*भदोही में गोल्ड लोन के नाम पर धोखाधड़ी:नकली सोना देकर लिया लोन, चार लोगों और आभूषण व्यापारी पर मामला दर्ज*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गोल्ड लोन के नाम पर बैंक में नकली सोना जमा करने के आरोप में गोपीगंज निवासी आभूषण व्यापारी के साथ चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक फुरकान लतीफ खान ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि बैंक को करीब 13 लाख 50 हजार 687 रुपये का नुकसान हुआ है। बैंक के द्वारा प्रयागराज के स्वर्ण व्यापारी से जांच कराए जाने के बाद मामला प्रकाश में आया।यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक फुरकान लतीफ खान ने ज्ञानपुर कोतवाली में तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2024 में तत्कालीन प्रबंधक गुलाब सिंह के कार्यकाल में चार गोल्ड लोन स्वीकृत किए गए थे। जिसमें अजय गुप्ता निवासी पुरानी बाजार ज्ञानपुर, आरती देवी निवासी दानूपर मतेथू, रजनीश पांडेय निवासी राम क पूरा, जुबैद अहमद निवासी पुरानी बाजार ज्ञानपुर को गोल्ड लोन स्वीकृत किया गया था। इनके आभूषणों की जांच गोपीगंज के दुर्गा गली, सदर मोहाल निवासी आभूषण व्यापारी राजू सेठ से कराया गया था। इसके बाद बैंक की ओर से चारों लोगों के सोने की जांच फूलपुर प्रयागराज के एक स्वर्ण व्यापारी से कराया गया तो वह नकली निकला। आरोप लगाया कि लोन धारकों के साथ आभूषण व्यापारी द्वारा जानबूझकर बैंक को धोखे में रखा गया। जिससे बैंक का 13 लाख 50 हजार 687 रुपये का नुकसान हुआ है। बैंक मैनेजर की तहरीर पर चारों लोन धारकों के साथ आभूषण व्यापारी पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सीओ चमन सिंह चावड़ा ने बताया कि बैंक मैनेजर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
*भदोही में 12 ग्राम पंचायत अधिकारियों को मिली नियुक्ति:डीएम ने थमाया नियुक्ति पत्र, बोले-पूरी निष्ठा से करेंगे काम*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में नियुक्त ग्राम पंचायत अधिकारियों को आज नियुक्ति पर वितरण किया। जिसके क्रम में कलेक्ट्रेट सभागार में जिले में नियुक्त 12 ग्राम पंचायत अधिकारी को डीएम व जिला पंचायत अध्यक्ष के हाथों नियुक्ति पत्र वितरण किया गया।कलेक्ट्रेट सभागार में आज नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी एवं जिलाधिकारी विशाल सिंह के हाथों 12 ग्राम पंचायत अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। जिले में आयोग द्वारा नियुक्त 12 ग्राम पंचायत अधिकारी आज नियुक्ति पत्र पाने के बाद उनके चेहरे खिल उठे। सभी ग्राम पंचायत अधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार जताया। ग्राम पंचायत अधिकारियों ने कहा कि जिले में जहां भी तैनाती मिल रही है वहां पर निष्ठा पूर्वक कार्य करेंगे। सरकार की योजनाओं से ग्राम सभाओं के लोगों को लाभान्वित कराने का काम करेंगे। जिलाधिकारी ने सभी नवनियुक्त ग्राम पंचायत अधिकारी को दायित्व के प्रति सजग रहने का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि गांव के विकास से ही देश का विकास का रास्ता निकलता है । इसलिए आप सभी लोगों के पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है जिसका निर्वहन जिम्मेदारी पूर्वक करें। इस अवसर पर जिले के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
*जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी जीआईसी में 26 को*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। समग्र शिक्षा अभियान के तहत माध्यमिक शिक्षा - स्तर की जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन 26 अक्टूबर को सुबह 9.30 बजे से विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज ज्ञानपुर में किया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने यह जानकारी दी है। इसमें छात्र - छात्राओं की ओर से पर्यावरण,जैव विविधता,मानव कल्याण में जीवन विज्ञान, वैकल्पिक ऊर्जा, गणित, भौतिक विज्ञान एवं खेल आदि से संबंधित माॅडल लगाए जाएंगे। उन्होंने समस्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के अधिकारक बच्चों को माॅडल के साथ प्रतिभाग कराने का निर्देश दिया है।
