अवधी साहित्य संस्थान अमेठी ने दक्षिण भारत में फहराया हिन्दी का परचम

अमेठी। विशाखापट्टनम शुक्रवार 18 अक्टूबर। हिन्दी विभाग आंध्र विश्वविद्यालय,विशाखा परिषद् एवं अवधी साहित्य संस्थान अमेठी उ प्र के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी भाषा एवं साहित्य :एक विमर्श विषय पर आधारित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण से किया गया।

मुख्य वक्ता साहित्य भूषण आचार्य महेश दिवाकर ने विषय का प्रवर्तन करते हुए कहा कि हिन्दी साहित्य की गंगा है ,जो समूचे देश को महासमुंद में समाहित करती है। संस्कृत हमारी जननी है और उसकी बेटी हिन्दी हमारी मातृभाषा है। मुख्य अतिथि कुलपति आन्ध्र वि विद्यालय प्रोफेसर शशि भूषण ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दी समूचे देश को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है।हम हिन्दू वासियों को हिन्दी साहित्य सम्वर्द्धन हेतु आगे आने की जरूरत है।नार्वे से पधारे प्रवासी भारतीय डॉ सुरेश चन्द्र शुक्ल शरद आलोक ने कहा कि भारत में सभी भाषाएं हमको जोड़ती है।अनेकता में एकता हमारी शक्ति है।

संयोजक अवधी साहित्य संस्थान अमेठी ने कहा कि सागर से भी गहरी है हमारी हिन्दी। भाषाई समन्वय से ही हिन्दी साहित्य सम्वर्द्धन सम्भव है।हमें निज भाषा एवं निज देश पर गर्व होना चाहिए।प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर एस एम इकबाल एवं द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर महेश दिवाकर ने की।इस अवसर पर प्रोफेसर एस शेषारत्नम ,राही राज बंगलुरु, प्रयास जोशी मध्य प्रदेश, हरि नाथ शुक्ल हरि , प्रोफेसर जे विजया भारती, डॉ के शान्ति ,शोभावती, प्रीती राज , डॉ संतोष, युधिष्ठिर पाण्डेय एवं रीता पाण्डेय के साथ सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।सत्र का संचालन डॉ शिवम तिवारी ने किया।

संयुक्त चिकित्सालय गौरीगंज में चिकित्सा जागरूकता शिविर व गोष्ठी का किया गया आयोजन

अमेठी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अंशुमान सिंह ने बताया कि जनपद में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के रूप में आज जिला संयुक्त चिकित्सालय गौरीगंज में चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग एवं बेसिक शिक्षा विभाग अमेठी के संयुक्त तत्वाधान में चिकित्सा जागरूकता शिविर एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया।

उन्होंने बताया कि उक्त जागरूकता शिविर में मानसिक मंदित बच्चों को चिन्हित करते हुये दिव्यांगता प्रमाण पत्र एवं शिविर में लगभग 250 लोगों के द्वारा परीक्षण एवं उपचार का लाभ प्रदान किया गया तथा मानसिक मंदित बच्चों को चिन्हित कर दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत किया गया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ० अभय कुमार गोयल की देख-रेख में तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० अंशुमान सिह की अध्यक्षता में जिला संयुक्त चिकित्सालय गौरीगंज परिसर में किया गया।

जिसमें मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ० प्रणव कुमार गौतम, मानसिक रोग परमर्शदाता डॉ० बीर विक्रम सिंह, नैदानिक मनो-वैज्ञानिक अजय कुमार मौर्या, जिला एन०सी०डी० क्लीनिक के परामर्शदाता डॉ० पी०के० पाण्डेय सहित अन्य चिकित्सालय कर्मचारी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अन्त में चिन्हित बच्चों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० अंशुमान सिंह द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत कर वितरण किया गया और भविष्य में ऐसी सेवा जनमानस को निःशुल्क प्रदान कराने का संकल्प लिया गया।

जिस पर बेसिक शिक्षा विभाग से उपस्थित डी०पी०सी० शशिकान्त सेन, विनीता एवं बरनवाल द्वारा सरहाना करते हुये सहयोग की अपेक्षा की गई, जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान करने अश्वासन दिया गया तथा जिला कार्यक्रम प्रबन्धक बसन्त राय, जिला लेखा प्रबन्धक विनित कुमार, एम० एण्ड ई० आफिसर श्रीराज एवं अरून कुमार, डी०ई०ओ० मेडिकल बोर्ड सहित अन्य कर्मचारी सम्मिलित रहे।

