महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर सुलझा पेंच? संजय राउत का बड़ा बयान, बोले 'बस शाम तक का इंतजार करिए'

डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है। महाविकास अघाड़ी में अभी सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। कहा जा रहा है कि ज्यादातर सीटों पर फैसला हो चुका है और कुछ सीटों के लिए बात हो रही है। गठबंधन में शामिल पार्टियां मंगलवार को संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस करने वाली हैं। उससे पहले शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा है कि सब साफ हो जाएगा, बस शाम तक का इंतजार कीजिए।

कहा जा रहा है कि शरद पवार की मध्यस्थता का असर दिख रहा है, जिससे शिवसेना(UBT) और कांग्रेस में जारी तनाव थोड़ा कम हुआ है। इसकी वजह ये है कि संजय राउत के तेवर नरम पड़ गए हैं और उन्होंने कहा है कि अब एक दो सीट को छोड़कर कोई मतभेद नहीं है। आज शाम तक सीट शेयरिंग पर जारी सारी बातें दूर हो जाएंगी और जल्द ही उम्मीदवारों के नाम जारी हो सकते हैं।

संजय राउत ने कहा कि राजनीति में हम कई वर्षों से काम कर रहे है, सबको लगता है कि हमें ज्यादा सीट मिलनी चाहिए। राजनीति में थोड़ा बहुत त्याग करना पड़ता है। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, उनके सभी फैसले दिल्ली में होते हैं। लोकसभा चुनाव में हमने रामटेक, अमरावती और कोल्हापुर सीट पर बड़ा दिल दिखाया था। उद्धव ठाकरे ने हमारे उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है।

कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा, "...(महा विकास अघाड़ी में) कोई मतभेद नहीं है। हम एकजुट हैं। सीटों को लेकर बातचीत चल रही है, इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। आज हमारी सीईसी की बैठक है।" वहीं कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा, "आज (उम्मीदवारों की) स्क्रीनिंग की जा रही है। CEC की बैठक होने वाली है।"

कनाडा की खुफिया एजेंसी के लिए काम करते हैं खालिस्तान समर्थक', राजदूत संजय कुमार वर्मा का गंभीर आरोप

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भारत और कनाडा के तनाव भरे रिश्ते के बीच कनाडा में वापस बुलाए गए भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा नएमे गंभीर आरोप लगाया है। कनाडा में भारतीय हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा ने देश लौटने से पहले दावा किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी और आतंकवादी कनाडा सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) की बड़ी संपत्ति हैं।

कनाडा के सीटीवी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में संजय वर्मा ने कनाडाई सरकार पर खालिस्तानी चरमपंथियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। संजय वर्मा ने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों को हर समय प्रोत्साहित किया जा रहा है।

भारतीय राजदूत ने कहा, खालिस्तानी चरमपंथियों को हर समय प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह मेरा आरोप है, मैं यह भी जानता हूं कि इनमें से कुछ खालिस्तानी चरमपंथी और आतंकवादी सीएसआईएस के जासूस हैं, मैं फिर से कोई सबूत नहीं दे रहा हूं। संजय कुमार वर्मा ने आगे कहा कि कनाडा सरकार को हमारी मुख्य चिंताओं को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा, हम केवल इतना चाहते हैं कि वर्तमान कनाडाई शासन, वर्तमान सरकार हमारी मुख्य चिंताओं को ईमानदारी से समझे, न कि उन लोगों के साथ मिलकर काम करे जो भारतीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में क्या होता है, यह भारतीय नागरिकों की तरफ से तय किया जाएगा।

वहीं, राजदूत ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में ओटावा द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से भी इनकार किया।ट्रुडो सरकार के आरोपों पर संजय वर्मा ने कहा, कोई सबूत पेश नहीं किया गया। ये राजनीति से प्रेरित है। मुझे देखने दीजिए कि वह (विदेश मंत्री मेलानी जॉय) किस ठोस सबूत के बारे में बात कर रही हैं। जहां तक ​​मुझे चिंता है, वह राजनीतिक तौर पर बात कर रही हैं। भारत के उच्चायुक्त के तौर पर मैंने कभी इस तरह का कुछ नहीं किया। कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की निगरानी करना राष्ट्रीय हित का मामला है और उनकी टीम खुले सोर्सेज के माध्यम से जानकारी इकट्ठा करती है।

बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल आरोप लगाया था कि खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे. भारत ने आरोप को बेतुका और प्रेरित बताया था। भारत ने कनाडा सरकार पर अपने आरोपों को साबित करने के लिए ठोस सबूत देने को कहा था, लेकिन ट्रूडो ऐसा नहीं कर पाए। इसके बाद पिछले सप्ताह, कनाडाई पीएम ट्रूडो ने भारत सरकार पर कई और गंभीर आरोप लगाए। कनाडा सरकार ने निज्जर हत्या मामले की जांच में वरिष्ठ राजनयिकों को पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट बताया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते और खराब हो गए। भारत ने अपने राजदूत वापस बुला लिए। वहीं पिछले हफ्ते ही एक भाषण में ट्रूडो ने कहा कि कनाडा सरकार के दावे खुफिया जानकारी पर आधारित थे, न कि ठोस सबूतों पर।

खालिस्तानी या आतंकी, दिल्ली ब्लास्ट के पीछे किसका हाथ?

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त्योहारी सीजन में देश की राजधानी

दिल्ली के बाजारों में रौशन बढ़ गई है। बाजारों में भीड़-भाड़ देखी जा रही। हालांकि इसके साथ ही खतरा भी बढ़ गया है। रविवार को रोहिणी इलाके में हुआ ब्लास्ट इसकी तस्दीक करा रहा है। रोहीणी ब्लास्ट के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इसे पीछे कौन है? हमले के बाद खालिस्तान के 'स्लीपर सेल' की चर्चा हो रही है। वहीं, इसका पाकिस्तान से भी कनेक्शन होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।

सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए इस बम धमाके के पीछे अब खालिस्तानी साजिश की आंशका व्यक्त की है। हालांकि किसी आंतकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस और बाकी एजेंसियां भी हर तरह से इस मामले की जांच कर रही हैं।

एक टेलीग्राम चैनल जस्टिस लीग इंडिया पर धमाके का वीडियो मिला है। दिल्ली में विस्फोटक हमला खालिस्तान के पीछे था, यह दावा सबसे पहले इसी चैनल ने किया था। वीडियो के साथ संदेश में दावा किया गया था कि खालिस्तानी कार्यकर्ता हमले के पीछे थे और भारत के खिलाफ किसी भी समय हमला करने की क्षमता रखते हैं।

उसके बाद इस मैसेज को पाकिस्तान से चैनल वाले कई टेलीग्राम चैनल पर सर्कुलेट किया गया। ये वो तमाम टेलीग्राम चैनल हैं, जिसमें ज्यादातर कश्मीर में होने वाले आतंकी गतिविधियों की टीआरएफ की अपडेट्स शेयर की जाती हैं।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है की इसके पीछे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस आईएसआई का ही रोल है और इस बम ब्लास्ट से खालिस्तान का एंगल जोड़कर खालिस्तान उग्रवाद को हवा देने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल इन्हें प्रोपोगेंडा की तरह देखा जा रहा है। धमाके की जांच की जा रही है। अभी तक इसमें कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है और न ही किसी संगठन का नाम सामने आया है। जांच एजेंसियां इन सभी मैसेज की बारीकी से जांच कर रही हैं।

हरियाणा में मंत्रालयों का बंटवारा, सीएम सैनी के पास गृह-वित्त समेत कुल 12 विभाग,जानें और किसे क्या मिला

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार देर रात अपनी कैबिनेट के विभागों का बंटवारा कर दिया। सीएम ने गृह, वित्त और आबकारी समेत कुल 12 विभाग अपने पास रखे हैं, जबकि सात बार के विधायक व सबसे वरिष्ठ नेता अनिल विज को ऊर्जा, ट्रांसपोर्ट और श्रम विभाग दिया गया है। विपुल गोयल को भी भारी भरकम विभाग दिए गए हैं। उनके पास रेवेन्यू व डिजास्टर, निकाय विभाग, सिविल एविएशन विभाग रहेगा।

किसे मिला कौन सा मंत्रालय?

