटालों की जानकारी दी जा रही है

योगी सरकार चाहती है कि परिषदीय छात्राएं ट्राई फोन घोटाला, पार्सल ठगी, डिजिटल गिरफ्तारी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, सोशल मीडिया ट्रेडिंग घोटाला, बैंकिंग विवरण ठगी और केवाईसी से जुड़ी ठगी के बारे में जागरूक रहें। उदाहरण के तौर पर, ठग ट्राई से जुड़े होने का झूठा दावा करके मोबाइल नंबर की अवैध गतिविधियों में संलिप्तता के नाम पर सेवा निलंबित करने की धमकी देते हैं। बालिकाओं को यह समझाया जा रहा है कि ट्राई ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करता; यह कार्य दूरसंचार कंपनियों द्वारा किया जाता है। इसी तरह, पार्सल अटकने का बहाना बनाकर पैसे की मांग करने वाले कॉल्स से सावधान रहने और तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी जा रही है।

इसके अलावा, नकली पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल गिरफ्तारी या ऑनलाइन पूछताछ के झांसे से भी सतर्क रहने को कहा जा रहा है, क्योंकि पुलिस ऐसी कोई डिजिटल कार्रवाई नहीं करती। ठग फर्जी क्रेडिट कार्ड के नाम पर बड़े लेन-देन की पुष्टि के लिए फोन करते हैं, जिसमें तुरंत बैंक से संपर्क कर जांच करने की सलाह दी जाती है। सोशल मीडिया पर दिखने वाली तेज मुनाफे वाली योजनाओं से भी सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि इनमें अधिकांश धोखाधड़ी होती है। केवाईसी अपडेट के बहाने व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले कॉल्स से भी बचने की सलाह दी जा रही है।

सुरक्षा के लिए सुझाव भी

- किसी भी कार्रवाई से पहले जानकारी की सत्यता जांचें।

- संदिग्ध कॉल्स और लिंक पर क्लिक न करें।

- बैंकिंग लेन-देन की पुष्टि सीधे बैंक से करें।

- संदिग्ध कॉल्स और नंबरों की तुरंत रिपोर्ट करें।

- उच्च-रिटर्न वाली योजनाओं से सतर्क रहें।

- केवाईसी अपडेट के लिए बैंक में व्यक्तिगत रूप से जाएं।

- अपने बैंक और व्यक्तिगत विवरण को फोन पर साझा न करें।

घोटालों की रिपोर्ट करने का सुझाव

छात्राओं को साइबर अपराध और घोटालों की रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800114000) और साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) के माध्यमों की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन को देने की सलाह दी जा रही है।
अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता होगी और मजबूत: सीएम योगी
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट बैठक हुई। इसमें इन-स्पेस के तत्वावधान में अंतरिक्ष क्षेत्र को समर्पित 1000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को मंजूरी दी गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता और मजबूत होगी।

अभिनन्दनीय है केंद्रीय कैबिनेट का निर्णय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर पोस्ट किया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को महाशक्ति बनाने के लिए सतत समर्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इन-स्पेस के अंतर्गत 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को स्थापित करने का निर्णय अभिनंदनीय है।

यह फंड 40 स्टार्टअप्स को सहायता भी प्रदान करेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि यह फंड अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार को प्रोत्साहित करने के साथ ही लगभग 40 स्टार्टअप्स को सहायता भी प्रदान करेगा। उन्होंने अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने वाले इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार भी जताया।
वृद्धावस्था पेंशन योजना के माध्यम से गरीब बुजुर्गों का आर्थिक सशक्तीकरण कर रही योगी सरकार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 56 लाख गरीब बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन देने का अपना वादा पूरा कर दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में ही 56 लाख गरीब बुजुर्गों के खाते में 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन उनके खाते में जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी ने अपनी जनकल्याणकारी नीतियों से प्रदेश के हर वर्ग के प्रगति का खाका खींचा है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश आज प्रगति की राह पर तेजी से दौड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी की योजनाओं में प्रदेश के बुजुर्गों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। प्रदेश के नागरिकों को बुढ़ापे में किसी पर निर्भर न रहना पड़े, इसके लिए योगी सरकार वृद्धावस्था पेंशन योजना माध्यम से उनका आर्थिक सशक्तीकरण कर रही है। योगी सरकार की इस पहल का उद्देश्य बुजुर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने जीवन के अंतिम वर्षों में वित्तीय परेशानियों से जूझने को मजबूर न हो और गरिमा व सम्मान के साथ जीवन जी सकें।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर शासन ने विभागीय अधिकारियों को विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर के माध्यम से वृद्धों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था। कहा गया था कि अगर तय लक्ष्य से ज्यादा पात्र
वृद्ध अगर मिलते हैं तो उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह मुख्यमंत्री योगी की कार्यशैली और समाज कल्याण विभाग की सक्रियता का नतीजा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही तय लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।

