गोष्ठी के दौरान अलंकृत होंगे पत्रकार, समाजसेवी

गोरखपुर । जर्नलिस्ट एसोसिएशन और प्रेस क्लब गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में आगामी 10 नवंबर को एक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा तथा इस दौरान पत्रकारिता की चुनिंदा हस्तियों को याद करते हुए उनकी स्मृति में वरिष्ठ पत्रकारों और समाजसेवियों को सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह और प्रेस क्लब गोरखपुर के अध्यक्ष मृत्युंजय शंकर सिंहा ने दी।

श्री रत्नाकर सिंह ने बताया की समाज को आज पत्रकारों से बहुत अपेक्षाएं हैं, लेकिन बहुत स्थितियां ऐसी आती है जहां पत्रकारिता समाज के आरोपों के निशाने पर होती है। ऐसे में समाज की एक पत्रकार से और पत्रकारिता से क्या अपेक्षा है, इस संबंध में एक विचार गोष्ठी आयोजित की जाएगी, गोष्ठी का विषय प्रवर्तन आकाशवाणी के पूर्व समाचार संपादक श्री रमेश चंद्र शुक्ला करेंगे। तथा संचालन वरिष्ठ पत्रकार शफी आजमी और आकाशवाणी उद्घोषिका नूतन मिश्रा संयुक्त रूप से करेंगे। गोष्ठीमें जी न्यूज़ के पूर्व स्टेट हेड, राइटर और वरिष्ठ पत्रकार मनोज राजन त्रिपाठी मुख्य वक्ता होंगे। समारोह की अध्यक्षता गोरखपुर के महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव करेंगे। गोरखपुर क्लब सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ऑस्कर के लिए नामित फिल्म कलाकार और गोरखपुर के लोकप्रिय सांसद रवि किशन शुक्ला उपस्थित रहेंगे. विशिष्ट अतिथि के रूप में लेखक और वरिष्ठ विधिवेत्ता पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्री राकेश त्रिपाठी, रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री पंकज सिंह और गोरखपुर की पूर्व महापौर

श्रीमती अंजू चौधरी के साथ विधायक विपिन सिंह और बस्ती से विधायक और पूर्व सहायक सूचना निदेशक श्री हंसूराम उपस्थित रहेंगे.

श्री सिंह ने बताया कि इस अवसर पर गोरखपुर की पत्रकारिता को एक निर्णायक धार देने वाले पत्रकार श्री स्वर्गीय रोहित पांडे, स्वर्गीय रत्नेश मिश्रा दूरदर्शन, स्वर्गीय दिनेश राय आकाशवाणी गोरखपुर और स्वर्गीय राजीव केतन राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फोटो जर्नलिस्ट की स्मृति में श्री शलभमणि त्रिपाठी, श्री वागीश धर द्विवेदी, श्री अभिलाष भट्ट और श्री धीरज श्रीवास्तव को सम्मानित किया जाएगा। गोरखपुर में समाज सेवा का एक आयाम निर्धारित करने वाले स्वर्गीय समाजसेवी डॉक्टर अशोक श्रीवास्तव को प्रख्यात समाजसेवी स्वर्गीय बालकृष्ण बजाज स्मृति लाइफटाइम सम्मान से विभूषित किया जाएगा। इनके साथ ही महिला शक्ति के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की वर्तमान उपाध्यक्ष श्रीमती चारु चौधरी और देवरिया नगर पालिका परिषद की विगत तीसरे टर्म में अध्यक्ष श्रीमती अलका सिंह को नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

*श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता*

खजनी गोरखपुर।कस्बे में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के छठवें दिन अयोध्यावासी कथा व्यास भागवताचार्य पंडित प्रदीप मिश्र शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाओं का विस्तार सहित वर्णन किया। इस दौरान भगवान के नामकरण पूतना वध के साथ माखन चोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। पं. मिश्रा ने कहा कि भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस द्वारा भेजे गए सभी राक्षसों का संहार किया वहीं माता यशोदा और ब्रज के लोगों को भक्ति आनंद प्रदान किया।

इस अवसर पर मुख्य यजमान गौरीशंकर वर्मा, प्रमिला वर्मा गोरखपुर सदर सांसद रवि किशन शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिकेश राम त्रिपाठी, पूर्व सांसद प्रतिनिधि एड.विनोद कुमार पांडेय, सरस्वती शिशु मंदिर खजनी के प्रधानाचार्य बृजराज मिश्र राम अशीष तिवारी, संतोष तिवारी, विरेंद्र वर्मा, डाक्टर रघुपति यादव बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता कथा में शामिल हुए।