*किसी ने खेत में खड़े होकर तो किसी ने घर बैठे कॉलेज की लोकेशन की अपलोड*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। माध्यमिक शिक्षा परिषद के तहत हाईस्कूल, इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू है। परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए परिषद जहां केंद्र बनाने की कवायद में जुटा है वहीं शिक्षा माफिया जोड़-तोड़ में लगे हैं। किसी ने खेत में खड़े होकर तो किसी ने घर बैठे ही कॉलेज की लोकेशन अपलोड कर दी है। शिक्षा माफियाओं के इस खेल में परिषद को भेजी गई 45 विद्यालयों की जिओ लोकेशन फेल हो गई है। परिषद ने एक बार फिर जिओ लोकेशन मैपिंग चार्ट भरने का निर्देश दिया है। जिले में 38 राजकीय, 25 वित्तपोषित समेत कुल 193 माध्यमिक और इंटर कॉलेज संचालित हैं। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में करीब 55 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत है।बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। तहसील स्तरीय समिति की ओर से विद्यालयों की सत्यापन रिपोर्ट परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। बोर्ड परीक्षा में केंद्रों की सही स्थिति की जानकारी के लिए ऑनलाइन जिओ लोकेशन मैपिंग चार्ट भरने की प्रक्रिया कराई जाती है। इससे यह ज्ञात हो जाता है विद्यालय कहां है तो उससे अन्य विद्यालयों की दूरी क्या है। जिओ लोकेशन के बाद परिषद के लिए केंद्र निर्धारण करना आसान हो जाता है।अब देखा जाए तो पहले दी गई लोकेशन के सत्यता जांचने के लिए दोबारा जिओ लोकेशन लिया गया तो जिले में स्थित 193 में से 45 विद्यालयों के लोकेशन में विसंगति सामने आ गई। इन स्कूलों की टैगिंग करते समय यह बचाव किया गया है कि स्कूल परीक्षा केंद्र न बन सकें। अब विभागीय अधिकारी गलत अपलोड की गई जियो टैगिंग को सही कराने में जुटे हैं। परिषद ने फिर से जिओ लोकेशन देने का निर्देश दिया है। कहा कि अगर अबकी बार विसंगतियां आई तो संबंधित स्कूल भविष्य में केंद्र बनाने से बाहर कर दिया जाएगा।जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने कहा कि जियो लोकेशन अपलोड करने में कुछ विद्यालयों में विसंगतियां आई हैं। जिसको सुधारा जा रहा है। केंद्र निर्धारण होने से पूर्व सभी व्यवस्था सही करा ली जाएगी।
*फैमिली आईडी होगी हमारी पहचान, मिलेगा 76 योजनाओं का लाभ*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। राशन कार्ड से वंचित आयकर दाता और सम्पन्न परिवारों की पहचान अब फैमिली आईडी से होगी। फैमिली आईडी से उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। वहीं आय, जाति, निवास जैसे प्रमाण पत्रों का भी कार्य करेगी। वहीं राशन कार्ड धारकों का कार्ड नंबर ही उनकी फैमिली आईडी मानी जाएगी। फैमिली आईडी बनाने के लिए परिवार के हर सदस्य का आधार नंबर और उसमें मोबाइल नंबर अटैच होना अनिवार्य है। शासन की ओर से एक परिवार, एक पहचान के तहत सरकार फैमिली आईडी जारी किया जा रहा है। फैमिली आईडी कार्ड के माध्यम से पात्र परिवारों को योजनाओं का लाभ प्राप्त करना आसान होगा। 