गरीब बुजुर्गों का ख्याल रख रही योगी सरकार

प्रदेश में बुजुर्गों के लिए यह योजना एक वरदान साबित हो रही है। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के आर्थिक रूप से कमजोर वृद्धजनों को हर महीने 1000 रुपयेकी पेंशन का लाभ मिल रहा है, जिससे उनके जीवन-यापन में सहायता मिल रही है। आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में 55,68,590 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला है और इस पर कुल 6,46,434.06 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं वर्ष 2024-25 के पहली तिमाही में 55,99,997 लाख लाभार्थियों के खाते में 1,67,975 लाख सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।

डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया से तहत पात्र बुजुर्गों को मिल रहा लाभ

योगी सरकार द्वारा वृद्धजनों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है। अब कोई भी पात्र व्यक्ति योजना का लाभ पाने के लिए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट https://sspy-up.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकता है। इससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होती। आवेदन की पुष्टि ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी द्वारा की जाती है।

गरीब बुजुर्गों के लिए वरदान बनी योजना

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना मुख्य रूप से उन वृद्धजनों तक पहुंचने के लिए बनाई गई है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और पेंशन के माध्यम से अपने जीवन की आवश्यकताएं पूरी कर सकें।
वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। साथ ही, उनकी आय निर्धारित आय सीमा के अंतर्गत होनी चाहिए। शहरी क्षेत्रों में वार्षिक आय सीमा 56,460 है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सीमा 46,080 है।

योजना के लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि

इस योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2018-19 में 40,71,580 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला, जिसमें 187913.10 लाख की धनराशि खर्च की गई। 2019-20 में यह संख्या बढ़कर 47,99,480 हो गई और 269774.45 लाख का व्यय हुआ। 2020-21 में 51,24,155 लाभार्थियों को 369449.13 लाख की पेंशन मिली। 2021-22 में 51,92,779 वृद्धजनों को 427790.56 लाख की पेंशन दी गई। 2022-23 में यह संख्या 54,97,237 तक पहुंच गईऔर इस पर कुल 608374.50 लाख खर्च हुए। 2023-24 में 55,68,590 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला है और इस पर कुल 646434.06 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं वर्ष 2024-25 के पहली तिमाही में 55,99,997 लाख लाभार्थियों के खाते में 1,67,975 लाख सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट बनाने में पहले नंबर पर यूपी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवाओं में पूरे देश में अपना परचम लहराया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की विभिन्न इकाइयाें में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट(ABHA) बनाने में भी यूपी देश में पहले स्थान पर है।

प्रदेश में अब तक 12.45 करोड़ आभा आईडी बनायी गयी

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव रंजन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पूरे प्रदेश में युद्धस्तर पर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएस) के तहत प्रदेशवासियों की हेल्थ यूनिक आईडी बनाने का काम चल रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश पूरे देश में एबीडीएस की विभिन्न इकाइयों को बनाने में पहले स्थान पर है। इनमें उत्तर प्रदेश आभा आईडी, हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, 100 माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट, स्कैन एण्ड शेयर मॉड्यूल के मामले में पूरे देश में पहले पायदान पर है जबकि इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।

12.45 करोड़ आभा आईडी को बनाकर पूरे देश में पहले पायदान पर यूपी

सचिव रंजन कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आभा (ABHA) को प्रदेश में पिछले एक वर्ष से लागू किया गया है। अब तक प्रदेश लगभग 12.45 करोड़ आभा आईडी को बनाकर पूरे देश में पहले पायदान पर है। वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है।इसी तरह हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री (HPR) में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के स्वास्थ्य कर्मियों जैसे डॉक्टर, नर्सेज, सीएचओ, एएनएम, आशा इत्यादि का पंजीकरण किया जा रहा है। अब तक 74,789 रजिस्ट्री की जा चुकी है और वर्तमान में प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। वहीं दूसरे स्थान पर कर्नाटक है, जहां पर अभी तक लगभग 58,919 हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री का सृजन किया जा चुका है।