-अनिल विज ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभाग के मंत्री होंगे।

-कृष्णलाल पंवार पंचायत और खनन मंत्री बनाए गए हैं।

-राव नरबीर सिंह उद्योग एवं वाणिज्य, पर्यावरण वन समेत 4 विभाग के मंत्री होंगे।

-महिपाल ढांडा स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा और संसदीय कार्य मंत्री होंगे।

-विपुल गोयल को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, स्थानीय निकाय और सिविल एविएशन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

-अरविंद शर्मा को सहकारिता, जेल एवं पर्यटन समेत 4 विभाग दिए गए हैं।

-श्याम सिंह राणा को कृषि, पशुपालन एवं डेयरिंग और मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया गया।

-रणबीर गंगवा को जनस्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया।

-कृष्ण कुमार बेदी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता समेत 3 विभाग मिले।

-श्रुति चौधरी को महिला एवं बाल विकास और सिंचाई विभाग की मंत्री बनाया गया।

-आरती राव को स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन और आयुष विभाग की मंत्री बनाया गया।

-राजेश नागर को खाद्य एवं आपूर्ति एवं प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग की जिम्मेदारी मिली।

-गौरव गौतम को खेल समेत 3 विभाग का मंत्री बनाया गया।

बता दें कि आठ अक्टूबर को जब हरियाणा चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी को राज्य में ऐतिहासिक जीत मिली। बीजेपी ने हरियाणा ने जीत की हैट्रिक लगाई है।पिछले 10 से हरियाणा की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने पहली बार राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। बीजेपी को 48 सीटें मिलीं। हरियाणा में नई सरकार के गठन को लेकर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में नायब सिंह सैनी को एक बार फिर से विधायक दल का नेता चुना गया और राज्य की कमान एक बार फिर से उन्हीं को सौंपने का फैसला किया गया।

महाराष्ट्र चुनाव की तारीख पर संजय राउत ने उठाए सवाल, कहा- ये बीजेपी की चाल है

डेस्क: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए केवल 48 घंटे का समय निर्धारित किया जाना बीजेपी की चाल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार बनाने का दावा करने में असमर्थ हो जाए।

बता दें कि मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। राज्य में 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, "अमित शाह के साथ-साथ बीजेपी ने यह स्वीकार कर लिया है कि पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाएगी। ऐसा लगता है कि महा विकास आघाड़ी को सरकार बनाने के बारे में चर्चा करने और फैसला लेने के लिए समय समिति करने की रणनीति है। अगर MVA के घटक दावा करने में विफल रहते हैं, तो राज्यपाल छह माह के लिए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करेंगे।"

उन्होंने दावा किया कि बीजेपी MVA को सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए यह कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, "इसके अलावा, भारत निर्वाचन आयोजन ने चुनाव कार्यक्रम इस तरह तय किए हैं कि यह MVA के प्रभावी रूप से सरकार बनाने के अवसर को सीमित कर देता है।" शिवसेना-यूबीटी नेता ने यह भी कहा कि मतगणना 23 नवंबर को होगी, जिसका मतलब है कि एमवीए के घटक दलों- शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और अन्य छोटे दलों के पास सरकार बनाने के लिए केवल 48 घंटे होंगे। उन्होंने कहा, यह सही नहीं है।

राउत ने आरोप लगाया, "चुनाव आयोग का यह कदम बीजेपी प्रवक्ता के समान है। आयोग EVM का समर्थन करता है, लेकिन जब हम हरियाणा चुनावों में इन मशीनों के साथ कथित छेड़छाड़ के बारे में कहते हैं तो यह चुप्पी साध लेता है। आयोग ने लोकसभा चुनावों के दौरान धन के दुरुपयोग की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।" संजय राउत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के चुनावों के ऐलान से ठीक पहले लगभग 200 विधानसभा क्षेत्रों में 15 करोड़ रुपये वितरित करने का फैसला किया और यह सरकार का धन था।

चीन की खुशामद में उतरे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली, किया ये बड़ा ऐलान

डेस्क: नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली पूरी तरह से चीन की बीन बजाने लगे हैं। उन्होंने रविवार को चीन की खुशामद में बड़ा ऐलान कर डाला है। भारत से अपने संबंधों को पूर्व कार्यकाल में ही बिगाड़ चुके केपी ओली का इस कार्यकाल में फिर से चीन प्रेम उमड़ पड़ा है। केपी ओली ने कहा कि देश में चीन विरोधी गतिविधियां नहीं होने दी जाएंगी और यह ‘एक चीन’ नीति का समर्थन करता है। ओली ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य चेन जिनिंग के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में यह टिप्पणी की।