12 अंकों के इस कार्ड में पूरे परिवार का ब्योरा होगा। इस कार्ड से केंद्र और राज्य सरकार की 76 योजनाओं को जोड़ा जा चुका है। अगर आपके पास राशन कार्ड नहीं है तो आप फैमिली आईडी बनवाकर भी केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ ले सकते हैं। फैमिली आईडी के तहत यूपी में रहने वाले परिवारों का लाइव डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इस कार्ड से लोगों को आय, जाति और निवास व अन्य प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भाग-दौड़ नहीं करना पड़ेगा। जिलाधिकारी विशाल सिंह के अनुसार यह एक विशिष्ट पहचान पत्र है। अगर आपके पास राशन कार्ड नहीं है तो आप फैमिली कार्ड बनवा सकते हैं। ऐसे परिवार के लोग https://familyid.up.gov.in वेबसाइट पर जाकर निशुल्क फैमिली आईडी प्राप्त कर सकते हैं। राशन कार्ड धारकों का कार्ड नंबर ही फैमिली आईडी जिलाधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि जिन परिवारों के पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत राशन कार्ड जारी किए गए हैँ। उनका राशन कार्ड संख्या ही फैमिली आईडी होगी। इसके अलावा जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है। उन्हें अपनी फैमिली आईडी के लिए पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा।
*भदोही में 724 कोटेदारों से पूर्ति विभाग ने मांगी मृतकों की सूची जिले में पात्र गृहस्थी और अंत्योदय के दो लाख 98 हजार कार्डधारक*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कालीन नगरी में मृतकों के नाम पर राशन उठान पर रोक लगाने की कवायद शुरू हो गई है। पूर्ति विभाग की ओर से सभी 724 कोटेदारों को पत्र जारी कर मृतकों को चिह्नित कर सूची मांगी गई है। कोटेदारों को इसके लिए सात दिन तक का समय दिया गया है। सूची मिलने के बाद विभाग राशन कार्ड से नाम हटाएगा।जिले की 546 ग्राम पंचायतों और सात नगर निकायों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 724 राशन की दुकान संचालित हो रही हैं। जिन पर दो लाख 98 हजार कार्डधारक हैं। करीब दो लाख 60 हजार पात्र गृहस्थी तो 38 हजार अंत्योदय कार्ड धारक हैं। कार्ड धारकों को हर माह मुफ्त राशन का लाभ दिया जाता है। सचिवों की लापरवाही एवं विभागीय उदासीनता के कारण बड़ी संख्या में मृतकों के नाम भी राशन का उठान किया जा रहा है। Street buzz News ने 20 अक्तूबर के अंक में दो हजार मृतक उठा रहे पीडीएस का राशन शीर्षक से खबर प्रकाशित किया तो विभाग हरकत में आया। कोटेदारों को पत्र जारी कर मृतक मुखिया एवं अन्य की सूची तहसीलों में भेजने का निर्देश दिया। कहा कि मृतकों की सूची आने से कार्ड से उनका नाम निरस्त कर दिया जाएगा। कोटेदारों से कहा कि इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि सभी 724 कोटेदारों को पत्र भेजा गया है। एक सप्ताह के अंदर सभी को अपने यहां सत्यापन कर रिपोर्ट देनी है कि वर्तमान में कार्ड में शामिल कितने लोग जीवित हैं। जिससे उनका नाम हटाया जा सके।
*हत्याकांड के खुलासे को एसटीएफ दो टीमों के समेत पांच टीमें गठित*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही के बसावनपुर के पास प्रधानाचार्य की हत्या के खुलासे के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। मामले में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ भदोही कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। प्रधानाचार्य हत्याकांड के लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने एसटीएफ की दो टीमों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा तीनो सर्किल के सीओ की एक-एक टीम का गठन किया गया है। एएसपी डॉ. तेजबीर सिंह ने बताया कि हत्याकांड के खुलासे के लिए पांच टीमें सक्रिय कर दी गई है। हत्याकांड का जल्द खुलासा किया जाएगा।

बाइक सवार युवकों की उम्र 28 से 30 साल : चालक घटना के एक मात्र प्रत्यक्षदर्शी प्रधानाचार्य के चालक संतोष सिंह ने बताया कि बाइक सवार दोनों युवक की उम्र 28 से 30 के बीच रही होगी। दोनों पीछे से उनकी गाड़ी के बाई तरफ आए और मोबाइल देखाया। प्रिंसपल ने जैसे ही शीशा खोला वैसे ही गोली मारकर मोढ़ की तरफ भाग गए। बताया कि वे 2009 से ही उनकी गाड़ी चलाते हैं।