61,015 हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री को फैसिलिटीज़ रजिस्टर किया जा चुका

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव रंजन कुमार ने बताया कि हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) में सभी चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सालयों, स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र, प्राइवेट चिकित्सालय, क्लीनिक, डायग्नाोस्टिक इत्यादि का पंजीकरण होना है। अब तक 61,015 हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री को फैसिलिटीज़ रजिस्टर किया जा चुका है। इस मामले में भी वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

प्रदेश भर में 35 माइक्रोसाइट का किया जा रहा संचालन

भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा लागू 100 माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट में से 35 माइक्रोसाइट का संचालन प्रदेश में किया जा रहा है। माइक्रोसाइट निजी क्षेत्र में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंगीकरण के लिए लागू किया गया है। इसमें वर्तमान में सर्वाधिक हेल्थ रिकार्ड प्रदेश से ही जोड़े जा रहे हैं। इसमें राजधानी लखनऊ देश में पहला माइक्रोसाइट है, जिसने निर्धारित लक्ष्य को सर्वप्रथम प्राप्त किया है। इसके जरिये न सिर्फ मरीजों को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं बल्कि अस्पतालों में बेहतर ढंग से कतार प्रबंधन, अस्पताल प्रबंधन एवं डाटा प्रबंधन करते हुए चिकित्सकीय व्यवस्थाओं को और पारदर्शी एवं सरल बनाया जा रहा है।

5.25 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड का सृजन

प्रदेश में अब तक लगभग 5.25 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड का सृजन किया जा चुका है। वर्तमान में प्रदेश भारत में द्वितीय स्थान पर है जबकि प्रथम स्थान पर आंध्र प्रदेश है, जिसने अभी तक 5.32 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड सृजन कर लिया है। सचिव ने बताया कि जल्द ही प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड बनाने में पूरे देश में पहले स्थान पर होगा।
पूर्व आईएएस से एक करोड़ ठगने वाला गिरफ्तार,आरोपी की पत्नी की भूमिका की पुलिस कर रही जांच

लखनऊ। शराब की तीन दुकानें दिलाने के नाम पर सेवानिवृत्त आईएएस हरि प्रसाद सिंह से एक करोड़ रुपये ठगने वाले आरोपी को गोमतीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस अब आरोपी की पत्नी की भी भूमिका जांच रही है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि विपुलखंड निवासी हरि प्रसाद सिंह 2017 में विशेष सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

मई 2024 में उनकी मुलाकात चिनहट के गणेशपुर निवासी राकेश शर्मा से हुई थी। उसने खुद को पूर्व पुलिस अधिकारी बताया था। साथ ही उनका मोबाइल नंबर और घर का पता ले लिया था। अगले ही दिन कॉल करके वह पत्नी शकुंतला शर्मा के साथ उनके घर पहुंच गया था।राकेश ने हरिप्रसाद को बताया कि पुलिस की नौकरी छोड़कर शराब का कारोबार शुरू किया है। उसके पास शराब की 84 दुकानें हैं। आबकारी विभाग में अच्छी पकड़ होने का दावा किया।

शाहनजफ रोड की दो और वृंदावन योजना रायबरेली रोड पर शराब की एक दुकान दिलाने के नाम पर पूर्व आईएएस से 22.62 लाख का चेक और 75.50 लाख रुपये नकद ऐंठ लिए थे। उनके बेटे के पारिवारिक मुकदमे में भी पैरवी और केस खत्म कराने के नाम पर भी रुपये लिए थे। काम न होने पर रकम वापसी पर आरोपी दंपती टालमटोल करने लगे।

इसके बाद पूर्व आईएएस ने गोमतीनगर थाने में केस दर्ज कराया था। बुधवार देर रात पुलिस ने गोसाईंगंज टोल प्लाजा के पास से आरोपी राकेश को गिरफ्तार किया। वह मूलरूप से मऊ के सराय लाखन सिंह का रहने वाला है। उसके खिलाफ वजीरगंज में दो और हजरतगंज में एक आपराधिक मामला दर्ज है। डीसीपी ने बताया कि आरोपी की पत्नी शकुंतला की भूमिका की जांच की जा रही है।