गोपिकाओं के भक्ति योग के सामने विफल हुआ उद्धव का ज्ञान

अमेठी।गौरीगंज के सैठा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास डॉ. काशी नरेशाचार्य ने कंस वध उद्धव गोपी संवाद और कृष्ण विवाह की कथा का रोचक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रभु को उनके भक्त सबसे अधिक प्रिय हैं।

कथा व्यास ने कहा कि मथुरा में कंस के अखाड़े में लड़ने के लिए एक से बढ़कर एक पहलवान आये लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने सभी को चित कर दिया। इसके बाद उन्होंने कंस का वध करके पृथ्वी को उसके भार से मुक्त किया। इसके बाद भगवान भाई बलराम के साथ गुरु सांदीपनी के आश्रम में पढ़ने के लिए गए। जहां उन्होंने सुदामा से मित्रता की। कथा व्यास ने उद्धव और गोपी संवाद का अत्यंत ही मार्मिक वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि उद्धव अपने ज्ञान का दंभ लेकर गोपिकाओं को समझाने के लिए निकले थे लेकिन गोपिकाओं ने जिस प्रकार से प्रेम और भक्ति का वर्णन उद्धव के समक्ष किया उससे वह स्वयं वशीभूत हो गए। जरासंध से भगवान ने विभिन्न लड़ाइयां लड़ी और सभी में उसे पराजित किया। अंतिम लड़ाई में भगवान ने माया रची और मैदान छोड़कर चले गए। इससे उनका रणछोर नाम पड़ा। अंत में कथा व्यास ने रुक्मणी विवाह का रोचक वर्णन किया। जिससे समस्त श्रोतागण झूम उठे। कथा में अयोध्या की महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दी। इस मौके पर पवन सिंह,अनिल सिंह,भगोले बैस,गुरुद्दीन मिश्र,बचई सिंह,विजय बघेल, संतोष सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।

दुर्गा प्रतिमाओं का विर्सजन ,भक्तों ने दी अन्तिम बधाई

अमेठी। माता रानी की पूजा-पाठ कर भक्तो ने अन्तिम बदाई दी। भक्तो ने जयकारे लगाये। वाहनो पर दुर्गा प्रतिमाओ को स्थापित कर बैण्ड बाजे की धुन पर बिदाई यात्रा शुरू हुई। अमेठी के महात्मा गाँधी चौक पर दुर्गा प्रतिमाओ का बैण्ड बाजो का प्रदर्शन हुआ। जहा पर भारी भीड उमड पडी ।गुरुवार को उज्जैनी नदी के किनारे ग्राम भुसियावा मे दूर्गा प्रतिमाओ का विर्सजन देर रात तक चला। तो वही मालती नदी के किनारे दुर्गा प्रतिमाओ का विर्सजन का कार्यक्रम देर रात चलता रहा।

दुर्गा माता विर्सजन समिति ठेगहा के तत्वावधान मे मालती नदी के किनारे ठेगहा के राम घाट पर दुर्गा प्रतिमाओ का विर्सजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बिशाल भब्य मेला समिति के तत्वावधान मे आयोजित हुआ। आसपास के हजारो नर नारी मेले का आनंद उठाया । नवरात्र के दौरान सासंद किशोरी लाल शर्मा ने दुर्गा प्रतिमाओ का पूजा-पाठ किया। इसके बाद महाआरती कर प्रसाद ग्रहण किए। पंडित ने सासंद किशोरी लाल शर्मा के चन्दन के टीके लगाये और आशीर्वाद दिए। सासंद किशोरी लाल शर्मा ने लोक कल्याण की मनौती मांगी।

झूठ की पतंग ने दिखाए समाज को आईना- डॉ ओम प्रकाश शुक्ल

भेटुआ।अमेठी। जिले के ग्राम मल्लूपुर निवासी डॉ ओम प्रकाश शुक्ल ने झूठ की पतंग कविता संग्रह लिखा है। कवि डॉ श्री शुक्ल ने पूरी सिद्दत और निडर होकर बिना किसी लाग-लपेट के अंतरमन के द्वंद को अपनी कविताओं में बखूबी अभिव्यक्त किया है। तेजी से गिरते सामाजिक मूल्यों के प्रति कवि ने अपनी कविताओं में प्रस्तुत किया है ।उन्होंने गिद्ध ,आजाद गुलाम ,मैं बिकाऊ हूं ,रावण,महाभारत प्रवचन बाबा भेड़ जैसी कविताओं में प्रस्तुत की है।