समाजवादी छात्र सभा महानगर के अध्यक्ष के नेतृत्व में निकाली गई पदयात्रा

गोरखपुर। समाजवादी छात्र सभा महानगर अध्यक्ष अनूप यादव ईश्वर के नेतृत्व में गोरखपुर विश्वविद्यालय से चलकर जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल को संबोधित विभिन्न चार सूत्री मांगों को लेकर मौजूद संबंधित अधिकारी को ज्ञापन सोपा गया।

ज्ञापन में मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न देने, गोरखपुर विश्वविद्यालय सहित अन्य महाविद्यालयों में छात्र संघ बहाली, गोरखपुर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं प्राइवेट डॉक्टरों की फीस निर्धारित किए जाने की मांग की गई

काठमांडू संगोष्ठी पर उन्नत सामग्री (KaSAM-2024) ने वैश्विक सहयोग को किया मजबूत

गोरखपुर।काठमांडू संगोष्ठी पर उन्नत सामग्री (KaSAM-2024) का 5वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एक प्रतिष्ठित आयोजन के रूप में उभरा है, जिसमें वैश्विक स्तर पर विद्वान, शोधकर्ता, छात्र और पेशेवर शामिल हुए। यह आयोजन नेपाल के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान त्रिभुवन विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDUGU) ने साझेदारी की। इस वर्ष संगोष्ठी का विषय “जलवायु परिवर्तन में उन्नत सामग्री” था, जो इसके उद्देश्य को रेखांकित करता है।

इस आयोजन ने उन्नत सामग्री और उनके उपयोग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श और ज्ञान-विनिमय के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया।

उद्घाटन सत्र में प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, ने सतत विकास के लिए उन्नत सामग्री पर अपने मुख्य भाषण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा विज्ञान और मशीन लर्निंग जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये तकनीकें उन्नत सामग्री विज्ञान अनुसंधान को नए आयाम दे सकती हैं और सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान कर सकती हैं।

त्रिभुवन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशर जंग बराल ने अपने अतिथि व्याख्यान में KaSAM-2024 द्वारा सामग्री विज्ञान अनुसंधान और इसके विकास के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक बुद्धिमत्ता, कठोर परिश्रम, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सफलता की कुंजी हैं।

संगोष्ठी के अध्यक्ष प्रो. रमेश्वर अधिकारी ने इस 5वें अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के सभी सह-आयोजकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

KaSAM-2024 का एक महत्वपूर्ण पहलू दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और त्रिभुवन विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान वैश्वीकरण को लेकर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर था।

प्रो. पूनम टंडन के नेतृत्व में, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधिमंडल त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, नेपाल का दौरा किया और इस MoU पर हस्ताक्षर किए। त्रिभुवन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशर जंग बराल ने इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डी.डी.यू. गोरखपुर विश्वविद्यालय के साथ सहयोग के प्रति गहरी रुचि व्यक्त की।

इससे पहले, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंध निदेशक डॉ. बिनोद जोशी ने दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का स्वागत किया और MoU के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

अपने संबोधन में, प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक और अनुसंधान उन्मुखियों में समान रुचि है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैविक विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों के इंटर्नशिप और शोध परियोजनाओं के लिए भी खुले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सहयोग विचारों और अवसरों के आदान-प्रदान की गति को निश्चित रूप से बढ़ाएगा।

इस अवसर पर त्रिभुवन विश्वविद्यालय के प्रो. एम.एल. शर्मा, प्रो. रमेश्वर अधिकारी, और दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य प्रो. दिनेश यादव, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ निदेशक, प्रो. राजर्षि कुमार गौड़, जैव प्रौद्योगिकी विभागाध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय प्रकोष्ठ निदेशक डॉ. रामवंत गुप्ता, डॉ. अम्बरीश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

यह समझौता ज्ञापन दोनों विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग का एक नया अध्याय स्थापित करता है और शैक्षणिक एवं अनुसंधान में संयुक्त परियोजनाओं के माध्यम से वैश्विक स्तर पर नए अवसर पैदा करेगा