अनियंत्रित होकर गुमटी में घुसी बाइक,दो की मौत
लखनऊ । राजधानी के चिनहट थानाक्षेत्र में गुरुवार की सुबह गड्ढे में बाइक का पहिया जाने से वह अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गुमटी में जा घुसी। गुमटी में लगी सीमेंट की टिन से टकराकर बाइक सवार के चेहरे के चीथड़े उड़ गए और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने गंभीर रूप से जख्मी चालक के साथियों को अस्पताल पहुंचाया जहां एक और ने दम तोड़ दिया। हादसा इतना भीषण था कि देखने के बाद लोगों की रूक कांप उठी। उधर मौत की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मचा गया।

उदयगंज निवासी बब्बू (20) बाइक मैकेनिक थे। बुधवार रात करीब 11 बजे वह बाइक से अपने दोस्त हजरतगंज के बालूअड्डा निवासी अरशद (19) और कामरान के साथ देवा शरीफ गए थे। गुरुवार की  सुबह करीब सात बजे तीनों एक बाइक से घर लौट रहे थे। बब्बू बाइक चला रहा थे। जिसकी रफ्तार काफी तेज थी तभी देवा रोड पर बने गड्ढे में बाइक का पहिया फंस गया और बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बनी गुमटी में जा घुसी। हादसा इतना भयानक था कि गुमटी में पड़ी सीमेंटड टीन बब्बू के चेहरे में जा धंसी और चीथड़े उड़ गए। पुलिस ने अरशद और कामरान को अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टर ने अरशद को मृत घोषित कर दिया। हादसा इतना भीषण था कि बाइक दो हिस्सों में बंट गई। बाइक की हालत देख लोगों की रूह कांप उठी। अपर पुलिस आयुक्त पूर्वी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को सूचित करने के बाद शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया गया है।
सपा ने गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट पर उतारे प्रत्याशी


लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को दो और सीटों पर उपचुनाव में प्रत्याशी उतार दिए हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत सभी सीटों पर सपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। कांग्रेस ने उपचुनाव में एक भी पार्टी के प्रत्याशी को नहीं उतारने का निर्णय लिया है।

प्रदेश की 09 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार न उतारने के निर्णय के तुरंत बाद सपा ने दोनों सीटों पर अपने पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सपा ने गाजियाबाद सीट से सिंह राज जाटव और और अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से डॉ. चारु कैन को चुनाव मैदान में उतारा है। सपा इससे पूर्व प्रदेश की 07 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के टिकट की घोषणा कर चुकी थी।
उप्र विधान सभा उपचुनाव : बसपा ने आठ सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश में हो रहे विधान सभा उपचुनावों के लिए गुरुवार को आठ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। केन्द्रीय कार्यालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट से अमित

वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है। प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से जितेंद्र कुमार सिंह, मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर शाहनजर, कानपुर नगर की शीशामऊ विधानसभा सीट से वीरेंद्र कुमार शुक्ला, मैनपुरी की करहल सीट से अवनीश कुमार शाक्य,

मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से रफतुल्ला उर्फ नेता छिद्दा, गाजियाबाद की गाजियाबाद विधानसभा सीट से परमानंद गर्ग और मीरजापुर की मझवा विधानसभा सीट से दीपक तिवारी को बहुजन समाज पार्टी ने उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है।
उप्र विधानसभा उपचुनाव : भाजपा के सात उम्मीदवारों की सूची जारी
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति ने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव 2024 के लिए सात उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह की ओर से जारी सूची के अनुसार कुंदरकी विधानसभा से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर विधानसभा से सुरेन्द्र दिलेर और करहल से अनुजेश यादव को उम्मीदवार घोषित किया है। इसी तरह फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवां से सुचिस्मिता मौर्या को उम्मीदवार घोषित किया गया है।

प्रत्याशियों की घोषणा पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि स्थानीय इकाई से परामर्श कर प्रत्याशी घोषित किये गये हैं। सभी प्रत्याशी चुनाव में जीत हासिल करेंगे। 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास' केवल नारा नहीं बल्कि भाजपा के हर निर्णय में इसकी झलक है।