वही दूरगामी परिणामों को लेकर कवि ओमप्रकाश शुक्ल ने अपनी रचना लिखी है कि ना हो उदास हो तू-बस अडिग रहे, श्रम से बढ़ो- कुछ नया गढ़ो, विश्व गुरु, दौड़ेंगे जरूर जैसी कविताओं में उनका आशावादी दृष्टिकोण साफ-साफ दिखाई देता है। जीवन किन-किन रूपों में खिलता है, खिलखिलाता है और सिमटता है और मिटता है। यह सारे प्रश्न कवि के अंतर्मन को मथते रहे हैं।ह्वझूठ की पतंग ह्लकविता संग्रह उसी की परिणति है। साहित्य के क्षेत्र में यह उनकी तीसरी पुस्तक है ।

इस पुस्तक में 57 कविताएं जो समाज का एक आईना एक प्रतिबिंब के रूप में कवि ने जीवन के चक्र को दिखाया है।यह पुस्तक राष्ट्रीय चेतना का जीवंत दस्तावेज है।अवधी साहित्य संस्थान अमेठी अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कवि डॉ ओम प्रकाश शुक्ल की रचना "झूठ की पतंग " गिरते सामाजिक मूल्यो के लिए नई राह साबित होगी।

अग्नि सुरक्षा जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान का किया गया आयोजन

अमेठी। जनपद में आगामी त्यौहारों दुगार्पूजा, दशहरा एवं दीपावली पर्व को दृष्टिगत रखते हुये पुलिस अधीक्षक अमेठी के आदेशानुसार अग्निशमन एवं आपात सेवा केन्द्र अमेठी द्वारा अग्नि सुरक्षा जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान चलाया गया।

उक्त जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान में अग्निशमन अधिकारी अमेठी शिवदरस प्रसाद ने अपनी पूरी टीम के साथ कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय राजा फतेहपुर सिंहपुर अमेठी में अभियान चलाकर छात्र-छात्राओं, अध्यापक-अध्यापिकाओं एवं स्टाफ को जागरुक करते हुए आग लगने के सम्भावित कारकों के बारे में विस्तार से जानकारी देकर विभिन्न प्रकार के फायर एक्सटिंग्यूशरों को चलाने के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए घरों एवं रसोईघरों में अग्निसुरक्षा, एलपीजी से बचाव एवं सावधानियों के सम्बन्ध में प्रशिक्षण देकर जागरुक किया गया।

इस क्रम में आग बुझाने के अनेक तरीकों सहित इवैक्वेशन ड्रिल कराकर छात्र-छात्राओं, अध्यापक-अध्यापिकाओं एवं स्टाफ को आग लगने की स्थिति में भवन से सुरक्षित मार्ग द्वारा बाहर निकलने का अभ्यास कराया गया तथा अभियान के दौरान दुगार्पूजा, दशहरा एवं दीपावली पर्व को देखते हुये अग्निशमन अधिकारी द्वारा विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई, जिसके तहत गैस लीक करने पर किचेन में बिजली के स्विच को आॅफ अथवा आॅन न करने एवं गैस सिलेण्डर को सदैव खड़ा रखने, निर्धारित समय पर गैस में लगे रबर के पाईप को बदलने एवं रात्रि में सोने से पहले गैस के सिलेण्डर का वॉल्व बन्द करने, जलते हुये स्टोव व लालटेन में मिट्टी का तेल न भरने, भोजन बनाते समय अपने शरीर के कपड़ों का प्रयोग चूल्हे पर चढ़े बर्तनों को उतारने के लिए न करने व खाना बनाते समय ढीले-ढाले आँचल को बांध कर चूल्हे व स्टोव की आग की लपटों से बचाकर रखने के साथ ही घर में बिजली के कटे-फटे तारों को तुरन्त बदलवाने या मरम्मत कराने, सही ढंग का फ्यूज लगाने व एक ही प्लग पर कई यंत्र न लगाने की जानकारी दी गयी।

उन्होंने बताया कि कुकिंग गैस सिलेण्डर में लीकेज का आभास होते ही आस-पड़ोस की अन्य अंगीठियों व जलती हुई बीडी-सिगरेट को तुरन्त बुझा दें, आग लगने पर सबको बतायें व आग बुझाने का प्रयास करें, कपड़े में आग लगने पर दौड़े नहीं, बल्कि जमीन पर लेटकर लुढ़के एवं जल जाने पर रनिंग वाटर का प्रयोग करें तथा चिकित्सक से सलाह लें, फ्लेम प्रूफ बिजली की व्यवस्था करें, धूम्रपान, माचिस का प्रयोग अथवा अन्य कोई आग लगने वाली वस्तु का प्रयोग सुरक्षा घेरे के अन्दर न किया जाय एवं धूम्रपान निषेध का बोर्ड अवश्य रखें तथा निर्धारित क्षमता वाले पर्याप्त एक्सटिंग्यूशर परिसर व गोदाम के चारों ओर घास इत्यादि की सफाई रखें।