यह बैठक काठमांडू के बालूवातार में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आधिकारिक आवास पर हुई। ‘एक चीन’ नीति के प्रति नेपाल की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए ओली ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि नेपाल की सीमा में कोई भी चीन विरोधी गतिविधि नहीं होने दी जाएगी। चीन का दावा है कि अलग हुआ देश ताइवान उसका हिस्सा है और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले सभी देशों के लिए 'एक चीन' नीति का पालन करना अनिवार्य है।

बीजिंग के लिए बैठक के दौरान इतना बड़ा ऐलान करने वाले ओली को अब नेपाल के आर्थिक विकास के लिए चीन से निरंतर समर्थन की आशा है। प्रधानमंत्री के सचिवालय के अनुसार, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) पार्टियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और सहयोग बढ़ाने के बारे में भी बातचीत हुई। ओली सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष हैं और उन्हें चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है।

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में हुई 10वीं गिरफ्तारी, राजस्थान का रहने वाला है आरोपी, शूटरों को मुहैया करवाए थे हथियार

डेस्क: बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस हत्याकांड में ये 10वीं गिरफ्तारी है। आरोपी की पहचान भागवत सिंह के रूप में हुई है और वह 32 साल का है।

भागवत की गिरफ्तारी नवी मुंबई के बेलापुर से हुई है। वह राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, भागवत सिंह हमले के दिन तक मुंबई के बीकेसी इलाके में रह रहा था। जांच के दौरान यह सामने आया कि भागवत सिंह ने ही शूटरों को हथियार उपलब्ध कराए थे।

बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र की सियासत में एक चर्चित चेहरा थे। वह इसी साल कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजित गुट) में शामिल हुए थे। उन्हें भव्य इफ्तार पार्टियां करने के लिए जाना जाता था, जिसमें सलमान खान, शाहरुख खान जैसे बॉलीवुड के नामचीन सितारे शामिल होते थे। बॉलीवुड के तमाम छोटे-बड़े सितारों से उनकी पार्टियां जगमग रहती थीं। वह 48 सालों तक कांग्रेस में रहे थे और बांद्रा पश्चिम से तीन बार विधायक भी रहे। वह महाराष्ट्र में राज्य मंत्री भी रह चुके थे।

शनिवार (12 अक्टूबर) को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले बहुत बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया था। शनिवार रात बांद्रा इलाके में NCP अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के सामने आने के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया था।

महाराष्ट्र की सियासत में बाबा सिद्दीकी एक बड़ा नाम थे। उनके निधन पर देशभर के बड़े नेताओं ने दुख प्रकट किया था। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने इस घटना पर गहरा शोक प्रकट किया था। सीएम ने इस मामले में हाई लेवल जांच की बात कही थी। बाबा के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दुख प्रकट किया था।

महाराष्ट्र में 10 घंटे चली महाविकास अघाड़ी की बैठक, सीट शेयरिंग तब भी फेल, नाराज हुए उद्धव ठाकरे

डेस्क: महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं लेकिन महाविकास अघाड़ी में अभी भी सीट शेयरिंग का मामला पूरी तरह नहीं सुलझ सका है। सीट बंटवारा अब तक फाइनल नहीं होने से उद्धव ठाकरे नाराज हो गए हैं। इसके बाद आदित्य ठाकरे शरद पवार से मिलने के लिए पहुंचे हैं। आदित्य ठाकरे वायबी सेंटर पहुंचे जहां फिलहाल शरद पवार अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक के दौरान ही आदित्य ठाकरे ने शरद पवार से मुलाकात की।

सूत्रों की माने तो सीट बंटवारे को लेकर शरद पवार और अन्य दलों के उच्च स्तरीय नेताओं के बीच भी चर्चाओं का दौर तेज है। इस बीच आदित्य ठाकरे ने केवल इतना कहा कि वे चुनाव से जुड़े हुए मुद्दों को लेकर चर्चा करने आए थे।

