प्रशिक्षण से सीखी बारीकियां, ताकि गूंजता रहे, ये आकाशवाणी है और आप सुन रहे हैं....!


भोपाल। रेडियो का दौर चरम पर रहा, लोगों के दिल ओ दिमाग और जिंदगियों पर हावी रहा। फिर जमाना बदला, रेडियो और उससे प्रसारित होने वाले प्रोग्राम विलुप्त होते गए। जमाना एक बार फिर बदला, रेडियो ने अपने लिए फिर जगह बना ली। रेडियो से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की गुणवत्ता बनी रहे, उसकी ख्याति बढ़ती जाए और इसकी पहुंच मनोरंजन के हर साधक तक हो सके, इसी मंशा के साथ अपडेशन और नवीनीकरण से जुड़ाव के प्रयास जारी हैं।

इसी कड़ी में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रॉडकास्टिंग एंड मल्टीमीडिया, भुवनेश्वर द्वारा आकाशवाणी भोपाल के सहयोग से 10 किलोवाट डीबीई एफएम ट्रांसमीटर की ट्रेनिंग एवं वर्कशॉप का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का उद्घाटन आशीष पोतनीस, यशवंत हरिश्चंद्र चिवंडे, और अजीम अहमद हाशमी, उपनिदेशक, की उपस्थिति में किया गया।

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रॉडकास्टिंग एंड मल्टीमीडिया (एनएबीएम) प्रसार भारती का एक प्रमुख संस्थान है, जिसका उद्देश्य आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना है। एनएबीएम भुवनेश्वर के उप महानिदेशक आनंद चंद्र सुबुधि द्वारा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात के विभिन्न आकाशवाणी केंद्रों से आए इंजीनियरों को एफएम ट्रांसमीटर के संचालन का विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण के समापन पर, आकाशवाणी भोपाल के उप महानिदेशक यशवंत हरिश्चंद्र चिवंडे और उपनिदेशक अजीम अहमद हाशमी द्वारा सफल प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में विनय गुप्ता, सहायक निदेशक दूरदर्शन केंद्र भोपाल, सुभाष चंद्र सक्सेना, सहायक निदेशक, राजीव सक्सेना, सहायक अभियंता, और आकाश ताम्रकार का विशेष योगदान रहा।

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इस करवा चौथ कुछ नजाकत से निकलेगा आसमान में चांद, करना होगा कुछ कम इंतजार


भोपाल। करवाचौथ के चंद्रमा का शाम होते ही इंतजार आरंभ हो जाएगा। चंद्रोदय के समय को सोशल मीडिया द्वारा तो बताया जा रहा है। लेकिन वह आपके शहर का ही समय हो यह जरूरी नहीं है। इसके लिए करवाचौथ का चंद्रमा आपके शहर में कब उदित होगा, इसकी जानकारी नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी।

सारिका ने बताया कि देश के पूर्वी राज्यों में यह सबसे पहले दर्शन देकर उसके लगभग दो घंटे बाद पश्चिमी शहरों में उदित होगा।

अरूणाचल प्रदेश के इटानगर में यह शाम छह बजकर 50 मिनट पर उदित होना आरंभ होगा तो पश्चिम में सोमनाथ में चद्रदर्शन के लिए आठ बजकर 43 मिनट तक का इंतजार करना होगा। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में सिंगरौली में यह सात बजकर 44 मिनट पर उदित होगा तो पश्चिम के नीमच में इसके दर्शन आठ बजकर 17 मिनट से आरंभ होंगे।

सारिका ने बताया कि पंचांग कैलेंडर में किसी खास शहर का चंद्रोदय का समय होता है। लेकिन आपके शहर के लिए यह अलग हो सकता है। चंद्रोदय होना और आपके घर आंगन से चंद्रदर्शन होना दो अलग-अलग स्थितियां हैं। चंद्रोदय का जो समय किसी शहर के लिए बताया जाता है, उस समय चंद्रमा क्षितिज से ऊपर आना आरंभ करता है। इसके लगभग 15 मिनट बाद वह उस उंचाई को प्राप्त करता है, जब आप इसके दर्शन करने की स्थिति में आ पाती हैं। आपके शहर में चंद्रोदय का समय है। इसके लगभग 15 मिनट बाद आप सुविधा से इसके दर्शन कर पाएंगी।