विश्वविद्यालय में कल आएंगे उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में लगे किसान मेले के दूसरे दिन भी खूब रौनक देखने को मिली. यह तीन दिवसीय मेला कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान तथा इंटरेस्ट आर्ट एग्जिबिशन कंपनी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ है.पूर्वांचल के इस सबसे बड़े किसान एक्सपो-2024 का शुभारंभ कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने किया था ।

यह किसान एक्सपो एक व्यापक मंच प्रदान कर रहा है जहाँ कृषि से जुडी नई तकनीकों के बारे में लोग जागरूक हो रहे हैं । यह मेला उत्पादन करने वाली कंपनियों, उपयोग करने वाले उपभोक्ता किसानों, इसके बारे में तकनीकी विशेषता का ज्ञान रखने वाले विशिष्ट विशेषज्ञों तथा जिज्ञासा रखने वाले विद्यार्थियों को माकूल सुनहरा मंच प्रदान कर रहा है क

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र हेतु लगे प्रदर्शनी पर सैकड़ों लोगों का तांता लगा रहाक ज्ञान धारा कंपनी द्वारा कई किस्म के पशु आहार को प्रदर्शित किया गया. उन्होंने भविष्य में अपनी कंपनी के द्वारा कृषि छात्रों के लिए प्लेसमेंट के अवसरों पर चर्चा की.

आयोजकों के अनुसार किसान एक्सपो में लगातार स्टॉल की संख्या में बढ़ोतरी, इसके सफल आयोजन को प्रदर्शित करता है.किसान एक्सपो में बड़ी संख्या में कृषि से संबंधित कंपनियों ने अपने स्टाल लगाए हैं.जहां पर मेस्सी फेर्गुसन का मिनी ट्रैक्टर आकर्षण का केंद्र रहा क जो छोटे फॉर्म की खेती के लिए विशिष्ट विकल्प है.बड़ी संख्या में विद्यार्थियों एवं किसानों ने इस मिनी ट्रेक्ट्रर की तकनिकी विशेषता को समझा.

इसके अलावा रासायनिक खाद तथा पेस्टिसाइड के छिड़काव के लिए ड्रोन तथा अन्य उपकरणों का भी प्रदर्शन कंपनियों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है क राष्ट्रीय बीज निगम के डॉक्टर योगेंद्र यादव ने अपनी फसलों से बीज उत्पादन पर तकनीकी जानकारी दी क महिला किसान भागीरथी द्वारा लगाए गए हर्बल स्टॉल पर हर्बल कॉस्मेटिक्स भी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. कृषि विभाग के परास्नातक के छात्रों ने काला नमक वैरायटी की प्रस्तुति की, जिसमें उन्होंने उच्चतम गुणवत्ता वाले काला नमक चावलों की विशेषताएं साझा किया। इसके अलावा बीएससी के छात्रों ने ऊर्ध्वाधर खेती का डेमोंसट्रेशन दिया जिसमें कम जमीन पर अधिक फैसले तैयार की जा सकती हैंक

किसान एक्सपो के तीसरे दिन श्री सूर्यप्रताप शाही, माननीय कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार समापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे क समापन समारोह में कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया जायेगा.

विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शोधार्थी एवं शिक्षकों के अतिरिक्त आम लोगों की उपस्थित से मेले में खूब रौनक बनी हुई है. पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर रामचेत चौधरी जी की काला नमक के स्टॉल पर लगातार उपस्थिति से मेले की सार्थकता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

आंध्रा,तेलंगाना, महाराष्ट्र,राजस्थान, दिल्ली भी टेरोकोटा के मुरीद

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वर्ष 2018 में टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल किए जाने के बाद इससे जुड़े शिल्पकारों के दिन बहुर गए हैं। ओडीओपी में शामिल होने से पहले दम तोड़ रहे इस शिल्प की धूम अब पूरे देश में हुई है। शिल्पकारों के पास काम इतना कि दम लेने की फुर्सत नहीं। साल दर साल टेराकोटा उत्पादों की बढ़ रही मांग के बीच शिल्पकारों की कारोबारी दिवाली नवरात्र से पहले ही जगमग हो चुकी है। देश के अलग अलग राज्यों में करीब 30 ट्रक टेराकोटा उत्पादों की सप्लाई करने के बाद गोरखपुर के शिल्पकार दिवाली के लिए स्थानीय बाजार के लिए उत्पादों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