*केंद्र के मानक पर जिले के 32 विद्यालय फेल* *तीनों तहसीलों में डीएम द्वारा गठित चार सदस्यीय टीम ने सौंपी सत्यापन*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की आगामी परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र बनाने के मानकों पर जिले के 32 विद्यालय फेल हो गए हैं। किसी में चहारदीवारी नहीं है तो किसी में पर्याप्त संख्या में कक्ष, शौचालय और फर्नीचर का अभाव है। डीएम की गठित टीम की जांच में खामियां सामने आईं हैं। 190 स्कूलों के सत्यापन रिपोर्ट में 60 की रिपोर्ट परिषद भेजी गई, जबकि सोमवार को 130 विद्यालयों की भेजी जाएगी। इसके बाद मानक पूर्ण करने वाले विद्यालयों में से परिषद के माध्यम से ऑनलाइन केंद्र निर्धारण होगा।जिले में तीन राजकीय इंटर काॅलेज सहित 38 राजकीय विद्यालय, 25 वित्तपोषित समेत कुल 193 माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में करीब 55 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। परीक्षा की तिथि तय नहीं है, लेकिन फरवरी में संभावित बोर्ड परीक्षा को लेकर केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू है। 190 स्कूलों की तरफ से केंद्र बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। जिसके बाद डीएम द्वारा गठित टीमों ने तीनों तहसीलों ज्ञानपुर, भदोही और औराई के विद्यालयों का भौतिक सत्यापन किया। 18 अक्तूबर को गठित टीमों ने रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपी। जिसमें 20 राजकीय और 12 वित्तविहीन विद्यालय केंद्र के मानक पूर्ण नहीं करते मिले। इन स्कूलों में बेहतर शौचालय, विद्युतीकरण, बाउंड्रीवाल संग अन्य कमियां पाई गई। किसी में भवन और फर्नीचर की स्थिति आधी अधूरी मिली है। सीसीटीवी कैमरे और पेयजल के मानकों पर भी अनेक विद्यालय फेल साबित हो गए हैं। स्कूलों में ये सुविधाएं जरूरी बोर्ड परीक्षा में केंद्र बनने के लिए कक्ष संख्या, परीक्षा कक्ष, बाउंड्री वॉल, पेपर स्ट्रांग रूम, गेट, दुरुस्त खिड़की, डबल लॉकर वाली आलमारी, एक्टिवेशन, डीवीआर, सीसीटीवी, रिकॉर्डर, राउटर, मॉनिटर, हाईस्पीड इंटरनेट की व्यवस्था होनी चाहिए। सभी स्कूलों का सत्यापन रिपोर्ट मिल गया है। कुछ में कमियां मिली है। जिसे सुधारने का निर्देश दिया गया है। 60 विद्यालयों की रिपोर्ट परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। अंशुमान डीआईओएस
*प्रशासन के भरोसे चुनाव लड़ रही भाजपा:भदोही में बाबू सिंह कुशवाहा बोले-उपचुनाव से पहले बदले BLO, सपा जीत रही*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही में समाजवादी पार्टी सपा के जौनपुर सांसद और लोकसभा में उपनेता बाबू सिंह कुशवाहा ने नगर के अजीमुल्लाह चौराहे पर स्थित पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व ब्लॉक प्रमुख विद्या विकास यादव के आवास पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है और भाजपा प्रशासन के भरोसे चुनाव जीतने में जुटी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बीएल‌ओ को बदला गया है लेकिन फिर भी सपा सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी। भदोही जिले के बगल में मझंवा और फूलपुर विधानसभा के उपचुनाव की बात करते हुए उन्होंने पार्टी नेताओं की ,कि वे वहां जाकर चुनाव प्रचार करें और पार्टी प्रत्याशी को जीत दिलाएं। बाबू सिंह कुशवाहा ने भाजपा को पिछड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि यह सरकार पिछड़ा वर्ग, आदिवासी दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को वोट तो लेती है, लेकिन इनको न तो रोजगार देती है और न ही सम्मान प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पीडीए ( पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का नारा दिया है, जिस पर काम चल रहा है। कुशवाहा ने जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में अपनी बात रखी, ताकि समाज के सभी वर्गों को उनकी हिस्सेदारी मिल सके। भदोही विधायक जाहिद बेग के मामले पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह मामला न्यायालय में चल रहा है और जो भी फैसला आएगा, उसे मानेंगे उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार सपा नेताओं को परेशान करने में लगी है जैसे कि कानपुर के विधायक इरफान सोलंकी के मामले में देखा गया।
*नमामि गंगे योजना को डेढ़ साल से नहीं मिल रहा बजट* *गंगा को निर्मल एवं किसानों की आय बढ़ाने की मुहिम जमीन पर नहीं हो पा रही कारगर*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मोक्षदायिनी गंगा को निर्मल एवं स्वच्छ बनाने और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए शुरू नमामि गंगे योजना को डेढ़ वर्षों से बजट नहीं मिला है। योजना पर धरातल पर कारगर नहीं हो पा रही है। गंगा के तटवर्ती 47 गांव में जैविक खेती करने वाले करीब 5000 किसानों को अनुदान नहीं मिला है। इससे वह खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आधुनिक बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, लेकिन गेहूं, धान सहित अन्य फसल के बेहतर उत्पादन के लिए ज्यादातर किसान रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का अधिक इस्तेमाल करते हैं। बारिश में पानी के साथ रासायनिक खाद और कीटनाशक गंगा में पहुंचकर जलीय जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में प्रदूषण रोकने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में नमामि गंगे योजना शुरू की गई। इसके तहत में गंगा के तटवर्ती 47 गांवों में जैविक खेती शुरू हुई। इसमें 11 हजार किसान शामिल हैं। योजना में शामिल किसानों को कृषि उपकरण, बीज, खाद आदि पर अनुदान दिया जाता है। 2020 में करीब ढाई करोड़, 2021 में तीन करोड़ 40 लाख रुपये और 2022 में 80 लाख रुपये मिले। इसे किसानों के खाते में भेजा गया। लेकिन अब बजट नहीं मिलने से 5000 से अधिक किसान सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं। समय से सब्सिडी न मिलने से योजना से किसानों का मोह भंग होता जा रहा है।


कोट योजना का पोर्टल एक साल से नहीं चल रहा है। बजट भी नहीं आया। शासन को पत्र लिखा गया है। बजट आने पर किसानों के खाते में भेज दिया जाएगा। डॉ. अश्वनी सिंह, कृषि,उप निदेशक


वन विभाग और उद्यान विभाग की रफ्तार सुस्त नमामि गंगे योजना में कृषि विभाग के साथ ही उद्यान एवं वन विभाग की भी सहभागिता रही। दोनों विभागों की ओर से गंगा के तटवर्ती 47 गांव में बागवानी, पौधरोपण किया गया। निगरानी न होने से पौधों की हालत खस्ता है। वहीं बागवानी भी सिर्फ खानापूर्ति तक सिमटकर रह गई है। बागवानी करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर की बागवानी पर आने वाली कुल लागत 2.36 लाख रुपये की 50 फीसद धनराशि यानी कुल 1.8 लाख रुपये अनुदान देने का प्रावधान किया है।


इस गांवों में हुई जैविक खेती गंगा से सटे डीघ ब्लॉक के बारीपुर उपरवार, बेरासपुर उपरवार, बेरवां पहाड़पुर, भभौरी, बिहरोजपुर, छेछुआं उपरवार, दीनापट्टी उपरवार, धनतुलसी, दुगुना, फुलवरिया, गोपालपुर, गुलौरी, हरिरामपुर, इब्राहिमपुर, इटहरा, कलिक मवैया, केदारपुर, खेमापुर, मवैयाथानसिंह, नगरदह, नारेपार, ओझापुर, पुरवां, सेमराध व तुलसीकला शामिल है। औराई ब्लॉक के भवानीपुर उपरवार, चकनिरंजन, डेरवां, द्वारिकापुर, इटवा, जहंगीराबाद, कठारी, मूलापुर, रामपुर, सहसेपुर हरचारपट्टी, उमापुर, बर्जीकला, अमिलौर, अरई उपरवार एनवारपुर, बहपुरा, बनकट, बिट्ठलपुर गांव योजना में शामिल हैं।