स्थान            चंद्रोदय का समय (रात्रि)

नर्मदापुरम         08 बजकर 08 मिनट

इटारसी           08 बजकर 09 मिनट

भोपाल           08 बजकर 08 मिनट

सीहोर            08 बजकर 09 मिनट

रायसेन           08 बजकर 06 मिनट

उज्जैन           08 बजकर 15 मिनट

देवास            08 बजकर 15 मिनट

इंदौर            08 बजकर 16 मिनट

बड़वानी          08 बजकर 21 मिनट

खरगौन           08 बजकर 21 मिनट

झाबुआ           08 बजकर 21 मिनट

जबलपुर          07 बजकर 58 मिनट

छिंदवाड़ा         08 बजकर 04 मिनट

जयपुर           08 बजकर 05 मिनट

बांसवाड़ा          08 बजकर 19 मिनट

जोधपुर           08 बजकर 18 मिनट

अंबिकापुर         07 बजकर 44 मिनट

नई दिल्ली         07 बजकर 54 मिनट

मुंबई             08 बजकर 37 मिनट

कोलकाता         07 बजकर 24 मिनट

अमृतसर          07 बजकर 55 मिनट

गुड़गांव           07 बजकर 55 मिनट

पटना             07 बजकर 30 मिनट

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सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय पगारा में आयोजित विज्ञान मेला में शामिल हुए खाद्य मंत्री


भोपाल। सरस्वती शिशु मंदिर ज्ञान तथा संस्कारों की पाठशाला है, जहां पर बच्चों को ज्ञान तो मिलता ही है, साथ ही वह संस्कार भी मिलते हैं जिन संस्कारों के कारण हमारा भारत पूरे विश्व में जाना जाता है। इस सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित विज्ञान मेला ज्ञान और विज्ञान का संगम है। यह बात प्रदेश खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय पगारा में विद्या भारती मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय विज्ञान मेला 2024 के आयोजन में अपने संबोधन के दौरान कही।

खाद्य मंत्री राजपूत ने कहा कि हमारे बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस उन्हें एक मंच की आवश्यकता है और वह मंच विज्ञान मेला में उन्हें उपलब्ध हुआ हैं। इन बच्चों में कई बड़े वैज्ञानिक बैठे हुए हैं जो आगे चलकर अपने माता-पिता, क्षेत्र तथा देश का नाम पूरे विश्व में रोशन करेंगे। सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों में शिक्षा और संस्कार इस तरह के होते हैं कि वह जहां भी रहे उनकी अलग पहचान रहती है।

खाद्य मंत्री राजपूत ने दी स्मार्ट क्लास की सौगात:

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सरस्वती शिशु मंदिर को स्मार्ट क्लास की सौगात देते हुए कहा कि यह स्मार्ट क्लास आप सभी बच्चों के लिए है, जिसमें पढ़ाई करके आप अपने कौशल को और निखार सकते हैं। गौरतलब है कि विद्या भारती मध्य क्षेत्र द्वारा आयोजित विज्ञान मेले में महाकौशल, मध्य भारत, मालवा तथा छत्तीसगढ़ प्रांत की 326 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने वाले छात्र-छात्राओं को मंत्री राजपूत तथा मंचासीन अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया ।

इस अवसर पर नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, विद्या भारती के पूर्व क्षेत्र के संगठन मंत्री डाॅ.आनंद राव, क्षेत्रीय प्रबंधन कारणी चंद्रदेव अष्ठाना, क्षेत्रीय विज्ञान प्रमुख संजय मकडारिया, विभाग समन्वयक राजकुमार , प्राचार्य प्रवीण जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन सहित सरस्वती शिशु मंदिर के आचार्य, दीदी एवं छा़त्र छात्रायें उपस्थित रहे।

पुतुल समारोह के समापन पर देवी दुर्गा और राजा की जोरासिंह को पुतली शैली में मंचन किया