दशहरा और दिवाली को लेकर गोरखपुर के टेराकोटा उत्पादों की मांग में गत वर्ष की तुलना में दोगुनी वृद्धि हुई है। त्योहारी डिमांड की सप्लाई शिल्पकारों द्वारा नवरात्र के पहले ही की जा चुकी है। राष्ट्रीय पुरस्कार के सम्मानित टेराकोटा शिल्पकार राजन प्रजापति बताते हैं कि इस बार उन्होंने दशहरा और दिवाली को लेकर 15 ट्रक उत्पादों की सप्लाई हैदराबाद, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली और राजस्थान के शहरों में की है। राजन ने पिछले साल 8 ट्रक टेराकोटा उत्पादों की आपूर्ति बाहरी राज्यों को की थी। राजन प्रजापति के अलावा पन्नेलाल प्रजापति ने 8 ट्रक, हरिओम आजाद ने 2 ट्रक, मोहनलाल व सोहनलाल प्रजापति ने 2 ट्रक और हीरालाल प्रजापति ने एक ट्रक उत्पादों की आपूर्ति की है। इन सभी के पास आए डिमांड नवरात्र और दशहरे के पहले ही पूरे किए जा चुके हैं।

गैर राज्यों को आपूर्ति के बाद अब सारा फोकस स्थानीय मार्केट के लिए उत्पाद तैयार करने पर

टेराकोटा शिल्पकारों का कहना है कि अब वह दिवाली पर लोकल मार्केट की मांग के अनुरूप अपने उत्पादों को अंतिम रूप दे रहे हैं। ओडीओपी में शामिल किए जाने के बाद लोकल मार्केट में भी टेराकोटा शिल्प की मांग दोगुनी से अधिक हो चुकी है।

जब बाबा ही हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं तो विज्ञापन की हमारी बल्ले बल्ले

ये सभी शिल्पकार टेराकोटा के बाजार में आए बम्पर बदलाव का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। राजन प्रजापति कहते हैं कि हमें तो माल बेचने के लिए विज्ञापन की जरूरत ही नहीं पड़ती है। टेराकोटा की ब्रांडिंग खुद सीएम योगी ने इतनी अधिक कर दी है कि हमारे पास काम की भरमार रहती है। अभी 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में हुई यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में गोरखपुर के टेराकोटा शिल्प ने देश-दुनिया के आगंतुकों के समक्ष अपनी चमक बिखेरी। प्रतिभागी शिल्पकारों और कारोबारियों को काफी नए ऑर्डर भी मिले।

बेहतर संभावना देख नए लोग भी इस परंपरागत हुनर से जुड़े

शिल्पकारों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के पहले भो टेराकोटा शिल्पकारों के पास क्षमता तो थी लेकिन शासन के प्रोत्साहन और उचित प्लेटफार्म की कमी से इसका दायरा संकुचित होता जा रहा था। 2017 तक दम तोड़ रहे इस माटी शिल्प के लिए तारणहार बनकर आए। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 2018 में टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया और फिर तबसे यह शिल्प नई ऊंचाई को छू रहा है। ओडीओपी में शामिल होने के बाद सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन के चलते टेराकोटा का कारोबार साल दर साल विस्तृत होता जा रहा है। स्थिति यह है कि आज पुराने शिल्पकारों के पास काम की कोई कमी नहीं है। यही नहीं, टेराकोटा की भविष्य से जुड़ी संभावना को देखकर बड़ी संख्या में नए शिल्पकार और कारोबारी भी इससे जुड़ चुके हैं।

योगी सरकार की मदद से उत्पादन बढ़ा, गुणवत्ता भी सुधरी

वास्तव में टेराकोटा का कायाकल्प तब हुआ जब सीएम योगी ने इसे गोरखपुर का ओडीओपी घोषित किया। ओडीओपी में शामिल होने के बाद टेराकोटा शिल्पकारों को संसाधनगत, वित्तीय व तकनीकी मदद तो मिली ही, सीएम की अगुवाई में ऐसी जबरदस्त ब्रांडिंग हुई कि इसके बाजार का अपार विस्तार हो गया। इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल, डिजाइन मशीन आदि मिलने से शिल्पकारों का काम आसान और उत्पादकता तीन से चार गुनी हो गई। गुणवत्ता अलग से निखर गई है।