बता दें कि शनिवार दोपहर तीन बजे से रात के एक बजे तक पूरे दस घंटे लंबी बैठक चली लेकिन सीटों को लेकर फैसला नहीं हो सका। रात में 11 बजे शिवसेना नेता संजय राउत और अनिल देसाई महाविकास अघाड़ी की चल रही बैठक से निकल गए, उसके बाद कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं के बीच बैठक चलती रही। बैठक के बाद जानकारी मिली कि अभी कुछ सीटों पर बात अटकी है। जिसमें विदर्भ मुंबई रीजन की सीटे हैं। सोमवार यानी 21 अक्टूबर को महाविकास अघाड़ी की फिर बैठक हो सकती है। बैठक में अगर सब फ़ाइनल होता है तो फिर तीनों दलों के नेता जॉइंट प्रेस को संबोधित करेंगे।

इससे पहले सीट शेयरिंग को लेकर संजय राउत और नाना पटोले में तीखी नोकझोंक हो चुकी है। संजय राउत के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि अगर संजय राउत उद्धव ठाकरे को कंट्रोल कर रहे हैं, तो यह उनका मामला है। पटोले ने यह भी कहा कि सीट बंटवारे पर चर्चा महा विकास अघाड़ी के नेताओं के आदेश पर गठित समिति कर रही है। इसमें न तो शरद पवार, उद्धव ठाकरे, मल्लिकार्जुन खरगे और न ही राहुल गांधी मौजूद रहते हैं।

वाराणसी में पीएम मोदी ने आई हॉस्पिटल का किया उद्घाटन, आज 6100 करोड़ की परियोजनाओं की देंगे सौगात

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच गए हैं। पीएम मोदी ने काशी में आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल का लोकार्पण किया है। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी भी मौजूद रहे।

वाराणसी के दौरे पर पीएम मोदी आज बाबतपुर एयरपोर्ट के विस्‍तारीकरण के तहत न्‍यू टर्मिनल भवन का शिलान्‍यास भी करेंगे। पीएम मोदी वाराणसी से ही 5 राज्यों को करीब 6,611 करोड़ रुपये की 24 प्रोजेक्ट की सौगात देंगे।

पीएम मोदी अपनी वाराणसी यात्रा के दौरान वे स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, धर्म, पर्यटन और आवास से जुड़ी अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा शुरू किए गए नए निःशुल्क भोजन कार्यक्रम की भी घोषणा कर सकते हैं।

पीएम मोदी अपने वाराणसी के दौरे के दौरान इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे विस्तार और भवन की आधारशिला रखने वाले हैं। इसके साथ ही वह गिलट बाजार से अतुलानंद तक रोड शो करेंगे। सिगरा स्टेडियम में जनसभा करेंगे।

वाराणसी दौरे से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'हम काशी के लोगों की सुविधा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में गंगा पर रेल-रोड पुल को मंजूरी दी गई है। इससे न सिर्फ तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और यहां के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी बल्कि रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी पैदा होंगे।'

सरकार के अनुसार, इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 2,642 करोड़ रुपये होगी। इसे चार सालों में पूरा किया जाएगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण का अनुरूप है।

31 अक्टूबर या 1 नवंबर... कब है सनातन धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली? जानिए शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली है, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है तथा इसे रोशनी, खुशी, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यदि आप भी दिवाली का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं किन्तु तारीख के बीच उलझ में आ गए हैं, तो यहां जानिए कि 31 अक्टूबर या 1 नवंबर 2024 कब मनाई जाएगी दिवाली।

बता दें कि दीवाली हमेशा अमावस्या वाले दिन मनाई जाती है. शास्त्रों के मुताबिक, 31 अक्टूबर यानी बृहस्पतिवार को अमावस्था तिथि दिन में 2 बजकर 40 मिनट से लग रही है. इस वजह से दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी. दीपावली के त्योहार पर रात्रि में अमावस्या तिथि होनी चाहिए जो कि 1 नवंबर 2024 को शाम के समय नहीं है. ऐसे में दीवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा.

दीपावली पूजन शुभ मुहूर्त

दीवाली के दिन माता लक्ष्मी एवं प्रभु श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस बार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024 को शाम 5 बजे से लेकर रात के 10 बजकर 30 मिनट तक है.

भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को लगाएं ये खास भोग

माता लक्ष्मी एवं प्रभु श्री विष्णु को भोग में खीर, बूंदी के लड्डू, सिंघाड़ा, अनार, नारियल, पान का पत्ता, हलवा, मखाने, सफेद रंग की मिठाई, खील, चूरा, इलायची दाने का भोग लगाया जाता है.