समारोह में 4 राज्यों की कठपुतली कलाओं का हुआ प्रदर्शन

जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा जनजातीय संग्रहालय में कठपुतली कला की विविध शैलियों पर केन्द्रित पुतुल समारोह आयोजित किया गया। यह समारोह 13 अक्टूबर से शुरू हुआ था, जिसका समापन 16 अक्टूबर को हुआ। समापन कार्यक्रम की शुरूआत कलाकारों के स्वागत से की गई। इसके बाद देवी दुर्गा और राजा की जोरा सिंह कथानक को मपेट (बोलते गुड्डे और छड़ पुतली) शैली में धुमकेतू पपेट थिएटर के दिलीप मंडल एवं साथी (पश्चिम बंगाल) द्वारा प्रस्तुति दी गई। दस कलाकारों ने कठपुतली प्रदर्शन किया एवं डेढ़ घंटे की प्रस्तुति में 30 से अधिक बड़ी एवं छोटी, बोलती, छड़ एवं मपेट कठपुतलियों का प्रयोग किया गया।

कहानी में देवी दुर्गा और राक्षस महिषासुर के बीच पौराणिक युद्ध को दर्शाया गया है। कहानी महिषासुर से शुरू होती है, जो एक दुर्जेय राक्षस है जो स्वर्ग और पृथ्वी को आतंकित करता है, देवताओं को हराता है और दुनिया को अराजकता में डुबो देता है। हताशा में, देवता शक्ति और दिव्य शक्ति के अवतार देवी दुर्गा का आह्वान करने के लिए एकजुट होते हैं। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, माँ दुर्गा देवताओं द्वारा दिए गए हथियारों से युद्ध में उतरती हैं और महिषासुर का सामना करती हैं। हालाँकि, अपनी हार से ठीक पहले, महिषासुर को अपने गलत कामों की गंभीरता और उसके द्वारा पहुंचाए गए दर्द का एहसास होता है। एक पल के लिए वह अपने किए के लिए देवी दुर्गा से माफ़ी मांगता है। देवी दुर्गा महिषासुर को क्षमा कर देती हैं, क्योंकि वे उसके भीतर मुक्ति की क्षमता को पहचानती हैं। करुणा का यह कार्य नाटक की समझ और क्षमा के विषय को रेखांकित करता है, जो दिव्य स्त्री की शक्ति का जश्न मनाता है। दिलीप मंडल द्वारा रूपांतरित और निर्देशित, "माँ दुर्गा" सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। दुर्गा पूजा बंगाल के सबसे प्रिय त्योहारों में से एक, जो शक्ति, करुणा, भक्ति और मुक्ति को एक साथ बुनता है।

इसी क्रम में "राजा की जोरा सिंह" केदारनाथ चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित "भवम हजम" जो लोककथा से प्रेरित कहानी है, का मंचन किया गया। राज्य में लोग प्रकृति की स्थिति को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि जंगल सिकुड़ रहे हैं और नदियां सूख रही हैं। राजा अचानक बीमार पड़ जाता है और इलाज से भी इनकार कर देता है। राजा की भलाई के लिए उसका एकमात्र विश्वसनीय मंत्री, कलुआ हजम नामक एक नाई को महल में भेजता है। कलुआ राजा के रहस्य को जानकर भयभीत हो जाता है। राजा के सिर से दो बड़े सींग निकल रहे हैं। राजा कलुआ को रहस्य बनाये रखने के लिए मजबूर करता है। कलुआ जंगल में एक पुराने पेड़ को रहस्य बताता है। दुर्भाग्य से कोई उसकी बात सुन लेता है और राजा के सींगों की अफ़वाहें राज्य में फैलने लगती हैं। कलुआ चुप रहता है, वह राजा के नाम का इस्तेमाल राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने, पेड़ों को काटने और अपने निजी लाभ के लिए लकड़ी बेचने के लिए करता है। इसके लिए वह शाही अधिकार का दावा करता है। रोमांच राजा की बेटी की शादी के दिन होता है। अफ़वाहें राज दरबार में टकराव की स्थिति पैदा कर देती हैं। राजा का रहस्य राज्य के सामने प्रकट हो जाता है। राजा कलुआ को उसके विश्वासघात के लिए दंडित करने का आदेश देता है। कलुआ को उन पेड़ों को फिर से स्थापित करने के लिए कहा जाता है, जिन्हें उसने काटा था और जो नुकसान उसने पहुंचाया था। उसकी मरम्मत करता है। कहानी लालच, धोखे और प्रकृति के शोषण के खतरों के बारे में नैतिकता के साथ समाप्त होती है।

समारोह में दोपहर प्रस्तुति में घनश्याम भट्ट-भोपाल द्वारा राजस्थानी गीतों और कहानियों पर आधारित कठपुतली प्रदर्शन किया गया !