ब्लॉक में महिलाओं को पारिजात योजना की जानकारी दी गई

खजनी गोरखपुर। ब्लॉक मुख्यालय में बीडीओ रमेश शुक्ला की अध्यक्षता में आज मार्ग संस्था दिल्ली द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें 6 ग्राम पंचायतों मझगांवा, गणैना, बहुरीपार बदरा,औंजी और घइसरा गांवों की कुल 31 महिलाये उपस्थित रहीं। संचालन मार्ग संस्था की सन्नों ने किया। कार्यक्रम में प्रोजेक्ट सहायक वीरेन्द्र द्वारा पारिजात परियोजना की विस्तृत जानकारी दी गई।

प्रोजेक्ट क्वार्डिनेटर प्रमोद द्वारा परियोजना के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए स्वच्छता, दूषित पानी, महिलाओं के स्वास्थ्य और बीमारियों से बचाव के उपाय बताए गए। सन्नो राय ने घरेल हिंसा कानून, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से प्रदान की जाने वाली सेवाओं के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मार्ग संस्था द्वारा संचालित पारिजात परियोजना गोरखपुर के सभी 20 ब्लाक और 102 ग्राम पंचायतों में संचालित की जा रही है। जिसमें जागरूकता कार्यक्रम द्वारा महिलाओं को उनको अधिकारों की जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम में एडीओ कृषि कमलेश सिंह, सुर्वणा सिंह, प्रोजेक्ट सहायक राजेश कुमार शर्मा, अंजनी कुमार, संजू विश्वकर्मा, नर्मदा, दुर्गा, अंतिमा,संगीता सहित दर्जनों महिलाएं मौजूद रहीं।

राम मंदिर निर्माण प्राण-प्रतिष्ठा पर ध्वज लगाने दीप जलाने का संकल्प

सिकरीगंज गोरखपुर। क्षेत्र के धर्म नगर चौकड़ी में स्थित सत्यधाम बालाजी मंदिर में ग्रामवासियों के साथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण एवं प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में इस वर्ष दीपावली की पूर्व संध्या पर सभी घरों में राम ध्वज और हनुमत ध्वज लगाने तथा 108 दीप जलाने का सामूहिक संकल्प लिया गया। सभी उपस्थित जनों ने अपनी सहमति जताई।

इस अवसर पर प्रेम जी महाराज,राजन ओझा, अनूप चंद, दिलीप मिश्रा, पवन मिश्रा, सोमू मिश्रा, निलेश मिश्रा, सर्वेश, आदेश, मुकेश, सुमित आदि दर्जनों लोग मौजूद रहे।

कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता, भव्य जन्मोत्सव मनाया

खजनी गोरखपुर।मंदरांचल पर्वत और वासुकी नाग की मथानी बना कर असुरों और देवताओं ने मिल कर क्षीरसागर का मंथन किया था। जिसमें से

हलाहल विष, कामधेनु,उच्चै: श्रवा, ऐरावत, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, देवी लक्ष्मी, वारुणी, पारिजात पुष्प, चंद्रमा, पांचजन्य शंख, धन्वन्तरि और अमृत जैसे 14 रत्न निकले।

कस्बे में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के पांचवें दिन सोमवार को कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बडे़ आनंद और हर्षोल्लास के साथ धूम-धाम से मनाया गया। कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। भगवान कृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बालक ने भगवान कृष्ण का रूप धारण कर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सभी ने कृष्ण जन्म उत्सव का आनंद लिया। इससे पूर्व भगवान चतुर्भुज रूप में कंस के कारागार में प्रकट हुए देवकी और वसुदेव की बेड़ियां खुल गईं।

अवधवासी कथा व्यास भागवताचार्य पंडित प्रदीप मिश्र "शास्त्री" ने उपस्थित श्रोताओं से कहा कि संसार से रिश्ते जोड़ने पर ही दु:ख मिलता है भगवान सत् चित् आनन्द स्वरूप हैं उनसे रिश्ता जोड़ने पर सभी दु:खों से छुटकारा और वास्तविक संपुर्ण सुख प्राप्त होता है।

इस अवसर पर मुख्य यजमान गौरीशंकर वर्मा प्रमिला देवी वर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता और कस्बे के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

सही परामर्श और उपलब्धता से दंपति की पसंद बनी त्रैमासिक ‘‘अंतरा’’

गोरखपुर।सही परामर्श और जिला स्तर से लेकर स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर तक की उपलब्धता के कारण त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन दंपति की पहली पसंद बनने लगा है।