उन्होंने बताया कि जिस सिलेण्डर में आग लगी हो उसे फायर एक्सटिंग्यूशर से बुझायें व आग लगे सिलेण्डर को गोदाम से बाहर कर दें, दीया/मोमबत्ती सुरक्षित स्थान पर सजायें, बिजली की झालर आदि से बिजली के बोर्ड पर अतिरिक्त भार न दें तथा शार्ट सर्किट होने से आग लगने की ओर विशेष रूप से सतर्क रहें, झुग्गी, झोपड़ी, आरा मशीन, भूसे के ढेर से दूर पटाखों को छुड़ायें, दीपावली पर मोटे ओर चुस्त कपड़े पहने व ढीले और लहरदार सिन्थेटिक कपड़ों को न पहनें तथा अपने घर में पटाखे चलाते समय अग्नि दुर्घटना से तुरन्त निपटने हेतु 2 बाल्टी पानी भर कर तैयार रखें।

उन्होंने बताया कि दुकानों के निर्माण में ज्वलनशील पदार्थों का प्रयोग न करें, आग को फैलने से रोकने के लिए दो दुकानों के बीच समुचित दूरी रखें, भीड-भाड़ वाले स्थानों पर दुकान न लगायें, दुकानों पर लाइसेन्स के अनुसार निर्धारित मात्रा में ही पटाखों को रखें, दुकानों पर पटाखों को चलाकर ग्राहकों को न दिखायें एवं दुकानों पर मोमबत्ती, दियासलाई, लाइटर का प्रयोग न करें व बिजली तार के जोड़ों पर टेप का प्रयोग करें, पटाखों से सटाकर हेलोजन लाइट का प्रयोग न करें तथा जल जाने पर रनिंग वाटर का प्रयोग करें व चिकित्सक से सलाह लें। इस दौरान जागरूकता अभियान में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय राजा फतेहपुर सिंहपुर की वार्डेन संजू शुक्ला, शिक्षिका सुमन दूबे, माला साहू, संध्या गुप्ता सहित छात्राओं ने प्रशिक्षण में भाग लिया व अग्निशमन तथा आपात सेवा केन्द्र अमेठी के प्रशिक्षक फायर सर्विस चालक राजेन्द्र प्रसाद दूबे, फायरमैन रणजीत यादव ने उक्त प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अमेठी के समर बहादुर सिंह ने मत्स्य पालन से कमाए 7 लाख

अमेठी। जिलाधिकारी निशा अनंत व मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत अमेठी के विकास खंड बहादुरपुर के समर बहादुर सिंह पुत्र श्री राम केदार निवासी ग्राम मवई आलमपुर को मत्स्य पालन के लिए चयनित किया गया। उन्होंने अपनी 0.400 हेक्टेयर निजी भूमि पर तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन शुरू किया है। इस परियोजना की कुल लागत 4.40 लाख रही, जिसके बदले उन्हें 7 लाख की आय प्राप्त हुई, जिसमें से 2 लाख शुद्ध लाभ है।

समर बहादुर सिंह को इस योजना के तहत मत्स्य पालन के लिए 2.64 लाख का अनुदान भी प्रदान किया गया। उन्होंने योजना से मिले लाभ के बारे में बताया, "प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मुझे आर्थिक रूप से सीधा लाभ प्राप्त हुआ है, और इससे मेरा जीवनस्तर बेहतर हुआ है।"

मुख्य हाइलाइट्स:

- मत्स्य पालन से ?7 लाख की आय:  समर बहादुर सिंह ने तालाब निर्माण और मत्स्य पालन से 0.400 हेक्टेयर भूमि पर की कमाई।

- ?2.64 लाख का अनुदान: मत्स्य पालन योजना के तहत अनुदान सहायता प्रदान की गई।
श्री राम/हनुमान मंदिरों में आयोजित होंगे भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम
अमेठी। शासन के निदेर्शानुसार अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अर्पित गुप्ता ने बताया कि 17 अक्टूबर 2024 को महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई जाएगी। इस अवसर पर जनपद के श्री राम/हनुमान मंदिरों में भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम, रामायण पाठ, भजन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