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने राजकुमार हिरानी को दिया राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान


जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने 13 अक्टूबर को सुप्रसिद्ध पटकथा लेखक और निर्माता-निर्देशक राजकुमार हिरानी को 'राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान' (वर्ष 2023) से अलंकृत किया। प्रथम राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान वर्ष 1997 में फिल्म निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी को दिया गया था। 27वां किशोर सम्मान पटकथा लेखक राजकुमार हिरानी को दिया गया है। समारोह में स्व. किशोर कुमार के यादगार गीतों की प्रस्तुति मुम्बई से आये मशहूर गायक नीरज श्रीधर एवं उनकी टीम द्वारा दी गई।

  

कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि स्व. किशोर कुमार एक होनहार व कुशल गायक थे। उनके गीतों से फिल्म संगीत को एक नई दिशा, एक नया आयाम मिला। वे हमेशा कहते थे कि दूध जलेबी खायेंगे, खण्डवा में बस जायेंगे।

पटकथा लेखक राजकुमार हिरानी ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान के लिए मध्यप्रदेश सरकार को साधुवाद दिया। बचपन से ही स्व. किशोर कुमार उनके पसंदीदा गायक रहे है, आज उनके नाम का राष्ट्रीय सम्मान पाकर वे खुद को बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

संस्कृति संचालक एन.पी. नामदेव ने हिरानी के लिए प्रशस्ति-पत्र का वाचन किया और बताया कि हिरानी को प्रमुख रूप से मुन्ना भाई एमबीबीएस (2003), लगे रहो मुन्ना भाई (2006) और थ्री इडियट्स (2009) जैसी मनोरंजक फिल्मों के लिए जाना जाता है।

खंडवा के पुलिस परेड ग्राउण्ड में हुए राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान कार्यक्रम में खण्डवा की विधायिका कंचन तनवे, महापौर अमृता यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े सहित बड़ी संख्या में जन-प्रतिनिधि व अधिकारी एवं संगीतप्रेमी उपस्थित थे।

MP News : बात सर सैयद अहमद की, मप्र के विद्वान करेंगे चर्चा, जानें क्या है पूरा प्रोग्राम


भोपाल:- शिक्षा को लेकर देश दुनिया में अलख जगाने वाले सर सैयद अहमद की 207वीं जयंती का जश्न उप्र के गाजीपुर में मनाया जाएगा। सैयद की उपलब्धियों, उनकी बनाई गई शिक्षा तहरीर और इसको आगे बढ़ाने की कोशिशों पर इस दौरान बात की जाएगी। इस आयोजन को संबल देने देशभर के शिक्षाविद और साहित्यकार जुटेंगे। इस कड़ी में मप्र के कई बड़े नामों को भी शामिल किया गया है।

जानकारी के मुताबिक देश के नामवर शिक्षाविद सर सैयद अहम की 207वीं जयंती पर एमएएच इंटर कॉलेज द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। संस्था के प्राचार्य खालिद आमिर और प्रवक्ता डॉ रूह उल्लाह ने बताया कि संस्था शिक्षा, संस्कृति, सौहाद्र को केंद्र में रखकर आयोजन करती रही है। सर सैयद अहमद की शैक्षणिक उपलब्धियों से दुनिया अब भी लाभान्वित है। भविष्य में भी इससे स्टूडेंट्स को फायदा मिलता रहेगा।

प्रदेश के विद्वान रहेंगे शामिल

कार्यक्रम आयोजकों ने बताया कि सर सैयद अहमद के व्यक्तित्व पर बात करने के लिए देशभर के ख्यात वक्ताओं को बुलाया गया है। इनमें मप्र से रिटायर आईपीएस एमडब्ल्यू अंसारी, वरिष्ठ पत्रकार डॉ महताब आलम, अंतर्राष्ट्रीय शायर डॉ अंजुम बाराबंकवी आदि शामिल हैं।

इनके अलावा 

आईपीएस इराज राजा, एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स संस्था के अध्यक्ष आमिर इदरीसी, डॉ शंभूनाथ तिवारी, प्रो डॉ आफताब अहमद आफाकी आदि कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