एक बार यह इंजेक्शन लगवाने के बाद तीन माह तक अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है । इस इंजेक्शन की प्रत्येक डोज लगवाने पर लाभार्थी और प्रेरक आशा कार्यकर्ता के खाते में 100 रुपये देने का भी प्रावधान है । इसका पहला डोज लगवाने के लिए स्क्रीनिंग और चिकित्सक का परामर्श अनिवार्य है, जबकि दूसरे और इसके बाद के डोज की सुविधा प्रशिक्षित स्टॉफ से आयुष्मान आरोग्य मंदिर और स्वास्थ्य उपकेंद्र (सब सेंटर) से भी प्राप्त किया जा रहा है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एके चौधरी बताते हैं कि वर्ष 2017-18 में सिर्फ जिला महिला अस्पताल में त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन लगवाने की सुविधा उपलब्ध थी। उस समय मात्र 603 डोज अंतरा इंजेक्शन का चुनाव किया गया। वर्ष 2018-19 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों और स्टॉफ नर्स का क्षमता संवर्धन किया गया तो 1710 डोज अंतरा अपनाई गई। वर्ष 2019-20 में जब जिला महिला अस्पताल और सीएचसी के साथ साथ पीएचसी के स्तर पर भी क्षमता वर्धन के साथ इस सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई तो 7950 डोज अंतरा की खपत हुई। धीरे धीरे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और स्वास्थ्य उप केंद्रों तक इस सेवा का विस्तार हुआ तो वित्तीय वर्ष 2023-24 तक 45426 डोज अंतरा इंजेक्शन इस्तेमाल हुए। उपलब्धता, परामर्श और तकनीकी सहयोग में उत्तर प्रदेश तकनीकी सहायता इकाई (यूपीटीएसयू) के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ (डीएफपीएस) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

पिपराईच ब्लॉक की परिवार नियोजन काउंसलर रीना बताती हैं कि त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन के निर्णय में पुरुष प्रतिभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस इंजेक्शन का पहला डोज लेने के बाद हार्मोनल बदलाव के कारण कुछ महिलाओं में मासिक अनियमित हो जाता है। कुछ का मासिक रुक रुक कर आता है। ऐसे दंपति में पति की भूमिका बढ़ जाती है। यह दंपति जब परामर्श के लिए आते हैं तो दोनों के मन की भ्रांति को दूर किया जाता है और बताया जाता है कि यह सामान्य बदलाव है, इससे कोई दिक्कत नहीं होती है। ऐसा करने से दंपति दूसरे डोज के लिए भी राजी हो जाते हैं।

चरगांवा ब्लॉक के मुड़िया गांव की निवासी 27 वर्षीय महिला अल्पना (काल्पनिक नाम) ने बताया कि आशा कार्यकर्ता संगीता से उन्हें त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन के बारे में सही परामर्श मिल सका । संगीता की बात अच्छी लगने पर ही उन्होंने इस इंजेक्शन का चुनाव किया । पहली डोज लगी तो कुछ दिन तक मासिक धर्म रुक रुक कर आया, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया । जब मासिक धर्म पर असर पड़ा तो आशा कार्यकर्ता ने उन्हें चरगांवा पीएचसी पर एएनएम प्रेमलता से मिलवाया। प्रेमलता ने खुद तो समझाया ही साथ में चिकित्सक से भी मिलवाया। चिकित्सक ने उन्हें बताया कि इंजेक्शन लगने के बाद कुछ महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण मासिक धर्म पर असर पड़ता है, लेकिन यह खुद ठीक हो जाता है । उन्हें बात समझ में आयी और वह अगला डोज भी लगवा लीं ।

यह भी जानना अहम

• प्रसव के छह सप्ताह बाद, माहवारी शुरू होने के तुरंत बाद या सात दिन के भीतर, गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर यह इंजेक्शन अपना सकते हैं।

• उच्च रक्तचाप, अकारण योनि से रक्तस्राव, स्ट्रोक, मधुमेह, स्तन कैंसर या लीवर की बीमारी की स्थिति में इसे नहीं अपनाना है।

• त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही अपनाना है।

• इससे कई बार मासिक धर्म में बदलाव होता है जो स्वाभाविक है और यह किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं है।

• इंजेक्शन वाली जगह पर मालिश या सिंकाई नहीं करनी है।