शासन के निदेर्शानुसार महर्षि वाल्मीकि जयंती को विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी जनपद में भव्य रूप से मनाया जाएगा, इसका मुख्य उद्देश्य बाल्मीकि रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों व राष्ट्रीय मूल्यों के व्यापक प्रचार प्रचार व जनमानस को इससे जोड़ना है। इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों/मंदिरों आदि पर दीप प्रज्वलन, दीपदान के साथ-साथ अनवरत 8, 12 अथवा 24 घंटे का वाल्मीकि रामायण पाठ का आयोजन किए जाने के कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं।

महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर जनपद में हनुमान मंदिर उल्टा गढ़ा माफी, राम जानकी मंदिर सब्जी मंडी मुसाफिरखाना, राम मंदिर इण्डोरामा, हनुमानगढ़ी रामगंज, देवीपाटन मंदिर कस्बा अमेठी तथा हनुमानगढ़ी तिलोई में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए अपर जिलाधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों व अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक आयोजन स्थल पर साफ सफाई, पेयजल, सुरक्षा ध्वनि, प्रकाश एवं दरी बिछावन आदि की व्यवस्था कार्यक्रम से पूर्व करने तथा सभी आयोजन स्थलों पर अधिक से अधिक जन सामान्य की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए कार्यक्रमों को सफल बनाएं।
माता के भंडारे में हजारों भक्तों ने ग्रहण किया प्रसाद

भेटुआ अमेठी। शारदीय नवरात्र के बाद जगत जननी का दुर्गा पूजा अनुष्ठान चल रहा है, क्षेत्र में जगह-जगह मूर्ति रूप में मां भगवती विराजमान हैं,आज माता रानी की मूर्तियों का विसर्जन होना शुरू हो जायेगा, उससे ठीक पहले बुधवार को क्षेत्र में दुर्गा पूजा पंडालों में भंडारे का आयोजन देखने को मिला। इस दौरान लगातार 32 वर्षों से बंदोइया में शिव शक्ति मित्र मंडल द्वारा आयोजित किए जा रहे दुर्गा पूजा में भी विशाल भंडारा संपन्न हुआ जिसमें हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर शिव शक्ति मित्र मंडल के अविनाश तिवारी,आयुष त्रिपाठी,रामजी पांडे,मोहन मिश्रा, संतोष तिवारी, अभिषेक तिवारी, अनिल तिवारी के साथ पूरा बंदोइया गांव भक्तों की सेवा में जुटा नजर आया।

भक्तों के कल्याण के लिए होता है भगवान का अवतार

अमेठी। भक्त जब आर्त होकर भगवान को पुकारते हैं तो भगवान उनकी रक्षा के लिए दौड़े चले जाते हैं। भगवान के विविध अवतार भक्तों की रक्षा के लिए ही हुए हैं। जीवन में कष्टों निवारण के लिए ईश्वर  स्मरण करते रहना चाहिए।

क्षेत्र के सैठा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा की चौथे दिन कथा व्यास डॉ. काशी नरेश आचार्य जी महाराज ने भगवान की विविध लीलाओं का वर्णन किया। कथा व्यास ने गजेंद्र मोक्ष की कथा बताते हुए कहा कि जब ग्राह्य ने गज को पकड़ लिया तो गज ने अत्यंत दुखी भाव से भगवान का स्मरण किया और भगवान ने ग्राह्य को मार कर गज का उद्धार किया। उन्होंने महाराज अंबरीष की कथा अभी सुनाई और एकादशी के महात्म्य का वर्णन किया।

देवासुर संग्राम और उसके बाद समुद्र मंथन का रोचक वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि देवताओं की श्रद्धा भगवान के चरणों में थी इसलिए उन्हें अमृत पान करने को मिला। जबकि असुर भगवान को नहीं मानते थे इसलिए उनके हिस्से में विष आया। कथा व्यास ने भगवान राम के अवतार की कथा भी भक्तों को सुनाई। इसके बाद कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पूरा प्रांगण हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की के जयकारे से गूंज उठा। कार्यक्रम का आयोजन पवन सिंह द्वारा किया गया है। इस मौके पर मुख्य यजमान सीता देवी अंजनी सिंह अनिल सिंह,ज्ञानेंद्र,पूर्व प्रधान राकेश सिंह,सत्य देव सिंह लहेगा, समेत हजारों लोग मौजूद रहे।