चित्र प्रदर्शनी भी रहेगी आकर्षण

इस एक दिवसीय आयोजन के दौरान सर सैयद अहमद की जिंदगी को दर्शाती एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। रिटायर आईपीएस एमडब्ल्यू अंसारी द्वारा संजोई जाने वाली इस प्रदर्शनी में कुछ विलक्षण फोटो, किताबें, चिट्ठियां और सर सैयद से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध रहेंगे।

विजयादशमी पर सम्पन्न हुआ शस्त्र पूजन, निकाला पथ संचलन


भोपाल:- राष्ट्रीय बजरंग दल अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन किया। इस मौके पर माँ कर्मा देवी मंदिर से करोंद चौराहे तक पथ संचलन निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में हिंदूवादी कार्यकर्ता मौजूद रहे। राष्ट्रीय बजरंग दल के महानगर अध्यक्ष राजा भैया ने बताया कि कार्यक्रम में भोपाल के अनेकों स्थानों से कार्यकर्ता सम्मिलित हुए, आयोजन में उपस्थित पदाधिकारियों का स्वागत सत्कार महानगर और इकाई कार्यकर्ताओं ने किया।

अपने संबोधन में बोलते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ दुर्गेश केसवानी ने इस मौके पर कार्यकर्ताओं से भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने में पूरे मनोयोग से जुट जाने का आह्वान किया वहीं संगठन के प्रांत अध्यक्ष कमलेश ठाकुर ने लव जिहाद के प्रति हिन्दू समाज की बेटियों को जागरूक करने की बात कही।

आयोजन में जिला कार्यकारी अध्यक्ष जीतेंद्र शिवहरे प्रांत उपाध्यक्ष सुनील जैन अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष कैलाश गौर जिलामंत्री अशोक यादव जिला कोषाध्यक्ष पंडित राजीव द्विवेदी जिला उपाध्यक्ष नारायण चंदेल जिला उपाध्यक्ष ओम प्रकाश साहू हिम्मत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद जिला महामंत्री अमन श्रीवास्तव जिला सह मंत्री सीताराम साहू राष्ट्रीय बजरंग दल कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अहिरवार जिला उपाध्यक्ष सूरज यादव जिला उपाध्यक्ष राष्ट्रीय बजरंग दल अनुज ठाकुर जिला उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह ठाकुर राष्ट्रीय बजरंग दल महामंत्री विवेक पांडे जिला मंत्री गोलू गोस्वामी उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव प्रांतीय पदाधिकारी शामिल हुए।

अधूरी वक्फ मंशा : आवेदन 4000 हजार पार, स्कॉलरशिप 10 फीसदी को, वजह वक्फ किरायादारों की बदनीयत, जाने क्या है मामला


खान आशु 

भोपाल। मप्र वक्फ बोर्ड ने तय किया, प्रदेशभर की संपत्तियों से मिलने वाली आमदनी का आधा हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। इस मंशा को पूरा करने तैयारियां भी शुरू कर दी गईं। लेकिन बरसों से जारी लचर व्यवस्था ने फिर ठेंगा दिखा दिया। न मुतवल्लियों से निर्धारित रकम मिल पाई, न जरूरतमंद बच्चों को स्कॉलरशिप मिल पाई। शिक्षा की ललक पूरी करने 4 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स में से मप्र वक्फ बोर्ड महज 10 फीसदी बच्चों को ही स्कॉलरशिप मिल पाई है।

मप्र वक्फ बोर्ड ने राजधानी भोपाल में स्कॉलरशिप वितरण कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान 244 लड़कियों और 110 लड़कों सहित कुल 354 स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति के चेक वितरित किए गए। जिला मुतवल्ली कमेटी के कार्यपालक अधिकारी डॉ. अकमल यज़दानी ने बताया कि स्कॉलरशिप के लिए इस वर्ष कुल 4003 आवेदन प्राप्त हुए थे। मेरिट के आधार पर 244 लड़कियां और 110 लड़कों सहित कुल 354 छात्रों का चयन किया गया, जिन्हें प्रोफेशनल कोर्सेस और पीएचडी तक की पढ़ाई के लिए सहायता प्रदान की गई।

बोर्ड अध्यक्ष ने बताई वजह 

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मप्र वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ.सनव्वर पटेल ने कहा कि औकाफ़-ए-आम्मा जिला मुतवल्ली कमेटी के अंतर्गत करीब 4 हजार किरायेदार मौजूद हैं। यदि समय पर इनसे किराया प्राप्त हो जाए तो वक़्फ़ की आमदनी का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। इससे जन कल्याणकारी योजनाओं, विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किए जा सकते हैं। डॉ पटेल ने बताया कि वक़्फ़ जायदाद की कुल आमदनी का 93 प्रतिशत मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों के पास रहता है। जबकि महज 7 फीसदी राशि वक्फ बोर्ड में जमा होती है। डॉ सनव्वर पटेल ने बताया कि वक़्फ़ बोर्ड ने शिक्षा नीति के अंतर्गत आय का 50 प्रतिशत केवल शिक्षा पर खर्च करने का सर्कुलर जारी किया है, ताकि समाज के बच्चों को पढ़ाई के अधिक अवसर मिल सकें। लेकिन मुतवल्लियों से समय पर और उचित राशि जमा न होने से शिक्षा की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। डॉ. पटेल ने कहा कि शिक्षा ही वह नींव है, जो किसी भी समाज के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी होती है। मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड समाज के कमज़ोर वर्गों की शिक्षा के लिए समर्पित रहा है, और इस स्कॉलरशिप वितरण का उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को शिक्षा के महत्व का एहसास कराना भी है। डॉ. पटेल ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे विधवा पेंशन, गरीबों की आर्थिक सहायता और बेटियों की शादी के लिए तोहफे, सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य समाज को हर स्तर पर सशक्त बनाना है।उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर समाज के लिए एक उदाहरण बनें और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इस अवसर पर 

काज़ी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी, मुफ्ती-ए-शहर अबुल कलाम खान कासमी, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष एम एजाज खान , जिला अध्यक्ष शहरयार अहमद शेरू, वक्फ जिला कमेटी अध्यक्ष इरशाद अंसारी आदि भी मौजूद थे।

इस्लाम में शिक्षा को प्राथमिकता : उलेमा 

समारोह में क़ाज़ी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी और मुफ्ती अबुल कलाम कासमी ने भी उपस्थित छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने इस्लाम में शिक्षा की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस्लामी इतिहास में शिक्षा हमेशा से प्राथमिकता रही है। उन्होंने बच्चों को अपने समय का सदुपयोग कर अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, ताकि वे एक अच्छे इंसान बनकर समाज और देश की सेवा कर सकें।

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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

जमातों की आवाजाही तेज, अगले महीने पहुंचेंगी भोपाल, शामिल होंगे इज्तिमा में, जानें क्या है आयोजन


खान आशु 

भोपाल। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े मजहबी समागम के नाम से पहचाने जाने वाले आलमी तबलीगी इज्तिमा की तारीखों के ऐलान के साथ जमातों की हलचल तेज हो गई है। दिल्ली स्थित मरकज पहुंच रही देश भर की जमातों को दिए जा रहे शेड्यूल में इस बात को शामिल किया गया है कि वे अगले महीने के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक भोपाल पहुंच जाएंगे। 

आलमी तबलीगी इज्तिमा का आयोजन इस बार नवम्बर माह में किया जाएगा। चार दिन के इस आयोजन की शुरुआत 29 तारीख से होगी। इस लिहाज से दुआ ए खास का आयोजन 2 दिसंबर को होगा। उम्मीद की जा रही है कि इस आयोजन में इस बार करीब 12 लाख तक जमाती शामिल होंगे। इनमें देशभर की जमातों के साथ दुनिया के कई देशों के जमाती भी शामिल रहेंगे। 

मरकज पहुंच रहीं जमाते

देशभर से अल्लाह की राह में निकलने वाली जमाते दिल्ली मरकज पहुंच रहीं हैं। बताया जाता है कि यहां से तय किए जाने वाले शेड्यूल में इस तरह का रास्ता तय किया जा रहा है, जिसमें जमातों को अगले महीने भोपाल पहुंचना है। आलमी तबलीगी इज्तिमा में शामिल होने के बाद ही यह अपने अगले सफर पर रवाना होंगे। 

यहां तैयारियां तेज

करीब डेढ़ सौ एकड़ एरिया में आयोजित किए जाने वाले आलमी तबलीगी इज्तिमा के लिए ईंट खेड़ी घासीपुरा पर तैयारियों का दौर शुरू हो गया है। जमीन समतलीकरण और फसलों की कटाई के बाद यहां बिजली, पानी, सड़क के इंतजाम शुरू किए जाएंगे। जिला प्रशासन ने इसके लिए नगर निगम, पीएचई, पीडब्लूडी, बिजली विभाग समेत अन्य विभागों को जरूरी हिदायत दे दी हैं। 

क्या होता है इज्तिमा में 

चार दिन के इस मजहबी समागम के दौरान देशभर के बड़े उलेमा शामिल होते हैं। पहले दिन अल सुबह फजिर की नमाज के बाद यहां उलेमाओं की तकरीर और बयान का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसके बाद दोपहर और शाम को भी बयान का सिलसिला जारी रहता है। इस बीच तय समय पर यहां नमाज होती हैं। जिसमें एक साथ लाखों लोग एक साथ सजदे करते हैं। चार दिन के इस आयोजन में जुमा की नमाज भी खास होती है। आखिरी दिन होने वाली दुआ ए खास में शामिल होने के लिए भी बड़ी तादाद में लोग पहुंचते हैं। इसके अलावा इज्तिमा के दौरान सादगी के साथ होने वाले निकाह भी खास होते हैं। इज्तिमा समापन पर बड़ी तादाद में जमातों की रवानगी भी होती है, जो देश के विभिन्न प्रदेशों के अलावा कई विदेशी मुल्कों तक भी जाती हैं। 

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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

AIRA का देशव्यापी अभियान, हर प्रदेश में लगा रहे पत्रकार सुरक्षा की गुहार


भोपाल। पत्रकार हित के लिए सक्रिय संस्था ऑल इंडिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन देशभर में अभियान चला रही है। जिसमें पत्रकार सुरक्षा और उनके लिए सुविधाओं की आवाज बुलंद की जा रही है। उसी कड़ी में संस्था के प्रतिनिधि मंडल ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की।

आईरा इंटरनेशनल रिपोर्टर्स एसोसिएशन (आईरा) के प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ तारिक जकी के प्रतिनिधित्व में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विशेष भेंटवार्ता की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में पत्रकार हितों पर चर्चा की और संगठन की ओर से 5 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस दौरान पत्रकारों के विभिन्न मुद्दों विस्तारपूर्वक बात की।

बता दें कि आईरा संगठन लंबे समय से देशभर में पत्रकार हितों के मुद्दे शासन प्रशासन स्तर पर गंभीरता के साथ उठाता आ रहा है। 26 प्रदेशों में संगठन के द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को शासन के पटल पर रखा जा रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष सैयद आसिम अजहर और प्रदेश महासचिव रिजवान अहसन सहित पांच सदस्यों की एक टीम ने बेंगलुरु से आए प्रदेश अध्यक्ष डॉ तारिक जकी के साथ देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से एक शिष्टाचार भेंट वार्ता की। 

संगठन के इस शिष्ट मंडल द्वारा की गई चर्चा में मुख्य रूप से पत्रकारों पर हो रहे हमले तथा पुलिस द्वारा द्वेष भाव से किए जा रहे पत्रकारों पर मुकदमो पर चिंता व्यक्त की गई। छोटे मझौले समाचार पत्रों के अस्तित्व के खतरे तथा पोर्टल, वेब चैनल और यूट्यूब के माध्यम से खबरों के प्रसारण करने वाले पत्रकारों को भी अन्य समाचार पत्रों के समान सुविधा एवं सम्मान दिए जाने के संदर्भ में भी चर्चा हुई।

संगठन की ओर से पांच सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री धामी को सौंपा गया। जिसमें निवेदन किया गया कि पत्रकारों के सम्मान पूर्वक जीवन के लिए देशभर में पत्रकार सुरक्षा कानून की अत्यंत आवश्यकता है, इसको लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री धामी ने पांच सूत्रीय मांग पत्र को ध्यान से पढ़ा और संगठन को आश्वासन दिया कि मांग पत्र में दिए गए सभी मुद्दों पर गहन विचार होगा तथा वर्षों से चली आ रही पत्र का सुरक्षा कानून की मांग पर सरकार विचार कर रही है। इसके विभिन्न पहलुओं पर सरकार का रुख गंभीर है तथा भाजपा सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास जारी है।

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